बीमा सखी योजना: ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की नई पहल

बीमा सखी योजना ग्रामीण और अर्ध-शहरी महिलाओं को बीमा क्षेत्र में प्रशिक्षण व रोजगार देकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की सरकारी पहल है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत लागू इस योजना में 18 से 70 वर्ष की महिलाएं, विशेषकर स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्याएं, बीमा सखी बनकर एलआईसी एजेंट के रूप में कार्य कर सकती हैं। योजना के तहत तीन वर्षों तक वजीफा दिया जाता है—पहले वर्ष ₹7,000, दूसरे वर्ष ₹6,000 और तीसरे वर्ष ₹5,000 प्रति माह, जो निर्धारित पॉलिसी संख्या और उनकी सक्रियता पर आधारित है। आवेदन ऑनलाइन एलआईसी के पोर्टल से किया जा सकता है। यह योजना “2047 तक सबके लिए बीमा” मिशन का हिस्सा है और 15 अगस्त 2025 तक 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ तैयार करने का लक्ष्य रखती है।

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एलआईसी बीमा सखी योजना क्या है?

भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को बदलता है, बल्कि पूरे समाज की प्रगति में योगदान देता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हाल ही में “बीमा सखी योजना” की शुरुआत की गई है। यह योजना “2047 तक सबके लिए बीमा” मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर नागरिक तक बीमा सुविधाएं पहुंचाना और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।

यह पहल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत लागू की जा रही है और इसका सीधा लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा, विशेषकर वे महिलाएं जो स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups – SHG) से जुड़ी हैं।

बीमा सखी योजना का उद्देश्य और महत्व

मुख्य उद्देश्य

  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी महिलाओं को बीमा क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान करना।
  • सामाजिक सुरक्षा को ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचाना
  • महिलाओं को स्वावलंबी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना।
  • वित्तीय जागरूकता और बीमा सेवाओं का विस्तार करना।

यह योजना सिर्फ रोजगार देने की पहल नहीं है, बल्कि महिलाओं को बीमा क्षेत्र में एक पेशेवर पहचान देने का माध्यम भी है।

कार्यान्वयन एजेंसियां और संरचना

बीमा सखी योजना को निम्नलिखित एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जा रहा है:

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) – योजना की नीतिगत दिशा और वित्तीय ढांचा तय करता है।
  • भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) – बीमा सखियों को प्रशिक्षण देने, उनकी भर्ती, और कार्य अवसर प्रदान करने का जिम्मेदार।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) – स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान और चयन करता है।

पात्रता मानदंड

कौन बन सकता है बीमा सखी?

  • आयु सीमा: न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 70 वर्ष।
  • शैक्षिक योग्यता: कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण।
  • लक्षित समूह:
    • स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्याएं।
    • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाएं।

प्रशिक्षण प्रक्रिया और भूमिका

बीमा सखियों को ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें शामिल होंगे:

  • बीमा उत्पादों की जानकारी।
  • पॉलिसी बेचने और ग्राहक से संवाद कौशल।
  • दस्तावेज़ीकरण और ऑनलाइन एप्लिकेशन प्रक्रिया।
  • दावे (Claims) का निपटारा करने की प्रक्रिया।

भूमिका (Role)

  • अपने क्षेत्र में बीमा पॉलिसियों का प्रचार-प्रसार करना।
  • नए ग्राहकों को जोड़ना और उन्हें सही बीमा योजनाओं की सलाह देना।
  • पॉलिसीधारकों की सहायता करना।

वजीफा संरचना और प्रदर्शन मानदंड

वजीफा अवधि: 3 वर्ष

वजीफा वर्षप्रति माह वजीफाशर्तें
पहला वर्ष₹7,000न्यूनतम 24 जीवन कवर, ₹48,000 कमीशन
दूसरा वर्ष₹6,000पहले वर्ष की कम से कम 65% पॉलिसियाँ प्रभावी रहें
तीसरा वर्ष₹5,000दूसरे वर्ष की कम से कम 65% पॉलिसियाँ प्रभावी रहें

प्रदर्शन मानदंड:

  • जीवन की संख्या: 24 (न्यूनतम)
  • प्रथम वर्ष का कमीशन: ₹48,000 (बोनस कमीशन छोड़कर)

क्या मुझे दूसरे और तीसरे साल में पैसे (वजीफा) मिलेंगे?

दूसरे वर्ष में पैसे (वजीफा) प्राप्त करने की शर्तें

बीमा सखी योजना के अंतर्गत दूसरे वर्ष में ₹6,000 प्रति माह वजीफा प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि पहले वर्ष में जितनी पॉलिसियाँ पूरी की गई हैं, उनमें से कम से कम 65% पॉलिसियाँ दूसरे वर्ष के प्रत्येक माह के अंत तक सक्रिय (प्रभावी) बनी रहें।

उदाहरण:
यदि पहले वर्ष में 24 पॉलिसियाँ पूरी की गई हैं, तो दूसरे वर्ष में प्रत्येक माह के अंत तक कम से कम 16 पॉलिसियाँ चालू रहनी चाहिए। तभी उस माह का वजीफा देय होगा।

तीसरे वर्ष में (पैसे) वजीफा प्राप्त करने की शर्तें

बीमा सखी योजना के अंतर्गत तीसरे वर्ष में ₹5,000 प्रति माह वजीफा प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि दूसरे वर्ष में जितनी पॉलिसियाँ पूरी की गई हैं, उनमें से कम से कम 65% पॉलिसियाँ तीसरे वर्ष के प्रत्येक माह के अंत तक सक्रिय (प्रभावी) बनी रहें।

उदाहरण:
यदि दूसरे वर्ष में 24 पॉलिसियाँ पूरी की गई हैं, तो तीसरे वर्ष में प्रत्येक माह के अंत तक कम से कम 16 पॉलिसियाँ चालू रहनी चाहिए। तभी उस माह का वजीफा देय होगा।

बीमा सखी योजना: वजीफा भुगतान शर्तें और संरचना

बीमा सखी योजना में वजीफा तीन वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है, लेकिन यह पूरी तरह प्रदर्शन आधारित है। हर वर्ष निर्धारित पॉलिसियों की संख्या पूरी करना और उनकी सक्रियता बनाए रखना आवश्यक है। नीचे दी गई टेबल में प्रत्येक वर्ष के वजीफा की राशि, आवश्यक न्यूनतम पॉलिसियाँ और भुगतान की शर्तें दी गई हैं—

वर्षप्रति माह वजीफान्यूनतम पूरी की जाने वाली पॉलिसियाँवजीफा प्राप्त करने की शर्त
पहला वर्ष₹7,00024 जीवनपहले वर्ष में कम से कम 24 जीवन कवर करना और ₹48,000 का कमीशन (बोनस कमीशन छोड़कर) प्राप्त करना।
दूसरा वर्ष₹6,000पहले वर्ष की पॉलिसियों का 65% सक्रिय रहनापहले वर्ष में जितनी पॉलिसियाँ पूरी की गई हैं, उनमें से कम से कम 65% पॉलिसियाँ दूसरे वर्ष के प्रत्येक माह के अंत तक सक्रिय रहनी चाहिए। उदाहरण: 24 पॉलिसियों में से कम से कम 16 चालू रहें।
तीसरा वर्ष₹5,000दूसरे वर्ष की पॉलिसियों का 65% सक्रिय रहनादूसरे वर्ष में जितनी पॉलिसियाँ पूरी की गई हैं, उनमें से कम से कम 65% पॉलिसियाँ तीसरे वर्ष के प्रत्येक माह के अंत तक सक्रिय रहनी चाहिए। उदाहरण: 24 पॉलिसियों में से कम से कम 16 चालू रहें।

नोट:

  1. वजीफा केवल 3 वर्षों तक ही देय होगा।
  2. प्रत्येक वर्ष वजीफा प्राप्त करने के लिए तय पॉलिसी संख्या और उनकी सक्रियता (65%) अनिवार्य है।
  3. बोनस कमीशन वजीफा गणना में शामिल नहीं किया जाएगा।
  4. यदि किसी माह में सक्रिय पॉलिसियों की संख्या 65% से कम हो जाती है, तो उस माह का वजीफा देय नहीं होगा।
  5. मौजूदा एलआईसी एजेंट, निगम कर्मचारी के रिश्तेदार, और सेवानिवृत्त कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं हैं।

बीमा सखी से एलआईसी एजेंट और डिवेलपमेंट ऑफिसर तक का मार्ग

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद बीमा सखी:

  • एलआईसी एजेंट के रूप में कार्य कर सकती हैं।
  • अपने प्रदर्शन के आधार पर एलआईसी डेवलपमेंट ऑफिसर बनने की पात्र हो सकती हैं।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

आवेदन कैसे करें?

बीमा सखी योजना के लिए इच्छुक महिलाएं ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन करने के लिए:

  1. आवश्यक दस्तावेज़ (आयु प्रमाण, पते का प्रमाण, शैक्षिक प्रमाण पत्र) तैयार रखें।
  2. पासपोर्ट आकार का नवीनतम फोटो स्कैन कर लें।
  3. आवेदन पत्र के साथ नवीनतम पासपोर्ट आकार की फोटो अपलोड करनी होगी।
  4. आवश्यक दस्तावेजों की स्व-सत्यापित प्रतियां संलग्न करनी होंगी।
  5. आवेदन ऑनलाइन या संबंधित एलआईसी शाखा/NRLM कार्यालय में किया जा सकता है।
  6. नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म भरें:

🔗 बीमा सखी योजना ऑनलाइन आवेदन लिंक

  1. आवेदन फॉर्म में सभी जानकारी सही-सही भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  2. सबमिट करने के बाद आवेदन की पुष्टि (Acknowledgement) प्राप्त कर लें।

आवेदन करने हेतु आवश्यक दस्तावेज़

  • आयु प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड)
  • पते का प्रमाण (राशन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली बिल)
  • शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र (10वीं कक्षा की मार्कशीट)

प्रतिबंध और अपात्रता की शर्तें

निम्नलिखित व्यक्ति इस योजना में आवेदन नहीं कर सकते:

  • मौजूदा एलआईसी एजेंट।
  • मौजूदा एलआईसी कर्मचारी के रिश्तेदार।
  • एलआईसी के सेवानिवृत्त कर्मचारी या पुनर्नियुक्ति चाहने वाले पूर्व एजेंट।

रिश्तेदारों की परिभाषा:
पति/पत्नी, बच्चे (गोद लिए गए/सौतेले), माता-पिता, भाई-बहन, ससुराल के करीबी सदस्य।

योजना का मिशन और लक्ष्य

  • मिशन: 2047 तक हर नागरिक को बीमा सुरक्षा प्रदान करना।
  • लक्ष्य: 15 अगस्त 2025 तक 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ तैयार करना।

ग्रामीण महिलाओं और समाज पर योजना का प्रभाव

बीमा सखी योजना से:

  • महिलाओं को स्थायी आय का स्रोत मिलेगा।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा कवरेज बढ़ेगा।
  • महिलाओं का सामाजिक सम्मान और वित्तीय आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
  • बीमा और वित्तीय सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी।

निष्कर्ष

बीमा सखी योजना न केवल महिलाओं को रोजगार का अवसर देती है, बल्कि उन्हें वित्तीय जगत में सक्रिय भागीदारी का मंच भी प्रदान करती है। यह योजना महिला सशक्तिकरण, वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा को ग्रामीण भारत तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।


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