खिज्र खां सैयद वंश का संस्थापक था। ख़िज़्र ख़ाँ ने 1414 ई. में दिल्ली की राजगद्दी पर अधिकार कर लिया। ख़िज़्र ख़ाँ ने सुल्तान की उपाधि न धारण कर अपने को ‘रैयत-ए-आला’ की उपाधि से ही खुश रखा।
- जन्म – 28 मई 1414
- शासनकाल – 28 मई 1414 – 20 मई 1421
- मृत्यु – 20 मई 1421
खिज्र खान का संक्षिप्त परिचय
खिज्र खां का वंश और प्रारंभिक जीवन
एक समकालीन लेखक याहिनी सरहिंदी ने अपने तखरीख-ए-मुबारक शाही में बखान किया है कि खिज्र खान मुहम्मद के वंशज थे, लेकिन उनका निष्कर्ष केवल उच शरीफ के संत सियाल जलाल-उद-दीन बुखारी की गवाही पर आधारित था। मुल्तान के गवर्नर मलिक मर्दन दौलत ने खिज्र खान के पिता मलिक सुलेमान को अपने बेटे के रूप में अपनाया।
सुलेमान ने मलिक मर्दन के एक और बेटे मलिक शेख को गवर्नरशिप के लिए उकसाया। उनकी मृत्यु के बाद, फिरोज शाह तुगलक ने खिज्र खान को राज्यपाल नियुक्त किया। लेकिन 1395 में, उन्हें मलू इकबाल खान के भाई सारंग खान द्वारा मुल्तान से निकाल दिया गया था। सारंग खान द्वारा निकले जाने के बाद खिज्र खान मेवात चला गया और बाद में तैमूर में शामिल हो गया।
तैमूर द्वारा दिल्ली सल्तनत पर लगातार आक्रमण किया गया और दिल्ली को लूटा गया जिससे दिल्ली कि केंद्रीय शक्ति पूरी तरह से कमजोर हो गई। दिल्ली में चारो तरफ अराजकता कि स्थिति पैदा हो गई। इस अराजकता कि स्थिति का फायदा उठाते हुए खिज्र खां ने तैमूर कि सहायता से दिल्ली की सत्ता पर अपना अधिकार कर लिया।
यह माना जाता है कि तैमूर ने खिज्र खान को दिल्ली के लिए पहले ही अपना वाइसराय नियुक्त किया था, हालांकि उस समय तक वह केवल मुल्तान, दीपालपुर और सिंध के हिस्सों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर सकता था। परन्तु जल्द ही खिज्र खान ने अपना अभियान आरम्भ किया और मल्लू इकबाल खान को हरा दिया। और उसके पश्चात दौलत खान लोदी को हराने के बाद, खिज्र खां ने दिल्ली में 6 जून 1414 को विजयी रूप से प्रवेश किया।
खिज्र खां का शासन काल
तैमूर लंग जिस समय भारत से वापस जा रहा था, उसने ख़िज़्र ख़ाँ को मुल्तान, लाहौर एवं दीपालपुर का शासक नियुक्त कर दिया था। ख़िज़्र ख़ाँ अपने को तैमूर के लड़के शाहरुख़का प्रतिनिधि बताता था और साथ ही उसे नियमित ‘कर’ भेजा करता था। उसने खुतबा (प्रशंसात्मक रचना) में तैमूर और उसके उत्तराधिकारी शाहरुख़का नाम पढ़वाया। ख़िज़्र ख़ाँ के शासन काल में पंजाब, मुल्तान एवं सिंध पुनः दिल्ली सल्तनत के अधीन हो गये उसने अपने समय में कटेहर, इटावा, खोर, चलेसर, ग्वालियर, बयाना, मेवात, बदायूँ के विद्रोह को कुचल कर उन्हें जीतने का प्रयास किया।
सिंहासन पर पहुंचने के बाद, खिज्र खान मलिक-उन-शार तुहाफा उनके वज़ीर के रूप में और उन्हें ताज-उल-मुल्क की उपाधि दी और वह 1421 तक पद पर बने रहे। सहारनपुर की जागीर सैय्यद सलीम को दी गई। अब्दुर रहमान ने मुल्तान और फतेहपुर के चोरों को प्राप्त किया। 1414 में, कटेहर के राजा, हर सिंह के विद्रोह को दबाने के लिए ताज-उल-मुल्क के नेतृत्व में एक सेना भेजी गई थी। राजा जंगलों में भाग गए लेकिन आखिरकार उन्हें आत्मसमर्पण करने और भविष्य में श्रद्धांजलि देने के लिए सहमत होना पड़ा।
जुलाई, 1416 में ताज-उल-मुल्क के नेतृत्व में एक सेना को बयाना और ग्वालियर भेजा गया था, जहां इसने श्रद्धांजलि के बराबर राशि का एहसास करने के नाम पर किसानों को लूटा था। । 1417 में, खिज्र खान ने शाहरुख से अपना नाम रखने की अनुमति प्राप्त की, वह भी शाहरुख के लिए प्रत्यय था। 1418 में, हर सिंह ने फिर से विद्रोह किया
न्यायप्रिय एवं उदार
सुल्तान को राजस्व वसूलने के लिए भी प्रतिवर्ष सैनिक अभियान का सहारा लेना पड़ता था। उसने अपने सिक्कों पर तुग़लक़ सुल्तानों का नाम खुदवाया। फ़रिश्ता ने ख़िज़्र ख़ाँ को एक न्यायप्रिय एवं उदार शासक बताया है।
खिज्र खां की मृत्यु
20 मई, 1421 को ख़िज़्र ख़ाँ की मृत्यु हो गई। फ़रिश्ता के अनुसार ख़िज़्र ख़ाँ की मृत्यु पर युवा, वृद्ध दास और स्वतंत्र सभी ने काले वस्त्र पहनकर दुःख प्रकट किया।
खिज्र खां से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- सैयद वंश की स्थापना खिज्र खां ने की।
- सैयद वंश स्वंय को पैगम्बर मुहम्मद का वंशज मानते हैं।
- खिज्र खां ने कभी भी सुल्तान की उपाधि धारण नहीं की, उसने ‘रैयत-ए-आला’ की उपाधि ली।
- खिज्र खां तैमूर लग का सेनापति था। वह नियमित रूप से तैमूर के बेटे शाहरूख को कर भेजा करता था।
इन्हें भी देखें –
- भारत का विभाजन
- भारत का एकीकरण
- सम्राट स्कन्दगुप्त | 455 ईस्वी – 467 ईस्वी
- चौहान वंश (7वीं शताब्दी-12वीं शताब्दी)
- सम्राट हर्षवर्धन (590-647 ई.)
- काकतीय वंश |1000 ई.-1326 ई.
- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857-1858
- भाषा एवं उसके विभिन्न रूप
- हिंदी वर्णमाला- स्वर और व्यंजन (Hindi Alphabet)
- संधि – परिभाषा एवं उसके भेद (Joining)
- वर्तनी किसे कहते है? उसके नियम और उदहारण
- भारत के प्रमुख संस्था, संस्थापक, संस्थान एवं उनके मुख्यालय
- 250+ पुस्तकें एवं उनके लेखक | Books and their Authors
- भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति | Bharat Ratna Award
- Phrase: Definition, Types, and 100+ Examples
- Article: Definition, Types, and 100+ Examples
- Past Tense: Definition, Types, and 100+ Examples
- Clause: Definition, Types and 50+ Examples
- Sentence: Definition, Types, and 100+ Examples
- Wh- Word and Wh- Question
- Determiner: Definition, Types, and 100+ Examples