नीति आयोग | भारत के विकास की नई दिशा

भारत के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में स्थापित नीति आयोग, राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (National Institution for Transforming India – NITI Aayog), भारतीय सरकार का एक प्रमुख थिंक-टैंक है। इसका उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देना है ताकि सरकार जनता के हित में नीतियों और योजनाओं का निर्माण कर सके। 1 जनवरी 2015 को स्थापित यह गैर-संवैधानिक और गैर-वैधानिक निकाय (Non-Constitutional/Non-Statutory Body) है। इसकी स्थापना के पीछे का उद्देश्य योजना आयोग की जगह लेना और आधुनिक भारत की आवश्यकताओं को देखते हुए एक नई दिशा में विकास की रणनीति बनाना है।

नीति आयोग का निर्माण और उद्देश्य

वर्तमान आर्थिक परिदृश्य और विकास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने नीति आयोग की स्थापना की थी। इससे पहले योजना आयोग (Planning Commission) भारत के विकास की योजनाओं को तैयार करने और कार्यान्वित करने का काम करता था, लेकिन योजना आयोग की कार्यप्रणाली और उसकी सीमाओं को देखते हुए यह महसूस किया गया कि भारत की विकास की गति को तेज़ करने के लिए एक नए प्रकार के संगठन की आवश्यकता है। इस विचार के साथ नीति आयोग का गठन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रतिस्पर्धी संघवाद और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना था।

नीति आयोग का का मुख्यालय और संरचना

नीति आयोग का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। इसकी संरचना अत्यधिक संगठित और व्यवस्थित है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर सलाहकार और अधिकारी शामिल हैं जो विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देते हैं। इस आयोग के अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं, जो पूरे आयोग के कामकाज की निगरानी और मार्गदर्शन करते हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पद को संभाल रहे हैं।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी हैं, जो आयोग के संचालन और उसकी विभिन्न गतिविधियों का प्रबंधन करते हैं। आयोग में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में श्री वी. के. सारस्वत, श्री रमेश चंद और डॉ. वी. के. पॉल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, नीति आयोग में पदेन सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्री जैसे कि श्री राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री), श्री अमित शाह (गृह मंत्री), श्रीमती निर्मला सीतारमण (वित्त मंत्री एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री) और श्री नरेन्द्र सिंह तोमर (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री) शामिल हैं।

नीति आयोग के प्रमुख कार्य

नीति आयोग का मुख्य कार्य सरकार को सलाह देना है ताकि वह देश की आवश्यकताओं और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप नीतियां और योजनाएं बना सके। यह आयोग विभिन्न आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर सरकार को दिशा-निर्देश देता है और इसके लिए विभिन्न आंकड़ों और शोध का उपयोग करता है। आयोग का मुख्य उद्देश्य देश के विकास को गति देना और इसके लिए आवश्यक सुधारों को लागू करना है।

नीति आयोग को दो मुख्य हब्स में विभाजित किया गया है:

  1. टीम इंडिया हब (Team India Hub): इसका मुख्य कार्य राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्थापित करना है। यह हब नीति आयोग को संघवाद के संदर्भ में अधिक प्रभावी बनाने का काम करता है। इसके माध्यम से राज्यों और केंद्र सरकार के बीच संवाद को बढ़ावा दिया जाता है ताकि सभी स्तरों पर विकास की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।
  2. नॉलेज एंड इनोवेशन हब (Knowledge and Innovation Hub): यह हब नीति आयोग को बेहतर बनाने के लिए ज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में शोध और विकास को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि आयोग बेहतर और अधिक प्रभावी नीतियों का निर्माण कर सके।

नीति आयोग के प्रमुख सदस्य और उनकी भूमिकाएँ

नीति आयोग में कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी शामिल हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर आयोग के कार्यों का संचालन करते हैं। इनमें पूर्णकालिक सदस्य, पदेन सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होते हैं।

  • पूर्णकालिक सदस्य: पूर्णकालिक सदस्य नीति आयोग के विभिन्न कार्यक्रमों और नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। वर्तमान में श्री वी. के. सारस्वत, श्री रमेश चंद और डॉ. वी. के. पॉल पूर्णकालिक सदस्य के रूप में कार्यरत हैं।
  • पदेन सदस्य: ये सदस्य केंद्रीय मंत्री होते हैं जो विभिन्न मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये सदस्य आयोग के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों में सहयोग करते हैं। वर्तमान में श्री राजनाथ सिंह, श्री अमित शाह, श्रीमती निर्मला सीतारमण और श्री नरेन्द्र सिंह तोमर पदेन सदस्य हैं।
  • विशेष आमंत्रित सदस्य: विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में ऐसे व्यक्ति शामिल होते हैं जो विशेष अनुभव या विशेषज्ञता रखते हैं। वर्तमान में श्री नितिन जयराम गडकरी (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री), श्री थावर चंद गहलोत (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री), श्री पीयूष गोयल (रेल मंत्री) और श्री राव इंद्रजीत सिंह (सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री) विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हैं।

नीति आयोग के कार्य और उद्देश्य

नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देना है। इसके लिए आयोग विभिन्न नीतियों का निर्माण करता है और उन्हें सरकार को प्रस्तुत करता है। नीति आयोग के तहत विकसित नीतियां भारत के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं और इसके लिए सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करती हैं।

नीति आयोग का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य सरकार की योजनाओं का मूल्यांकन और समीक्षा करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये योजनाएं अपने उद्देश्यों को पूरा कर रही हैं या नहीं। आयोग विभिन्न योजनाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करता है और उनके सुधार के लिए सुझाव देता है।

नीति आयोग की महत्वपूर्ण पहल

नीति आयोग ने अपने गठन के बाद से ही कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की है। इनमें से कुछ प्रमुख पहलें इस प्रकार हैं:

  1. आत्मनिर्भर भारत अभियान: इस अभियान का उद्देश्य भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत नीति आयोग ने विभिन्न नीतियों और योजनाओं का निर्माण किया है ताकि देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके और रोजगार के अवसरों का सृजन किया जा सके।
  2. स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: नीति आयोग ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी कई सुधारों की शुरुआत की है। इसके तहत शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता में सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं का निर्माण किया गया है।
  3. सतत विकास लक्ष्य: नीति आयोग सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) को प्राप्त करने के लिए भी सक्रिय है। इसके तहत आयोग ने विभिन्न योजनाओं का निर्माण किया है ताकि देश में सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

नीति आयोग और राज्यों के बीच संबंध

नीति आयोग का एक महत्वपूर्ण कार्य राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय स्थापित करना है। इसके तहत आयोग राज्यों को विभिन्न योजनाओं और नीतियों के निर्माण में सहयोग प्रदान करता है। इसके लिए आयोग राज्यों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करता है और उनके मुद्दों को समझने का प्रयास करता है।

नीति आयोग के तहत विकसित योजनाएं और नीतियां राज्यों को अपने विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके तहत राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और उन्हें विकास की दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं।

नीति आयोग, योजना आयोग की जगह लेते हुए भारत के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिस्पर्धी संघवाद और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना है और इसके लिए आयोग विभिन्न नीतियों का निर्माण करता है। नीति आयोग के तहत देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलों की शुरुआत की गई है और इसके लिए राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्थापित किया जाता है। नीति आयोग का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है और यह भारत सरकार का एक प्रमुख थिंक-टैंक है जो देश के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

Polity – KnowledgeSthali


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