प्रथम विश्व युद्ध के कारण

आर्थिक संकट तकनीकी उन्नति सम्राटिक शक्तियों की विशेषता सैन्यवाद (Militarism) साम्राज्यवाद (Imperialism) राष्ट्रवाद (Nationalism) विभिन्न संधियाँ व गठबंधन प्रणाली

प्रथम विश्वयुद्ध के बाद संधियां

पेरिस शांति सम्मेलन (Paris Peace Conference) इसके अंतर्गत पराजित राष्ट्रों के साथ समझौते के रूप में पांच संधियां की गई। वर्साय की संधि जर्मनी के साथ, 28 June,1919 – सेंट जर्मन की संधि आस्ट्रिया के साथ, 10 Sep,1919 – न्युइली की संधि बुल्गारिया के साथ 27 Nov,1919 – त्रियानो की संधि हंगरी के साथ 4 June,1920 – सेव्रेस की संधि तुर्की के साथ 10 Aug,1920

1929 की महामंदी

1929 की महामंदी, को “महामंदी 1929” अथवा “विश्वासघाती महामंदी” के रूप में भी जाना जाता है, यह एक आर्थिक मंदी थी जो विश्वभर में आर्थिक गिरावट का कारण बनी। यह मंदी 20वीं सदी के उच्च स्तर की आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करने वाली सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक थी और इसके बाद के दशकों तक की दुनिया की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा।

राष्ट्र संघ का निर्माण

राष्ट्र संघ के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार थे – 1. अंतरराष्ट्रीय समझौतों के माध्यम से शांति की स्थापना और रक्षा करना। 2. सदस्य देशों के बीच आपसी सहमति और सहयोग को बढ़ावा देना। 3. सदस्य देशों के बीच विवादों के न्यायपूर्ण समाधान की सुनिश्चित करना।

राष्ट्र संघ की विफलता

राष्ट्र संघ का संचालन कई मुश्किलों से गुजरा। और ये मुश्किलें ही इसकी विफलता का कारण बनी। और द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हो गया। द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू होने के बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके विफल होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार थे- 1.संगठन के अद्यतन न कर पाना 2.महत्वपूर्ण देशों का अनदेखा करना 3.कई देशों की आत्मशक्ति की कमी 4.निर्णायक प्राधिकृतता की कमी 5.सदस्य देशों के असहमति 6.सभी देश इसमें शामिल नहीं हो सके। जो इसके सफल न होने का एक कारण बना।

प्रथम विश्वयुद्ध के महत्वपूर्ण तथ्य

– सितंबर 1914 में, जर्मन वैज्ञानिक और सिद्धांतकार (विचारक) अर्न्स्ट हेकेल ने पहली बार “विश्व युद्ध” शब्द का इस्तेमाल किया, यह चार साल तक चला। – प्रथम विश्व युद्ध, जिसे आमतौर पर महान युद्ध कहा जाता है, 28 जुलाई, 1914 से 11 नवंबर, 1918 तक चला। – प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, केंद्रीय शक्तियों और मित्र राष्ट्रों की सेनाएँ एक-दूसरे से लड़ीं। – ग्रेट ब्रिटेन, फ़्रांस और रूस मित्र देशों (एलाइड पावर्स) में शामिल थे और साथ में मिलकर युद्ध लड़ा।  -1917 के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका ने मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में प्रवेश किया।