मानव समाज में दादा-दादी का स्थान अद्वितीय होता है। वे केवल परिवार की जड़ें ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान, अनुभव और परंपरा के वाहक भी होते हैं। उनकी कहानियाँ, सीख और जीवन के अनुभव बच्चों के व्यक्तित्व को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी योगदान को सम्मान देने और पीढ़ियों के बीच के बंधन को और मजबूत करने के लिए ग्रैंड पैरेंट्स डे मनाया जाता है।
वर्ष 2025 में ग्रैंड पैरेंट्स डे रविवार, 7 सितंबर को मनाया गया। यह दिन हर साल लेबर डे (सितंबर के पहले सोमवार) के बाद आने वाले पहले रविवार को मनाया जाता है। भले ही यह एक संघीय अवकाश (Federal Holiday) नहीं है, लेकिन अमेरिका, कनाडा, भारत समेत कई देशों में इसे एक सांस्कृतिक और सामाजिक पर्व के रूप में मान्यता प्राप्त है।
क्या ग्रैंड पैरेंट्स डे एक सार्वजनिक अवकाश है?
नहीं। ग्रैंड पैरेंट्स डे एक सार्वजनिक अवकाश नहीं है। इस दिन व्यवसाय, स्कूल और सरकारी कार्यालय अपने-अपने नियमित रविवार के कार्यक्रमों के अनुसार चलते हैं। फिर भी, यह अवसर इतना विशेष है कि लोग निजी तौर पर अपने दादा-दादी के साथ समय बिताने, उन्हें सम्मान देने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए इसे मनाते हैं।
हम ग्रैंड पैरेंट्स डे क्यों मनाते हैं?
ग्रैंड पैरेंट्स डे का मूल उद्देश्य दादा-दादी के योगदान, ज्ञान और प्रेम का सम्मान करना है। बदलते सामाजिक ढाँचों, छोटे होते परिवारों और बढ़ती डिजिटल दूरी के बीच यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए।
दादा-दादी:
- परिवार को परंपरा और संस्कारों से जोड़ते हैं।
- जीवन अनुभव और मार्गदर्शन देते हैं।
- बच्चों के लिए प्रेरणा और भावनात्मक सहारा होते हैं।
- बदलती परिस्थितियों में भी परिवार को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
यह दिन एक अवसर है कि हम उनके त्याग, धैर्य और निस्वार्थ प्रेम को मान्यता दें और उनके साथ समय बिताकर उन्हें विशेष महसूस कराएँ।
ग्रैंड पैरेंट्स डे की शुरुआत किसने की?
ग्रैंड पैरेंट्स डे की शुरुआत मैरियन मैकक्वाड (Marian McQuade) ने की थी। वे अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया की एक गृहिणी और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल की समर्थक थीं।
- 1970 के दशक में उन्होंने यह विचार रखा कि दादा-दादी को सम्मान देने के लिए एक राष्ट्रीय दिवस होना चाहिए।
- उनके सतत प्रयासों और अभियान का असर यह हुआ कि 1978 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर (Jimmy Carter) ने इसे आधिकारिक रूप से मान्यता दी।
- इसके बाद पहली बार 9 सितंबर 1979 को अमेरिका में ग्रैंड पैरेंट्स डे मनाया गया।
इस प्रकार, मैरियन मैकक्वाड को ही “ग्रैंड पैरेंट्स डे की जननी” माना जाता है।
ग्रैंड पैरेंट्स डे के आधिकारिक प्रतीक
- आधिकारिक फूल: फॉरगेट-मी-नॉट (Forget-Me-Not) – यह स्मृति और प्रेम का प्रतीक है।
- आधिकारिक गीत: “A Song for Grandma and Grandpa” – जॉनी प्रिल (Johnny Prill) द्वारा लिखा गया गीत। यह गीत विश्वभर में इस दिन को समर्पित माना जाता है। 2024 में इसका स्पेनिश संस्करण “Una Canción para la Abuela y el Abuelo” भी जारी किया गया।
परिवार ग्रैंड पैरेंट्स डे कैसे मनाते हैं?
यह अवसर केवल उपहार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि परिवार अपने दादा-दादी को खास महसूस कराने के लिए कई रचनात्मक तरीके अपनाते हैं:
- उपहार देना: हस्तनिर्मित कार्ड, फूल, किताबें या व्यक्तिगत स्मृति चिन्ह।
- साथ समय बिताना: परिवार के साथ भोजन, मिलना-जुलना या पिकनिक।
- वर्चुअल कनेक्शन: दूर रहने वाले लोग वीडियो कॉल, फोटो एलबम या डिजिटल स्लाइड शो के माध्यम से जुड़ते हैं।
- स्कूल कार्यक्रम: कई स्कूलों में कला प्रतियोगिताएँ, कहानी साझा करने के सत्र और नाटक आयोजित किए जाते हैं।
- धार्मिक अनुष्ठान: कुछ परिवार मंदिरों या पूजा स्थलों पर जाकर बुजुर्गों की दीर्घायु और स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं।
ग्रैंड पैरेंट्स डे 2025 मनाने के रचनात्मक तरीके
- परिवार वृक्ष बनाना: बच्चों के साथ मिलकर परिवार का वंश वृक्ष तैयार करना।
- उनके पसंदीदा व्यंजन पकाना: दादी/नानी की रेसिपी को परिवार के साथ मिलकर बनाना।
- जीवन कहानियों को रिकॉर्ड करना: दादा-दादी के अनुभवों और किस्सों को ऑडियो/वीडियो में सहेजना।
- ट्रिविया नाइट आयोजित करना: परिवार के इतिहास और परंपराओं पर मज़ेदार प्रश्नोत्तरी खेलना।
- वर्चुअल जश्न: विदेश या दूरस्थ शहरों में रहने वाले रिश्तेदारों को जोड़कर ऑनलाइन सेलिब्रेशन।
- समय का उपहार देना: बिना मोबाइल और गैजेट्स के पूरा दिन उनके साथ बिताना।
भारत में ग्रैंड पैरेंट्स डे का महत्व
हालाँकि ग्रैंड पैरेंट्स डे की उत्पत्ति अमेरिका में हुई, लेकिन भारतीय समाज में दादा-दादी का महत्व सदियों पुराना है। भारत की संयुक्त परिवार प्रणाली (Joint Family System) में दादा-दादी को हमेशा परिवार की धुरी माना गया है।
- बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में दादा-दादी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- भारतीय संस्कृति, त्योहारों और परंपराओं का ज्ञान वे ही देते हैं।
- बदलती जीवनशैली और न्यूक्लियर फैमिली के दौर में भी दादा-दादी भावनात्मक सुरक्षा का सहारा हैं।
आज भारत में भी यह दिन परिवारों को फिर से जोड़ने और बुजुर्गों के महत्व को मान्यता देने का अवसर बन चुका है।
ग्रैंड पैरेंट्स डे | महत्वपूर्ण तथ्य
- मनाया जाता है: हर साल लेबर डे के बाद आने वाले पहले रविवार को।
- साल 2025 में तिथि: रविवार, 7 सितंबर।
- शुरुआत करने वाली: मैरियन मैकक्वाड (वेस्ट वर्जीनिया की गृहिणी और एक्टिविस्ट)।
- आधिकारिक घोषणा: 1978 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा।
- पहली बार मनाया गया: 9 सितंबर 1979।
- आधिकारिक फूल: Forget-Me-Not।
- आधिकारिक गीत: “A Song for Grandma and Grandpa”।
निष्कर्ष
ग्रैंड पैरेंट्स डे केवल एक तिथि नहीं, बल्कि उन रिश्तों की सराहना है जो हमें जड़ों से जोड़ते हैं। दादा-दादी का प्रेम, त्याग और मार्गदर्शन हमारे जीवन की अमूल्य धरोहर है। 21वीं सदी की तेज़ रफ्तार और डिजिटल दुनिया में जब पीढ़ियों के बीच की दूरी बढ़ रही है, तब ऐसे अवसर हमें फिर से यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि परिवार का असली सुख केवल एक साथ बिताए गए पलों में है।
इसलिए, चाहे हम उपहार दें या भोजन साझा करें, चाहे हम उनकी कहानियाँ सुनें या डिजिटल माध्यम से उनसे जुड़ें – सबसे महत्वपूर्ण है उन्हें यह एहसास कराना कि वे हमारे जीवन का सबसे सुंदर और अहम हिस्सा हैं।
👉 संक्षेप में: ग्रैंड पैरेंट्स डे 2025 – रविवार, 7 सितंबर को मनाया गया। यह दिन हमें दादा-दादी के योगदान, प्रेम और ज्ञान का सम्मान करने का अवसर देता है। मैरियन मैकक्वाड के प्रयासों से 1978 में इसकी नींव पड़ी और 1979 से यह दिवस हर साल मनाया जा रहा है।