भारत का भौगोलिक परिचय | Geographical Introduction of India

भारत का भौगोलिक परिचय इसकी विविधता में बसा हुआ है। भारत भौगोलिक विविधता वाला देश है जो अपनी समृद्ध विरासत और अद्वितीय स्थलाकृति के कारण हमेशा दुनिया का एक अनूठा दृश्य पेश करता है। उत्तर में बर्फ से ढके हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र तटों तक और पश्चिम में रेगिस्तान से लेकर पूर्व में घने जंगलों तक, भारत एक ऐसा देश है जो विभिन्न प्रकार की भौगोलिक विशेषताएं प्रदान करता है। इस भौगोलिक विविधता ने न केवल देश के इतिहास और संस्कृति को आकार दिया है, बल्कि इसकी अर्थव्यवस्था और राजनीति को भी प्रभावित किया है।

भूगोल (Geography) दो शब्दों Geo + Graphy से मिलकर बना है जिसमे Geo का अर्थ होता है – पृथ्वी (Earth) और Graphy का अर्थ होता है – अध्ययन (Study); इस प्रकार Geography का अर्थ है “पृथ्वी का अध्ययन (Study of Earth)”

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भारत का सामान्य परिचय (Introduction of India)

  • देश: भारत
  • अन्य नाम: इंडिया, हिन्दुस्तान, भारतवर्ष, आर्यावर्त, जम्बूद्वीप
  • राजधानी: नई दिल्ली
  • क्षेत्रफल: 32,87,263 Km2 (विश्व का 2.42 %)
  • भौगोलिक स्थिति: उत्तरी गोलार्ध में स्थित
  • भौगोलिक विस्तार: उत्तर से दक्षिण – 3214 Km2 तथा पूर्व से पश्चिम – 2933 km2
  • अक्षांशीय विस्तार: 8o4’ उत्तरी अक्षांश से 37o6’ उत्तरी अक्षांश
  • देशातारीय विस्तार: 68o7’ पूर्वी देशांतर से 97o25’ पूर्वी देशांतर
  • स्थलीय सीमा: 15,106.7 Km
  • जलीय सीमा: 7,516.6 km
  • राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों की संख्या: 28 राज्य एवं 8 केंद्र शासित प्रदेश
  • मानक समय: 82o30 पूर्वी देशांतर (ग्रीनविच रेखा से 5:30 घंटा आगे)
  • कर्क रेखा: 23o30 उत्तरी अक्षांश पर भारत के 8 राज्यों से होकर गुजरती है
  • जनसँख्या: 2011 की जनगणना – 1,21,05,69,573 (विश्व का 17.5 %)
  • कुल साक्षरता: 73.00 %
  • कुल लिंगानुपात: 943 प्रति हजार पुरुषों पर
  • कुल जनसँख्या घनत्व: 382 व्यक्ति/Km2

भारत का भौगोलिक परिचय (Geographical Introduction of India)

पृथ्वी के दो तिहाई भाग पर पानी है। और शेष एक तिहाई भाग ही स्थल है। अर्थात पृथ्वी में 71% भाग पर पानी है और शेष 21% ठोस पृथ्वी है। यह 21% भाग सात अलग-अलग महाद्वीपों में फैला हुआ है। सबसे बड़े महाद्वीप एशिया पर कुल 48 देश स्थित हैं और भारत इन 48 देशों में से एक है।

दक्षिण एशिया में स्थित भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है, जो क्षेत्रफल के हिसाब से यह दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश और एशियाई महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भूमि क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का क्षेत्रफल विश्व के कुल क्षेत्रफल का केवल 2.4% है। वर्तमान में जनसंख्या की दृष्टि से भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए विश्व का सबसे बड़ा देश बन गया है।

भारत में 2011 की जनगणना में, भारत की कुल जनसंख्या 121 मिलियन थी। उस समय भारत जनसँख्या के मामले में दूसरे स्थान पर आता था, और चीन पहले स्थान पर आता था। परन्तु 2023 में भारत सबसे अधिक जनसँख्या वाला देश बन गया है। जनसंख्या की हिस्सेदारी के आधार पर, भारत दुनिया की कुल आबादी का 17.5% हिस्सा है। वर्तमान में भारत की अनुमानित जनसंख्या लगभग 135 मिलियन है।

जनसँख्या के अनुसार विश्व के 10 सबसे बड़े देश

जनसँख्या के अनुसार विश्व के 10 सबसे बड़े देश
क्र०स०देशमहाद्वीप
1भारत (India)एशिया
2चीन (China)एशिया
3संयुक्त राज्य अमेरिका (United States)उत्तर अमेरिका
4इंडोनेशिया (Indonesia)एशिया
5पाकिस्तान (Pakistan)एशिया
6ब्राज़िल (Brazil)दक्षिण अमेरिका
7नाइजीरिया (Nigeria)अफ्रीका
8बांग्लादेश (Bangladesh)एशिया
9रूस (Russia)यूरोप
10चीन (China)एशिया

क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 10 सबसे बड़े देश

क्षेत्रफल के अनुसार विश्व के 10 सबसे बड़े देश
क्र०स०देशमहाद्वीप
1रूस (Russia)यूरोप
2कनाडा (Canada)उत्तर अमेरिका
3चीन (China)एशिया
4संयुक्त राज्य अमेरिका (United States)उत्तर अमेरिका
5ब्राज़िल (Brazil)दक्षिण अमेरिका
6ऑस्ट्रेलिया (Australia)ओशिनिया
7भारत (India)एशिया
8अर्जेंटीना (Argentina)दक्षिण अमेरिका
9कजाखस्तान (Kazakhstan)एशिया
10एलजीरिया (Algeria)अफ्रीका

एशिया महाद्वीप के दक्षिणी भाग (South Asia) को भारतीय उपमहाद्वीप (Indian Sub-Continent) कहा जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप (South एशिया) में भारत सहित कुल 7 देश शामिल हैं। साउथ एशिया का सबसे बड़ा देश भारत है – 

(1) भारत , (2) पाकिस्तान, (3) बांग्लादेश, (4) नेपाल, (5) भूटान, (6) श्रीलंका, (7) मालदीव

भारत का भौगोलिक परिचय
The Geographical introduction of India

भारत की स्थिति एवं विस्तार (Location and Expansion of India)

  • भारत दक्षिणी एशिया में स्थित एक देश है। इसके पूर्व में इंडो-चाइना प्रायद्वीप एवं पश्चिम में अरब प्रायद्वीप स्थित है।
  • भारत अक्षांशीय दृष्टि से उत्तरी गोलार्ध में तथा देशंतारीय दृष्टि से पूर्वी गोलार्ध के मध्यवर्ती क्षेत्र में स्थित है।
  • भारत का अक्षांशीय विस्तार 8o4’उत्तर पूर्व से 37o6’ उत्तर पूर्व तक तथा देशांतरीय विस्तार 68o7’ पूर्वी देशांतर से 97o25’ पूर्वी देशांतर तक है।
  • भारत के अक्षांशीय विस्तार एवं देशंतारीय विस्तार में लगभग 30o का अंतर है।
  • भारत की उत्तर से दक्षिण तक की कुल लम्बाई 3214 किमी है तथा पूर्व से पश्चिम तक की लम्बाई 2933 किमी है।
  • भारत के सबसे उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी, तथा पश्चिमी राज्यों की स्थिति निम्लिखित है-

भारत के चतुर्दिश (चारो कोणों के) राज्यों की स्थिति

  1. भारत का सबसे उत्तरी राज्य का नाम (Northern State): हिमाचल प्रदेश
  2. भारत का सबसे दक्षिणी राज्य का नाम (Southern State): तमिलनाडु
  3. भारत का सबसे पूर्वी राज्य का नाम (Eastern State): अरुणाचल प्रदेश
  4. भारत का सबसे पश्चिमी राज्य का नाम (Western State): गुजरात

भारत के चतुर्दिश (चारो कोणों के) राजधानियों की स्थिति

  1. भारत का सबसे उत्तरी राजधानी का नाम (Northern Capital): श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर)
  2. भारत का सबसे दक्षिणी राजधानी का नाम (Southern Capital): तिरुवनंतपुरम (केरल)
  3. भारत का सबसे पूर्वी राजधानी का नाम (Eastern Capital): कोहिमा (नागालैण्ड)
  4. भारत का सबसे पश्चिमी राजधानी का नाम (Western Capital): गांधीनगर (गुजरात)

भारत के चतुर्दिश (चारो कोणों के) बिन्दुओं की स्थिति

भारत के चारो कोनों में सबसे दूरश्थ बिन्दुओं की बात करें तो भारत का सबसे उत्तरी स्थान / बिंदु इंदिरा कॉल है, सबसे दक्षिणी बिंदु कन्याकुमारी या केपकुमेरिम है, भारत का सबसे पूर्वी बिंदु किविथू तथा सबसे पश्चिमी बिंदु सरक्रीक / गुहारमोती है। नीचे सूची में विस्तार से देखें-

क्र.विशेषस्थानराज्य/के.शा. प्र.अक्षांश
1भारत का सबसे उत्तरी बिंदुइंदिरा कॉल लद्दाख37o6’ उत्तर पूर्व
2भारत का सबसे दक्षिणी बिंदुकन्याकुमारी या केपकुमेरिमतमिलनाडु8o4’ उत्तर पूर्व
3भारत का सबसे पूर्वी बिंदुकिविथूअरुणाचल प्रदेश97o25’ पूर्वी देशांतर
4भारत का सबसे पश्चिमी बिंदुसरक्रीक / गुहारमोतीगुजरात68o7’ पूर्वी देशांतर
  • भारत का सबसे दूरश्थ दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट (Indira Point) भारत की मुख्य भूमि से दूर अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार में 6o45’ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। परन्तु 2004 माई सुनामी के कारण यह पूरी तरह से जल में डूब गया है। पहले इसका नाम पिगमेलियन पॉइंट था। यह भूमध्य रेखा से 876 Km दूर है।
  • इस समय भारत की दूरस्थ दक्षिणी स्थलीय सीमा कन्याकुमारी है। इसके पहले इंदिरा पॉइंट था। इंदिरा पॉइंट अब दूरस्थ दक्षिणी जलीय सीमा बिंदु कहा जा सकता है।

भारत में कर्क रेखा की स्थिति (Tropic of Cancer)

कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में 23 ½ डिग्री पर स्थित है जो भारत के लगभग मध्य से होकर गुजरती है। कर्क रेखा भारत के 8 राज्यों के विभिन्न शहरों से होकर गुजरती है और उन 8 राज्यों का क्रम निम्नलिखित हैं :-

  1. गुजरात
  2. राजस्थान
  3. मध्यप्रदेश
  4. छत्तीसगढ़
  5. झारखंड
  6. पश्चिमबंगाल
  7. त्रिपुरा
  8. मिजोरम

भारत के मानक समय का निर्धारण (Determination of IST)

भारतीय मानक समय

समय के अंतराल को दूर करने के लिए भारत ने भी अन्य देशों की तरह ही एक मानक मध्यान्ह रेखा का चुनाव किया है। मानक मध्यान्ह रेखा पर जो स्थानीय समय होता है उस समय को ही देश का मानक समय माना जाता है। विश्व के देशों में आपसी समझ के अंतर्गत मानक याम्योत्तर को 7o30’ देशांतर के गुणांक पर चुना जाता है और यही वजह है कि 82o30’ (82.5 degree) पूर्वी देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर (IST – Indian Standard Time) चुना गया है।

भारतीय मानक समय (IST) ग्रीनविच माध्य समय (GMT – Greenwich Mean Time) से 5:30 घंटे आगे है। GMT 0 डिग्री देशांतर पर पर स्थित है जिसे ग्रीनविच रेखा (Greenwich Line) अथवा अन्तर्राष्ट्रीय समय रेखा कहा जाता है।

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्थित घंटाघर से 82.5 डिग्री (82o30’) पूर्वी देशांतर के आधार पर भारतीय मानक समय (IST) की गणना की जाती है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में भारत का मानक भूमध्य रेखा 82°30’E है, जो देश को दो बराबर भागों में विभाजित करता है। इसलिए मानक भूमध्य रेखा के रूप में लिया गया है।

  • भारत की मानक समय रेखा भारत के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है और भारत के 5 राज्यों को स्पर्श करती है। उन 5 राज्यों के नाम इस प्रकार हैं:-
    • (1) उत्तर प्रदेश, (2) मध्यप्रदेश, (3) छत्तीसगढ़, (4) ओड़िसा, (5) आंध्रप्रदेश
  • भारत की मानक रेखा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के नैनी के निकट मिर्जापुर के विन्ध्याचल क्षेत्र से होकर गुजरती है। भारत के राज्य पश्चिमी गुजरात और पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश के समय में 2 घंटे का अंतराल होता है।
  • भारत में 82.5° पूर्वी देशान्तर, जो कि प्रयागराज (इलाहाबाद) के निकट नैनी के पास विन्ध्याचल क्षेत्र से गुजरती है। इसी समय को मानक समय माना गया है। AZAD IAS ACADEMY में इस बारे में विस्तार से बताया गया है, इसके विडियो का लिंक निचे दिया गया है:-

👉 भारत की मानक समय रेखा (IST) की गणना के बारे में विकिपीडिया में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के पास नैनी के निकट मिर्जापुर को बताया गया है। विकिपीडिया के पैराग्राफ के उस भाग को और उसका लिंक निम्नलिखित है:-

भारतीय मानक समय की गणना मिर्ज़ापुर के क्लॉक टॉवर से लगभग चार कोणीय मिनटों के भीतर 82°30'E पर IST के संदर्भ देशांतर पर की जाती है। 1905 में, इलाहाबाद के पूर्व से गुजरने वाली मध्याह्न रेखा को ब्रिटिश भारत के लिए एक मानक समय क्षेत्र घोषित किया गया था और 1947 में भारत डोमिनियन के लिए इसे आईएसटी घोषित किया गया था। पूरे देश के लिए मानक मध्याह्न रेखा के रूप में प्रयागराज के पास नैनी से गुजरने वाले 82°5'पूर्व देशांतर को चुना गया था क्योंकि पश्चिमी भारत के बीच एक घंटे से अधिक का समय अंतराल है। पश्चिमी भारत ( लगभग +05:00 ) और पूर्वोत्तर भारत ( लगभग +06:00 ), इसलिए लगभग मध्य भारत का यूटीसी+05:30 के साथ मानकीकरण किया जा रहा है। वर्तमान में, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल) इलाहाबाद वेधशाला की मदद से भारतीय मानक समय बनाए रखती है । 
                                                                                  ------विकिपीडिया के भारतीय मानक समय नामक शीर्षक से 

भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा और पड़ोसी देश (Neighboring Countries of India)

भारत एक प्रायद्वीपीय देश है। प्रायद्वीप का अर्थ होता है कि कोई भूमि जो तीन ओर से जल से घिरी हो। भारत पश्चिम में अरब महासागर से, पूर्व में बंगाल की खाड़ी से और दक्षिण में हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। इस प्रकार भारत एक प्रायद्वीपीय देश है जो जलीय तथा स्थलीय दोनों तरह की सीमा बनाता है। भारत की स्थलीय सीमा की कुल लम्बाई 15,106.7 किलोमीटर है, तथा जलीय सीमा (मुख्य भूमि) की कुल लम्बाई 6100 किलोमीटर है। द्वीपों को मिलाकर भारत की कुल जलीय सीमा 7,516.6 किलोमीटर है।

भारत अपने पड़ोस में स्थित 11 देशों के साथ अपनी सीमा बनाता है जिसमे से 7 देश स्थलीय सीमा बनाते हैं, तथा 7 देश जलीय सीमा बनाते है, जबकि 3 देश जलीय सीमा और स्थलीय सीमा दोनों साझा करते हैं। भारत के सीमावर्ती देशों में उत्तर पश्चिम में पकिस्तान और अफगानिस्तान, उत्तर में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में म्यांमार और बांग्लादेश स्थित हैं। भारत के दक्षिण-पूर्व में श्रीलंका और दक्षिण-पश्चिम में मालदीव जलीय सीमा साझा करते हैं।

भारत के कुल 11 पड़ोसी देश हैं जो इस प्रकार हैं: 👉भारत के पड़ोसी देश (विस्तृत जानकारी)

  1. अफगानिस्तान
  2. पाकिस्तान
  3. चीन
  4. नेपाल
  5. भूटान
  6. बांग्लादेश
  7. म्यांमार
  8. श्रीलंका
  9. मालदीव
  10. इंडोनेशिया
  11. थाईलैंड

भारत के स्थलीय, जलीय तथा स्थलीय और जलीय दोनों सीमा से लगने वाले पडोसी देशों की सूची

क्रमांकपड़ोसी देशस्थलीय सीमाजलीय सीमास्थलीय और जलीय सीमा
1अफगानिस्तानस्थलीय सीमा
2पाकिस्तानस्थलीय सीमाजलीय सीमास्थलीय और जलीय (दोनों)
3चीनस्थलीय सीमा
4नेपालस्थलीय सीमा
5भूटानस्थलीय सीमा
6बांग्लादेशस्थलीय सीमाजलीय सीमास्थलीय और जलीय (दोनों)
7म्यांमार (बर्मा)स्थलीय सीमाजलीय सीमास्थलीय और जलीय (दोनों)
8श्रीलंकाजलीय सीमा
9मालदीवजलीय सीमा
10इंडोनेशियाजलीय सीमा
11थाईलैंडजलीय सीमा

भारत की आन्तरिक सीमा: राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश (States and UTs)

भारत राज्यों का संघ है और वर्तमान भारत में 28 राज्य और 8 केन्द्रशासित प्रदेश मौजूद हैं। 31 अक्टूबर 2019 से पहले भारत में 29 राज्य और 7 केन्द्रशासित प्रदेश हुआ करते थे परन्तु इस तारीख के बाद से जम्मू कश्मीर राज्य को दो अलग अलग (जम्मू कश्मीर और लद्दाख) केन्द्रशासित प्रदेशों में बाँट दिया गया जिसके बाद केन्द्रशासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गई। 26 जनवरी 2020 को पहले से बने दो केन्द्रशासित प्रदेशों (दादरा नगर हवेली तथा दमन और दीव) को मिलाकर एक कर दिया गया जिसके बाद केन्द्रशासित प्रदेशों की संख्या 8 हो गई तथा राज्यों की संख्या 28 हो गई।

👉 भारत के राज्य और राजधानी – (विस्तृत जानकारी)

क्षेत्रफल के अनुसार भारत के 28 राज्य और 8 केन्द्रशासित प्रदेश इस प्रकार हैं –

क्र.स. 28 राज्य (State)क्र.स.8 केन्द्रशासित प्रदेश
1राजस्थान (Rajasthan)1लद्दाख (Ladakh)
2मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)2जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir)
3महाराष्ट्र (Maharashtra)3अंडमानऔर निकोबार (Andaman & Nicobar Island)
4उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)4दिल्ली (Delhi)
5गुजरात (Gujarat)5दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव (Dadra and Nagar Haveli and Daman and Diu)
6कर्नाटक (Karnataka)6पुदुच्चेरी (Pondicherry)
7आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)7चंडीगढ़ (Chandigarh)
8ओडिशा (Odisha)8लक्ष्यद्वीप (Lakshadweep)
9छत्तीसगढ (Chhattisgarh)
10तमिलनाडु (Tamil Nadu)
11तेलंगाना (Telangana)
12बिहार (Bihar)
13पश्चिम बंगाल (West Bengal)
14अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)
15झारखंड (Jharkhand)
16असम (Assam)
17हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)
18उत्तराखंड (Uttarakhand)
19पंजाब (Panjab)
20हरयाणा (Haryana)
21केरल (Kerala)
22मेघालय (Meghalaya)
23मणिपुर (Manipur)
24मिजोरम (Mizoram)
25नगालैंड (Nagaland)
26त्रिपुरा (Tripura)
27सिक्किम (Sikkim)
28गोवा (Goa)

भारत के राज्यों से सम्बंधित कुछ तथ्य

  • भारत के 5 राज्य ऐसे हैं जो किसी भी देश के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा नहीं करते हैं। ये राज्य स्थलबद्ध राज्य (Land Lick State) कहे जाते हैं- 
    • (1) हरियाणा, (2) मध्यप्रदेश, (3) छत्तीसगढ़, (4) झारखंड, (5) तेलन्गाना
  • पुदुच्चेरी भारत का एकमात्र ऐसा केन्द्रशासित प्रदेश है जिसमें 4 जिलें हैं और ये चारों जिले अलग अलग राज्यों में स्थित हैं-
  1. यमन – आंध्रप्रदेश में
  2. पुदुच्चेरी – तमिलनाडु में (सर्वाधिक क्षेत्रफल)
  3. कराइकल – तमिलनाडु में
  4. माहे – केरल में (सबसे कम क्षेत्रफल)
  • भारत का उत्तर प्रदेश राज्य सर्वाधिक 9 (8 राज्य + 1 केंद्र शासित प्रदेश) राज्यों के साथ अपनी सीमा साझा करता है- 
    • (1) हिमाचल प्रदेश (सबसे कम)
    • (2) उत्तराखंड
    • (3) हरयाणा
    • (4) दिल्ली (केन्द्रशासित प्रदेश)
    • (5) राजस्थान
    • (6) मध्यप्रदेश (सर्वाधिक सीमा)
    • (7) छत्तीसगढ़
    • (8) झारखंड
    • (9) बिहार

भारत की समुद्र तटीय राज्य (Coastal States of India)

भारत की तटीय सीमा की लम्बाई 6100 किमी. है। अगर इसमें भारतीय द्वीपों की तटीय सीमा को भी जोड़ लिया जाय तो तो भारत की कुल तटीय सीमा रेखा 7516.5 किमी. लम्बी है। भारत के 9 राज्य और 4 केन्द्रशासित प्रदेश मिलकर पूरी तटीय सीमा बनाते हैं। इन 9 राज्यों में से 4 राज्य पूर्वी घाट की तरफ बंगाल की खाड़ी से तथा 5 राज्य पश्चिमी घाट की तरफ अरब सागर से तटीय सीमा बनाते हैं। 

  • गुजरात राज्य भारत की सर्वाधिक तटीय सीमा रेखा (1214 Km) बनाता है।
  • भारत की सर्वाधिक तटीय सीमा रेखा बनाने वाले राज्यों में दूसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश राज्य (973 Km) है। 
  • गोआ (102 Km) राज्य भारत की सबसे कम तटीय सीमा रेखा बनाता है।
  • अंडमान निकोबार द्वीप समूह 1900 किमी.के साथ सर्वाधिक तटीय सीमा रेखा बनाने वाला केन्द्रशासित प्रदेश है।
  • दादरा नगर हवेली और दमन दीव (42 किमी) सबसे कम तटीय सीमा रेखा बनाने वाला केन्द्रशासित प्रदेश है।
पूर्वी घाटपश्चिमी घाटद्वीप समूह
आंध्रप्रदेश (973.7 Km)गुजरात (1214.7 Km)अंडमान निकोबार (1962 Km)
तमिलनाडु (906.9 Km)महाराष्ट्र (652.6 Km)लक्ष्यद्वीप (132 Km)
उडीसा (476.7 Km)कर्नाटक (208 Km)पुदुच्चेरी (47.6 Km)
पश्चिम बंगाल (157.5 Km)केरल (569.7 Km)दादरा नगर हवेली और दमन दीव (42.5 Km)
गोआ (102 Km)
भारत की समुद्र तटीय राज्य की सूची

भारत के समुद्र तटीय मैदान

भारत के समुद्र तटीय मैदान को भी दो भागों में विभाजित करके अध्यन किया जाता है जिनकी सूची निम्नलिखित है:-

  • पश्चिमी तटीय मैदान
  • पूर्वी तटीय मैदान
पश्चिमी तटीय मैदान
क्र.मैदानतटक्षेत्र
1गुजरात मैदानकाठियावाड़ तटकच्छा से दमन तक
2कोंकड़ तटकोंकड़ तटदमन से गोआ तक
3कन्नड़ तटकन्नड़ तटगोआ से मंग्लौर तक
4मालाबार मैदानमालाबार तटमंगलौर से कन्याकुमारी तक
पूर्वी तटीय मैदान
1तमिलनाडु मैदानकोरोमंडल तटकन्याकुमारी से कृष्णा नदी तक
2आंध्र तटीय मैदानउत्तरी सरकार तटकृष्णा नदी से महानदी तक
3उत्कल मैदानउत्कल तटमहानदी से स्वर्ण नदी तक
4गंगा मैदानबंग तट  स्वर्ण रेखा नदी तट से सुन्दर वन डेल्टा तक

भारत की जलीय सीमा (Sea Border of India)

समुद्री सीमा का मापन नॉटिकल मील (nautical mile) में किया जाता है और 1 नॉटिकल मील में 1.852 किमी. होते हैं। समुद्री सीमा के अंतर्गत तीन प्रकार के क्षेत्र होते हैं –

  • प्रादेशिक सीमा (Territorial Sea): यह सीमा आधार रेखा (Base Line) से आगे समुद्र में 12 NM (नॉटिकल मील) तक होती है। इसमें सम्बंधित देश का सम्पूर्ण अधिकार होता है।
  • संलग्न क्षेत्र (Contagious Zone): यह सीमा आधार रेखा से आगे समुद्र में 12 NM से 24 NM (नॉटिकल मील) तक होती है, अर्थात प्रादेशिक सीमा के बाद से 12 NM तक। इस क्षेत्र में सम्बंधित देश को सीमा शुल्क का अधिकार, वित्तीय अधिकार तथा साफ़ सफाई का अधिकार इत्यादि होता है।
  • अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone): यह सीमा आधार रेखा से आगे समुद्र में 24 NM से 200 NM (नॉटिकल मील) तक होती है, अर्थात संलग्न क्षेत्र के बाद से 176 NM तक। इस क्षेत्र में सम्बंधित देश की सरकार नए द्वीप का खोज/ निर्माण, प्राकृतिक संसाधन, तथा वैज्ञानिक अनुसन्धान करा सकती है।

अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) के बाद के क्षेत्र को उच्च सागर (High Sea) कहते हैं और इस क्षेत्र में सभी देशों का बराबर अधिकार होता है।

भारत के भौगोलिक परिचय से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • दक्षिण एशिया में स्थित भारत क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। देश पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंद महासागर से घिरा हुआ है। देश पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यांमार के साथ जमीनी सीमा साझा करता है।
  • विशाल पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर विशाल मैदानों, पठारों और द्वीपों तक विस्तृत भू-आकृतियों के साथ भारत का भूगोल विविधतापूर्ण है। भारत के उत्तरी भाग में शक्तिशाली हिमालय श्रृंखला का प्रभुत्व है, जो जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों को कवर करते हुए 2,500 किमी से अधिक फैला हुआ है। भारत की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट भी हिमालय का एक हिस्सा है।
  • हिमालय के दक्षिण में भारत-गंगा का मैदान है, जो सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा निर्मित एक विशाल जलोढ़ मैदान है। यह उपजाऊ मैदान भारत की आबादी के एक महत्वपूर्ण अनुपात का समर्थन करता है और एक महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र है। भारत का पश्चिमी भाग अरावली रेंज और थार रेगिस्तान द्वारा चिह्नित है, जबकि दक्कन का पठार देश के मध्य और दक्षिणी भागों पर हावी है।
  • भारत कई नदियों का भी घर है, जिनमें से सबसे प्रमुख गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु हैं। ये नदियाँ न केवल देश की कृषि का समर्थन करती हैं बल्कि इसके लोगों के लिए मीठे पानी के स्रोत के रूप में भी काम करती हैं।
  • भारत की जलवायु काफी हद तक उष्णकटिबंधीय है, मानसून का मौसम देश की कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मानसून का मौसम, जो जून से सितंबर तक रहता है, देश में भारी वर्षा लाता है, फसलों के लिए महत्वपूर्ण नमी प्रदान करता है।
  • भारत के विविध भूगोल के परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार के वनस्पति क्षेत्र हैं, जो पूर्वोत्तर में उष्णकटिबंधीय वर्षावनों से लेकर पश्चिम में रेगिस्तानी वनस्पतियों तक हैं।
  • भारत के भूगोल की विशेषता विभिन्न प्रकार के भू-आकृतियों, नदियों, जलवायु और वनस्पति क्षेत्रों से है, जो इसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अध्ययन का एक आकर्षक विषय बनाता है। देश के इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और राजनीति की व्यापक समझ के लिए भारत के भौतिक भूगोल की अच्छी समझ आवश्यक है।

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