पैरासिटामोल (Paracetamol), जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) और ब्रांड नाम टाइलेनॉल (Tylenol) के रूप में जाना जाता है, दुनिया की सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली दर्द और बुखार कम करने वाली दवाओं में से एक है। गर्भावस्था में इसका उपयोग भी आम है क्योंकि यह अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाती है।
हालांकि हाल के वर्षों में, और विशेष रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद, पैरासिटामोल और ऑटिज़्म (Autism Spectrum Disorder – ASD) के बीच संभावित संबंध पर बहस छिड़ गई है। ट्रंप ने कहा कि गर्भवती महिलाओं द्वारा इसका अधिक उपयोग बच्चों में ऑटिज़्म का खतरा बढ़ा सकता है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे सुरक्षित बताया है।
तो आखिर सच क्या है? क्या पैरासिटामोल वास्तव में ऑटिज़्म से जुड़ा हो सकता है या यह केवल एक भ्रम है? आइए इस प्रश्न को गहराई से समझें।
पैरासिटामोल (Paracetamol) क्या है?
पैरासिटामोल एक ओवर-द-काउंटर (OTC) दवा है, जिसे बिना डॉक्टर की पर्ची के भी खरीदा जा सकता है।
उपयोग:
- बुखार कम करने में
- दर्द निवारण (सिरदर्द, दांत दर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों का दर्द, गठिया का हल्का दर्द)
- सर्दी-जुकाम और फ्लू से होने वाली बेचैनी
- मासिक धर्म की ऐंठन में राहत
लोकप्रियता:
इसकी लोकप्रियता का कारण यह है कि यह NSAIDs (जैसे Ibuprofen) की तरह पेट पर भारी असर नहीं डालती और गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है।
ऑटिज़्म (Autism Spectrum Disorder – ASD) क्या है?
ऑटिज़्म एक न्यूरो-डेवलपमेंटल विकार है। यानी यह दिमाग के विकास से जुड़ी ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति के व्यवहार, संवाद और सामाजिक संबंधों को प्रभावित करती है।
प्रमुख लक्षण:
- सामाजिक कठिनाई –
- आंखों से संपर्क बनाने में परेशानी
- बातचीत शुरू करने या जारी रखने में कठिनाई
- भावनाओं को व्यक्त करने और समझने में समस्या
- दोहराव वाले व्यवहार (Repetitive Behavior) –
- एक ही गतिविधि बार-बार करना
- हाथ फड़फड़ाना, शरीर झुलाना
- किसी रूटीन में बदलाव पर अत्यधिक बेचैनी
- सीमित रुचियां –
- केवल कुछ विशेष विषयों में असामान्य रूप से अधिक रुचि लेना
कारण:
ऑटिज़्म का एकल कारण नहीं है, बल्कि यह बहु-कारक स्थिति (Multifactorial Condition) है।
- जेनेटिक कारक (वंशानुगत)
- समय से पहले जन्म
- जन्म के दौरान जटिलताएं
- जन्म का कम वजन
- माता-पिता की उम्र (35 वर्ष से अधिक)
- गर्भावस्था में वैलप्रोइक एसिड या थैलिडोमाइड जैसी दवाओं का सेवन
इलाज:
फिलहाल ऑटिज़्म का कोई पूर्ण इलाज नहीं है।
- लेकिन दवाओं और थेरेपी (Speech Therapy, Behavioral Therapy, Occupational Therapy) की मदद से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
पैरासिटामोल और ऑटिज़्म का विवाद
डोनाल्ड ट्रंप का बयान
ट्रंप ने कहा कि:
“गर्भवती महिलाओं को पैरासिटामोल (टाइलेनॉल) का सेवन सीमित करना चाहिए क्योंकि यह बच्चों में ऑटिज़्म का खतरा बढ़ा सकता है।”
यह बयान स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में किए गए कई महीनों के अध्ययन के हवाले से दिया गया।
WHO का रुख
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साफ कहा:
- तारिक जसारेविक (WHO प्रवक्ता) –
“पैरासिटामोल एक सुरक्षित दवा है और इसका प्रेग्नेंसी में उपयोग बुखार और दर्द कम करने में मददगार है।” - डॉ. सौम्या स्वामीनाथन (पूर्व WHO चीफ साइंटिस्ट) ने भी अपनी रिसर्च में निष्कर्ष निकाला कि पैरासिटामोल के उपयोग से गर्भवती महिलाओं और भ्रूण को कोई बड़ा खतरा नहीं होता।
रिसर्च क्या कहती है?
- कुछ Observational Studies (अवलोकन आधारित अध्ययन) में पाया गया कि प्रेग्नेंसी के दौरान लंबे समय तक और अधिक खुराक में पैरासिटामोल लेने से बच्चे में न्यूरो-डेवलपमेंटल समस्याएं हो सकती हैं।
- लेकिन यह कारण-परिणाम संबंध (Causation) साबित नहीं करता। यह केवल सहसंबंध (Correlation) दिखाता है।
- अब तक कोई ठोस, व्यापक और निर्णायक सबूत नहीं मिला है कि पैरासिटामोल सीधे तौर पर ऑटिज़्म का कारण है।
वैज्ञानिक विश्लेषण: भ्रम और वास्तविकता
- Correlation बनाम Causation
- अगर किसी अध्ययन में पैरासिटामोल के अधिक उपयोग और ऑटिज़्म के बीच संबंध दिखता है, तो यह केवल सांयोगिक (Coincidental) भी हो सकता है।
- उदाहरण: जिन महिलाओं ने पैरासिटामोल ज्यादा लिया, उनमें पहले से ही अन्य समस्याएं हो सकती थीं जो बच्चे के मस्तिष्क विकास को प्रभावित करती हैं।
- गर्भावस्था में बुखार का खतरा
- प्रेग्नेंसी के दौरान बुखार आना स्वयं भ्रूण के लिए खतरनाक है।
- अगर मां बुखार में दवा न ले, तो भ्रूण में न्यूरोलॉजिकल डैमेज का खतरा और भी बढ़ सकता है।
- इस दृष्टि से पैरासिटामोल लेना फायदे का सौदा हो सकता है।
- लंबी अवधि बनाम सीमित उपयोग
- सामान्य खुराक और सीमित समय के लिए पैरासिटामोल सुरक्षित है।
- लेकिन लंबे समय तक और बार-बार उपयोग पर रिसर्च की आवश्यकता है।
वैश्विक बहस और नीति पर असर
- अमेरिका – ट्रंप और कैनेडी के बयान के बाद वहां पैरासिटामोल को लेकर चर्चा तेज हुई।
- यूरोप – कई शोध संस्थानों ने कहा कि जब तक निर्णायक सबूत नहीं आते, पैरासिटामोल को पूरी तरह खारिज करना गलत होगा।
- भारत – यहां पैरासिटामोल सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली OTC दवा है। भारतीय चिकित्सक अब भी इसे प्रेग्नेंसी में सुरक्षित मानते हैं।
सामान्य लोगों के लिए संदेश
- गर्भवती महिलाएं खुद से दवा न लें।
- किसी भी स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही पैरासिटामोल लें।
- निर्धारित खुराक का पालन करें।
- ज्यादा मात्रा में लगातार सेवन करने से लिवर को नुकसान हो सकता है।
- बेहतर विकल्प
- दर्द और बुखार की स्थिति में पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
- जीवनशैली में सुधार और प्राकृतिक तरीकों (हाइड्रेशन, आराम, हल्का व्यायाम) को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
पैरासिटामोल और ऑटिज़्म के बीच संबंध का दावा अब तक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं हुआ है।
- WHO और अधिकांश चिकित्सक इसे सुरक्षित मानते हैं।
- ट्रंप और कैनेडी का बयान चर्चा का विषय जरूर बना है, लेकिन यह निर्णायक तथ्य नहीं है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए असली खतरा पैरासिटामोल नहीं, बल्कि बिना इलाज के लंबे समय तक बना बुखार और दर्द हो सकता है।
इसलिए समझदारी यही है कि –
- दवा का प्रयोग हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- न तो बिना कारण डरें, न ही लापरवाह बनें।
पैरासिटामोल आज भी दुनिया की सबसे सुरक्षित और प्रभावी दवाओं में गिनी जाती है। हां, इसके उपयोग पर और शोध ज़रूरी है, ताकि हम और स्पष्ट निष्कर्ष पर पहुंच सकें।
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