काल (Tense) किसे कहते है? भेद और 50+ उदाहरण

काल (Time) एक मानकीकरण या मापन है जिससे दिखाया जा सकता है कि घटनाएं कब या कितने समय तक हुई हैं। काल एक अद्यापक और निरंतर चलने वाला माध्यम है जिसका प्रयोग समय की गति और क्रम को निर्दिष्ट करने के लिए किया जाता है।

काल को साधारित रूप से तीन आयामों में वर्गीकृत किया जाता है: भूतकाल (Past), वर्तमानकाल (Present), और भविष्यकाल (Future)। इन तीनों आयामों में घटनाओं को स्थानांतरित किया जाता है और उनकी क्रमबद्धता निर्धारित की जाती है।

काल की परिभाषा

क्रिया के जिस रूप में किसी कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है, उसे काल (Tense) कहा जाता है। अर्थात क्रिया के उस रूपांतर को kaal कहा जाता है जिससे उसके कार्य व्यापार का समय और उसके पूर्ण अथवा अपूर्ण अवस्था का बोध होता हो। kaal का अर्थ होता है ‘समय

“क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के होने के समय का बोध हो उसे काल कहते हैं।”

उदहारण

  • सीता पढ़ाई कर रही है
  • श्रेयसी ने अच्छा चित्र बनाया था
  • विशाल मित्रों के साथ अमृतसर जाएगा

दिए गए वाक्यों में रंगीन (लाल) शब्द अलग-अलग समय पर क्रिया के होने का बोध करा रहे हैं। पहले वाक्य में कार्य उसी समय हो रहा है। दूसरे वाक्य में, कार्य बीते समय में हो चुका है। और तीसरे वाक्य में, कार्य को आने वाले समय में किए जाने की सूचना मिल रही है।

काल के कितने भेद होते है?

काल के भेद

काल के तीन भेद होते है। जो निम्न हैं-

  1. वर्तमान काल (Present Tense)
  2. भूतकाल (Past Tense)
  3. भविष्यत् काल (Future Tense)

वर्तमान काल (Present Tense)

क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान kaal कहते हैं। वर्तमान kaal की पहचान वाक्य के अन्त में – हैं, हूँ, हों जैसे आदि शब्दों को देखकर कर सकते हैं। जैसे-

  • रमेश गाना गा रहा है। 
  • सीता खा रही है। 
  • मैं खेल रहा हूं। 

वर्तमान काल के भेद

वर्तमान काल के 6 भेद होते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  1. सामान्य वर्तमान
  2. अपूर्ण वर्तमान
  3. पूर्ण वर्तमान
  4. संदिग्ध वर्तमान
  5. तत्कालिक वर्तमान
  6. संभाव्य वर्तमान

1.सामान्य वर्तमान काल

क्रिया के जिस रूप से उसका वर्तमान में होना ज्ञात हो वह सामान्य वर्तमान होता है। अर्थात क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया का वर्तमान में होना पाया जाता है उसे ‘सामान्य वर्तमान kaal ‘कहते हैं। जो भी क्रिया वर्तमान में सामान्य रूप से होती हैं, वह क्रिया सामान्य वर्तमान kaal की कहलाती है। जैसे-

  • बच्चे खिलौनों से खेलते हैं।
  • वह अच्छा गाना गाती है। 
  • मोहन खेलता है। 
  • माली पौधों को पानी देता है।
  • वह पुस्तक पढ़ता है।

2.अपूर्ण वर्तमान काल 

क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि काम अभी चल रहा है उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं। अर्थात क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि वर्तमान समय में कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है बल्कि अभी वह चल रहा है वह अपूर्ण वर्तमान kaal कहलाता है। जैसे-

  • मैं गा रही हूँ।
  • मोहन विद्यालय जा रहा है।
  • वर्षा हो रही है।
  • तुम नहा रहे हो।
  • अनुराग लिख रहा है।

3.पूर्ण वर्तमान काल

पूर्ण वर्तमान kaal में कार्य के पूर्ण हो जाने का बोध होता है, इसमें कार्य पूर्ण हो चुका होता है। जैसे-

  • सीता ने पुस्तक पढ़ी है।
  • वह आया है।
  • मैंने पानी पिया है।

4.संदिग्ध वर्तमान काल

क्रिया के जिस रूप से बीत रहे समय में किसी काम के होने में संदेह प्रकट हो उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं। अर्थात जिससे क्रिया के होने में संदेह प्रकट हो, पर उसके वर्तमान समय में संदेह ना हो।

जिस क्रिया में वर्तमान समय में पूर्ण होने में संदेह हो वह संदिग्ध वर्तमान kaal कहलाता है। जैसे-

  • राधा नाच रही होगी।
  • मां खाना बना रही होगी।
  • राम पढ़ता होगा।
  • आज विद्यालय खुला होगा।
  • मोहन पढ़ रहा होगा।
  • हलवाई मिठाई बनाता होगा।

5.तात्कालिक वर्तमान काल

क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि कार्य वर्तमान समय में हो रहा है वह शब्द तात्कालिक वर्तमान kaal कहलाते हैं। जैसे-

  • वह जा रहा है।
  • मैं पढ़ रहा हूं।
  • मैं लिख रहा हूं।

6.संभाव्य वर्तमान काल

जब वर्तमान समय में कार्य के पूरा होने की संभावना होती है वह शब्द संभाव्य वर्तमान kaal कहलाता है। संभाव्य शब्द का अर्थ होता है कि संभावित होना या जिसके होने की संभावना हो। जैसे-

  • वह आया हो।
  • वह लौटा हो।
  • वह चलता हो।
  • उसने खाया हो।

भूतकाल (Past Tense)

क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय में कार्य के होने का बोध हो उसे भूत kaal कहते हैं। अर्थात क्रिया का वह रूप जिससे कार्य के बीते हुए समय में पूरा होने का पता चले उसे भूत kaal कहते हैं। इसमें क्रिया के कार्य को समाप्ति होने का हमें बोध होता है। भूत kaal की पहचान वाक्य में अंत में आये हुए – था, थे, थी शब्दों से की जा सकती है। जैसे-

  • राम ने पत्र लिखा।
  • वह खा चुका था।
  • रमेश पटना गया था।
  • मैंने पुस्तक पढ़ ली थी।
  • मैं घूमने गया था।
  • पहले मैं लखनऊ में पढ़ता था।
  • गाड़ी जा चुकी थी।
  • राम ने रावण का वध किया था।
  • नाना जी कहानी सुना रहे थे।
  • वह खा चुका था।
  • वह आया था।
  • मैंने पत्र लिखा था।
  • वह चली गई। 
  • मयंक चंडीगढ़ गया था।
  • बच्चा जा चुका था।

भूतकाल के भेद

भूतकाल के छह भेद होते हैं-

  1. सामान्य भूत kaal
  2. आसन्न भूत kaal
  3. पूर्ण भूत kaal
  4. अपूर्ण भूत kaal
  5. संदिग्ध भूत kaal
  6. हेतुहेतुमद भूत kaal

1.सामान्य भूतकाल

क्रिया के जिस रूप से साधारणतः क्रिया का बीते समय में होना पाया जाये उसे सामान्य भूत kaal कहते हैं। अर्थात क्रिया के जिस रूप से काम के सामान्य रूप से बीते समय में पूरा होने का पता चलता हो। जैसे –

  • मोहन आया।
  • राधा ने खाना खाया। 
  • सीता गई।
  • श्री राम ने रावण को मारा।

2.आसन्न भूतकाल

आसन्न भूत kaal से यह जाना जाता है कि काम भूत kaal से शुरू होकर अभी-अभी समाप्त हुआ है। अर्थात क्रिया के इस रूप से यह पता चलता है कि क्रिया अभी कुछ समय पहले ही पूर्ण हुई है या खत्म हुई है। जैसे –

  • मैंने आम खाया है।
  • मैं खाना खा चुका हूँ।
  • मैं अभी सो कर उठा हूं।
  • अध्यापिका पढ़ाकर आई है।

3.पूर्ण भूतकाल 

क्रिया के जिस रूप में काम का बहुत समय पहले बीत जाने का बोध होता है उसे पूर्णभूत kaal कहते हैं। इसमें क्रिया की समाप्ति का समय स्पष्ट होता है। अर्थात क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि क्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है वह पूर्ण भूत kaal कहलाता है। जैसे –

  • डॉ. रोगी को देख चुका था।
  • अंग्रेजों ने भारत पर राज किया था।
  • रोगी ठीक हो चुका था।
  • महादेवी वर्मा ने स्मरण लिखे थे।
  • उसने शाम को मारा था।

4.अपूर्ण भूतकाल 

क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि काम बीते समय शुरू हुआ था किंतु समाप्त भूत kaal में सूचित न हो उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं। अर्थात जिस क्रिया से यह पता चलता है कि भूत kaal में क्रिया पूर्ण नहीं हुई थी, क्रिया अभी भी चल रही है वह अपूर्ण भूत kaal कहलाती है। जैसे –

  • अरुण झूठ बोल रहा था।
  • सीता सो रही थी।
  • सुरेश गीत गा रहा था।
  • रमेश बाजार जा रहा था।
  • पक्षी वृक्षों पर चहचहा रहे थे।

5.संदिग्ध भूतकाल

क्रिया के जिस रूप से बीते समय में काम होने में संदेह पाया जाए उसे संदिग्ध भूत kaal कहते हैं। इस क्रिया में संदेह बना रहता है कि भूत kaal में कार्य पूरा हुआ की नहीं हुआ है। अर्थात भूत kaal की जिस क्रिया से कार्य होने में अनिश्चितता अथवा संदेह प्रकट होता है वह क्रिया संदिग्ध भूत kaal कहलाती है। जैसे-

  • राधा ने पुस्तक पढ़ ली होगी।
  • तू गया होगा।
  • बस छूट गई होगी।
  • दुकानें बंद हो चुकी होगी।
  • वह चला गया होगा।

6.हेतुहेतुमद् भूतकाल  

जहाँ भूत kaal की एक क्रिया दूसरे पर आश्रित हो वहाँ हेतुहेतुमद् भूत kaal होता है। अर्थात यदि भूत kaal में एक क्रिया के होने या ना होने पर दूसरी क्रिया का होना या ना होना निर्भर करता हो वह क्रिया हेतुहेतुमद भूत kaal की क्रिया होती है।

हेतु का अर्थ होता है कारण, जहां भूत kaal में किसी कार्य के ना हो पाने के कारण के वर्णन में एक साथ दो वाक्य दिया हो, और दोनों वाक्य एक दूसरे पर आश्रित हो वहा हेतुहेतुमद भूत kaal कहलाता है। इससे पता चलता है कि क्रिया भूत kaal में होने वाली थी पर किसी कारण से नहीं हो सकी। जैसे-

  • यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।
  • वह परिश्रम करता तो जरूर पास हो जाता।

भविष्यत् काल (Future Tense)

भविष्यत काल

क्रिया के जिस रूप से उसके आने वाले समय का पता चले उसे भविष्यत् kaal कहते हैं। अर्थात क्रिया का वह रूप जिससे कार्य का भविष्य में होने का पता चले उसे भविष्य kaal कहते हैं। भविष्य kaal की पहचान वाक्य में अंत में आए गा, गे, गी से होती है। जैसे-

  • वह पटना नहीं जाएगा।
  • वह कल घर जाएगा।
  • कल मोहन बाजार जाएगा।
  • हम मैच देखेंगे।
  • चिंटू कल कसौली जाएगा।
  • मैं समय पर काम पूरा कर लूंगा।

भविष्य काल के भेद

भविष्य kaal के तीन भेद होते हैं, जो निम्न हैं-

  1. सामान्य भविष्य
  2. संभाव्य भविष्य
  3. हेतुहेतुमद विषय भविष्य

1.सामान्य भविष्यत् काल

क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में काम करना या होना पाया जाए उसे सामान्य भविष्यत् कहते हैं। अर्थात क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य के सामान्य ढंग का पता चलता हो वह क्रिया सामान्य भविष्यत kaal की क्रिया कहलाती है। जैसे-

  • आज वर्षा होगी।
  • वह घर जाएगा।
  • दीपक अखबार बेचेगा।
  • बच्चे कैरम बोर्ड खेलेंगे।
  • हम खेलने जाएंगे।

2.संभाव्य भविष्यत काल

जिस क्रिया से किसी काम के करने या होने की संभावना पाई जाए उसे संभाव्य भविष्यत कहते हैं। अर्थात क्रिया के जिस रुप से उसके भविष्य में होने की संभावना का पता चलता हो, वह क्रिया संभाव्य भविष्यत kaal की क्रिया कहलाती है। जैसे-

  • हो सकता है आज वर्षा हो।
  • परीक्षा में शायद मुझे अच्छे अंक प्राप्त हो।
  • हो सकता है कि मैं कल वहां जाऊं।
  • शायद चोर पकड़ा जाए।
  • शायद वह पास हो जाए।

3.हेतुहेतुमद विषय भविष्यत काल

क्रिया के जिस रूप से एक कार्य का पूरा होना दूसरे आने वाले समय की क्रिया पर निर्भर करता हो, वह क्रिया हेतुहेतुमद भविष्यत kaal कहलाती है। जैसे-

  • वह कामाए तो मैं खाऊं ‌।
  • वह आए तो मैं जाऊं।
  • जो कमाए सो खाए।

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