‘प्रोजेक्ट आरोहण’ : NHAI की समावेशी शिक्षा और सामाजिक समानता की ओर ऐतिहासिक पहल

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में शिक्षा केवल व्यक्तिगत उन्नति का साधन ही नहीं, बल्कि सामाजिक समानता और आर्थिक सशक्तिकरण का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण भी है। समय–समय पर सरकारें और संस्थान वंचित वर्गों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू करते रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाल ही में एक अनूठी और सराहनीय पहल ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ (Project Aarohan) की शुरुआत की है। यह योजना विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर काम करने वाले टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों के लिए समर्पित है।

इस पहल का उद्देश्य केवल छात्रवृत्ति देना ही नहीं, बल्कि व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए विद्यार्थियों के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है। इस लेख में हम ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, प्रमुख विशेषताओं, कार्यान्वयन प्रक्रिया और इसके व्यापक सामाजिक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

पृष्ठभूमि और शुभारंभ

‘प्रोजेक्ट आरोहण’ का शुभारंभ नई दिल्ली स्थित NHAI मुख्यालय में चेयरमैन श्री संतोष कुमार यादव द्वारा किया गया। इस पहल में वर्टिस इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट का सहयोग लिया गया है। यह योजना उन परिवारों के लिए तैयार की गई है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों पर कार्य करते हैं, विशेषकर टोल प्लाज़ा पर तैनात कर्मचारी।

भारत में टोल प्लाज़ा पर हजारों कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से अधिकांश निम्न और मध्यम आय वर्ग से आते हैं। इन कर्मचारियों के बच्चों को प्रायः गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कैरियर अवसर नहीं मिल पाते। ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ इसी खाई को पाटने का प्रयास है।

उद्देश्य और दृष्टिकोण

‘प्रोजेक्ट आरोहण’ का केंद्रीय उद्देश्य है समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना और उन समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ना जो सामाजिक–आर्थिक रूप से वंचित हैं। इसके प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार हैं:

  1. निम्न आय वर्ग की लड़कियों को उच्च शिक्षा तक पहुँच दिलाना।
  2. प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करना।
  3. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों को अवसर प्रदान करना।
  4. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से भविष्य के राष्ट्रनिर्माताओं का निर्माण करना।

इस प्रकार यह योजना केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा के माध्यम से सामाजिक समानता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक ठोस कदम है।

प्रमुख विशेषताएँ

‘प्रोजेक्ट आरोहण’ को अन्य छात्रवृत्ति योजनाओं से अलग और विशेष बनाने वाली कई बातें हैं:

  • वित्तीय सहयोग:
    • 500 छात्रों (कक्षा 11 से स्नातक अंतिम वर्ष तक) को प्रतिवर्ष ₹12,000 की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
    • 50 मेधावी छात्रों (स्नातकोत्तर या उच्च शिक्षा स्तर पर) को प्रतिवर्ष ₹50,000 की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
  • समग्र सहयोग:
    • केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को संरचित मेंटरशिप, कौशल विकास कार्यशालाएँ, करियर मार्गदर्शन और उद्यमिता सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।
  • पारदर्शी चयन प्रक्रिया:
    • पूरी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
    • आवेदकों को शैक्षणिक प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और वैध पहचान पत्र प्रस्तुत करने होंगे।
    • चयन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होगा।
  • नवीनीकरण व्यवस्था:
    • योग्य छात्रों को हर वर्ष इस सहायता का लाभ निरंतर मिलता रहे, इसके लिए नवीनीकरण की व्यवस्था होगी।

कार्यान्वयन और वित्तपोषण

‘प्रोजेक्ट आरोहण’ का कार्यान्वयन SMEC ट्रस्ट द्वारा भारत केयर्स (India Cares) के सहयोग से किया जाएगा। इसके पहले चरण के लिए जुलाई 2025 से मार्च 2026 तक का समय निर्धारित किया गया है। इस चरण के लिए ₹1 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।

वित्तपोषण की यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि योजना का लाभ केवल कागज़ों तक सीमित न रहकर वास्तव में पात्र विद्यार्थियों तक पहुँचे।

छात्रवृत्ति से आगे : समग्र विकास

‘प्रोजेक्ट आरोहण’ का सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि यह केवल छात्रवृत्ति प्रदान करने तक सीमित नहीं है। बल्कि यह विद्यार्थियों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके अंतर्गत:

  1. मेंटोरशिप प्रोग्राम: अनुभवी विशेषज्ञ और प्रोफेशनल विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देंगे।
  2. कौशल विकास कार्यशालाएँ: आधुनिक कौशल जैसे आईटी, संचार कौशल, नेतृत्व क्षमता आदि पर विशेष प्रशिक्षण।
  3. करियर मार्गदर्शन: विभिन्न क्षेत्रों में करियर विकल्पों के बारे में जानकारी और सही दिशा।
  4. उद्यमिता सहयोग: स्वरोजगार और स्टार्टअप संस्कृति के प्रति जागरूकता और सहयोग।

निष्पक्ष पहुँच और चयन प्रक्रिया

इस योजना की विश्वसनीयता का सबसे महत्वपूर्ण आधार है इसकी पारदर्शिता। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, जिससे किसी भी तरह की अनियमितता की संभावना न्यूनतम हो जाएगी।

विद्यार्थियों को केवल आवश्यक प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने होंगे और चयन पूरी तरह से योग्यता और पात्रता के आधार पर होगा। साथ ही, पात्र विद्यार्थियों को हर वर्ष अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए छात्रवृत्ति का नवीनीकरण भी मिलेगा।

ढाँचागत विकास से मानव पूँजी निर्माण तक

भारत में अब तक अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) विकास पर अधिक ध्यान दिया गया है। NHAI ने सड़क और राजमार्ग निर्माण में उत्कृष्ट योगदान दिया है। लेकिन अब ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ के माध्यम से NHAI ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भौतिक अवसंरचना के साथ–साथ मानव पूँजी निर्माण भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

शिक्षा और मेंटरशिप में निवेश केवल व्यक्तिगत जीवन बदलने तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह परिवारों, समुदायों और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

सामाजिक परिवर्तन की साझेदारी

यह योजना केवल टोल कर्मचारियों के बच्चों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता के व्यापक लक्ष्य की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

शिक्षा का लाभ जब हाशिए पर खड़े समुदायों तक पहुँचता है, तो यह समाज में संतुलन और स्थिरता लाने का काम करता है। यह पहल उन वर्गों को सशक्त बनाएगी जिन्हें अब तक उच्च शिक्षा से वंचित रहना पड़ा।

देशव्यापी पहुँच

भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क हजारों किलोमीटर में फैला है और टोल प्लाज़ा देशभर में फैले हुए हैं। इस दृष्टि से ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ का लाभ देशव्यापी स्तर पर महसूस किया जा सकेगा।

यह केवल कुछ सौ बच्चों की सहायता नहीं करेगा, बल्कि लंबे समय में हजारों परिवारों और समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए सशक्त और आत्मनिर्भर समाज निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

संभावित चुनौतियाँ

हर योजना के सामने कुछ चुनौतियाँ भी होती हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता:

  1. आवेदन प्रक्रिया की जागरूकता दूरस्थ क्षेत्रों में पहुँचाना।
  2. चयन प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शी बनाए रखना।
  3. छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन।
  4. योजना का निरंतर वित्तपोषण और विस्तार।

यदि इन चुनौतियों का समाधान सही ढंग से किया गया, तो यह पहल दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करेगी।

निष्कर्ष

‘प्रोजेक्ट आरोहण’ केवल एक छात्रवृत्ति योजना नहीं है, बल्कि यह भारत के सामाजिक–शैक्षिक ताने–बाने को मजबूत करने की दिशा में NHAI की ऐतिहासिक पहल है।

यह योजना टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों को न केवल शिक्षा के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सक्षम नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित भी करेगी। वंचित वर्गों को शिक्षा और मेंटरशिप से जोड़कर यह पहल आने वाले वर्षों में भारत की मानव पूँजी और सामाजिक समानता दोनों को नई ऊँचाइयाँ दिला सकती है।

इस प्रकार, ‘प्रोजेक्ट आरोहण’ को केवल एक शिक्षा योजना के रूप में नहीं, बल्कि सशक्त भारत के निर्माण का आधार कहा जा सकता है।


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