भारत की झीलें | Lakes Of India

भारत, अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, और इसके साथ ही भारत की झीलें भी यहाँ की समृद्धि का प्रतीक हैं। भारत की इन झीलों का समृद्धि, प्राकृतिक सौंदर्य, और जैव विविधता के साथ मिलन एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है, जो विश्वभर के यात्रीगण को प्रभावित करता है। ये झीलें भारतीय सांस्कृतिक और प्राकृतिक समृद्धि का माध्यम बनती हैं और देश को एक सुप्रसन्न और समृद्धि भरा अहसास कराती हैं। भारत में अनेकों प्राकृतिक व मानवनिर्मित झीलें पायी जाती है।

Table of Contents

झील किसे कहते है? What is called a Lake?

झील सामान्यतः भूतल में स्थित उन विशाल गड्ढों को कहा जाता है जिसमे पानी भरा होता है l झीलों का पानी प्रायः स्थिर होता है और चारों ओर से स्थल से घिरा होता है l

झीलें बनती हैं, बनने के बाद विकसित होती हैं, फिर धीरे-धीरे तलछट से भरने लगती हैं और दलदल का रूप ले लेती हैं तथा ऊपर धीरे धीरे ऊपर उठ कर आस पास की भूमि के बराबर हो जाती हैं।

झीलों के प्रकार Types of Lakes

भारत की झीलें विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत की जा सकती हैं, जो उनके स्थान, उत्पत्ति, और पर्यावरणीय विशेषताओं पर आधारित होती हैं। यह वर्गीकरण भारत की झीलों की विविधता और उनके उपयोग के प्रमुख पहलुओं को दर्शाता है। भारत की प्रमुख प्राकृतिक झीलों का वर्गीकरण निम्नलिखित है:-

झीलें मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है – 

  • प्रकृतिक झीलें (Natural Lakes)
  • मानव निर्मित झीलें (Man made Lakes)

प्राकृतिक झीलें (Natural Lakes)

प्राकृतिक झीलें (Natural Lakes) वे झीलें होती हैं जो प्रकृति द्वारा निर्मित होती हैl प्रकृति द्वारा अनेकों प्रकार से झीलों का निर्माण किया जाता है प्रकृति द्वारा निर्मित झीलों को उनके निर्माण के आधार पर निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है –

  • हिमानी द्वारा निर्मित झील 
  • विवर्तनिक हलचलों द्वारा निर्मित झील 
  • ज्वालामुखी पर्वतों द्वारा निर्मित झील
  • लैगून झील
  • वायु द्वारा निर्मित झील 

हिमानी द्वारा निर्मित झील 

जब हिमनद पिघलते हुए अपने अंतिम चरण में पहुंचते हैं, तो उन हिमनदों में पाया जाने वाला हिमोड़ या मोराइन एक अवरोध के रूप में कार्य करता है, जिसके कारण पिघला हुआ पानी ऊबड़-खाबड़ जगह में एकत्रित हो जाता है। इस प्रकार से एकत्रित हुआ पानी झील का आकार ले लेता है। इस प्रकार निर्मित झीलों को हिमानी द्वारा निर्मित झील कहा जाता है। इस प्रकार की झीले उत्तर के पर्वतीय भागों में पायी जाती है l 

उत्तराखंड की नैनी झील, राकसताल, सातताल, भीमताल हिमानी द्वारा निर्मित झील के उदहारण है l 

विवर्तनिक हलचलों द्वारा निर्मित झील

पृथ्वी के अंदर की हलचल होने के कारण कही कही धरातल के बड़े भाग धंस जाते है और कही कही ऊपर उठ जाते है। इस प्रकार धरातल पर बड़े-बड़े गद्द्धों का निर्माण होता है। इस गड्ढों में पानी से भर जाने पर आंतरिक झीलों का निर्माण हो जाता है। इस प्रकार निर्मित झीलों को विवर्तनिक हलचलों द्वारा निर्मित झील कहा जाता है। कैस्पियन सागर इसका उदाहरण है।

कश्मीर में झेलम नदी पर स्थित वुलर झील इस प्रकार की झील का उदहारण है l यह झील भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है।

ज्वालामुखी पर्वतों द्वारा निर्मित झील (क्रेटर झील)

ज्वालामुखी क्रिया के बाद ज्वालामुखी पर्वतों के उदगार स्थान (ज्वालामुख) पर विशाल गड्ढा बन जाता है। इन गड्ढों को क्रेटर (गर्त-मुख) कहते है। इन क्रेटर (गर्त-मुख) में जल भर जाता है। इस प्रकार ज्वालामुखी पर्वतों के बने क्रेटर (गर्त-मुख) में जल भर जाने के फलस्वरूप जिस झील का निर्माण होता है उसे ज्वालामुखी पर्वतों द्वारा निर्मित झील अथवा क्रेटर झील कहते हैं।

ज्वालामुखी उदगार से बनी क्रेटर झील भारत में लोनार एवं पुष्कर झील, बोलीविया की टिटिकाका झील आदि इसके प्रमुख उदहारण है।

लैगून अथवा अनूप झील

विस्तृत जल निकाय जैसे समुद्र या महासागर के किनारे पर बने उथले क्षेत्र को लैगून कहते हैं। यह क्षेत्र बालू, प्रवाल भित्ति द्वारा समुद्र से आंशिक रूप से या पूरी तरह से अलग होता है। अर्थात तटीय समुद्री जल का कुछ भाग बालू या प्रवाल भित्ति द्वारा मुख्य भूमि से अलग होकर झील नुमा आकृति बना लेता है। इसे ही लैगून झील अथवा अनूप झील कहते हैं।

उड़ीसा की चिल्का झील भारत सबसे बड़ी लैगून झील है। यह भारत की सबसे बड़ी तटीय झील भी है। यह भारत की सबसे बड़ी तटीय अनूपझील (लैगून झील) के साथ विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्धखारी (खारे पानी की) अनूप झील (लैगून झील) भी है। यहां नौ-सेना का प्रशिक्षण केन्द्र है। कोलैरू झील (आंध्र प्रदेश), पुलीकट झील (तमिलनाडु), बेम्बनाद झील (केरल), अष्ठामुडी झील (केरल) आदि प्रमुख लैगून झीलों के उदहारण हैं।

वायु द्वारा निर्मित झील (प्लाया झील)

इस प्रकार की झीलों का निर्माण वायु के अपरदन के फलस्वरूप होता है l हवा द्वारा सतह की मिट्टी को उड़ाकर ले जाती है और वहां पर विशाल गड्ढे बन जाते है इन गड्ढों में पानी भर जाने से ऐसी झीलों का निर्माण होता है। इन्हें प्लाया झील भी कहते हैं।

राजस्थान की सांभर झील, डीडवाना झील, पंचभद्रा झील, लुणकरणसर झील आदि प्लाया झील के प्रमुख उदाहरण हैं।

मानव निर्मित झीलें (Man made Lakes)

इस प्रकार की झीलें मानव द्वारा निर्मित होती है l इन झीलों को कृत्रिम झीलें भी कहते है l कृत्रिम झीलों का निर्माण सिंचाई, विद्युत उत्पादन, जलापूर्ति और प्रकृति सौन्दर्य के लिए किया जाता है l भारत के अलग अलग प्रदेशों में वहां की आवश्यकता के अनुसार कृत्रिम झीलों का निर्माण किया गया है जिसका विवरण निम्नलिखित है –

उत्तर प्रदेश में स्थित कृत्रिम झील 

गोविन्द बल्लभ पन्त सागर झील

गोविन्द बल्लभ पन्त सागर झील रिहंद नदी का पानी रोककर बनायी गयी है l यह झील उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है l रिहंद नदी सोन नदी की सहायक नदी है l गोविन्द बल्लभ पन्त सागर झील भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है l

मध्य प्रदेश में स्थित कृत्रिम झील 

गांधीसागर झील

गांधीसागर झील का निर्माण गाँधी सागर बांध के निर्माण के कारण हुआ है l यह चम्बल नदी पर निर्मित है l 

राजस्थान में स्थित कृत्रिम झील 

जवाहर सागर झील और राणा प्रताप सागर झील

जवाहर सागर झील और राणा प्रताप सागर झील, ये झीलें चम्बल नदी पर बनी है l 

जयसमन्द झील

जयसमन्द झील राजस्थान के अरावली पर्वतमाला के दक्षिण-पूर्व में स्थित है l यह झील एशिया की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है l जयसमंद झील के सबसे बड़े टापू का नाम बाबा का भखड़ा व सबसे छोटे टापू का नाम पयारी है।

पचपदरा झील

पचपदरा झील राजस्थान में खारे पानी की झील है जो राजस्थान के बाड़मेर जिले की बालोतरा तहसील के पचपदरा गांव में स्थित है। इस झील से नमक का उत्पादन किया जाता है। इस सरोवर में खारवाल जाति के लोग मोरली की झाड़ी से नमक के क्रिस्टल बनाते हैं। पंचा नामक भील के द्वारा दलदल को सुखा कर के इस झील के आसपास की बस्तियों का निर्माण करवाया गया था।

इस झील से प्राप्त होने वाला नमक उच्च गुणवत्ता का होता है। क्योंकि इस झील से प्राप्त नमक में 98% तक सोडियम क्लोराइड होता है l 

हिमाचल प्रदेश में स्थित कृत्रिम झील 

गोविन्द सागर झील

गोविन्द सागर झील सतलज नदी पर भाखड़ा बाँध के निर्माण के कारण बनी है l इस झील का नाम सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर रखा गया है l यह झील हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है l 

तमिलनाडु में स्थित कृत्रिम झील 

स्टेनली जलाशय

स्टेनली जलाशय झील कावेरी नदी पर मेट्टूर बांध के निर्माण के कारण बनी है l 

केरल में स्थित कृत्रिम झील 

पेरियार झील

पेरियार झील का निर्माण पेरियार नदी पर बने बाँध के कारण हुआ हुआ है l 

आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में स्थित कृत्रिम झील 

नागार्जुन सागर झील

नागार्जुन सागर झील का निर्माण कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर बाँध के निर्माण के बाद हुआ है l जो हैदराबाद से 150 कि.मी. की दूरी पर कृष्णा नदी पर स्थित है। नागार्जुन सागर झील दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है।

हुसैन सागर झील

हुसैन सागर झील तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में स्थित एक कृत्रिम झील है l यह झील हैदराबाद को अपने जुड़वां नगर सिकंदराबाद से अलग करती है।

झीलों का वर्गीकरण | Classification Of Lakes

विभिन्न कारकों के आधार पर झीलों को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं :

झीलों का वर्गीकरणउदाहरण
जल के अंतर्वाह और बहिर्वाह के आधार पर
अस्थायी झीलेंविसर्पण से बनी झीलें, जैसे चांद्रताल
स्थायी झीलेंनदीओं के संगम स्थल पर बनी झीलें, जैसे संगम झील
मीठे पानी की झीलेंगंगा की सागर में बनी झीलें
खारे पानी की झीलेंडेड सी सागर, जो खारा पानी होता है
पृथ्वी की गति के कारण होने वाले गठन
टेक्टोनिक झीलेंग्रेट बीयर झील, विक्टोरिया झील
दरार घाटी झीलेंदल के झील, ग्लेशियर नैशनल पार्क, यूएस
हिमनद के निर्माण के आधार पर
सर्के झीलेंकेरल के वेम्बनाड़ झील
रॉक-हॉलो झीलेंशिवलिक पहाड़ियों के नीचे बनी झीलें
घाटियों के मोरैनिक बांध के कारण बनी झीलेंग्रेट लेकस, नागीन झील
ज्वालामुखीय गतिविधि के कारण बनने वाले
लावा अवरुद्ध झीलेंक्राटर झील, क्राटर लेक
क्रेटर और काल्डेरा झीलेंक्रेटर लेक, काल्डेरा लेक
कटाव के कारण बनने वाले झीलें
कार्स्ट झीलेंहोट स्प्रिंग्स नेशनल पार्क
हवा से झुकी झीलेंविंडडी झील, सेफ्टी झील
निक्षेपण (Deposition) द्वारा बनने वाले
नदी के जमाव के कारण झीलेंमानसरोवर, डाल लेक
समुद्री जमाव के कारण झीलेंकास्पियन सी, ब्लैक सी, डेड सी सागर
पानी के बांध के कारण झीलेंगोविंद सागर, सरोवर डैम
मानव निर्मित झीलेंताजमहल के पास की झील, लोच नेस, कूल झील

भारत की 10 सबसे बड़ी झीलें | Top 10 Largest Lakes Of India

भारत की 10 सबसे बड़ी झीलें, उनका स्थान, क्षेत्रफल तथा उनका विवरण निचे दिया गया है-

झीलस्थानक्षेत्रफलविवरण
वेम्बनाद झीलकेरल2033 km²भारत की सबसे लंबी झील और केरल की सबसे बड़ी झील।
भारत में दूसरा सबसे बड़ा रामसर स्थल।
इसे वेम्बनाद कोल, वेम्बनाड कयाल और पुन्नमदा झील के नाम से भी जाना जाता है।
चिल्का झीलओडिशा1100 km²एशिया में सबसे बड़ा खारे पानी का लैगून और भारत में सबसे बड़ा तटीय लैगून।
भारत में प्रवासी पक्षियों के लिए सबसे बड़ा शीतकालीन मैदान।
रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित होने वाली पहली भारतीय झील। हालाँकि अब सूची से हटा दिया गया है।
भारत में 20% समुद्री घास चिल्का झील में पाई जाती है।
शिवाजी सागर झीलमहाराष्ट्र891.7 km²कोयना बांध द्वारा निर्मित एक कृत्रिम जलाशय।
पैंगोंग झीललद्दाख और पश्चिम तिब्बत700 km²4250 मीटर की ऊँचाई वाली भारत की दूसरी सबसे ऊँची झील।
भारत और चीन के बीच इस झील का साझा किया गया है।
झील का केवल 40% हिस्सा भारत में है और शेष भाग चीन में है।
यह झील 5 उप झीलों में विभाजित है – पैंगोंग त्सो, त्सो नायक, रम त्सो (जुड़वां झील) और नायक त्सो
इंदिरा सागर झीलमध्य प्रदेश627 km²पानी के आयतन की दृष्टि से यह सबसे बड़ी झील है।
इंदिरा सागर बांध द्वारा निर्मित एक कृत्रिम जलाशय।
पुलिकट झीलआंध्र प्रदेश450 km²भारत में दूसरा सबसे बड़ा खारे पानी का लैगून पुलिकट झील।
यहाँ का पक्षी अभयारण्य कई प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करता है।
यह अधिक से अधिक राजहंस के लिए विख्यात है।
सरदार सरोवर झीलगुजरात375 km²यह गुजरात में नर्मदा नदी के ऊपर बना कंक्रीट का बांध है।
लोकतक झीलमणिपुर287 km²भारत और पूर्वोत्तर क्षेत्र में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील।
विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान कीबुल लामजाओ इसी झील पर स्थित है।
नागार्जुन सागर झीलतेलंगाना285 km²कृष्णा नदी पर निर्मित चिनाई वाला बांध है।
विश्व का सबसे बड़ा चिनाई वाला बांध है।
वुलर झीलजम्मू और कश्मीर260 km²भारत की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील।
टेक्टोनिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप इस झील की बेसिन का निर्माण हुआ था।

भारत के महत्वपूर्ण झीलों के नाम, स्थान एवं उनके प्रकार

भारत के महत्वपूर्ण झीलों के नाम, स्थान एवं उनके प्रकार निम्नलिखित हैं –

झील का नामझील का स्थानझील का प्रकार
कोल्लेरू झीलआंध्र प्रदेशप्राकृतिक मीठे पानी की झील
सांभर झीलराजस्थानखारे पानी की झील
ढेबर झीलराजस्थानकृत्रिम मीठे पानी की झील
पुष्कर झीलराजस्थानकृत्रिम मीठे पानी की झील
पिछोला झीलराजस्थानकृत्रिम मीठे पानी की झील
रंगसागर झीलराजस्थानकृत्रिम झील
गोविंद सागर झीलहिमाचल प्रदेशमीठे पानी की झील
कंवर झीलबिहारप्राकृतिक मीठे पानी की झील
अष्टमुडी झीलकेरलमीठे पानी की झील
परवूर झीलकेरलमीठे पानी की झील
सस्थमकोट्टा झीलकेरलमीठे पानी की झील
भोजताल झीलमध्य प्रदेशप्राकृतिक मीठे पानी की झील
वीरनम झीलतमिलनाडुप्राकृतिक मीठे पानी की झील
चेम्बरमबक्कम झीलतमिलनाडुकृत्रिम झील
वैतरणा झीलमहाराष्ट्रप्राकृतिक मीठे पानी की झील
लोनार झीलमहाराष्ट्रमीठे पानी की झील
विहार झीलमहाराष्ट्रप्राकृतिक मीठे पानी की झील
डल झीलजम्मू और कश्मीरप्राकृतिक मीठे पानी की झील
दीपोर बिल झीलअसमप्राकृतिक मीठे पानी की झील
हुसैन सागरतेलंगानाकृत्रिम झील
शमीरपेट झीलतेलंगानाकृत्रिम झील
सुखना झीलचंडीगढ़कृत्रिम मीठे पानी की झील
त्सोमगो झीलसिक्किममीठे पानी की झील (हिमनद) झील
नैनीताल झीलउत्तराखंडप्राकृतिक मीठे पानी की झील
भीमताल झीलउत्तराखंडप्राकृतिक मीठे पानी की झील
डोडीतालउत्तराखंडमीठे पानी की झील
सेंचल झीलपश्चिम बंगालकृत्रिम झील
बेलासागर झीलउत्तर प्रदेशकृत्रिम झील
कांजिया झीलओडिशाप्राकृतिक झील
कांजली वेटलैंडपंजाबमीठे पानी की झील

भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित प्रमुख झीलों की सूची

भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित प्रमुख झीलों की सूची निम्नलिखित है –

क्रमांकराज्यझीलें 
जम्मू कश्मीर डल झील, वुलर झील, बैरिनाग झील, मानस बल झील, शेषनाग झील, अनंतनाग झील, नागिन झील, मानसर सरोवर
गडसर झील, आंचार झील, कृष्णसर झील, कौसरनाग झील, गंगाबल झील, सोनमर्ग की विशनसर झील, तुलियन झील।
2हिमाचल प्रदेश महाराणा प्रताप सागर, भृगु झील, नाको झील, रेणुका झील, सूरज ताल, चन्द्र ताल, पोंग डैम झील, गोविन्द सागर झील, करेरी झील, चमेरा झील, खजियार झील, रिवालसर झील, पराशर झील, पंडोह झील।
3उत्तराखंड नैनीताल झील, भीमताल झील, सात ताल, देवताल, नौकुछियाताल, खुर्पाताल, राकसताल ताल, रूपकुंड, गिरिताल, द्रोणताल, श्यामताल, झिलमिल ताल, तड़ाग ताल, सहस्त्र ताल, यमताल, महासर ताल, बासुकि ताल, मंसूर ताल, अप्सरा ताल, भिलंगना ताल, तारा कुंड, रूप कुंड, हेमकुंड झील, संतोपंथ झील, विरही ताल, बेनीताल, विष्णु ताल, सुखताल, गोहाना ताल, नचिकेता ताल, डोडिताल, फाचकंडी बयां, दिव्य सरोवर।
4हरियाणा ब्रह्म सरोवर, कर्ण झील, सूरज कुंड, बड़खड़ झील, बसाई झील, भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य की झील, ब्लू बर्ड झील, ब्रह्मसरोवर, दमदमा झील, भीम कुंड, हथिनी कुंड, कर्ण झील, कौसल्या बांध पर बनी कौसल्या झील, मसनी झील, पथराला बैराज, सन्निहित सरोवर, सुल्तानपुर राष्ट्रीय पार्क झील, सूरजकुंड, तिल्यार, ताजेवाला। 
5पंजाब गोविन्द सागर झील, हरिके झील, कंजली झील, रोपर झील, अमृत सरोवर, मतौर झील, गोइंदवाल झील, महाराजा अजी सरोवर, मालव झील, बेसियन झील।
6सिक्किम चोलामू झील, सोंगमा झील, त्सोमगो झील, मेन्मेचो झील (यह जीलीप ला दर्रे के पास स्थित है), खेचेओपलरी झील, करथोक झील, ग्रीन लेक, समिति लेक, सो लमू झील, लक्ष्मी पोखरी, गुरुडोंगमार झील, बिदन चु झील।
7मणिपुर लोकटक झील, लौसी झील, वाईथौ झील, कचौफूंग झील, जेलड़ झील, अज़ोआ जेनिफ़िउ मागी झील, पुमलेनपट झील और इकोप पट झील।
8उत्तर प्रदेश फुलहर झील, किथम झील, बरुआसागर ताल, गोमत ताल, सरसई नवर झील, रामगढ़ ताल, बेलासागर झील, मोती झील, नौह, कोकिलाकुंड, कृष्णकुंड, राधाकुंड, श्यामकुंड, गोविंदकुंड और मानसी गंगा कुंड, सीता कुंड, भारतकुंड, भाखा झील, देवरिया ताल, गोमती ताल, मदन सागर, सागर ताल, बाल हापरा, दरवान झील, राजा का बंधन और भोजपुर झील, औंधी ताल, बखिरा, करेला और एतौजा, नवाबगंज झील, कुंद्रा समुद्र, बड़ाताल, पार्वती और अरगा ताल।
9मध्य प्रदेश भोज ताल (मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी झील), ग्वाल सागर, लाखा बंजारा झील, धर्म सागर, लोकपाल सागर झील, सांख्य सागर झील, मूंज सागर झील हनुमान ताल, गोविंदगढ़ तालाब, चिड़ीखो, संग्राम सागर झील, रानीताल।
10गुजरात नल सरोवर झील, कंकरिया झील, हमीरसर झील, लाखोता झील, थोल झील, वस्त्रपुर झील, सुरसागर झील, सपूतरा झील, गोमती झील, नारायण सरोवर झील, सहस्रलिंग तलाव, बिन्दु सरोवर, गौरीशंकर झील, दामोदर कुंड, लाल परी झील, चंडोला झील, दामोदर कुंड, मोती झील, शकूर झील, नई सरोवर झील।
11राजस्थान सांभर झील (जयपुर), पचपदरा झील (बाड़मेर), डीडवाना (नागौर), लुणकरणसर (बीकानेर), फतेहसागर झील (उदयपुर), नक्की झील माउण्ट आबू (सिरोही), पुष्कर झील, राजसमन्द झील, आनासागर झील, पिछोला झील।
12महाराष्ट्र लोनार झील, अंबाझरी झील, सलीम अली झील, फुटाला झील, खिंडसी झील, रंकला झील, मसुंडा झील, पाशन झील, रेलदेवी झील, शुक्रवारी झील, उपवन झील, वेन्ना झील, गोरेवाड़ा झील, मोदक सागर झील, पोवई झील, शिवसागर झील, तुलसी झील, पवना झील विहार झील।
13उड़ीसा चिल्का झील, अनसुपा झील, हीराकुड बांध के द्वारा बनी झील, इंद्रावती डैम झील, कोलाब डैम झील, पटा झील, अपर जोंक झील, रेंगाली झील, सरोदा जलाशय, कांजीया झील।
14आंध्र प्रदेश कोलेरू झील, पुलीकट झील, कंबम झील, हुसैन सागर झील, दुर्गम चेरुवू झील, मैलावरम झील, औक झील, तातीपुड़ी जलाशय श्रीशैलम झील।
15केरल अष्टमुडी झील, बेम्बानद झील, सस्थमकोट्टा झील, पेरियार झील, पारावुर झील, पुन्नमदा झील, अक्कुलम झील, मनांचिरा झील, वीरनपुझा झील, वेल्लयानी झील, पूकोडी झील।
16तमिलनाडु पुलीकट झील, कोडेकनल झील, चेम्बरामबक्क्म झील(कांचीपुरम में), कलिवेली झील (विलुपुरम में), कोवलई झील (कांचीपुरम में), शोलावरम झील, वीरनाम झील, रेड हिल्स झील, अंबत्तुर झील, सिंगनल्लुर झील, वलनकुलम झील।
17असम चपनाला झील, दीपोर बील, हफलोंग, चंडूबी, डिघाली पुखरी, सिबसागर झील, तमरंगा झील, डिगबोई झील, सोन बिल दिहिंग लेक। 
18मेघालय उमियम झील, कोल्लेरु, पुलिकट झील, कंबम झील, हुसैन सागर झील, दुर्गम चेरुवू झील, मैलावरम झील, औक झील, तातीपुड़ी जलाशय श्रीशैलम झील।
19लद्दाखपांगोंग त्सो, त्सो मोरीरी, त्सो कर लेक, क्यागर त्सो।
20त्रिपुरा रुद्रसागर झील, बीजोय सागर झील, कमलसागर झील, डोंबूर झील, अमिय सागर झील, बनमालीपुर दिघी झील, चंद्रसागर झील, रामठाकुर झील, रानीपुकुर झील, सलबागान झील, रानीर बाज़ार झील, लेंबुचरा झील, अकुया शक्ति झील, जगन्नाथ दीघी झील, अमर सागर झील, कल्याणसागर झील, महादेब दीघी झील।
21बिहारकाबर ताल (काँवर झील), घोघा झील, कुशेश्वर स्थान झील, काँवर झील, जगतपुर झील, विक्रमशिला गैंगेटिक डाल्फिन सेंचुरी में स्थित झील, बरौनी रिफाईनरी इकाँलोजिकल पार्क स्थित झील, पटना का मंगल तालाब, बोधगया की मुचलिंदा झील, मालपुर झील, बराइला झील, वैतरणी सरोवर, सागर पोखर, घोड़ा कटोरा झील।

रामसर स्थल किसे कहते है? What is called Ramsar site?

रामसर स्थल वह आर्द्र भूमि या नम भूमि हैं, जिन्हें रामसर कन्वेंशन के तहत “अंतर्राष्ट्रीय महत्व” दिया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्र भूमियों पर रामसर सम्मेलन किया जाता है। यह रामसर सम्मलेन विशेष रूप से जलपक्षी आवास के रूप में आर्द्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसको वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है। इसका नाम ईरान के शहर रामसर के नाम पर रखा गया है। ईरान में ही 1971 में इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे।

  • रामसर समझौता (कन्वेंशन) एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो आर्द्रभूमि के मौलिक पारिस्थितिक कार्यों के साथ-साथ उनके आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और मनोरंजक मूल्य को पहचानती है।
  • रामसर समझौता (कन्वेंशन) 1 फरवरी, 1982 को भारत में प्रभाव में आया था।
  • भारत में इस समय 2023 तक 75 रामसर स्थल हैं, जो 13,26,677 हेक्टेयर में फैले हैं।

रामसर स्थलों की सूची में शामिल भारत की झीलें 

रामसर स्थलों में भारत की झीलें भी शामिल की गयी है l भारत में रामसर स्थलों की सूची में शामिल झीलें इस प्रकार है – 

क्रमांकरामसर स्थलों की सूची में शामिल भारत की झीलें राज्यघोषणा वर्ष
1.कोलेरू झील आंध्रप्रदेश 2002
2.दीपोर बील असम 2002
3.चंद्रताल, पौंग झील, रेणुका झील, हिमाचल प्रदेश 2005, 2002, 2005
4.सूरिंसार-मानसर झीलें, वुलर झीलजम्मू कश्मीर 2005, 1990
5.त्सो-मोरीरी, त्सो कर लेकलद्दाख 2020
6.अष्टमुडी वेटलैंड, सस्थमकोट्टा झील, बेम्बानद झील केरल 2002
7.भोज ताल मध्य प्रदेश 2002
8.लोकटक झील मणिपुर 1990
9.चिल्का झील ओड़िसा 1981
10.हरिके झील, कंजली झीलपंजाब 1990, 2002
11.सांभर झील राजस्थान 1990
12.रुद्रसागर झील त्रिपुरा 2005
13.सरसई नावर झील, कीथम झीलउत्तर प्रदेश 2019, 2020
14.कबर तालबिहार 2020
15.लोनार झील महाराष्ट्र 2020

झीलों के लाभ | Benefits Of Lakes

झीलों से अनेकों लाभ है जिनका विवरण निम्नलिखित है-

  • कुछ देशों में, बड़ी झीलों का उपयोग भारी और थोक सामानों के आयात और निर्यात के लिए किया जाता है, क्योंकि वे परिवहन के सस्ते और सुविधाजनक रूप प्रदान करते हैं।
  • कोलेरू झील जैसी मीठे पानी की झीलें आसपास के क्षेत्रों में घरेलू पानी के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में कार्य करती हैं।
  • कुछ झीलें (जैसे- चिल्का झील) मत्स्य पालन के बड़े संसाधन होते हैं। इस प्रकार इन झीलों को भोजन के स्रोतों में से एक मन जा सकता हैं।
  • ये झीलें कई लोगों को रोजगार मुहैया कराने में सहायक होती हैं।
  • झीलों से सेंधा नमक, बोरेक्स, जिप्सम आदि जैसे खनिजों का उत्पादन भी किया जाता हैं।
  • झीलें बाढ़ को नियंत्रित करने, अतिरिक्त पानी का भंडारण आदि करने तथा नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • कई झीलें जैसे – चिल्का झील, पुलिकट झील आदि, प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती हैं और अनुकूल मैदान (Wintering Grounds) के रूप में काम करती हैं।

भारत की झीलों से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी तटीय झील है l यह झील उड़ीसा में स्थित है l यह खारे पानी की लैगून झील है। यहाँ पर नौसेना का प्रशिक्षण केंद्र है l यह भारत की सबसे बड़ी तटीय अनूपझील (लैगून झील) और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्धखारी (खारे पानी की) अनूप झील (लैगून झील) है। इसका क्षेत्रफल 1,100 वर्ग किमी से अधिक है l 
  • 1981 में, चिल्का झील को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की पहली भारतीय आर्द्रभूमि नामित किया गया था।
  • पुलीकट झील आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य में स्थित भारत की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है l पुलिकट झील 759 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली है l
  • पुलीकट झील पर श्रीहरिकोटा द्वीप है जो इसे बंगाल की खाड़ी से अलग करता है l हरिकोटा द्वीप पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO) द्वारा स्थापित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र है l 
  • वुलर झील जम्मू कश्मीर राज्य के बांडीपोरा ज़िले में स्थित भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है। वुलर झील पर तुलबुल परियोजना बनायीं गयी है l 
  • वुलर झील के जल का मुख्य स्रोत झेलम नदी है l 
  • वुलर झील का निर्माण विवर्तनिक क्रिया के फलस्वरूप हुआ है l वुलर झील को गोखुर झील भी कहते है क्योंकि इसकी आकृति गाय की खुर के सामान है l 
  • लोकटक झील पूर्वोत्तर भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है l यह झील मणिपुर राज्य के चुंडाचांदपुर जिले में स्थित है l इस झील का क्षेत्रफल 40 KM2 है l 
  • लोकटक झील पर विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान केयबुल लामजाओ स्थित है।
  • चोलामू या त्सो ल्हामो झील भारत की सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित झील है l यह झील सिक्किम राज्य में स्थित है, जो झील 6,200 मीटर (20,300 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
  • देवताल झील उत्तराखंड राज्य में स्थित भारत की दूसरी सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित झील है l 
  • लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित खारे पानी की झील है। इसका निर्माण एक उल्कापिंड का पृथ्वी से टकराने के कारण बने विशाल गड्ढे में पानी भर जाने से हुआ है।
  • बेम्बानद झील भारत की सबसे लम्बी झील है, जो केरल राज्य में स्थित एक लैगून झील है l यह झील ओणम पर्व के दौरान आयोजित होने वाली वार्षिक नौकादौड़ (नेहरू ट्रॉफी बोट रेस) के लिये प्रसिद्ध है।
  • बेम्बानद झील पर दो मुख्य द्वीप है – विलिंगडन द्वीप और वल्लारपदम द्वीप। 
  • विलिंगडन द्वीप पर कोच्चि का बंदरगाह, भारतीय नौसेना के स्थापत्य, केंद्रीय मत्स्य उद्योग संस्थान और अन्य कार्यालय हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 966B इसे मुख्य भूमि से जोड़ता है।
  • मानसबल झील जम्मू व कश्मीर राज्य में श्रीनगर से उत्तर में स्थित है। यह भारत की सबसे गहरी झील है l 
  • सांभर झील भारत के राजस्थान राज्य में जयपुर शहर के पास स्थित एक खारे पानी की झील है। इस झील से बड़े पैमाने पर नमक का उत्पादन होता है।
  • सांभर झील भारत की अन्तः स्थलीय वृहतम खारे पानी की झील है l 
  • पूकोड झील भारत के केरल राज्य के वायनाड जिले में स्थित भारत की सबसे छोटी झील है l 
  • पूकोड झील मीठे पानी की झील है l 
  • कोलेरू झील कृष्णा और गोदावरी नदी के डेल्टा पर स्थित है l यह ताजे पानी की झील है l यह झील एक रामसर स्थल है l 
  • कोलेरू झील आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है l शीत ऋतु में अनेकों पक्षी जैसे साइबेरियन क्रेन, आइबिस और चित्रित सारस आदि यहाँ प्रवास करते हैं।
  • अष्टमुडी झील केरल के कोल्लम राज्य में स्थित एक झील है l इसका आकार आठ भुजाओं वाला है l 

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