भारत एक विशाल और विविध भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें नदियाँ न केवल जल संसाधन प्रदान करती हैं बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख नदियाँ, जैसे कि सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, दामोदर, रावी, और महानदी, देश के विभिन्न हिस्सों में जीवन के लिए आधारभूत भूमिका निभाती हैं। इन नदियों की सहायक नदियाँ भी उनके जलग्रहण क्षेत्रों की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। इस लेख में हम भारत की प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, ताकि इनके महत्व और उनके योगदान को समझा जा सके।
1. सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियाँ
सिंधु नदी, अपने विशाल और समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक महत्त्व और पारिस्थितिकी तंत्र के कारण एक अद्वितीय स्थान रखती है। यह नदी न केवल एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है, बल्कि यह क्षेत्र की सभ्यता, कृषि और जल संसाधनों के लिए जीवनरेखा भी है।
सिंधु नदी की महत्ता इस बात में निहित है कि यह न केवल प्राकृतिक जल का स्रोत है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है, जिसने सभ्यता के प्रारंभिक चरणों में मानव समाज के विकास में अहम भूमिका निभाई। यह नदी आज भी उन पुरानी यादों और ऐतिहासिक घटनाओं को जीवित रखे हुए है, जो हमारे अतीत का हिस्सा रही हैं।
सिंधु नदी, एशिया की सबसे प्रमुख और ऐतिहासिक नदियों में से एक है, जो न केवल अपने जल संसाधन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके किनारे पनपी सिंधु घाटी सभ्यता भी विश्व की सबसे पुरानी और महत्वपूर्ण सभ्यताओं में से एक रही है। सिंधु नदी की समृद्ध विरासत, इसके पारिस्थितिकी तंत्र और ऐतिहासिक महत्त्व के कारण इसे पाकिस्तान की राष्ट्रीय नदी भी माना जाता है।
सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट स्थित बोखार-चू ग्लेशियर से निकलने वाली ‘सिन-का-बाब’ नामक जलधारा को माना जाता है। यहाँ से निकलकर यह नदी तिब्बत के पठार से गुजरती है और जम्मू और कश्मीर की सीमाओं को पार करते हुए दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है। इसके बाद, यह पाकिस्तान के रेगिस्तानी और सिंचित क्षेत्रों से होकर गुजरती है और कराची के दक्षिण में अरब सागर में गिर जाती है। इस नदी की कुल लंबाई लगभग 3610 किलोमीटर है, जिसमें इसका अधिकांश भाग पाकिस्तान में प्रवाहित होता है।
सिंधु नदी की सहायक नदियाँ
क्रमांक | सहायक नदी का नाम | उद्गम स्थल/प्रवाह दिशा | किस ओर मिलती है |
---|---|---|---|
1 | श्योक नदी | काराकोरम पर्वतमाला के ग्लेशियर | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
2 | काबुल नदी | अफगानिस्तान, काबुल शहर | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
3 | कुर्रम नदी | पाकिस्तान के कुर्रम जिले | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
4 | गोमल नदी | पश्चिमी पाकिस्तान | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
5 | हुंजा नदी | काराकोरम पर्वतमाला | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
6 | गिलगित नदी | गिलगित-बाल्टिस्तान | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
7 | स्वात नदी | स्वात घाटी, पाकिस्तान | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
8 | कुनार नदी | अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
9 | झोब नदी | बलूचिस्तान, पाकिस्तान | दायीं ओर (पश्चिम की तरफ से) |
10 | सतलुज (शतद्रु) नदी | तिब्बत, मानसरोवर | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
11 | व्यास (विपासा) नदी | हिमाचल प्रदेश, रोहतांग दर्रा | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
12 | रावी (ईरावती) नदी | हिमाचल प्रदेश | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
13 | चिनाब (चन्द्रभागा) नदी | जम्मू-कश्मीर | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
14 | झेलम (वितस्ता) नदी | कश्मीर, अनंतनाग | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
15 | जास्कर नदी | हिमालय पर्वतमाला | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
16 | स्यांग नदी | हिमालय | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
17 | शिगार नदी | काराकोरम पर्वतमाला | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
18 | गिलगित नदी | गिलगित-बाल्टिस्तान | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
19 | सुरु नदी | हिमालय | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
20 | सुन नदी | पर्वतीय क्षेत्र | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
21 | पंचनद नदी | पंजाब की संयुक्त नदियाँ | बायीं ओर (पूर्व की तरफ से) |
सिन्धु नदी तन्त्र | सिन्धु और सहायक नदियाँ | Indus River System
2. ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियाँ
ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम हिमालय के उत्तर में तिब्बत के पुरंग जिले में स्थित मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से होता है। यहाँ पर इसे “यरलुंग त्संगपो” के नाम से जाना जाता है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 5,300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह नदी तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है।
ब्रह्मपुत्र नदी का विशाल और विविधतापूर्ण मार्ग तिब्बत के पठारों से होकर भारत और बांग्लादेश के मैदानी इलाकों तक फैला है। यह नदी केवल एक जलधारा नहीं है, बल्कि यह इस क्षेत्र की सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिकी धरोहर भी है। इसके विशाल जल प्रवाह, सहायक नदियों, और जटिल अपवाह तंत्र ने इसे एक अद्वितीय प्राकृतिक संपदा बना दिया है। हालांकि, बाढ़, जलवायु परिवर्तन, और जल प्रबंधन की चुनौतियों के कारण इस नदी के संरक्षण और सतत विकास के लिए आवश्यक उपाय करना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
ब्रह्मपुत्र के विस्तृत अध्ययन से पता चलता है कि यह नदी न केवल तिब्बत, भारत और बांग्लादेश के भौगोलिक और पर्यावरणीय संतुलन को प्रभावित करती है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक अविभाज्य हिस्सा भी है।
ब्रह्मपुत्र नदी, जिसे पूर्व में यारलुंग त्संगपो के नाम से जाना जाता है, तिब्बत से शुरू होकर भारत के असम राज्य और बांग्लादेश से होती हुई बहती है। यह नदी गंगा और सिंधु की तरह ही भारतीय सभ्यता की एक महत्वपूर्ण धारा है।
ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदियों के नाम को उत्तर और दक्षिण तट की सहायक नदियों के रूप में निम्नलिखित सूची में दिया गया है –
ब्रह्मपुत्र नदी की उत्तर तट की सहायक नदियाँ | ब्रह्मपुत्र नदी की दक्षिण तट की सहायक नदियाँ |
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सुबसिरी (Subansiri) | नोआ दिहिंग (Noa Dehing) |
सियांग (Siang) | बुरीदिहिंग (Buridehing) |
कामेंग (जियाभाराली) (Kameng) | दिबांग (Dibang) |
धनसिरी (उत्तर) (Dhansiri North) | धनसिरी (दक्षिण) (Dhansiri South) |
मानस (Manas) | कोपिली (Kopili) |
संकोष (Sankosh) | डिखो (Dikhow) |
जीधाल (Jiadhal) | डिगारु (Digaru) |
पुथिमारी (Puthimari) | दुधनई (Dudhnai) |
पागलदिया (Pagladiya) | कृष्णाई (Krishnai) |
चम्पामति (Champamati) | जिनजिरान (Jinjiran) |
सारलभंगा (Saralbhanga) | कुलसी (Kulsi) |
आई (Aie) | भोगदोई (Bhogdoi) |
ब्रह्मपुत्र नदी में उत्तर बंगाल से जुड़ने वाली नदियाँ
- तीस्ता (Tista)
- संकोष (Sankosh)
- रैडाइक-I (Raidak-I)
- रैडाइक-II (Raidak-II)
- तोर्सा (Torsa)
- जलढाका (Jaldhaka)
ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र | ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियाँ
3. गंगा नदी और उसकी सहायक नदियाँ
गंगा नदी, भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और देश की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है। यह नदी हिमालय से शुरू होती है और बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
- गोमती: गोमती नदी उत्तर प्रदेश से बहती है और गंगा में मिलती है। यह क्षेत्रीय जलवायु और कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
- घाघरा: घाघरा नदी, गंगा की एक प्रमुख सहायक है जो नेपाल से शुरू होती है और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से होकर बहती है।
- गंडक: गंडक नदी भी नेपाल से निकलती है और उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न हिस्सों से होकर गंगा में मिलती है।
- कोसी: कोसी नदी, बिहार के लिए महत्वपूर्ण है और गंगा में विलीन होती है। इसे ‘सुरंग नदी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- यमुना: यमुना नदी, गंगा की एक प्रमुख सहायक है और उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों से बहती है।
- सोन: सोन नदी, मध्य प्रदेश और बिहार से होती हुई गंगा में मिलती है।
- हुगली: हुगली नदी, गंगा की एक शाखा है जो पश्चिम बंगाल से बहती है और कोलकाता शहर के महत्वपूर्ण जलस्रोतों में से एक है।
गंगा की प्रमुख सहायक नदियों की उनके दाहिनी (दक्षिणी) और बाईं (उत्तरी) ओर के आधार पर तालिका
गंगा में दाहिनी (दक्षिणी दिशा) और बाईं (उत्तरी दिशा) से मिलने वाली प्रमुख सहायक और उपसहायक नदियों को उनके उद्गम स्थल और किस नदी से कहाँ पर मिल रही हैं, यह जानकारी निम्नलिखित सारणी में व्यवस्थित की गई है –
गंगा में दाहिनी ओर (दक्षिणी दिशा) से मिलने वाली सहायक नदियाँ
क्रमांक | नदी | उद्गम स्थल | मिलन स्थान |
---|---|---|---|
1 | यमुना | यमुनोत्री हिमखंड, हिमालय | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में गंगा से मिलती है |
2 | तमसा (टोन्स) | मध्य प्रदेश के मैहर जिले में कैमूर पर्वतमाला में स्थित तमसा कुण्ड नामक जलाशय | उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से 32 किलोमीटर दूर सिरसा के निकट यह गंगा नदी में मिल जाती है। |
3 | कर्मनाशा | बिहार के कैमूर ज़िले के सरोदाग के पास कैमूर रेंज की पहाड़ी | बिहार में गंगा नदी से मिलती है |
4 | सोननदी | अमरकंटक पठार, मध्य प्रदेश | पटना के पास गंगा से मिलती है |
गंगा में दाहिनी ओर (दक्षिणी दिशा) से मिलने वाली उपसहायक नदियाँ
क्रमांक | नदी | उद्गम स्थल | मिलन स्थान |
---|---|---|---|
1 | चम्बल | मध्य प्रदेश, जनापाव पहाड़ी | इटावा, उत्तर प्रदेश में यमुना से मिलती है। |
2 | टोंस | उत्तराखंड के बंदरपूंछ पर्वत से 6,315 मीटर की ऊंचाई पर | देहरादून के पास कालसी क्षेत्र के नीचे यमुना में जाकर मिलती है। |
3 | बेतवा | मध्य प्रदेश, विंध्याचल पर्वतमाला | हमीरपुर, उत्तर प्रदेश में यमुना से मिलती है। |
4 | गिरि | हिमाचल प्रदेश, शिवालिक पर्वत | यमुना नदी से मिलती है। |
5 | आसन | उत्तराखंड | यमुना नदी से मिलती है। |
6 | केन | मध्य प्रदेश, विंध्याचल क्षेत्र | यमुना नदी से मिलती है। |
गंगा में बाईं ओर (उत्तरी दिशा) से मिलने वाली सहायक नदियाँ
क्रमांक | नदी | उद्गम स्थल | मिलन स्थान |
---|---|---|---|
1 | रामगंगा | कुमाऊँ हिमालय, उत्तराखंड | कन्नौज के पास गंगा से मिलती है। |
2 | गोमती | पीलीभीत, उत्तराखंड | गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में गंगा से मिलती है। |
3 | घाघरा (सरयू) | तिब्बत | बलिया, उत्तर प्रदेश में गंगा से मिलती है। |
4 | गंडक | नेपाल, त्रिशूल पर्वत | सोनपुर, बिहार में गंगा से मिलती है। |
5 | बूढ़ी गंडक | नेपाल, शिवालिक पर्वत | खगड़िया ज़िले में, खगड़िया शहर के निकट गंगा नदी में मिल जाती है। |
5 | कोसी | तिब्बत और नेपाल, गोसाईधाम | कटिहार, बिहार में गंगा से मिलती है। |
6 | महानंदा | दार्जिलिंग जिले का हिमालयी क्षेत्र | बांग्लादेश में पद्मा (गंगा) नदी से मिलती है। |
गंगा में बाईं ओर (उत्तरी दिशा) से मिलने वाली उपसहायक नदियाँ
क्रमांक | नदी | उद्गम स्थल | मिलन स्थान |
---|---|---|---|
1 | बागमती | नेपाल में हिमालय की महाभारत श्रेणियों में स्थित बागद्वार | कमला नदी से मिलने के बाद बोर्नेस्थान, बिहार में यह कोसी नदी में मिल जाती है। |
2 | करनाली (सरयू) | तिब्बत के पठार पर स्थित मापचांचुगों हिमनद | करनाली अथवा कर्णाली नदी नेपाल से होकर दक्षिण-पूर्व में बहते हुए सिवालिक पर्वतमाला को पार करके यह दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है और आगे जाकर भारतीय सीमा के दक्षिण में फिर से जुड़ती हैं और घाघरा का निर्माण करती हैं। |
3 | शारदा (महाकाली) | उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में नंदा देवी पर्वतमाला के पूर्वी ढलानों से | बहराइच के दक्षिण-पश्चिम में घाघरा नदी से मिल जाती है। |
4. यमुना नदी और उसकी सहायक नदियाँ
यमुना नदी, गंगा की प्रमुख सहायक है और उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में बहती है। इसकी धारा कृषि, पानी की आपूर्ति और जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
सहायक नदियाँ:
- चंबल: चंबल नदी, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से बहती है और यमुना में मिलती है। यह क्षेत्र की जलवायु और कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
- सिंध: सिंध नदी, राजस्थान और हरियाणा से होकर बहती है और यमुना की सहायक नदी है।
- बेतवा: बेतवा नदी, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से बहती है और यमुना में मिलती है।
- केन: केन नदी, मध्य प्रदेश से शुरू होकर यमुना में मिलती है।
- टोंस: टोंस नदी, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के क्षेत्रों से बहती है और यमुना में विलीन होती है।
- हिन्डन: हिन्डन नदी, उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बहती है और यमुना में मिलती है।
5. गोदावरी नदी और उसकी सहायक नदियाँ
गोदावरी नदी, दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी है और इसे ‘दक्षिण की गंगा’ भी कहा जाता है। यह नदी महाराष्ट्र से शुरू होती है और बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
सहायक नदियाँ:
- इंद्रावती: इंद्रावती नदी, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के क्षेत्रों से होकर बहती है और गोदावरी में विलीन होती है।
- मंजिरा: मंजिरा नदी, महाराष्ट्र और तेलंगाना के क्षेत्रों से बहती है और गोदावरी में मिलती है।
- बिन्दुसार: बिन्दुसार नदी, गोदावरी की सहायक है और महाराष्ट्र के क्षेत्रों से बहती है।
- सरबरी: सरबरी नदी, गोदावरी की एक प्रमुख सहायक है जो महाराष्ट्र से बहती है।
- पेनगंगा: पेनगंगा नदी, गोदावरी की सहायक है और महाराष्ट्र से शुरू होकर गोदावरी में मिलती है।
- प्राणहिता: प्राणहिता नदी, गोदावरी की एक महत्वपूर्ण सहायक है और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से बहती है।
6. कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदियाँ
कृष्णा नदी, दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है जो महाराष्ट्र से शुरू होकर आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बहती है और बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
सहायक नदियाँ:
- तुंगभद्रा: तुंगभद्रा नदी, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के क्षेत्रों से बहती है और कृष्णा में मिलती है।
- घटप्रभा: घटप्रभा नदी, कर्नाटक से शुरू होती है और कृष्णा में विलीन होती है।
- मालाप्रभा: मालाप्रभा नदी, कर्नाटक से बहती है और कृष्णा में मिलती है।
- भीम: भीम नदी, कर्नाटक और महाराष्ट्र से बहती है और कृष्णा की सहायक है।
- वेदावती: वेदावती नदी, कर्नाटक से बहती है और कृष्णा में विलीन होती है।
- कोयना: कोयना नदी, महाराष्ट्र से निकलती है और कृष्णा में मिलती है।
7. कावेरी नदी और उसकी सहायक नदियाँ
कावेरी नदी, दक्षिण भारत की प्रमुख नदियों में से एक है और तमिलनाडु और कर्नाटक के क्षेत्रों से बहती है। इसे ‘कावेरी माता’ भी कहा जाता है।
सहायक नदियाँ:
- काबिनी: काबिनी नदी, कर्नाटक से बहती है और कावेरी में मिलती है।
- हेमावती नदी: हेमावती नदी कर्नाटक के क्षेत्रों से बहती है और कावेरी में विलीन होती है।
- सिम्शा नदी: सिम्शा नदी, कर्नाटक से बहती है और कावेरी में मिलती है।
- अर्कावती नदी: अर्कावती नदी, कर्नाटक से बहती है और कावेरी में मिलती है।
- भवानी नदी: भवानी नदी, तमिलनाडु से बहती है और कावेरी में विलीन होती है।
8. नर्मदा नदी और उसकी सहायक नदियाँ
नर्मदा नदी, मध्य भारत की एक प्रमुख नदी है जो गुजरात और मध्य प्रदेश के क्षेत्रों से बहती है और अरब सागर में मिलती है।
सहायक नदियाँ:
- अमरावती: अमरावती नदी, मध्य प्रदेश से बहती है और नर्मदा में विलीन होती है।
- भुखी: भुखी नदी, नर्मदा की सहायक है और मध्य प्रदेश के क्षेत्रों से बहती है।
- तवा: तवा नदी, मध्य प्रदेश से बहती है और नर्मदा में मिलती है।
- बंगेर: बंगेर नदी, नर्मदा की एक प्रमुख सहायक है जो मध्य प्रदेश से बहती है।
9. दामोदर नदी और उसकी सहायक नदियाँ
दामोदर नदी, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बहती है और हुगली नदी में मिलती है। यह नदी कोयला क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
सहायक नदियाँ:
- बराकर: बराकर नदी, झारखंड से बहती है और दामोदर में मिलती है।
- कोनार: कोनार नदी, झारखंड से बहती है और दामोदर में विलीन होती है।
10. रावी नदी और उसकी सहायक नदियाँ
रावी नदी, हिमालय के क्षेत्र से बहती है और पाकिस्तान में सिंधु नदी में मिलती है। यह नदी भारतीय पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है।
सहायक नदियाँ:
- बुधिल: बुधिल नदी, रावी की सहायक है और जम्मू और कश्मीर से बहती है।
- नई या धोना: नई या धोना नदी, रावी की एक प्रमुख सहायक है।
- सिउल: सिउल नदी, जम्मू और कश्मीर से बहती है और रावी में विलीन होती है।
- ऊझ: ऊझ नदी, जम्मू और कश्मीर से बहती है और रावी में मिलती है।
11. महानदी नदी और उसकी सहायक नदियाँ
महानदी नदी, मध्य और पूर्व भारत की एक प्रमुख नदी है जो छत्तीसगढ़ से शुरू होकर उड़ीसा में बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
सहायक नदियाँ:
- सिवनाथ: सिवनाथ नदी, छत्तीसगढ़ से बहती है और महानदी में मिलती है।
- हसदेव: हसदेव नदी, छत्तीसगढ़ से बहती है और महानदी में विलीन होती है।
- जोंक: जोंक नदी, ओडिशा से बहती है और महानदी में मिलती है।
- मंड: मंड नदी, छत्तीसगढ़ से बहती है और महानदी में मिलती है।
- इब: इब नदी, ओडिशा से बहती है और महानदी में विलीन होती है।
- ओंग: ओंग नदी, ओडिशा से बहती है और महानदी में मिलती है।
- तेल: तेल नदी, ओडिशा से बहती है और महानदी में विलीन होती है।
इन नदियों और उनकी सहायक नदियों का विस्तृत नेटवर्क भारत की प्राकृतिक सुंदरता और संसाधनों की समृद्धि को दर्शाता है। ये नदियाँ न केवल जल संसाधन और कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति की भी महत्वपूर्ण धारा हैं।
भारत की प्रमुख नदियों की सहायक नदियों की सूची (टेबल)
यहां भारत की प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों की जानकारी को एक तालिका (टेबल) में व्यवस्थित किया गया है:
मुख्य नदी | प्रमुख सहायक नदियाँ |
---|---|
सिंधु | सतलुज, द्रास, जांस्कर, श्योक, गिल्गिट, सुरु |
ब्रह्मपुत्र | दिबांग, लोहित, जिया भोरेली (कामेंग), दिखौव, सुबानसिरी, मानस |
गंगा | गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी, यमुना, सोन, हुगली |
यमुना | चंबल, सिंध, बेतवा, केन, टोंस, हिन्डन |
गोदावरी | इंद्रावती, मंजिरा, बिन्दुसार, सरबरी, पेनगंगा, प्राणहिता |
कृष्णा | तुंगभद्रा, घटप्रभा, मालाप्रभा, भीम, वेदावती, कोयना |
कावेरी | काबिनी, हेमावती, सिम्शा, अर्कावती, भवानी |
नर्मदा | अमरावती, भुखी, तवा, बंगेर |
दामोदर | बराकर, कोनार |
रावी | बुधिल, नई या धोना, सिउल, ऊझ |
महानदी | सिवनाथ, हसदेव, जोंक, मंड, इब, ओंग, तेल |
इन्हें भी देखें –
- सिन्धु नदी तन्त्र | सिन्धु और सहायक नदियाँ | Indus River System
- ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र | ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियाँ
- गंगा नदी तंत्र और सहायक नदियाँ | भारत की जीवनदायिनी नदी
- यमुना नदी तंत्र और सहायक नदियाँ | हिमालय से गंगा तक का सफर
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