भारतीय संविधान के भाग और अनुच्छेद | Parts and Articles

भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 ई. को स्वीकार किया गया था। उस समय संविधान के भाग की संख्या 22 थी। तथा 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी। परन्तु वर्तमान में 25 भाग 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं।

हमारे संविधान की रचना के समय इसमें 22 भाग थे। इन भागों को ‘अध्याय’ (chapter) के रुप में समझा जा सकता है। हर भाग (अध्याय) में कुछ अनुच्छेद होते हैं। हालाँकि समय समय पर होने वाले संशोधनों के कारण आज भागों की कुल संख्या 25 हो गई है। इसी प्रकार मूल संविधान में 395 धाराएं (articles) व 8 अनुसूचियां (schedules) थीं। परन्तु समय समय पर होने वाले संशोधनों के कारण आज अनुच्छेदों / धाराओं (articles) की संख्या बढ़कर 448 और अनुसूचियों (schedules) की संख्या बढ़कर 12 हो गयी है। इनका विवरण निम्नलिखित है –

भारतीय संविधान के भाग

संविधान के भागसंविधान के भाग का नामअनुच्छेद
1संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र 1 से 4
2नागरिकता 5 से 11
3मौलिक अधिकार 12 से 35
4नीति निर्देशक तत्व 36 से 51
4 (क) मूल कर्त्तव्य 51 (क)
5संघ52 से 151
6राज्य152 से 237
7पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य238 (निरसित)
8संघ राज्य क्षेत्र239 से 242
9पंचायते243, 243 (क) से 243(ण)
9 (क) नगरपालिकाएँ243(त) से 243 (य छ)
9 (ख)सहकारी समतियां 243(यज) से 243 (य न)
10अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र244, 244 (क)
11संघ और राज्य के बीच संबध245 से 263
12वित्त, सम्पत्ति, संविदायें और वाद 264 से 300 तक
13भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य एवं समागम301 से 307
14संघ एंव राज्यो के अधीन सेवाएँ308 से 323
14 (क)अधिकरण323(क), 323(ख)
15निर्वाचन324 से 329
16कुछ वर्गो के संबध में विषय उपबंध330 से 342
17राजभाषा343 से 351
18आपात उपबंध352 से 360
19प्रकीर्ण361 से 367
20संविधान संशोधन368
21अस्थायी, संक्रामणकालीन और विशेष उपबंध369 से 392
22संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन393 से 395

भारतीय संविधान की धाराएं / अनुच्छेद (Articles of Indian Constitution)

भारतीय संविधान की धाराएं / अनुच्छेद नीचे दिए गए हैं –

अनुच्छेद -1 : संघ का नाम और राज्य क्षेत्र।

अनुच्छेद -3 : नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन।

अनुच्छेद -13 : मूल अधिकारों से असंगत या उनका अप्लीकारण करने वाली विधियाँ।

अनुच्छेद -14 : विधि के समक्ष समता।

अनुच्छेद -15 : धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का प्रतिशेध।

अनुच्छेद -16 : लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता।

अनुच्छेद -17 : अस्पृश्यता का अंत।

अनुच्छेद -19 : वाक स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण।

अनुच्छेद -21 : प्राण और दैहिक स्वातंत्रता का संरक्षण।

अनुच्छेद – 21(A) : शिक्षा का अधिकार।  

अनुच्छेद -25 : अंत: करण की और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता।  

अनुच्छेद -30 : शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गो का अधिकार।

अनुच्छेद -32 : मौलिक अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिये रिट सहित उपचार।  

अनुच्छेद -38 : राज्य लोक कल्याण की अभीवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा।

अनुच्छेद – 39 (B) : समाज के भौतिक संसाधनो का उचित स्वामित्व और वितरण।

अनुच्छेद -39 (C) : अर्थव्यवस्था में धन तथा उत्पादन के साधनों के अहितकारी केन्द्रीकरण का निषेध।

अनुच्छेद -40 : ग्राम पंचायतों के संगठन हेतु निर्देश।

अनुच्छेद -43 (A) : उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों के भाग लेने के लिये उपयुक्त विधान बनाना।

अनुच्छेद -43(B) : सहकारी समितियों के स्वैच्छिक गठन को प्रोत्साहित करना।

अनुच्छेद -44 : नागरिकों के लिये समान नागरिक संहिता के लिये निर्देश।

अनुच्छेद -45 : 6 वर्षों से कम आयु वाले बालकों के लिये नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के लिये निर्देश।

अनुच्छेद -46 : अनुसूचित जतियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गो के शिक्षा और अर्थ संबधि हितों की अभिवृद्धि ले लिये निर्देश।

अनुच्छेद -50 : कार्यपालिका से न्यायपालिका के पृथक्करण के लिये निर्देश।

अनुच्छेद -51 : अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि के लिये निर्देश।

अनुच्छेद -51(A) : मौलिक कर्त्तव्य।

अनुच्छेद -53 : संघ की कार्यपालिका संबधि शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी।

अनुच्छेद -61 : राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया।

अनुच्छेद -64 : उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन अध्यक्ष होगा।

अनुच्छेद -72 : क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेशों के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति।

अनुच्छेद -74 : राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने को लिये मंत्रीपरिषद।

अनुच्छेद -75 : राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को नियुक्त करेगा तथा प्रधानमंत्री की सलाह पर शेष मंत्रियो को नियुक्त करेगा। मंत्रीपरिषद लोकसभा के प्रति समूहिक रूप से उत्तरदायी होगी।

अनुच्छेद -76 : राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जायेगी।

अनुच्छेद -78 : राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य।

अनुच्छेद -86 : इसके अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा संसद को संबोधित करने तथा संदेश भेजने के अधिकार का उल्लेख है।

अनुच्छेद -89 : राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति।

अनुच्छेद -108 : संसद का संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान।

अनुच्छेद -110 : धन विधेयक की परिभाषा।

अनुच्छेद -112 : वार्षिक वित्तीय विवरण।

अनुच्छेद -123 : संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति।

अनुच्छेद -124 : इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन है।

अनुच्छेद -229 : सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है।

अनुच्छेद -143 : उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति।

अनुच्छेद -148 : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जायेगी।

अनुच्छेद -155 : राज्यपाल की नियुक्ति।

अनुच्छेद -161 : क्षमा आदि की और कुछ मामलों में, दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति।

अनुच्छेद -163 : राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिये मंत्रीपरिषद।

अनुच्छेद -167 : राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य।

अनुच्छेद -169 : राज्यों में विधानपरिषदों का उत्सादन या सूजन।  

अनुच्छेद -200 : विधेयकों पर अनुमति।

अनुच्छेद -213 : विधानमंडल के विश्रांतिकाल में आध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति।

अनुच्छेद -214 : सभी राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की व्यवस्था

अनुच्छेद -226 : कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति।

अनुच्छेद -239(AA) : दिल्ली के संबध में विशेष उपबंध

अनुच्छेद -243 : पंचायत एवं नगरपालिका के गठन, संरचना आरक्षण, शक्तियाँ, प्राधिकार एवं उत्तरदातित्व से संबधित प्रावधान

अनुच्छेद -249 : राज्य सूची के विषय के संबध में राष्ट्रीय हित में कानून बनाने की संसद की शक्ति।

अनुच्छेद -262 : अंतर्राज्य नंदियों या नदी-घाटियां के जल संबधि विवादो का न्याय-निर्णयन।

अनुच्छेद -263 : अंतर्राज्यीय परिशद के संबध में उपबंध।

अनुच्छेद -265 : विधि के प्राधिकार के बिना कारों का अधिरोपण न किया जाना।

अनुच्छेद -275 : कुछ राज्यों को संघ से अनुदान।

अनुच्छेद -280 : वित्त आयोग।

अनुच्छेद -300 : वाद और कार्यवाहियाँ।

अनुच्छेद -300(A) : संपत्ति के अधिकार।

अनुच्छेद -311 : संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पदावनत किया जाना।

अनुच्छेद -312 : अखिल भारतीय सेवाएँ।

अनुच्छेद -315 : संघ और राज्यों के लिये लोक सेवा आयोग।

अनुच्छेद -320 : लोक सेवा आयोग के कृत्य।

अनुच्छेद -323(A) : प्रशासनिक अधिकरण।

अनुच्छेद -324 : निर्वाचनों के अधिरक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना।

अनुच्छेद -330 : लोकसभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिये स्थानों का आरक्षण।

अनुच्छेद -335 : सेवाओं और पदो के लिये अनुसूचित जातियों और जनजातियों के दावे।

अनुच्छेद -338 : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग।

अनुच्छेद -338(A) : प्रशासनिक अधिकरण।

अनुच्छेद -324 : निर्वाचनों के अधिरक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना।

अनुच्छेद -330 : लोकसभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिये स्थानों का आरक्षण।

अनुच्छेद -335 : सेवाओं और पदों के लिये अनुसूचित जातियों और जनजातियों के दावे।

अनुच्छेद -338 : राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग।

अनुच्छेद -338(A) : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग।

अनुच्छेद -340 : पिछड़े वर्गो की दशाओं के अन्वेषण के लिये आयोग की नियुक्ति।

अनुच्छेद -343 : संघ की आधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई ‘हिन्दी’ होगी।

अनुच्छेद -350(A) : प्राथमिक स्तर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं।

अनुच्छेद -352 : आपात की घोषणा (राष्ट्रीय आपातकाल)।

अनुच्छेद -356 : राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध।

अनुच्छेद -360 : वित्तीय आपात के बारे में उपबंध।

अनुच्छेद -365 : संघ द्वारा दिये गए निर्देशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव।

अनुच्छेद -368 : संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उनके लिये प्रक्रिया।

अनुच्छेद 369: अस्थायी संक्रमणकालीन विशेष अधिकार।

अनुच्छेद 370: अस्थायी और स्थायी संक्रमणकालीन प्राधिकार।

अनुच्छेद 371: विशेष अधिकार और विशेष प्रावधान धार्मिक और जातिगत मामलों के लिए।

अनुच्छेद 371A: अरुणाचल प्रदेश के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371B: मिजोरम के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371C: माणिपुर के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371D: आंध्र प्रदेश के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371F: सिक्किम के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371G: गोवा के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371H: अरुणाचल प्रदेश के तीन उप-क्षेत्रों के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371I: गोवा के दो उप-क्षेत्रों के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 371J: कर्नाटक के लिए विशेष उपबंध।

अनुच्छेद 372: अस्थायी संक्रमणकालीन उपबंध।

अनुच्छेद 373: प्रादेशिक निर्वाचनों के आयोजन।

अनुच्छेद 374: संघीय संसद की अधिकारिता के प्राधिकार।

अनुच्छेद 375: विशेष प्रावधान उपयुक्त अधिकारिता के लिए।

अनुच्छेद 376: वित्तीय विविधियों के प्राधिकार।

अनुच्छेद 377: संघीय विधानपरिषद की विधायिका।

अनुच्छेद 378: प्रदेशीय विधानपरिषद की विधायिका।

अनुच्छेद 379: नियम, विधान और न्याय।

अनुच्छेद 380: विशेष प्रावधान स्थानीय विधायिकाओं के लिए।

अनुच्छेद 381: संघीय सत्ता का अधिकार।

अनुच्छेद 382: प्रादेशिक सत्ता का अधिकार।

अनुच्छेद 383: संघीय और प्रादेशिक अधिकार के लिए संघीय न्यायालय।

अनुच्छेद 384: संघीय विधानपरिषद द्वारा प्रादेशिक विधान निर्माण।

अनुच्छेद 385: प्रदेशीय विधानपरिषद द्वारा संघीय विधान निर्माण।

अनुच्छेद 386: संघीय न्यायालय की अपीलीय प्राधिकार।

अनुच्छेद 387: प्रदेशीय न्यायालय की अपीलीय प्राधिकार।

अनुच्छेद 388: अदालती प्राधिकार।

अनुच्छेद 389: जांच करने की प्राधिकारिता।

अनुच्छेद 390: संघीय न्यायपालिका के बारे में प्रावधान।

अनुच्छेद 391: न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति।

अनुच्छेद 392: राष्ट्रपति द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति।

अनुच्छेद 393: संक्षिप्त नाम – इस अनुच्छेद में, संविधान के संक्षिप्त नाम को उल्लेख किया गया है।

अनुच्छेद 394: प्रारम्भ – इस अनुच्छेद में, संविधान के प्रारम्भ को उल्लेख किया गया है।

अनुच्छेद 394A: हिंदी भाषा में प्रामाणिक पाठ – इस अनुच्छेद में, संविधान के हिंदी में प्राधिकृत पाठ का उल्लेख किया गया है। यह अनुच्छेद बताता है कि संविधान का हिंदी में प्राधिकृत पाठ कैसे होगा और वह किस तारीख से प्रभावी होगा। 

अनुच्छेद 395: निरसन – इस अनुच्छेद में निरसन को उल्लेख किया गया है।

Polity – KnowledgeSthali


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