भारत के प्रमुख दर्रे | Major Passes of India

भारत के प्रमुख दर्रे एक आश्चर्यजनक प्राकृतिक दृश्य प्रस्तुत करते हैं । तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ते हैं। ये दर्रे परिवहन और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ सैन्य रणनीति में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में छोटे-बड़े हर तरह के दर्रे हैं, ये दर्रे मुख्य रूप से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों तथा प्रायद्वीप भारत के राज्यों में पाये जाते हैं। ये दर्रे आश्चर्यजनक प्राकृतिक दृश्य प्रस्तुत करते हैं तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ते हैं। दर्रे (Passes) परिवहन और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ सैन्य रणनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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दर्रे किसे कहते हैं? (What are called Passes?)

पर्वतीय क्षेत्र में आवागमन के लिए बने प्राकृतिक मार्ग को दर्रा (Passes) कहते हैं। इस तरह के प्रकृतिक मार्ग मुख्यतः नदियों के तीव्र बहाव के कारण निर्मित होते हैं। इसके अतिरिक्त दर्रों का निर्माण भूकंप, ज्वालामुखी, उल्का पिंड गिरने और जमीन खिसकने से भी होता है। ये दर्रे अधिक ऊंचाई पर न होकर काफी नीचे होते हैं तथा ऊंचाई से देखने पर आश्चर्यजनक प्राकृतिक दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

भारत के प्रमुख दर्रे कौन-कौन से हैं? (Which are the major passes of India? )

उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों तथा प्रायद्वीप भारत के राज्यों में स्थित प्रमुख दर्रों के नाम और राज्य / के.शा. प्रदेश की जानकारी निम्नलिखित है-

  • लद्दाख में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • काराकोरम दर्रा (Karakoram Pass)
    • उमलिंग ला दर्रा (Umling La Pass)
  • जम्मू कश्मीर में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • पीर-पंजाल दर्रा (Pir-Panjal Pass)
    • बुर्जिल दर्रा (Burzil Paa)
    • बनिहाल दर्रा (Banihal Pass)
    • जोजिला दर्रा (Jozila Pass)
  • हिमाचल प्रदेश में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • बाडालाचला दर्रा (Bara-Lacha Pass)
    • शिपकिला दर्रा (Shipki La Pass)
    • रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass)
  • उत्तराखण्ड में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • नीति दर्रा (Niti Pass)
    • माना दर्रा (mana Pass)
    • लिपुलेख दर्रा (Lipulekh Pass)
  • अरुणाचल प्रदेश में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • बोमडिला दर्रा (Bomdila Paass)
    • यांग्याप दर्रा (yang-yap pass)
    • डिफू दर्रा (Difu pass)
  • मणिपुर में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • तुजू दर्रा (tuzu Pass)
  • सिक्किम में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • नाथुला दर्रा (Nathu La Pass)
    • जेलेप्ला दर्रा (Jelap La Pass)
  • दक्षिण भारत में स्थित भारत के प्रमुख दर्रे
    • थाल घाट (Thal Ghat) – (महाराष्ट्र)
    • भोर घाट (Bhor Ghat) – (महाराष्ट्र)
    • पाल घाट (Pal ghat) – (केरल)

भारत के प्रमुख दर्रों की विशेषताएँ (Features of major passes of India)

1. काराकोरम दर्रा (Karakoram Pass) – लद्दाख

  • काराकोरम दर्रा हिमालय की लद्दाख क्षेत्र के काराकोरम श्रेणी में स्थित भारत का सबसे ऊँचा पहाड़ी दर्रा है।
  • यह भारत के लद्दाख क्षेत्र को चीन के झिंजियांग क्षेत्र से जोड़ने का काम करता है।
  • इस दर्रे की समुद्र तल से ऊंचाई 5,654 मी. है।
  • यह भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थित है।

काराकोरम दर्रा ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्राचीन सिल्क रोड व्यापार मार्ग का एक हिस्सा था जो चीन को भूमध्यसागरीय क्षेत्र से जोड़ता था। यह सैन्य दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया के सबसे ऊँचे और ठंढे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर तक पहुचने के लिए एक रणनीतिक पहुंच मार्ग प्रदान करता है। यह पूर्वी काराकोरम रेंज पर स्थित है।

काराकोरम दर्रे तक गर्मी के महीनों में ही जाया जा सकता है, क्योंकि इस समय बर्फ पिघल जाती है और सड़क वाहनों के आवागमन के लिए खुल जाती है। भारी बर्फबारी और मौसम की ख़राब स्थिति के कारण गर्मी के अलावा साल के बाकी समय के लिए बंद रहता है। काराकोरम दर्रा अपने चुनौतीपूर्ण इलाके के बावजूद, भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बना हुआ है।

2. उमलिंग ला दर्रा (Umling La Pass)- लद्दाख

  • उमलिंग ला दर्रे को उमलिंग ला दर्रा (Umling La) भी कहते हैं।
  • यह दर्रा लद्दाख श्रेणी (Ladakh Range) में स्थित है।
  • दमचोक से चिसुमले गाँव तक 2021 में सड़क का निर्माण किया गया है जो19300 फीट की ऊंचाई पर है। यह सड़क उमलिंग ला दर्रे से होकर गुजरती है।
  • इस सड़क की लम्बाई 52 किमी है।
  • दमचोक- चिसुमले सड़क का निर्माण हिमांक परियोजना (Himank Project) के तहत किया गया है।
  • सिंधु नदी दमचोक (Demchok) नामक स्थान से भारत में प्रवेश करती है।
  • दमचोक-चिसुमले मध्य सड़क का निर्माण सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) द्वारा किया गया है।
  • विश्व का सबसे ऊँचा वाहन गमय दर्रा (World Highest Motorable Pass) होने के कारण उमलिंग ला दर्रे को गिनीज बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Record) में दर्ज किया गया है।

उमलिंग ला अथवा उमलुंग ला भारत के लद्दाख में डेमचोक के पास कोयुल लुंगपा और सिंधु नदी के बीच की पहाड़ी पर स्थित एक दर्रा है। इसकी समुद्र तट से ऊंचाई 5,882.64 मीटर (19,300.0 फीट) है। उमलिंग ला दर्रे को गिनीज बुक ऑफ वल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Record) में दर्ज किया गया है। क्योंकी उमलिंग ला दर्रा विश्व का सबसे ऊंचा वाहन गमय दर्रा (World Highest Motorable Pass) है। जिसमें पक्की सड़क का निर्माण किया गया है।

3. पीर-पंजाल दर्रा (Pir-Panjal Pass) – जम्मू-काश्मीर

  • पीर पंजाल दर्रा हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। 
  • यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर और कश्मीर घाटी से जोड़ता है।
  • पीर-पंजाल दर्रा समुद्र तल से 3,490 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 
  • वाणिज्यिक और सैन्य परिवहन दोनों ही दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण मार्ग है। 
  • भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LOC) के पास इसकी स्थिति अत्यंत संवेदनशील है।

पीर-पंजाल दर्रा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उपयोग सदियों से एक व्यापार मार्ग के रूप में किया जाता है, जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और उससे आगे जोड़ता है। गर्मी के महीनों में जब बर्फ पिघल जाती है तो दर्रा वाहनों के आवागमन के लिए खुल जाता है। परन्तु भारी बर्फबारी और सर्दियों के महीनों के दौरान चरम मौसम की स्थिति के कारण, यह बंद और दुर्गम रहता है। पीर पंजाल दर्रा परिवहन और व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बना हुआ है।

4. बनिहाल दर्रा (Banihal Pass) – जम्मू-काश्मीर

  • बनिहाल दर्रा हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है।
  • यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर से राष्ट्रीय राजमार्ग 1A (NH-1A) द्वारा जोड़ता है।
  • जवाहर सुरंग (Jawahar Tunnel) बनिहाल दर्रे से होकर गुजरती है। इसीलिए जवाहर सुरंग बनिहार सुरंग (Banihal Tunnel) नाम से भी जानी जाती हैं।
  • इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 2,832 मीटर है।

बनिहाल दर्रा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 1A (NH-1A) द्वारा पार किया जाता है और वाणिज्यिक और सैन्य परिवहन दोनों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मार्ग है। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LOC) के पास स्थित होने के कारण बनिहाल दर्रे का महत्वपूर्ण सामरिक महत्व है। दर्रे तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है और भारी बर्फबारी और चरम मौसम की स्थिति को छोड़कर बाक़ी के समय वाहनों के आवागमन के लिए खुला रहता है। बनिहाल दर्रा कश्मीर घाटी और शेष भारत के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है।

5. जोजिला दर्रा (Jojila /Zoji La Pass) – जम्मू-काश्मीर

  • जोजिला दर्रा हिमालय की जास्कर रेंज में स्थित एक उच्च पर्वतीय दर्रा है।
  • यह श्रीनगर / कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र में स्थित लेह शहर से जोड़ता है।
  • राष्ट्रीय राज मार्ग 1D (NH-1D) जोजिला दर्रे से होकर गुजरता है।
  • इस दर्रे की समुद्र तल से ऊँचाई 3,528 मीटर है।

जोजिला दर्रा अपनी संकीर्ण चौड़ाई, खड़ी ढलान और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति के कारण दुनिया के सबसे विश्वासघाती पर्वत दर्रों में से एक माना जाता है। इस दर्रे तक गर्मी के महीनों में ही पहुंचा जा सकता है, क्योंकि इस समय बर्फ पिघल जाती है और सड़क वाहनों के आवागमन के लिए खुल जाती है। भारी बर्फबारी और ख़राब मौसम की स्थिति के कारण यह बाकी समय के लिए बंद रहता है। जोजिला दर्रा सैन्य दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है।

6. बुर्जिल दर्रा (Burzil /Burzi La Pass) – जम्मू-काश्मीर

  • बुर्जिल दर्रा जम्मू-काश्मीर में हिमालय पर्वत की जास्कर श्रेणी में स्थित एक ऊँचा पहाड़ी दर्रा है।
  • यह दर्रा समुद्र तल से 4,100 मी. की ऊँचाई पर स्थित है। 
  • बुर्जिला दर्रा श्रीनगर को लद्दाख के गिलगित से जोड़ता है। तथा सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मार्ग है।

7. बाडा लाचला दर्रा (Bara-Lacha Pass) – हिमाचल प्रदेश

  • बारा-लाचाला दर्रा हिमाचल प्रदेश में हिमालय पर्वत की ज़ांस्कर श्रेणी में स्थित एक उच्च पर्वतीय दर्रा है।
  • यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के लाहौल जिले को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ता है।
  • इस दर्रे की समुद्र तल से ऊंचाई 4,843 मीटर है। 
  • बारालाचाला दर्रा मनाली-लेह मार्ग पर स्थित है।

8. शिपकी ला दर्रा (Shipki La Pass) – हिमाचल प्रदेश

  • शिपकी ला दर्रा हिमालय पर्वत की जासकर श्रेणी में स्थित भारत और चीन की सीमा पर स्थित एक पर्वतीय दर्रा है। 
  • यह हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले को चीन के तिब्बत क्षेत्र से जोड़ता है।
  • इस दर्रे की समुद्र तल से ऊंचाई 4,300 मीटर है।
  • भारत में सतलज नदी का प्रवेश इसी दर्रे से होता है।

यह दर्रा सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है। तथा यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार भी है। भारी बर्फबारी और चरम मौसम की स्थिति को छोड़कर यह दर्रा पूरे वर्ष भर वाहनों के आवागमन के लिए खुला रहता है।

9. रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass) – हिमाचल प्रदेश

  • रोहतांग दर्रा हिमाचल प्रदेश में हिमालय की पीर पंजाल रेंज में स्थित एक पर्वतीय दर्रा है।
  • यह दर्रा कुल्लू घाटी को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ता है, तथा साथ ही मनाली और लेह को भी आपस में जोड़ता है।
  • अटल सुरंग (9.02 Km) इसी दर्रे में स्थित है। इस सुरंग का दूसरा नाम रोहतांग सुरंग भी है।
  • रोहतांग दर्रा एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। 
  • इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4,620 मीटर है।
  • रावी नदी का उदगम रोहतांग दर्रे से ही होता है।
  • रोहतांग दर्रे का उपनाम लाशों का ढेर है। 

रोहतांग दर्रा आसपास के पहाड़ों का आश्चर्यजनक दृश्य प्रस्तुत करता है। स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग और ट्रेकिंग जैसे साहसिक खेलों के लिए यह एक लोकप्रिय स्थान है। यह दर्रा मई से नवंबर तक वाहनों के आवागमन के लिए खुला रहता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी और चरम मौसम की स्थिति के कारण यह बंद रहता है।

रोहतांग दर्रा आर्थिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कुल्लू घाटी और लाहौल तथा स्पीति घाटियों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी प्रदान करता है, जो कृषि और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण हैं। रोहतांग दर्रे में एक चुनौतीपूर्ण भूभाग और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति है, जो इसे वाहनों के आवागमन के लिए एक खतरनाक मार्ग बनाता है।

10. नीति दर्रा (Niti Pass) – उत्तराखंड

  • नीती दर्रा (Niti Pass) उत्तराखंड राज्य की महान हिमालय श्रेणियों में स्थित एक ऊँचा पहाड़ी दर्रा है। 
  • नीती दर्रा (Niti Pass) भारत-चीन सीमा पर स्थित है। यह भारतीय राज्य उत्तराखंड को चीन में तिब्बत क्षेत्र से जोड़ता है।
  • इस दर्रे की समुद्र तल से ऊंचाई 5,068 मीटर है।

नीति दर्रा भारत और तिब्बत के बीच प्राचीन व्यापार मार्ग का एक हिस्सा है। इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इसका उपयोग सदियों से व्यापारियों और तीर्थयात्रियों द्वारा किया जाता रहा है। यह दर्रा भी भारी बर्फबारी और ख़राब मौसम की स्थिति के कारण सर्दियों में बंद रहता है। तथा जून से सितंबर तक गर्मी के महीनों के दौरान सीमित समय के लिए खुला रहता है।नीति दर्रा भारत और चीन की सीमा पर स्थित होने के कारण रणनीतिक और सैनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। नीति दर्रे में एक चुनौतीपूर्ण भूभाग और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति है, जो इसे वाहनों के आवागमन के लिए एक खतरनाक मार्ग बना देती है।

11. माना दर्रा (Mana Pass) – उत्तराखंड

  • माना दर्रा भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक ऊँचा पहाड़ी दर्रा है। 
  • माना दर्रा उत्तराखण्ड के माना गाँव और तिब्बत क्षेत्र को आपस में जोड़ता है।
  • इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5,545 मीटर है। 

माना दर्रा सामरिक और सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और चीन की सीमा पर स्थित है। यह सदियों से एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग रहा है और इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह भारी बर्फबारी और ख़राब मौसम की स्थिति के कारण सर्दियों में बंद रहता है तथा जून से अक्टूबर तक गर्मी के महीनों के दौरान सीमित समय के लिए दर्रा खुला रहता है। माना दर्रा वाहनों के आवागमन के लिए एक चुनौती भरा मार्ग है, जिसमें खड़ी चढ़ाई और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति इसे अत्यंत चुनौतीपूर्ण बनती है।

12. लिपुलेख दर्रा (Lipulekh Pass) – उत्तराखंड

  • लिपुलेख दर्रा भारत और चीन (China) की सीमा पर स्थित एक उच्च पर्वतीय दर्रा है।
  • इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5,334 मी. है।
  • यह दर्रा भारतीय राज्य उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिला को तिब्बत क्षेत्र से जोड़ता है।
  • इसी दर्रे के मार्ग द्वारा तिब्बत स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर की यात्रा की जाती है।

लिपुलेख दर्रे को हाल के वर्षों में महत्व मिला है क्योंकि इसे भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए हिंदुओं और बौद्धों के पवित्र स्थल कैलाश मानसरोवर तक पहुंचने के लिए सबसे छोटे मार्ग के रूप में नामित किया गया है। भारत सरकार ने कैलाश मानसरोवर यात्रा करने के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए इस दर्रे Pass) को खोल दिया है। भारी बर्फबारी और ख़राब मौसम की स्थिति के कारण सर्दियों में यह बंद रहता है, तथा मई से नवंबर तक गर्मी के महीनों के दौरान सीमित समय के लिए दर्रा खुला रहता है।

13. नाथु ला दर्रा (Nathu La Pass) – सिक्किम

  • नाथू ला दर्रा (Nathu La Pass) भारत और चीन सीमा पर स्थित एक उच्च पर्वतीय दर्रा है।
  • यह दर्रा सिक्किम को चुम्भी घाटी से जोड़ता है।
  • इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4,310 मी. है।
  • यह दर्रा शिपकी ला दर्रा और लिपुलेख दर्रे के साथ भारत-चीन के बीच तीन व्यापारिक सीमा चौकियों में से एक है।

नाथु ला दर्रा सदियों से भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार का मार्ग था। जिसे 1962 में चीन-भारत युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था। परन्तु दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के परिणामस्वरूप 2006 में इसे पुनः खोल दिया गया था। आज, नाथू ला दर्रा भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है और कुल 80% व्यापार इसी दर्रे से किया जाता है।

14. जेलेप्ला दर्रा (Jelap La Pass) – सिक्किम

  • जेलेप ला दर्रा भारत और चीन के बीच की सीमा पर स्थित एक उच्च ऊंचाई वाला पर्वतीय दर्रा है।
  • यह दर्रा सिक्किम और भूटान को आपस में जोड़ता है।
  • इस दर्रे की समुद्र तल से ऊंचाई 4,270 मीटर है।
  • इस दर्रे का निर्माण तीस्ता नदी द्वारा किया गया है।
  • जेलेप ला दर्रा भारत और चीन के बीच कुछ खुली व्यापारिक चौकियों में से एक है।

जेलेप्ला दर्रे का सामरिक महत्व है क्योंकि यह प्राचीन सिल्क रोड पर स्थित है, जो भारत को तिब्बत और चीन से जोड़ने वाला एक प्रमुख व्यापार मार्ग है। इसे वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था परन्तु चार दशक से अधिक के अंतराल के बाद 2006 में इसे पुनः खोल दिया गया था।

15. बोमडिला दर्रा (Bomdila Pass) – अरुणाचल प्रदेश

  • बोमडिला दर्रा (Bomdila Pass) अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला शहर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग और तिब्बत को आपस में जोड़ता है।
  • इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2217 मी. है।
  • यह दर्रा इस क्षेत्र के प्रमुख दर्रों में से एक है तथा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

बोमडिला दर्रा सुंदर पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है। तथा हिमालय के परिदृश्य के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करता है। इस दर्रे की सड़क संकरी और घुमावदार है। इस दर्रे को नेविगेट करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान जब यह बर्फ से ढका होता है।

16. यांग्याप दर्रा (Yang-yap Pass) – अरुणाचल प्रदेश

  • यांग्याप दर्रा (यांग याप दर्रा) भारत एवं तिब्बत की सीमा पर स्थित है।
  • यांग्याप दर्रा (यांग याप दर्रा) अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत मार्ग को जोड़ता है।
  • भारत में ब्रम्हपुत्र नदी का प्रवेश इस यांग्याप दर्रे (यांग याप दर्रा) से ही होता है। 

17. दीफू दर्रा (Difu Pass) – अरुणाचल प्रदेश

  • दीफू दर्रा भारत और म्यांमार सीमा पर स्थित है।
  • दीफू दर्रा (Difu Pass) अरुणाचल प्रदेश और म्यामार को आपस में जोड़ता है।

18. तुजू दर्रा (Tuzu Pass) – मणिपुर

  • तुजू दर्रा मणिपुर की राजधानी इम्फाल से म्यांमार के लिए रास्ता बनाता है।

13. थाल घाट दर्रा (Thal Ghat) – महाराष्ट्र

  • थाल घाट दर्रा मुंबई एवं नासिक मार्ग को जोड़ता है।

20. भोर घाट दर्रा (Bhor Ghat) – महाराष्ट्र

  • भोर घाट दर्रा मुम्बई को पुणें तथा चेन्नई मार्ग (NH-48) को आपस में जोड़ता है।

21. पाल घाट दर्रा (Pal Ghat) – केरल

  • पाल घाट दर्रा कोच्चि (केरल) तथा कोयम्बटूर (तमिल) को आपस में जोड़ता है।
  • यह दर्रा अन्नामलाई व नीलगिरी की पहाड़ियों के मध्य में स्थित है।

22. शेनकोट्टा दर्रा (Shenkotta Pass) – केरल

  • शेनकोट्टा दर्रा केरल की इलायची पहाड़ियों में पर स्थित है।
  • यह दर्रा तिरुवंतपुरम (केरल) और मदुरै शहर (तमिलनाडु) को आपस में जोड़ता है।

भारत के प्रमुख दर्रों की सूची (Bharat Ke Pramukh Darre List)

क्र.दर्राराज्यऊंचाई (मीटर)मार्ग
1उमलिंग ला दर्रा लद्दाख5,882.64 मीटरदमचोक-चिसुमले सड़क
2काराकोरम दर्रालद्दाख5,654 मीटरलद्दाख – चीन मार्ग
3बुर्जिल दर्राजम्मू-कश्मीर4,100 मीटरश्रीनगर – गिलगित मार्ग
4जोजिला दर्राजम्मू-कश्मीर3,528 मीटरश्रीनगर – गिलगित तथा लेह मार्ग
5पीर-पंजाल दर्राजम्मू-कश्मीर3,490 मीटरजम्मू – श्रीनगर मार्ग
6बनिहाल दर्राजम्मू-कश्मीर2,832 मीटरजम्मू – श्रीनगर मार्ग
7बाडालाचला दर्राहिमाचल प्रदेश4,843 मीटरमनाली – लेह मार्ग
8शिपकिला दर्राहिमाचल प्रदेश4,300 मीटरशिमला – तिब्बत मार्ग
9रोहतांग दर्राहिमाचल प्रदेश4,620 मीटरमनाली – लेह मार्ग
10नीति दर्राउत्तराखंड5,068 मीटरउत्तराखंड – तिब्बत मार्ग
11माना दर्राउत्तराखंड5,545 मीटरउत्तराखण्ड – तिब्बत मार्ग
12लिपुलेख दर्राउत्तराखंड5,334 मीटरउत्तराखंड – तिब्बत मार्ग
13नाथुला दर्रासिक्किम4,310 मीटरसिक्किम – तिब्बत मार्ग
14जेलेप्ला दर्रासिक्किम4,270 मीटरसिक्किम – भूटान मार्ग
15बोमडिला दर्राअरुणाचल प्रदेश2,217 मीटरतवांग घाटी – तिब्बत मार्ग
16यांग्याप दर्राअरुणाचल प्रदेश3,962 मीटरअरुणाचल प्रदेश – तिब्बत मार्ग
17दीफू दर्राअरुणाचल प्रदेश4,587 मीटरअरुणाचल प्रदेश – म्यामार
18तुजू दर्रामणिपुर2,832 मीटरइम्फाल – म्यांमार मार्ग
19थाल घाट दर्रामहाराष्ट्र585 मीटरमुंबई – नासिक मार्ग
20भोर घाट दर्रामहाराष्ट्र622 मीटरमुम्बई – पुणें मार्ग
21पाल घाट दर्राकेरल2,000 मीटरकोच्चि – कोयम्बटूर

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