पदबन्ध (Phrase) | परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

पदबन्ध (Padbandh) एक साहित्यिक संज्ञा है जो संस्कृत व्याकरण और साहित्य में प्रयोग होती है। यह शब्द दो शब्दों “पद” और “बन्ध” से मिलकर बना है। “पद” का अर्थ होता है शब्द या वाक्यांश, और “बन्ध” का अर्थ होता है बंधन या जोड़ना। इस प्रकार, पदबन्ध का अर्थ है शब्दों या वाक्यांशों का विशेष प्रकार से संयोजन या जोड़ना।

संस्कृत व्याकरण और साहित्य में, पदबन्ध का प्रयोग विशेष प्रकार के काव्य या श्लोक रचनाओं के संदर्भ में होता है जहां शब्दों का प्रयोग विशिष्ट नियमों और संरचनाओं के तहत किया जाता है। इसमें शब्दों की सही क्रमबद्धता, छंद, अलंकार और अन्य साहित्यिक उपकरणों का प्रयोग महत्वपूर्ण होता है।

उदाहरण के लिए, संस्कृत के श्लोकों में शब्दों और वाक्यांशों का ऐसा संयोजन जो श्लोक के छंद और लय को बनाता है, उसे पदबन्ध कहा जा सकता है।

पदबन्ध (Phrase) किसे कहते हैं? | पदबन्ध की परिभाषा

पदबन्ध का अर्थ है ऐसे शब्दों का समूह जो एक साथ मिलकर एक पूर्ण अर्थ या वाक्य को व्यक्त करते हैं। यह समूह किसी वाक्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है, जैसे संज्ञा पदबंध, विशेषण पदबंध, क्रिया पदबंध आदि।

इन पदबंधों का उपयोग वाक्य में सुसंगतता और स्पष्टता लाने के लिए किया जाता है।

पदबन्ध: एक विस्तृत परिचय

वाक्य रचना में जब कुछ शब्द मिलकर वही काम करते हैं जो एक अकेला शब्द करता है, तो ऐसे शब्दों के समूह को पदबन्ध कहा जाता है। पदबन्ध व्याकरणिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे वाक्यों का सही और सुन्दर रूप तैयार होता है।

पदबन्ध के भेद (प्रकार)

पदबन्ध मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं:

  1. संज्ञा पदबन्ध (Noun Phrase)
  2. सर्वनाम पदबन्ध (Pronoun Phrase)
  3. विशेषण पदबन्ध (Adjective Phrase)
  4. क्रिया पदबन्ध (Verb Phrase)
  5. क्रिया विशेषण पदबन्ध (Adverbial Phrase)

इन पदबन्धों को उदाहरण सहित विस्तार से आगे दिया गया है –

1. संज्ञा पदबन्ध (Noun Phrase)

संज्ञा और संज्ञा के लिए प्रयुक्त शब्द संज्ञा पदबन्ध कहलाते हैं। इसमें एक विशेषण और संज्ञा का संयोजन होता है।

उदाहरण:

“गहरा काला कुत्ता भौंक रहा था।”

इस वाक्य में “गहरा काला कुत्ता” संज्ञा पदबन्ध है, जहाँ “गहरा” और “काला” विशेषण हैं और “कुत्ता” संज्ञा है।

2. सर्वनाम पदबन्ध (Pronoun Phrase)

सर्वनाम और सर्वनाम के लिए प्रयुक्त विशेषण आदि पद सर्वनाम पदबन्ध कहलाते हैं। इसमें एक विशेषण और सर्वनाम का संयोजन होता है।

उदाहरण:

“वह बहुत मोटा है।”

इस वाक्य में “वह बहुत मोटा” सर्वनाम पदबन्ध है, जहाँ “वह” सर्वनाम है और “बहुत मोटा” विशेषण है।

3. विशेषण पदबन्ध (Adjective Phrase)

विशेषण पदबन्ध में विशेषण और प्रविशेषण का संयोजन होता है। इसमें संज्ञा पदबन्ध और सर्वनाम पदबन्ध में से संज्ञा और सर्वनाम को हटा देने पर बचा हुआ भाग विशेषण पदबन्ध कहलाता है।

उदाहरण:

“मैंने बहुत सुन्दर हिरण देखा।”

इस वाक्य में “बहुत सुन्दर” विशेषण पदबन्ध है। इस वाक्य में “मैंने बहुत सुन्दर” सर्वनाम पदबंध है, जिसमे से “मैंने” (सर्वनाम) को निकाल देने पर बचा हुआ शब्द “बहुत सुन्दर” विशेषण पदबन्ध है। इसी प्रकार “बहुत सुन्दर हिरण” संज्ञा पदबन्ध है, इसमें से “हिरण” (संज्ञा) को निकाल देने पर बचा हुआ शब्द “बहुत सुन्दर” विशेषण पदबन्ध है।

4. क्रिया पदबन्ध (Verb Phrase)

क्रिया तथा क्रिया विशेषण मिलकर क्रिया पदबन्ध कहलाते हैं।

उदाहरण:

“वह बहुत सुन्दर नाची।”

इस वाक्य में “बहुत सुन्दर नाची” क्रिया पदबन्ध है।

5. क्रिया विशेषण पदबन्ध (Adverbial Phrase)

क्रिया विशेषण के साथ प्रक्रिया विशेषण जुड़ा हो तो उसे क्रिया विशेषण पदबन्ध कहते हैं। क्रिया पदबन्ध में से क्रिया को हटाने पर क्रिया विशेषण पदबन्ध बनता है।

उदाहरण:

“वह बहुत सुन्दर नाची।”

इस वाक्य में “बहुत सुन्दर” क्रिया विशेषण पदबन्ध है। दिए गए वाक्य में “बहुत सुन्दर नाची क्रिया पदबन्ध है जिसमे से नाची (क्रिया) को हटाने पर बचा हुआ शब्द “बहुत सुन्दर” क्रिया विशेषण पदबंध है।

पदबंध: संक्षिप्त विवरण

  1. विशेषण + संज्ञा = संज्ञा पदबन्ध
    • उदाहरण: गहरा काला कुत्ता (“गहरा काला कुत्ता भौंक रहा था।”)
  2. विशेषण + सर्वनाम = सर्वनाम पदबन्ध
    • उदाहरण: वह बहुत मोटा (“वह बहुत मोटा है।”)
  3. प्रविशेषण + विशेषण = विशेषण पदबन्ध
    • उदाहरण : बहुत सुन्दर (“मैंने बहुत सुन्दर हिरण देखा।”)
  4. क्रिया + क्रिया विशेषण = क्रिया पदबन्ध
    • उदाहरण : बहुत सुन्दर नाची (“वह बहुत सुन्दर नाची।”)
  5. प्रक्रिया विशेषण + क्रिया विशेषण = क्रिया विशेषण पदबन्ध
    • उदाहरण: बहुत सुन्दर (“वह बहुत सुन्दर नाची।”)

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