पद परिचय का मतलब होता है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। जब भी हम एक वाक्य का अध्ययन करते हैं, तो हमें पदों को पहचानना चाहिए कि वे किस भेद के अंतर्गत आते हैं। इसके बाद हमें पदों की व्याकरणिक भूमिकाओं का उल्लेख करना चाहिए।
वाक्य में शब्दों का प्रयोग होने पर उन्हें पद कहते हैं। यदि हम वाक्य के अंदर के शब्दों की गणना करें, तो वाक्य में पदों की संख्या हमें मिलेगी। वाक्य में प्रत्येक पद के स्वरूप और अन्य पदों के साथ उसका संबंध बताने की क्रिया को पद परिचय कहते हैं।
पद परिचय का उद्देश्य है वाक्य में प्रयुक्त पदों की स्थिति बताना, उनका लिंग, वचन, कारक और अन्य पदों के साथ संबंध बताना। इसमें पद के व्याकरणिक विशेषताओं का वर्णन होता है जो उस पद के प्रयोग के अनुरूप होते हैं। पद परिचय के माध्यम से हम वाक्य की व्याकरणिक बातचीत करते हैं और वाक्य में प्रयुक्त पदों की संरचना को समझते हैं।
इस प्रकार, पद परिचय एक महत्वपूर्ण व्याकरणिक अध्ययन है जिसके माध्यम से हम वाक्य में प्रयुक्त पदों की संख्या, उनका स्वरूप और अन्य पदों के साथ उनके संबंध को समझ सकते हैं। यह व्याकरण संबंधी ज्ञान की परीक्षा है और इस विद्या के सिद्धांतों का व्यावहारिक उपयोग पद परिचय का मुख्य उद्देश्य होता है।
पद परिचय किसे कहते हैं ?
जिस प्रकार हम अपना परिचय देते हैं ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने भी शब्द प्रयोग किये जाते हैं उन सभी शब्दों का भी परिचय होता है। पद परिचय को कुछ दूसरे नामों जैसे- ‘पदनिर्देशित’, ‘पदच्छेद’, ‘पदविन्यास’ से भी जाना जाता हैं। आसान भाषा में कहा जाये तो किसी वाक्य में जो भी शब्द दिए गए हैं उनमें कौन संज्ञा है, कौन सर्वनाम है, या कौन सी क्रिया है, कौन सा कारक है, उसका लिंग क्या है ,उसका वचन कौन सा है तथा अन्य पदों के साथ उसके संबंध आदि को बताना ही पद परिचय है। पद परिचय में सबसे पहले पद को पहचान लेना चाहिए कि वह शब्दों के किस भेद (प्रकार) से संबंधित है।
पद परिचय की परिभाषा
“शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त हो जाते हैं तो उन्हें पद कहते हैं। उन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय प्रस्तुत करना पद परिचय कहलाता है।”
“जब किसी वाक्य में कई शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं तो उन शब्दों को पद कहते हैं। इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है।”
पद परिचय के भेद (प्रकार)
प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-
संज्ञा शब्द का पद परिचय
किसी वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का पद परिचय करते समय उस शब्द में संज्ञा और संज्ञा के भेद को बताना होता है तथा साथ ही साथ संज्ञा का लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ संबंध बताना होता है।
उदाहरण- हिमालय भारत का पहाड़ है।
उपर्युक्त दिए गए वाक्य में ‘हिमालय’ ‘भारत’ और ‘पहाड़’ संज्ञा पद है। जिनका पद परिचय निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा-
हिमालय : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘है’ क्रिया का कर्ता है।
भारत : व्यक्तिवाचक संज्ञा, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंधकारक इस पद का संबंध ‘पहाड़’ से हैं।
पहाड़ : जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक।
उदाहरण- लंका में राम ने बाणों से रावण को मारा।
उपर्युक्त दिए गए वाक्य में ‘लंका’, ‘राम’, ‘बाणों’, और ‘रावण’ चार संज्ञा पद हैं। जिनका पद परिचय निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा-
लंका : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
राम : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
बाणों : संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, करण कारक।
रावण : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
सर्वनाम शब्द का पद परिचय
सर्वनाम शब्द का पद परिचय बताने में सर्वनाम का भेद, वचन, लिंग, कारक और वाक्य के अन्य पदों से संबंधों को बताना पड़ता है।
उदाहरण- जिसे आप लोगों ने बुलाया है, उसे अपने घर जाने दीजिए।
इस वाक्य में ‘जिसे’, ‘आप लोगों ने’, ‘उसे’ और ‘अपने’ पद सर्वनाम हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा।
जिसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
आपलोगों ने : पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्त्ता कारक।
उसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
अपने : निजवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।
विशेषण शब्द का पद परिचय
विशेषण शब्द का पद परिचय बताते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताया जाता है। इसमें विशेषण का लिंग वचन विशेष्य के अनुसार होता है।
उदाहरण- ये तीन मूर्तियां बहुत क़ीमती हैं।
उपर्युक्त वाक्य में ‘तीन’ ,’बहुत’ और ‘क़ीमती’ विशेषण हैं। इन दोनों विशेषणों का पद परिचय निम्नलिखित है-
तीन : संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इस विशेषण का विशेष्य ‘मूर्तियां’ हैं।
बहुत : संख्यावाचक,स्त्रीलिंग, बहुवचन।
क़ीमती : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन।
उदाहरण- सज्जन मनुष्य बहुत बातें नहीं बनाते।
इस वाक्य में ‘सज्जन’ और ‘बहुत’ विशेषण पद हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा :
सज्जन : विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन, इसका विशेष्य ‘मनुष्य’ है।
बहुत : विशेषण, संख्यावाचक, अनिश्चयवाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, ‘बातें’ इसका विशेष्य है।
उदाहरण – ये तीन किताबें बहुमूल्य हैं।
उपर्युक्त वाक्य में ‘तीन’ और ‘बहुमूल्य’ विशेषण हैं। इन दोनों विशेषणों का पदपरिचय निम्न तरीके से किया जा सकता है-
तीन : संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इस विशेषण का विशेष्य ‘किताब’ हैं।
बहुमूल्य : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन।
विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय
विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय बताने के लिए वाक्य में अव्यय, अव्यय का भेद और उससे संबंधित पद को बताया जाता है।
उदाहरण – वे प्रतिदिन जाते हैं।
वाक्य में ‘प्रतिदिन’ अव्यय है।
प्रतिदिन : कालवाचक अव्यय
जाना : क्रिया का विशेषण
उदाहरण- वाह ! कैसी अच्छी पुस्तक लाये।
वाह ! : विस्मयादिबोधक, आनन्द प्रकट करता है।
क्रियाविशेषण शब्द का पद परिचय
क्रियाविशेषण का पद परिचय करते समय क्रियाविशेषण का प्रकार और उस क्रिया पद का उल्लेख करना होता हैं, जिस क्रिया पद की विशेषता प्रकट करने के लिए क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है।
उदाहरण- लड़के उछलते हुए खेल रहे हैं।
इस वाक्य में ‘उछलते हुए’ क्रिया विशेषण है। इस क्रिया विशेषण का पद परिचय निम्न तरीके से होगा-
उछलते हुए : रीतिवाचक क्रिया विशेषण ‘खेलते है’ क्रिया की विशेषता बतलाता है।
उदाहरण- बहुत जल्द जाओ।
इस वाक्य में ‘बहुत’ और ‘जल्द’ क्रिया-विशेषण पद हैं। इनका पद परिचय इस प्रकार होगा।
बहुत : परिमाणवाचक क्रिया विशेषण और जल्द का गुणबोधक है।
जल्द : समयवाचक क्रिया विशेषण और क्रिया का काल बतलाता है।
उदाहरण- लड़की उछल कूद कर रही हैं।
इस वाक्य में ‘उछल कूद’ क्रियाविशेषण है।
उछल कूद : रीतिवाचक क्रियाविशेषण क्योंकि ‘कर रही है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।
क्रिया शब्द का पद परिचय
क्रिया के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, लिंग, वचन, पुरुष, और क्रिया से संबंधित शब्द का परिचय दिया जाता है।
उदाहरण – मोहन ने सोहन को मारा।
मारा : क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। ‘मारा’ क्रिया का कर्ता मोहन तथा कर्म सोहन है।
उदाहरण- श्याम ने भात खाकर पुस्तक पढ़ी।
इस वाक्य के ‘खाकर’ और ‘पढ़ी’ क्रिया पद हैं। इनका पद परिचय इस प्रकार होगा :
खाकर : पूर्वकालिक क्रिया, सकर्मक, कर्त्तृवाच्य, इसका कर्म ‘भात’ है।
पढ़ी : सकर्मक क्रिया, कर्मवाच्य, सामान्य भूतकाल, निश्चयार्थ प्रकार, स्त्रीलिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, इसका कर्त्ता ‘राम’ तथा कर्म ‘पुस्तक’ हैं।
उदाहरण- वे जाएँगे।
उपर्युक्त वाक्य में ‘जाएँगे’ क्रिया है। इस वाक्य का पद परिचय इस प्रकार से किया जा सकता है-
जाएँगे- कर्तृवाच्य, सामान्य भविष्यतकाल, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन। ‘जाएँगे’ क्रिया का कर्ता ‘वे’ हैं।
संबंधबोधक शब्द का पद परिचय
संबंधबोधक शब्द का पद परिचय में संबंधबोधक का भेद और संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित शब्द को बताना होता है।
उदाहरण- कुर्सी के नीचे बिल्ली बैठी है।
उपर्युक्त वाक्य में ‘के नीचे’ संबंधबोधक है। ‘कुर्सी’ और ‘बिल्ली’ इसके संबंधी शब्द हैं।
उदाहरण – पेड़ के नीचे चिड़िया बैठी है।
के नीचे : संबंधबोधक, पेड़ और चिड़िया इसके संबंधी शब्द हैं।
उदाहरण- इस सन्दूक के भीतर चार पुस्तकें और दो पत्र हैं।
इस वाक्य में ‘भीतर’ संबंध बोधक पद है। इसका पद परिचय निम्न प्रकार होगा-
भीतर : संबंध वाचक अव्यय, इसका संबंध ‘सन्दूक’ से है।
समुच्चयबोधक शब्द का पद परिचय
समुच्चयबोधक शब्द के पद परिचय करते समय समुच्चयबोधक का भेद और समुच्चयबोधक से संबंधित योजित शब्द को बताना होता है।
उदाहरण- कलकत्ता अथवा दिल्ली में पढ़ना ठीक है।
इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चय बोधक शब्द है। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा :
अथवा : विभाजक समुच्चय बोधक अव्यय ‘कलकत्ता’ और दिल्ली का विभाजक संबंध।
उदाहरण – दिल्ली अथवा कोटा में पढ़ना ठीक है।
इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चयबोधक शब्द है।
अथवा : विभाजक समुच्चयबोधक अव्यय है तथा ‘कोटा’ और दिल्ली के मध्य विभाजक संबंध।
पद परिचय के लिए आवश्यक तत्व क्या है?
पद परिचय के लिए आवश्यक तत्व (संकेत) निम्नलिखित है-
- संज्ञा- संज्ञा, संज्ञा के भेद (जातिवाचक, व्यक्तिवाचक, भाववाचक)
- लिंग – स्त्रीलिंग, पुलिंग
- कारक तथा क्रिया के साथ संबंध
- वचन- एकवचन, बहुवचन
- सर्वनाम- सर्वनाम के प्रकार (पुरुषवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, निजवाचक)
- लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंध
- विशेष्य- लिंग, वचन
- वाक्य- लिंग, वचन, काल, धातु।
- विशेषण – विशेषण के प्रकार (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक और सार्वनामिक)
- अवयव- अवयव के भेद (क्रिया, विशेषण, संबंधबोधक, समुचयबोधक, विस्मायादिबोधक)
सभी पदों के परिचय संक्षिप्त दृष्टि से मुख्यतः दो वर्गों में बांटे जा सकते है-
- विकारी शब्द
- अविकारी शब्द
विकारी शब्द
लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण पदों में विकार उत्पन्न होता है इसी कारण में विकारी शब्द कहा जाता है।
विकारी शब्द वे शब्द होते हैं जो आदिम से प्राप्त होते हैं और वाचक के मन में किसी विशेषार्थ की प्रतीति कराते हैं। इन शब्दों का अर्थ सीमित नहीं होता है और यह स्पष्ट रूप से प्रयोग और प्रयोजन के आधार पर बदल सकते हैं। इन शब्दों के प्रयोग से भाषा को विविधता और प्रभावशीलता मिलती है।
वे शब्द विकारी शब्द कहलाते हैं जो शब्दों के विभिन्न रूपों को दर्शाते हैं। इनके रूप शब्दों के कारक, वचन, लिंग, अव्यय आदि के अनुसार बदलते हैं। विकारी शब्दों के रूपों में शब्दों की अद्यावत्ता (बदलते रूप) का प्रतिबिम्ब होता है।
यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- रंगीली एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ रंग-बिरंगी या मनोरंजक होता है। इसका प्रयोग गानों, नृत्य और मनोरंजन से संबंधित स्थितियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
- बच्चा एक और उदाहरण है, जो विकारी शब्द है और बचपन, मासूमियत और ताजगी के आदिम संवेदनात्मक अर्थ को संकेतित करता है।
- बारिशी शब्द भी विकारी शब्द है, जिसे वर्षा से संबंधित प्राकृतिक प्रक्रियाओं और बरसाती मौसम की स्थितियों को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
कुछ दूसरे उदाहरण:
- विभक्ति के अनुसार:
- राम (प्रथम पुरुष एकवचन)
- रामे (प्रथम पुरुष बहुवचन)
- रामस्य (प्रथम पुरुष एकवचन)
- रामाय (प्रथम पुरुष एकवचन द्वितीया विभक्ति)
- कारक के अनुसार:
- राम (कर्ता)
- रामं (कर्म)
- रामेण (करण)
- रामाय (सम्बंध)
- वचन के अनुसार:
- कुत्ता (एकवचन)
- कुत्ते (बहुवचन)
- लिंग के अनुसार:
- बालक (पुल्लिंग)
- बालिका (स्त्रीलिंग)
- अव्यय के अनुसार:
- जल्दी (क्रिया विशेषण)
- जल्दीसे (उपसर्ग)
इस तरह, विकारी शब्दों के माध्यम से हम शब्दों के विभिन्न रूपों को समझते हैं और उनके व्याकरणिक परिवर्तनों को पहचानते हैं।
इन उदाहरणों में दिए गए शब्दों को विकारी शब्द कहा जाता है, क्योंकि इनका अर्थ परिवर्तनशील होता है और इनका प्रयोग विविधता और अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए होता है।
अविकारी शब्द
अविकारी शब्द अव्यय शब्द होते हैं जिन पर लिंग वचन काल पूर्व शादी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है जैसे– प्रातः काल, धीरे-धीरे, यहां वहा आदि।
वे शब्द अविकारी शब्द कहलाते हैं जो शब्दों के विभिन्न रूपों में कोई परिवर्तन नहीं करते हैं। ये शब्द अपरिवर्तनशील होते हैं और उनका रूप शब्द के कारक, वचन, लिंग, अव्यय आदि के अनुसार स्थिर रहता है।
यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- विभक्ति के अनुसार:
- बच्चा (प्रथम पुरुष एकवचन)
- बच्चे (प्रथम पुरुष बहुवचन)
- बच्चे (प्रथम पुरुष एकवचन द्वितीया विभक्ति)
- कारक के अनुसार:
- राम (कर्ता)
- राम (कर्म)
- राम (करण)
- राम (सम्बंध)
- वचन के अनुसार:
- घर (एकवचन)
- घर (बहुवचन)
- लिंग के अनुसार:
- सूर्य (पुल्लिंग)
- चंद्रमा (स्त्रीलिंग)
- अव्यय के अनुसार:
- यहाँ (क्रिया विशेषण)
- यहीं (उपसर्ग)
इन उदाहरणों में, शब्दों के रूप बदलने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। ये शब्द विभिन्न व्याकरणिक गुणों के साथ स्थिर रहते हैं।
पद परिचय पहचानने का नियम
पद परिचय पहचानने के लिए सबसे पहले संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक, अवधारक (निपात) आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसकी जानकारी होने के बाद निम्न नियमो से पद परिचय को जाना जा सकता है-
किसी दिए गए वाक्य में जिस शब्द का पद परिचय पूछा जाता है उस शब्द को रेखांकित अथवा बोल्ड कर दिया जाता है उसके पश्चात उस शब्द का पद परिचय पूछा जाता है, जिसको निम्न नियमो से जाना जा सकता है-
- यदि रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पक्षी, भाव,जाति आदि के बारे में बताता है तो वह शब्द संज्ञा है।
- यदि रेखांकित शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर शब्द का प्रयोग जैसे- मेरा, मै ,तुम, आपका, उस, वह आदि शब्द है तो वह शब्द सर्वनाम है।
- यदि रेखांकित शब्द किसी वस्तु, स्थान, पशु, पक्षी आदि की विशेषता बताता है अर्थात वह कैसा है- लंबा है, सुंदर है, डरावना है आदि तो वह शब्द विशेषण है।
- यदि रेखांकित शब्द वाक्य में प्रयुक्त क्रिया की विशेषता बताता है तो वह क्रिया विशेषण होता है। जैसे – क्रिया कब हो रही है (कल, अभी, दिनभर), क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप, अवश्य, तेजी से), क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर, ऊपर, आसपास), क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम, पर्याप्त, ज्यादा)
- यदि वाक्य का रेखांकित शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह संबंधबोधक अव्यय है। जैसे- के पास, के ऊपर, से दूर, के कारण, के लिए, की ओर
- यदि रेखांकित शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है। जैसे- और, अतएव, इसलिए, लेकिन
- यदि रेखांकित शब्द किसी विस्मय, हर्ष, घृणा, दुःख, पीड़ा आदि भावो को प्रकट करते है तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है। जैसे – अरे !, वाह !, अच्छा ! आदि।
- यदि रेखांकित शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है तो वह निपात है। जैसे:- भी, तो, तक, केवल, ही (वह ही तो था, तुम ही तो गए थे )
प्रयोग की विशिष्टता के कारण पद परिचय में होने वाली भिन्नता
हिन्दी भाषा में अनेक ऐसे शब्द हैं जो विभिन्न शब्द भेदों का कार्य करते हैं। वाक्य में वे प्रयोग के अनुसार ये शब्द कभी संज्ञा, कभी विशेषण तो कभी अव्यय बन जाते हैं। ऐसे शब्दों के कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं :-
अच्छा | संज्ञा | अच्छों की संगति में अच्छे हो जाओगे। |
विशेषण | अच्छे लड़के आज्ञाकारी होते हैं। | |
क्रिया-विशेषण | मुझे उसका गाना अच्छा लगा। | |
विस्मयादि बोधक | अच्छा! यह बात है। | |
एक | सर्वनाम | एक ने यह कहा। |
विशेषण | एक किताब मुझे भी दे दो। | |
क्रिया विशेषण | एक तो गालियाँ दीं, दूसरे क्रोध भी करते हो। | |
डूबता | क्रिया | मैं डूबता तो कोई-न-कोई बचा लेता। |
विशेषण | डूबते जहाज से दो सौ व्यक्ति निकाल लिए गए। | |
संज्ञा | डूबते को तिनके का सहारा। | |
भला | संज्ञा | सबका भला करो, भगवान। |
विशेषण | वह भला आदमी है। | |
क्रिया विशेषण | आप भले आए। | |
साथ | संज्ञा | दुःख में कौन किसी का साथ देता है। |
क्रिया विशेषण | सब लड़के साथ खेलते हैं। | |
सम्बन्ध बोधक | वह पिताजी के साथ जाने वाला था। | |
समुच्चय बोधक | उसे यह पुस्तक देना, साथ ही कहना कि ……। |
पद परिचय का उदाहरण
पद परिचय के उदाहरण नीचे दिए गए हैं:
रामचरितमानस की रचना तुलसीदास द्वारा की गई।
- रामचरितमानस: व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन , पुल्लिंग, कर्म कारक।
- तुलसीदास द्वारा: व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग , करण कारक।
- की गई : संयुक्त क्रिया , एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्मवाच्य, अन्य पुरुष।
वह दौड़कर विद्यालय गया।
- वह- अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, गया क्रिया का कर्ता।
- दौड़कर- पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया विशेषण, गया क्रिया की विशेषता बता रहा है।
- गया- मुख्य क्रिया, एकवचन,पुल्लिंग,भूतकाल,कर्तृवाच्य।
बाग में कुछ लोग बैठे हैं।
- बाग- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग,अधिकरण कारक।
- कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, विशेष्य लोग
- लोग- जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।
- बैठे हैं – अकर्मक क्रिया , बहुवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल
मैं आपको कुछ रुपए दूंगा।
- मै- उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन,पुल्लिंग,कर्ता कारक, दूंगा क्रिया का कर्ता।
- आपको- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, स्त्रीलिंग ,संप्रदान कारक।
- कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, विशेष्य रुपये।
- रुपए- जातिवाचक संज्ञा ,बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य , विशेषण:कुछ।
- दूंगा-सकर्मक क्रिया,एकवचन,पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, भविष्यकाल, कर्ता मैं।
भारतीय सैनिक रणक्षेत्र में वीरता दिखाते हैं और शत्रुओं को सबक सिखाते हैं।
- भारतीय: गुणवाचक विशेषण,पुल्लिंग, बहुवचन, विशेष्य- सैनिक
- सैनिक- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, कर्ता कारक, दिखाते हैं क्रिया का कर्ता।
- रणक्षेत्र में- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुर्ल्लिंग, अधिकरण कारक।
- वीरता -भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग,कर्म कारक।
- दिखाते हैं- सकर्मक क्रिया, बहुवचन, कतृवाचय, वर्तमान काल कार्यकर्ता सैनिक।
- और-समानाधिकरण समुच्चयबोधक दो वाक्यों को जोड़ने वाला।
- शत्रुओं को- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, कर्म कारक, पुल्लिंग।
- सबक- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, कर्म कारक।
- सिखाते हैं- सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, कृत्यवाच्य, वर्तमान काल कर्ता सैनिक।
वीरों की सदा जीत होती है।
- वीरों की- जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक ।
- सदा- कालवाचक क्रिया विशेषण।
- जीत- भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
- होती है- अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग,वर्तमान काल, कृत्यवाय।
इस संसार में ईमानदार बहुत कम है।
- इस- सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, संसार विशेष्य।
- संसार में- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, अधिकरण कारक।
- ईमानदार- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य- विशेषण ‘बहुत कम’।
- बहुत कम- गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ईमानदार।
अरे! आप आ गए।
- अरे! – विस्मयादिबोधक अव्यय, विस्मय का भाव प्रकट कर रहा है।
- आप- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम,एकवचन, पुल्लिंग ,कर्ता कारक।
कुछ महत्वपूर्ण पद परिचय
यहाँ महत्त्वपूर्ण पद परिचय दे रहे हैं।-
निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए-
सुरभि विद्यालय से अभी-अभी आई है।
उत्तर- संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक।
उसने मेरी बातें ध्यानपूर्वक सुनी।
उत्तर- रीतिवाचक, क्रियाविशेषण, ‘सुनना’ क्रिया की विशेषता।
शाबाश! तुमने बहुत अच्छा काम किया।
उत्तर- सर्वनाम, मध्यमपुरुष वाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक।
वहाँ दस छात्र बैठे हैं।
उत्तर- विशेषण, निश्चित संख्यावाचक, पुल्लिंग, बहुवचन।
परिश्रम के बिना सफलता नहीं मिलती।
उत्तर- संबंधबोधक अव्यय, परिश्रम के साथ संबंध।
दादा जी प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ती हैं।
उत्तर- एकवचन, क्रिया, स्त्रीलिंग।
रोहन यहाँ नहीं आया था।
उत्तर- सर्वनाम, स्थानवाचक क्रिया विशेषण।
वे मुंबई जा चुके हैं।
बहुवचन, सर्वनाम (पुरुषवाचक), कर्ता कारक।
परिश्रमी अंकिता अपना काम समय में पूरा कर लेती हैं।
उत्तर- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग विशेषता स्पष्ट करता है।
रवि रोज सवेरे दौड़ता है।
उत्तर- व्यक्ति वाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक।
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मैं तरस गया।
उत्तर- गाँव की- संज्ञा पद, संबंध कारक, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन
मिट्टी- संज्ञा पद, जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, कर्मकारक
मैं- सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, वर्ताकारक
तरस गया- क्रिया पदबंध, अकर्मकद्ध, भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन
मनुष्य केवल भोजन करने के लिए जीवित नहीं रहता है, बल्कि वह अपने भीतर की सूक्ष्म इच्छाओं की तृप्ति भी चाहता है।
उत्तर- मनुष्य- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक।
वह- सर्वनाम, एकवचन, पुरुषवाचक, पुल्लिंग, कर्ताकारक।
सूक्ष्म- विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, गुणवाचक।
चाहता- क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल।
आज विज्ञान व परमाणु-युग में सबसे नाजुक प्रश्न शान्ति ही है।
उत्तर- आज- क्रियाविशेषण, कालवाचक, है क्रिया का विशेषण।
विज्ञान- संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग।
नाजुक- विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग।
शान्ति- भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
मानव को इंसान बनाना अत्यन्त की कठिन कार्य है लेकिन असम्भव नहीं।
उत्तर- मानव को- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्मकारक।
कठिन- गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग।
कार्य- क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, भाववाचक।
लेकिन- समुच्चयबोधक अव्यय।
सुभाष पालेकर ने प्राकृतिक खेती की जानकारी अपनी पुस्तकों में दी है।
उत्तर- सुभाष पालेकर- व्यक्तिगत संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्त्ता।
प्राकृतिक- उपसर्ग एवं प्रत्यय, एकवचन, स्त्रीलिंग विशेषण।
जानकारी- एकवचन, स्त्रीलिंग, भाववाचक संज्ञा।
दी है- सकर्मक क्रिया, वर्तमान काल।
हिंदुस्तान वह सब कुछ है जो आपने समझ रखा है लेकिन वह इससे भी बहुत ज्यादा है।
उत्तर- हिंदुस्तान- व्यक्तिगत संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग।
आपने- सर्वनाम, पुरुषवाचक, एकवचन, पुल्लिंग।
लेकिन- समुच्चयबोधक अव्यय।
वह- सर्वनाम, अन्य पुरुषवाचक, एकवचन, पुल्लिंग।
बहुत- अनिश्चित परिमाणवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग।
भूषण वीर रस के कवि थे।
उत्तर-व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक ‘कवि थे’ क्रिया का कर्ता।
वह अपनी कक्षा का मॉनीटर है।
उत्तर-सर्वनाम, पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक है क्रिया का कर्ता।
धीरे-धीरे जाओ और बाजार से पेन ले आओ।
उत्तर-समानाधिकरण समुच्चयबोधक, दो शब्दों को जोड़ता है।
हमेशा तेज चला करो।
उत्तर-विशेषण-क्रिया विशेषण, ‘चला करो’ विशेषण का विशेष्य।
पद परिचय पर कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नो में रेखांकित पदों के सही पद परिचय का चयन करे।
Q. कल मेरे पापा दिल्ली गए।
A) क्रिया, सकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्मवाच्य
B) क्रिया, सकर्मक, बहुवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य
C) क्रिया, अकर्मक, बहुवचन, पुल्लिंग, भविष्यकाल, कर्तृवाच्य
D) क्रिया, अकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य
Answer (D)
Q. रेखा नित्य दौड़ने जाती है ।
A) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दौड़ने जाता है’ क्रिया की विशेषता
B) रीतिवाचक क्रिया विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दौड़ने जाता है’ क्रिया की विशेषता
C) अव्यय, स्थानवाचक क्रिया विशेषण, ‘दौड़ने जाती है’ क्रिया की विशेषता
D) अव्यय, कालवाचक क्रिया विशेषण, ‘दौड़ने जाती है’ क्रिया की विशेषता
Answer (D)
Q. अच्छी मिट्टी में फूल खिलते हैं।
A) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
B) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
C) सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
D) अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल, कर्तृ वाच्य
Answer (B)
Q. पीला गुलाब देखकर मन खुश हो गया।
A) संख्यावाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष
B) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष
C) परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष
D) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग, गुलाब विशेष्य का विशेष
Answer (B)
Q. राधिका ने आपको बुलाया है।
A) प्रथम पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
B) निजवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
C) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग/पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
D) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग/पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
Answer (C)
Q. मुंशी प्रेमचंद ने गोदान की रचना की।
A) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
B) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
C) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
D) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
Answer (C)
Q. रिया पटना जा रही है।
A) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
B) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
C) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक
D) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
Answer (B)
Q. राखी से मैं कल यहीं मिला था।
A) क्रिया, अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग एकवचन, कर्तृवाच्य
B) क्रिया, सकर्मक, पूर्ण भविष्य काल, पुल्लिंग एकवचन, कर्मवाच्य
C) क्रिया, अकर्मक, वर्तमान काल, स्त्रीलिंग एकवचन, कर्म वाच्य
D) क्रिया, अकर्मक, भूतकाल, पुल्लिंग, बहुवचन, भाववाच्य
Answer (A)
Q. वाह! कितना सुन्दर कुत्ता है।
A) अव्यय, विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
B) अव्यय, संबंध बोधक, शोक सूचक
C) क्रिया विशेषण, काल वाचक, कुत्ते की विशेषता बता रहा
D) अव्यय, विस्मयादिबोधक, हर्ष सूचक
Answer (D)
Q. सोहन पहली कक्षा में पढ़ता है।
A) विशेषण, संख्यावाचक, आवृत्तिसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य
B) विशेषण, परिमाणवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य
C) विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य
D) विशेषण, निश्चयवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा विशेष्य
Answer (C)
Q. बिल्ली पेड़ के नीचे बैठी हैं।
A) अव्यय, संबंधबोधक, पेड़ से संबंध
B) अव्यय, योजक
C) अव्यय, योजक बिल्ली और पेड़ के बीच सम्बन्ध बता रहा है
D) अव्यय, क्रिया विशेषण
Answer (A)
Q. अभिषेक किसे देख रहा है?
A) सर्वनाम, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्म कारक
B) सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक
C) सर्वनाम, पुल्लिंग, प्रश्नवाचक, कर्ताकारक
D) सर्वनाम, प्रश्नवाचक, एकवचन, कर्म कारक
Answer (D)
Q. घोड़ा तेज दौड़ रहा है।
A) अव्यय, कालवाचक क्रियाविशेषण
B) अव्यय, रीतिवाचक क्रियाविशेषण, दौड़ना क्रिया की विशेषता
C) अव्यय, स्थानवाचक क्रियाविशेषण, दौड़ना क्रिया की विशेषता
D) इनमें से कोई नहीं
Answer (B)
Q. गरीब किसान बहुत परिश्रम कर रहा है।
A) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य-किसान
B) संज्ञा, संख्यावाचक, पुल्लिंग, बहुवचन
C) विशेषण, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
D) इनमें से कोई नहीं
Answer (A)
Q. राम बाजार जा रहा है।
A) संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, सम्बन्ध कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्ता
B) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्ता
C) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
D) इनमें से कोई नहीं
Answer (B)
इन्हें भी देखें-
- रस- परिभाषा, भेद और उदाहरण
- छंद : उत्कृष्टता का अद्भुत संगम- परिभाषा, भेद और 100+ उदाहरण
- अलंकार- परिभाषा, भेद और 100 + उदाहरण
- समास – परिभाषा, भेद और 100 + उदहारण
- विशेषण (Adjective)- भेद तथा 50+ उदाहरण
- उपसर्ग किसे कहते हैं? भेद और 100+ उदाहरण
- प्रत्यय किसे कहते हैं? भेद एवं 100+ उदाहरण
- काल (Tense) किसे कहते है? भेद और 50+ उदाहरण
- लिंग (Gender) – परिभाषा, भेद और नियम
- क्रिया (Verb) किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद एवं 50+ उदाहरण
- सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं 50+उदाहरण
- संज्ञा (Noun) किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद एवं 50+ उदाहरण
- शब्द किसे कहते हैं? तत्सम, तद्भव, देशज एवं विदेशी शब्द
- वाच्य किसे कहते है?
- वाक्य किसे कहते है?