भारतीय रेल बजट 2025 | निवेश, विकास और प्रभाव

भारतीय रेलवे, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में कार्य करता है और हर वर्ष भारतीय रेल बजट नीति निर्माण में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारतीय रेलवे, देश की अर्थव्यवस्था के साथ जनता की जीवनशैली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हर साल प्रस्तुत किया जाने वाला रेलवे बजट, रेलवे की वित्तीय स्थिति, विकास योजनाओं और नीतियों का विस्तृत खाका प्रस्तुत करता है।

2025 के रेलवे बजट में सरकार ने ₹2.55 लाख करोड़ का आवंटन किया है, जिसमें मुख्य फोकस पूंजीगत व्यय और इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार पर है। यह बजट रेलवे के आधुनिकीकरण, सुरक्षा, और परिवहन नेटवर्क के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, ग्राहक सुविधाओं और लोक क्षेत्र निवेश के लिए आवंटन में अपेक्षाकृत कमी देखी गई है।

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भारतीय रेलवे के लिए आवंटन और पूंजीगत व्यय

भारतीय रेलवे को वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट में कुल 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें राजस्व व्यय के लिए 3,445 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए 2,52,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस बजट में रेलवे के बुनियादी ढांचे को विकसित करने, नई रेल लाइनों के विस्तार, सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और रेलवे स्टाफ के कल्याण के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं।

यह वृद्धि रेलवे संपत्तियों के आधुनिकीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए की गई है। इस निवेश से न केवल रेलवे की दक्षता में सुधार होगा, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा।

बजट का प्रमुख वितरण

बजट के विभिन्न मदों में आवंटन निम्नलिखित रूप से किया गया है –

  • कुल बजट – 2,55,445 करोड़ रुपये
  • राजस्व खर्च – 3,445 करोड़ रुपये
  • पूंजीगत व्यय – 2,52,000 करोड़ रुपये
  • पेंशन फंड – 66,000 करोड़ रुपये
  • नई रेलवे लाइनों के लिए – 32,235 करोड़ रुपये
  • रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए – 32,000 करोड़ रुपये
  • गॉज परिवर्तन – 4,550 करोड़ रुपये
  • सिग्नलिंग और टेलीकॉम सेक्टर – 6,800 करोड़ रुपये
  • विद्युत लाइनों के विस्तार हेतु – 6,150 करोड़ रुपये
  • स्टाफ कल्याण योजनाओं के लिए – 833 करोड़ रुपये
  • रेलवे स्टाफ ट्रेनिंग हेतु – 301 करोड़ रुपये
  • रेलवे सेफ्टी फंड – 45,000 करोड़ रुपये

भारतीय रेल बजट 2025 के मुख्य बिंदु 

भारतीय रेल बजट 2025 के मुख्य बिंदु निम्न हैं –

रेलवे में बुनियादी ढांचे का विकास

इस वर्ष रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। रेलवे मंत्रालय द्वारा नई लाइनों, दोहरीकरण और गॉज परिवर्तन पर बड़े स्तर पर निवेश किया जा रहा है। रेलवे को अधिक सक्षम और तेज़ बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

  1. नई रेलवे लाइनों का विस्तार: रेलवे को नए क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए सरकार ने 32,235 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है। यह राशि नए रेलवे मार्गों को विकसित करने और मौजूदा मार्गों की दक्षता बढ़ाने में मदद करेगी।
  2. लाइन दोहरीकरण और गॉज परिवर्तन: रेलवे के विभिन्न मार्गों पर ट्रेन संचालन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए 32,000 करोड़ रुपये दोहरीकरण परियोजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 4,550 करोड़ रुपये गॉज परिवर्तन परियोजनाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं।

सिग्नलिंग, टेलीकॉम और रेलवे सुरक्षा पर विशेष जोर

रेलवे में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसके तहत रेलवे सिग्नलिंग और टेलीकॉम व्यवस्था के आधुनिकीकरण के लिए 6,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे रेलवे संचार और संचालन प्रणाली को डिजिटल और अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी।

इसके अतिरिक्त, रेलवे सेफ्टी फंड के तहत 45,000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। रेलवे मंत्रालय ने रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई कदम उठाने की योजना बनाई है। इसके तहत प्रमुख रेलवे रूटों पर ‘कवच 4.0’ अपग्रेडेड वर्जन लगाने का कार्य तेजी से किया जाएगा।

रेलवे की विद्युत प्रणाली का विस्तार

रेलवे को अधिक पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल बनाने के लिए विद्युत लाइनों के विस्तार पर 6,150 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। यह रेलवे नेटवर्क के विद्युतीकरण को गति देने और डीजल ट्रेनों पर निर्भरता कम करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

रेलवे स्टाफ के कल्याण और ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान

रेलवे कर्मचारियों के कल्याण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए भी बजट में पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।

  • स्टाफ कल्याण योजनाओं के लिए 833 करोड़ रुपये: यह राशि रेलवे कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने और उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए आवंटित की गई है।
  • स्टाफ ट्रेनिंग हेतु 301 करोड़ रुपये: रेलवे कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों और सुरक्षा मानकों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा।

रेलवे कैपेक्स में वृद्धि की उम्मीद थी

रेलवे से जुड़े सूत्रों के अनुसार, रेलवे के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद थी। पिछले बजट में रेलवे को 2.65 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसमें से लगभग 80 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है।

बजट का फोकस: पूर्व घोषणाओं को पूरा करना

हालांकि वित्त मंत्री ने बजट में रेलवे को लेकर कोई नई घोषणा नहीं की है, लेकिन यह बजट पूर्व की घोषणाओं को पूरा करने पर केंद्रित है। रेलवे मंत्रालय ने प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने की योजना बनाई है, ताकि रेलवे का आधुनिकीकरण और विस्तार सुचारू रूप से हो सके।

रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तार की दिशा में योजनाएँ

भारतीय रेलवे ने अगले 2–3 वर्षों में निम्नलिखित नई ट्रेनों को जोड़ने की योजना बनाई है:

  • 200 नई वंदे भारत ट्रेनें: ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें यात्रियों को तेज़, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगी।
  • 100 अमृत भारत ट्रेनें: यह नई ट्रेनें विभिन्न रूटों पर चलाई जाएंगी, जिनमें बेहतर यात्री सुविधाएँ दी जाएंगी।
  • 50 नमो भारत तेज़ रेल ट्रेनें: यह ट्रेनें हाई-स्पीड नेटवर्क का हिस्सा होंगी, जो आधुनिकतम तकनीकों से लैस होंगी।
  • 17,500 सामान्य गैर-एसी कोचों का समावेश: इससे निम्न और मध्यम आय वर्ग के यात्रियों की यात्रा को अधिक आरामदायक बनाया जाएगा।

सुरक्षा और स्थिरता

रेलवे की सुरक्षा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए ₹1.16 लाख करोड़ की राशि रेलवे सुरक्षा परियोजनाओं के लिए आवंटित की गई है। इनमें निम्नलिखित उपायों को प्राथमिकता दी गई है:

  • उन्नत सुरक्षा प्रणालियाँ: रेलवे सुरक्षा को आधुनिक बनाने के लिए अत्याधुनिक निगरानी प्रणालियों और ऑटोमेटेड सुरक्षा तंत्रों को अपनाया जाएगा।
  • 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य: रेलवे का उद्देश्य 2025–26 तक 100% विद्युतीकरण पूरा करना है, जिससे परिचालन लागत घटेगी और पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा।
  • गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों का उपयोग: रेलवे छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का प्रयास करेगा।

माल परिवहन और उच्च गति नेटवर्क का विस्तार

भारतीय रेलवे माल परिवहन के क्षेत्र में अपनी क्षमता को तेजी से बढ़ा रहा है। इस बजट में इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं:

  • रेलवे का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक 1.6 बिलियन टन माल परिवहन करने का है।
  • 7,000 किमी लंबा उच्च गति रेल नेटवर्क विकसित करने की योजना है, जो 250 किमी प्रति घंटे तक की गति को सपोर्ट करेगा। इसे 2047 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • मालगाड़ियों के लिए समर्पित कॉरिडोर: भारतीय रेलवे तेजी से डीएफसी (Dedicated Freight Corridor) परियोजनाओं को पूरा करने में लगा हुआ है, जिससे माल ढुलाई तेज और कुशल होगी।

रोजगार सृजन

रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में निवेश से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। निर्माण, मेंटेनेंस और संचालन के क्षेत्रों में लाखों लोगों को नौकरियाँ मिलेंगी।

साथ ही, बजट में मध्यम वर्ग को आयकर में राहत प्रदान की गई है, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। यह कदम सरकार के ‘विकसित भारत’ दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

वित्तीय प्रबंधन और अन्य योजनायें

रेलवे के वित्तीय प्रबंधन और परियोजनाओं की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं –

  • राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए ₹706 करोड़ बाजार उधारी पर ऋण सेवा के लिए आवंटित किए गए हैं।
  • निर्भया फंड से ₹200 करोड़ महिला यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रदान किए गए हैं।
  • रणनीतिक लाइनों पर परिचालन घाटे की भरपाई के लिए ₹2,739 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  • सकल बजटीय समर्थन 2013–14 के मुकाबले अब लगभग नौ गुना बढ़ गया है, जो रेलवे के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

भारतीय रेलवे बजट | परिचय एवं ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

भारतीय रेलवे बजट एक वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट है, जिसे परंपरागत रूप से रेलवे बोर्ड द्वारा प्रबंधित किया जाता था। 2016 तक, इसे केंद्रीय बजट से अलग प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे केंद्रीय बजट में मिला दिया।

रेलवे बजट का इतिहास

1924 में, ब्रिटिश अर्थशास्त्री विलियम अकवर्थ की अध्यक्षता में बनी अकवर्थ समिति की सिफारिश के आधार पर रेलवे बजट को सामान्य बजट से अलग किया गया था।

  • 1947: स्वतंत्र भारत का पहला रेलवे बजट जॉन माथाई द्वारा प्रस्तुत किया गया।
  • 2016: मोदी सरकार ने रेलवे बजट को सामान्य बजट में विलय कर दिया।

इस विलय का उद्देश्य रेलवे की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना और बजटीय संसाधनों के अधिक प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करना था।

रेलवे बजट की संरचना और प्रक्रिया

संरचना

रेलवे बजट को सुव्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें प्राप्तियों और व्ययों का स्पष्ट विभाजन होता है।

  • प्राप्तियां: यात्री किराया, मालभाड़ा, निवेश, और अन्य स्रोतों से आय।
  • व्यय: पूंजीगत व्यय (इन्फ्रास्ट्रक्चर, रोलिंग स्टॉक) और राजस्व व्यय (ऑपरेशनल लागत जैसे वेतन, रखरखाव, और सेवाएं)।

बजट तैयारी की प्रक्रिया

  • नवंबर: रेलवे प्रशासन आगामी वर्ष की वित्तीय आवश्यकताओं का अनुमान तैयार करता है।
  • समीक्षा: रेलवे मंत्रालय बजट आवश्यकताओं का मूल्यांकन करता है।
  • प्रस्तुति: रेलवे बोर्ड बजट अनुमानों को अंतिम रूप देता है।
  • फरवरी: वित्त मंत्री संसद में अंतिम बजट प्रस्तुत करते हैं।

रेलवे बजट को सामान्य बजट में मिलाने के कारण

राजस्व में गिरावट

1947 में, रेलवे से प्राप्त राजस्व राष्ट्रीय आय का 30% था, जो 2015-16 तक घटकर केवल 11.5% रह गया।

प्रशासनिक जटिलताएँ

रेलवे बजट और सामान्य बजट के अलग-अलग होने से वित्तीय योजना और अनुमोदन में कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही थीं।

आर्थिक बदलाव

भारतीय अर्थव्यवस्था विकसित हो रही थी, जिससे रेलवे के लिए एक अलग वित्तीय संरचना बनाए रखने की आवश्यकता कम होती गई।

भारतीय रेलवे बजट का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

बुनियादी ढांचे का विकास

रेलवे नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण से बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलती है।

रोजगार सृजन

रेलवे में निवेश से लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं।

क्षेत्रीय विकास

नई रेल लाइनों से पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ती हैं।

व्यापार और वाणिज्य

माल ढुलाई में सुधार से औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को लाभ होता है।

पर्यटन में योगदान

रेलवे नेटवर्क से पर्यटन स्थलों तक पहुँच आसान होती है, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है।

भारतीय रेल बजट 2025 न केवल देश के रेलवे नेटवर्क के आधुनिकीकरण और विस्तार को गति देगा, बल्कि सुरक्षा और सतत विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस बजट के माध्यम से रेलवे का विद्युतीकरण, हाई-स्पीड रेल नेटवर्क, माल परिवहन क्षमता और यात्री सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। इसके साथ ही, यह बजट भारतीय रेलवे को एक वैश्विक स्तर की परिवहन प्रणाली में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

यह बजट न केवल रेलवे के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम भारतीय रेलवे को ‘नए भारत’ के सपने की ओर अग्रसर करेंगे, जहाँ परिवहन सुविधाएँ आधुनिक, सुरक्षित और सुलभ होंगी।

Polity – KnowledgeSthali


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