हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region – IOR) आज विश्व राजनीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बन चुका है। इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले समुद्री मार्ग न केवल एशिया और अफ्रीका को जोड़ते हैं, बल्कि यूरोप और अमेरिका तक व्यापार का प्रमुख रास्ता भी प्रदान करते हैं। ऐसे में भारत के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के द्वीप देशों के साथ सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। इन्हीं में से एक है सेशेल्स (Seychelles) — हिंद महासागर का एक छोटा लेकिन रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम द्वीप समूह।
हाल ही में भारतीय नौसेना के जहाज़ आईएनएस तीर, आईएनएस शार्दुल और भारतीय तटरक्षक जहाज़ आईसीजीएस सारथी, जो कि फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन (1TS) का हिस्सा हैं, सेशेल्स पहुँचे। यह यात्रा भारत और सेशेल्स के बीच बढ़ते रक्षा, सामरिक और सांस्कृतिक सहयोग का एक और उदाहरण है। इस लेख में हम सेशेल्स की भौगोलिक, ऐतिहासिक और रणनीतिक पृष्ठभूमि के साथ भारत-सेशेल्स संबंधों का विस्तृत अध्ययन करेंगे।
सेशेल्स: भौगोलिक और ऐतिहासिक परिदृश्य
भौगोलिक स्थिति
सेशेल्स हिंद महासागर में स्थित 115 द्वीपों का समूह (Archipelago) है।
- यह केन्या के पूर्व और मेडागास्कर के उत्तर–पूर्व में स्थित है।
- इसकी राजधानी विक्टोरिया (Victoria), महे द्वीप पर स्थित है।
- सेशेल्स का कुल क्षेत्रफल लगभग 455 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन इसका समुद्री क्षेत्र (Exclusive Economic Zone – EEZ) 1.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है।
सामरिक महत्व
सेशेल्स का स्थान अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गों के पास है। दुनिया के बड़े तेल टैंकर और कंटेनर जहाज़ अफ्रीका और एशिया के बीच इसी मार्ग से गुजरते हैं। इस दृष्टि से यह देश वैश्विक व्यापार और सुरक्षा के लिए अहम भूमिका निभाता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- 1770 में पहली बार फ्रांसीसी उपनिवेशी और भारतीय बसावट यहाँ आई।
- 1814 में ब्रिटिश शासन के अधीन आने के बाद यह धीरे-धीरे एक बहुसांस्कृतिक समाज बना।
- 1976 में सेशेल्स ने स्वतंत्रता प्राप्त की।
- यहाँ की जनसंख्या लगभग 1 लाख है, जिसमें एक बड़ी संख्या भारतीय मूल के लोगों की भी है।
भारत-सेशेल्स संबंधों का विकास
भारत और सेशेल्स के संबंध केवल हाल के वर्षों में नहीं बने, बल्कि इनकी जड़ें इतिहास में गहराई से जुड़ी हैं। 1770 से ही भारतीय समुदाय ने सेशेल्स में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यही कारण है कि आज भी वहाँ भारतीय संस्कृति की छाप देखने को मिलती है।
कूटनीतिक संबंध
- भारत और सेशेल्स ने 1976 में राजनयिक संबंध स्थापित किए।
- विक्टोरिया में भारतीय उच्चायोग है, वहीं भारत में सेशेल्स का दूतावास नई दिल्ली में स्थित है।
- दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं का आदान-प्रदान होता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 की सेशेल्स यात्रा ने संबंधों में नया मोड़ दिया।
रक्षा और सामरिक सहयोग
भारत और सेशेल्स का सहयोग सबसे अधिक रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में दिखाई देता है।
भारतीय समर्थन
भारत ने सेशेल्स को कई प्रकार की सैन्य और तकनीकी सहायता प्रदान की है:
- पैट्रोल जहाज़ (Patrol Vessels) – भारत ने सेशेल्स को समुद्री निगरानी और तटीय सुरक्षा के लिए आधुनिक गश्ती जहाज़ दिए।
- हाइड्रोग्राफिक सर्वे (Hydrographic Surveys) – भारतीय नौसेना ने सेशेल्स के जल क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया और विस्तृत नक्शे तैयार किए।
- कोस्टल सर्विलांस राडार सिस्टम – भारत ने सेशेल्स में तटीय निगरानी राडार प्रणाली स्थापित की, जिससे समुद्री गतिविधियों की निगरानी आसान हुई।
आतंकवाद और समुद्री डकैती के विरुद्ध सहयोग
हिंद महासागर क्षेत्र में कई बार समुद्री डकैती (Piracy) की घटनाएँ सामने आई हैं। सोमालिया के पास सक्रिय समुद्री डकैतों के खिलाफ भारत ने सेशेल्स के साथ मिलकर गश्त और निगरानी अभियानों में भाग लिया।
संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण
- भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल नियमित रूप से सेशेल्स की नौसेना और कोस्ट गार्ड के साथ संयुक्त अभ्यास करते हैं।
- फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन (1TS) की हाल की यात्रा इसी दिशा का हिस्सा है।
- भारतीय सैन्य अकादमियों में सेशेल्स के सैनिकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
विकास और सहायता संबंध
भारत केवल रक्षा सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि उसने सेशेल्स को आर्थिक और विकासात्मक सहायता भी प्रदान की है।
ग्रांट सहायता और परियोजनाएँ
भारत ने ग्रांट सहायता और लाइन ऑफ क्रेडिट के माध्यम से कई परियोजनाएँ शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बुनियादी ढाँचे का विकास
- स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
- शिक्षा क्षेत्र में सहयोग
- आईटी और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा
जलवायु परिवर्तन से निपटना
सेशेल्स छोटे द्वीप देशों (Small Island Developing States – SIDS) में से एक है, जो जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। बढ़ते समुद्र स्तर और प्राकृतिक आपदाओं से इसके अस्तित्व को खतरा है। भारत ने सेशेल्स को आपदा प्रबंधन तकनीक, सौर ऊर्जा परियोजनाओं और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग दिया है।
सांस्कृतिक और जन–जन संबंध
भारतीय समुदाय
- सेशेल्स में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 10,000 है।
- वहाँ भारतीय मूल के लोग व्यवसाय, शिक्षा, और सरकारी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान
- भारतीय फिल्मों और संगीत का सेशेल्स में व्यापक प्रभाव है।
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) सेशेल्स में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है।
- आयुर्वेद और योग भी यहाँ लोकप्रिय होते जा रहे हैं।
बहुपक्षीय सहयोग
भारत और सेशेल्स कई अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मंचों पर सहयोग करते हैं।
- इंडियन ओशियन रिम एसोसिएशन (IORA)
- इंडियन ओशियन कमीशन (IOC)
- इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) – सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत और सेशेल्स मिलकर काम कर रहे हैं।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में जलवायु परिवर्तन और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से संबंधित प्रस्तावों पर दोनों देश अक्सर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
भारत के लिए रणनीतिक महत्व
भारत के लिए सेशेल्स का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
- समुद्री सुरक्षा: हिंद महासागर में भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा और निगरानी के लिए सेशेल्स एक अहम साझेदार है।
- ऊर्जा मार्गों की सुरक्षा: पश्चिम एशिया से भारत आने वाले तेल टैंकर इसी समुद्री मार्ग से गुजरते हैं।
- सामरिक उपस्थिति: सेशेल्स में भारत की सक्रियता चीन के बढ़ते प्रभाव का संतुलन करने में मदद करती है।
- ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy): मछली पकड़ने, पर्यटन और समुद्री संसाधनों के विकास में सहयोग।
चुनौतियाँ और अवसर
चुनौतियाँ
- चीन का प्रभाव – चीन भी सेशेल्स में बुनियादी ढाँचे और निवेश के जरिए अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।
- जलवायु संकट – समुद्र स्तर में वृद्धि से सेशेल्स का अस्तित्व खतरे में है।
- सुरक्षा चुनौतियाँ – आतंकवाद, समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी।
अवसर
- समुद्री सहयोग का विस्तार – संयुक्त अभ्यास और नई तकनीकों का साझा उपयोग।
- नवीकरणीय ऊर्जा – सौर और पवन ऊर्जा में संयुक्त परियोजनाएँ।
- पर्यटन और शिक्षा – दोनों देशों के बीच पर्यटन और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों को बढ़ावा।
निष्कर्ष
भारत और सेशेल्स के बीच संबंध केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक भी हैं। हिंद महासागर में सेशेल्स का सामरिक महत्व भारत की ‘सुरक्षित और समृद्ध हिंद महासागर’ (Security and Growth for All in the Region – SAGAR) नीति का अभिन्न हिस्सा है।
हाल ही में भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाज़ों का सेशेल्स दौरा इस विश्वास को मजबूत करता है कि दोनों देश मिलकर न केवल अपने-अपने हितों की रक्षा करेंगे, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और सतत विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
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