भारत का इतिहास अत्यंत समृद्ध और विस्तृत रहा है, जिसमें अनेक राजवंशों ने अपने-अपने समय में शासन किया और भारतीय उपमहाद्वीप की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक दिशा को प्रभावित किया। प्रत्येक राजवंश की एक विशिष्ट पहचान रही है—उनका शासनकाल, संस्थापक, राजधानी, प्रशासनिक विशेषताएँ, सैन्य शक्ति, संस्कृति, धर्म और वास्तुकला में उनका योगदान आदि। इस लेख में हम भारत के प्रमुख राजवंशों का उल्लेख उनके संस्थापक और राजधानी के साथ करेंगे, ताकि एक क्रमबद्ध और समग्र ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जा सके।
प्राचीन भारत के राजवंश
प्राचीन भारत का इतिहास कई महान और शक्तिशाली राजवंशों से समृद्ध रहा है। इस काल में मौर्य, गुप्त, नंद, सातवाहन, और कुषाण जैसे राजवंशों ने न केवल विशाल साम्राज्य खड़े किए, बल्कि शासन, प्रशासन, संस्कृति, धर्म और कला में भी अभूतपूर्व योगदान दिया। इस खंड में उन्हीं प्रमुख प्राचीन राजवंशों की जानकारी दी गई है।
1. हर्यक वंश
- संस्थापक: बिम्बीसार
- राजधानी: राजगृह
हर्यक वंश मौर्य पूर्व मगध क्षेत्र का प्रमुख राजवंश था। बिम्बीसार एक योग्य प्रशासक और राजनयिक था, जिसने विवाह संबंधों के माध्यम से कई राज्यों से मैत्री स्थापित की।
2. शिशुनाग वंश
- संस्थापक: शिशुनाग
- राजधानी: वैशाली
इस वंश ने हर्यक वंश को पराजित कर शासन संभाला। वैशाली में राजधानी स्थापित कर इन्होंने लिच्छवियों से भी संघर्ष किया।
3. नंद वंश
- संस्थापक: महापद्मनंद
- राजधानी: पाटलिपुत्र
नंद वंश अपने विशाल सैन्य बल और आर्थिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध था। यह मौर्य वंश से ठीक पहले का सबसे शक्तिशाली वंश था।
4. मौर्य वंश
- संस्थापक: चंद्रगुप्त मौर्य
- राजधानी: पाटलिपुत्र
मौर्य वंश भारत का पहला सार्वभौम साम्राज्य था। चाणक्य की सहायता से चंद्रगुप्त ने नंद वंश को पराजित किया और अखिल भारतीय साम्राज्य की नींव रखी।
5. शुंग वंश
- संस्थापक: पुष्यमित्र शुंग
- राजधानी: पाटलिपुत्र
यह वंश मौर्यों के पतन के बाद अस्तित्व में आया। पुष्यमित्र ने बृहद्रथ मौर्य की हत्या कर सत्ता प्राप्त की।
6. कणव वंश
- संस्थापक: वासुदेव
- राजधानी: पाटलिपुत्र
शुंग वंश के पश्चात कणव वंश आया। यह वंश अधिक प्रभावशाली नहीं रहा और शीघ्र ही समाप्त हो गया।
7. सातवाहन वंश
- संस्थापक: सिमुक
- राजधानी: प्रतिष्ठान (अब पैठन, महाराष्ट्र)
यह वंश दक्षिण भारत में प्रमुख था और रोम के साथ व्यापारिक संबंधों के लिए जाना जाता है।
8. कुषाण वंश
- संस्थापक: कूजल कडफिसेस
- राजधानी: पुरुषपुर (वर्तमान पेशावर)
इस वंश के कनिष्क जैसे शासकों ने भारत में बौद्ध धर्म का विस्तार किया। यह वंश मध्य एशिया और भारत को जोड़ने वाला एक प्रमुख राजनीतिक सेतु था।
9. गुप्त वंश
- संस्थापक: श्रीगुप्त
- राजधानी: पाटलिपुत्र
गुप्त काल को भारत का “स्वर्ण युग” कहा जाता है। इसमें कला, विज्ञान, साहित्य और धर्म का अद्वितीय विकास हुआ।
10. वाकाटक वंश
- संस्थापक: विन्ध्यशक्ति
- राजधानी: अज्ञात (संभावित – विदर्भ क्षेत्र)
वाकाटक गुप्तों के समकालीन थे और अजंता की गुफाओं के संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
11. हूण वंश
- संस्थापक: तोरमाण
- राजधानी: स्कायकोट (वर्तमान पाकिस्तान के क्षेत्र में)
हूणों ने भारत पर आक्रमण कर कई क्षेत्रों को अस्थिर किया। इनका शासन अधिक स्थायी नहीं था।
प्राचीन-दक्षिण भारत के राजवंश
दक्षिण भारत में चोल, पल्लव, चालुक्य, पांड्य, होयसल और राष्ट्रकूट जैसे राजवंशों ने दीर्घकालीन और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शासन किया। इनका स्थापत्य कला, मंदिर निर्माण और समुद्री व्यापार में उल्लेखनीय योगदान रहा। इस खंड में दक्षिण भारत के ऐसे प्रमुख राजवंशों की सूची दी गई है।
12. पल्लव वंश
- संस्थापक: सिंहवर्मन चतुर्थ
- राजधानी: कांचीपुरम
पल्लवों ने दक्षिण भारत में वैदिक संस्कृति और मंदिर निर्माण को पुनर्जीवित किया।
13. चोल वंश
- संस्थापक: विजयालय
- राजधानी: तंजौर
चोल वंश ने दक्षिण भारत से लेकर दक्षिण एशिया तक समुद्री विस्तार किया। इनके काल में राजराज चोल और राजेन्द्र चोल महान शासक रहे।
14. पांड्य वंश
- संस्थापक: नेडियोन
- राजधानी: मदुरै
यह वंश तमिल क्षेत्र का प्राचीनतम शासक रहा। इनके शासनकाल में संगम साहित्य का विकास हुआ।
15. राष्ट्रकूट वंश
- संस्थापक: दंतीदुर्ग
- राजधानी: मान्यखेट
राष्ट्रकूटों ने चालुक्यों को पराजित कर सत्ता स्थापित की। एलोरा की कैलाशनाथ मंदिर जैसी कृतियाँ इनकी देन हैं।
16. चालुक्य वंश (बादामी, कल्याणी, बेंगी)
- बादामी चालुक्य: जयसिंह प्रथम, राजधानी: वातापी (बादामी)
- कल्याणी चालुक्य: तैलप द्वितीय, राजधानी: मान्यखेट/कल्याणी
- पूर्वी चालुक्य (बेंगी): विष्णुवर्धन, राजधानी: बेंगी
17. होयसल वंश
- संस्थापक: विष्णुवर्धन
- राजधानी: द्वारसमुद्र
वेल्लूर और बेलूर के मंदिर इनकी स्थापत्य कला की पहचान हैं।
18. यादव वंश
- संस्थापक: भिल्लम
- राजधानी: देवगिरि
देवगिरि यादवों ने खलजी आक्रमणों तक सत्ता संभाली।
19. कदंब वंश
- संस्थापक: मयूरशर्म
- राजधानी: वनवासिका (बनवासी)
यह वंश दक्षिण भारत में कन्नड़ संस्कृति का संवाहक रहा।
20. काकतीय वंश
- संस्थापक: बेतराज प्रथम
- राजधानी: हनमकोंडा / वारंगल
काकतीयों ने तेलंगाना क्षेत्र में शासन किया। काकतीय स्थापत्य शैली प्रसिद्ध है।
मध्यकालीन भारत के राजवंश
मध्यकालीन भारत (लगभग 8वीं से 13वीं शताब्दी तक) के दौरान कई क्षेत्रीय शक्तियाँ उभरकर सामने आईं, जिनमें गुर्जर-प्रतिहार, पाल, चौहान, चंदेल, परमार और सोलंकी जैसे वंश शामिल थे। इन्होंने उत्तर और मध्य भारत की राजनीतिक स्थिरता और सांस्कृतिक समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहाँ उन प्रमुख वंशों का उल्लेख है।
21. गंग वंश
- संस्थापक: ब्रजहस्त पंचम
- राजधानी: कुवलाल / तलकाड
गंग वंश कर्नाटक क्षेत्र में प्रभावी था।
22. पाल वंश
- संस्थापक: गोपाल
- राजधानी: मुंगेर
पालों ने बंगाल और बिहार क्षेत्र में शासन किया और बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान में योगदान दिया।
23. सेन वंश
- संस्थापक: सामंत सेन
- राजधानी: लखनौती
सेन वंश पालों के पश्चात आया और ब्राह्मण संस्कृति का संवर्धन किया।
24. गुर्जर प्रतिहार
- संस्थापक: नागभट्ट प्रथम
- राजधानी: कन्नौज
गुर्जर प्रतिहारों ने अरब आक्रमणों को रोका और कला-संस्कृति को बढ़ावा दिया।
25. गुहड़वाल वंश
- संस्थापक: चंद्रदेव
- राजधानी: कन्नौज
इस वंश ने कन्नौज की पुनः प्रतिष्ठा की।
26. चौहान वंश
- संस्थापक: वासुदेव
- राजधानी: अजमेर
चौहानों में पृथ्वीराज चौहान सबसे प्रसिद्ध राजा थे जिन्होंने मोहम्मद गौरी से संघर्ष किया।
27. परमार वंश
- संस्थापक: उपेन्द्र
- राजधानी: धारानगरी
परमारों के राजा भोज विद्वान और लेखक के रूप में प्रसिद्ध रहे।
28. चंदेल वंश
- संस्थापक: नन्नुक
- राजधानी: खजुराहो / महोबा
इनके काल में खजुराहो के सुंदर मंदिरों का निर्माण हुआ।
29. सोलंकी वंश
- संस्थापक: मूलराज
- राजधानी: अन्हिलवाड़ पाटन
सोलंकी वंश ने गुजरात में शासन किया और सौराष्ट्र क्षेत्र का विकास किया।
30. भोंसले वंश
- संस्थापक: शिवाजी
- राजधानी: रायगढ़
शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी और मुगलों से संघर्ष किया।
दिल्ली सल्तनत के वंश
13वीं से 16वीं शताब्दी तक भारत में दिल्ली सल्तनत का प्रभुत्व रहा, जिसमें पाँच प्रमुख वंश – गुलाम, खिलजी, तुगलक, सैय्यद और लोदी – शामिल थे। इन वंशों ने दिल्ली से शासन करते हुए उत्तर भारत में इस्लामी प्रशासनिक परंपराओं की नींव रखी। इस खंड में इन सल्तनत वंशों की जानकारी दी गई है।
31. गुलाम वंश
- संस्थापक: कुतुबुद्दीन ऐबक
- राजधानी: दिल्ली
32. खिलजी वंश
- संस्थापक: जलालुद्दीन खिलजी
- राजधानी: दिल्ली
33. तुगलक वंश
- संस्थापक: ग्यासुद्दीन तुगलक
- राजधानी: दिल्ली
34. सैय्यद वंश
- संस्थापक: खिज्र खाँ
- राजधानी: दिल्ली
35. लोदी वंश
- संस्थापक: बहलोल लोदी
- राजधानी: दिल्ली
विजयनगर साम्राज्य के राजवंश
विजयनगर साम्राज्य दक्षिण भारत में स्थापित एक शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य था, जिसकी स्थापना संगम वंश द्वारा की गई थी। बाद में सालूव, तुलुव और आरविडु जैसे अन्य वंशों ने शासन किया। यह साम्राज्य संस्कृति, शिक्षा और मंदिर स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध था। यहाँ इनके प्रमुख वंशों का उल्लेख किया गया है।
36. संगम वंश
- संस्थापक: हरिहर और बुक्का
- राजधानी: विजयनगर
37. सालूव वंश
- संस्थापक: नरसिंह
- राजधानी: विजयनगर
38. तुलुव वंश
- संस्थापक: वीर नरसिंह
- राजधानी: विजयनगर
39. आरविडु वंश
- संस्थापक: तिरुमल
- राजधानी: पेनुकोंडा
दक्षिण भारत के सुल्तानात
बहमनी साम्राज्य के विघटन के बाद दक्षिण भारत में कई मुस्लिम सुल्तानात उभरे, जैसे आदिलशाही, निजामशाही, कुतुबशाही आदि। इन्होंने दक्कन क्षेत्र में स्वतंत्र राज्य स्थापित किए और स्थानीय संस्कृति को नई दिशा दी। यह खंड इन दक्कनी सुल्तानों और उनके संस्थापकों की जानकारी प्रदान करता है।
40. बहमनी वंश
- संस्थापक: हसन गंगू
- राजधानी: गुलबर्गा (बाद में बीदर)
41. आदिलशाही वंश
- संस्थापक: आदिल शाह
- राजधानी: बीजापुर
42. निजामशाही वंश
- संस्थापक: मलिक अहमद
- राजधानी: अहमदनगर
43. इमादशाही वंश
- संस्थापक: फतेहुल्ला इमादशाह
- राजधानी: बरार
44. कूतुबशाही वंश
- संस्थापक: कुली कुतुबशाह
- राजधानी: गोलकुंडा
45. बरीदशाही वंश
- संस्थापक: अमीर अली बरीद
- राजधानी: बीदर
अन्य प्रमुख राजवंश
उपरोक्त श्रेणियों के अतिरिक्त भारत में कई और शक्तिशाली राजवंश रहे हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में शासन किया और भारत के इतिहास को आकार देने में योगदान दिया। जैसे शर्क़ी वंश (जौनपुर), मुगल वंश (दिल्ली/आगरा), और निज़ाम (हैदराबाद)। इस खंड में ऐसे अन्य महत्वपूर्ण राजवंशों को शामिल किया गया है।
46. शर्क़ी वंश
- संस्थापक: मलिक सरवर
- राजधानी: जौनपुर
47. मुगल वंश
- संस्थापक: बाबर
- राजधानी: दिल्ली / आगरा
मुगलों ने भारत में लगभग तीन शताब्दियों तक शासन किया। अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब इस वंश के प्रमुख शासक रहे।
48. हैदराबाद का निज़ाम
- संस्थापक: निज़ाम-उल-मुल्क
- राजधानी: हैदराबाद
मुगलों के पतन के बाद निज़ाम हैदराबाद राज्य के स्वतंत्र शासक बन गए।
भारत के प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त सारांश (संस्थापक व राजधानी सहित):
यह सारांश भारत के इतिहास में प्रमुख रहे राजवंशों की सूची को सरल और स्मरणीय रूप में प्रस्तुत करता है। इसमें हर राजवंश का नाम, संस्थापक, और राजधानी दी गई है।
प्राचीन भारत
राजवंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
हर्यक | बिम्बीसार | राजगृह |
शिशुनाग | शिशुनाग | वैशाली |
नंद | महापद्मनंद | पाटलिपुत्र |
मौर्य | चंद्रगुप्त मौर्य | पाटलिपुत्र |
शुंग | पुष्यमित्र शुंग | पाटलिपुत्र |
कणव | वासुदेव | पाटलिपुत्र |
सातवाहन | सिमुक | प्रतिष्ठान |
कुषाण | कूजल कडफिसेस | पुरुषपुर |
गुप्त | श्रीगुप्त | पाटलिपुत्र |
वाकाटक | विन्ध्यशक्ति | विदर्भ क्षेत्र (संभावित) |
हूण | तोरमाण | स्कायकोट |
दक्षिण भारत
राजवंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
पल्लव | सिंहवर्मन चतुर्थ | कांचीपुरम |
चोल | विजयालय | तंजौर |
पांड्य | नेडियोन | मदुरै |
राष्ट्रकूट | दंतीदुर्ग | मान्यखेट |
चालुक्य (बादामी) | जयसिंह प्रथम | वातापी |
चालुक्य (कल्याणी) | तैलप II | कल्याण |
चालुक्य (बेंगी) | विष्णुवर्धन | बेंगी |
होयसल | विष्णुवर्धन | द्वारसमुद्र |
यादव | भिल्लम | देवगिरि |
कदंब | मयूरशर्म | वनवासिका |
काकतीय | बेतराज प्रथम | हनमकोंडा / वारंगल |
मध्यकालीन भारत
राजवंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
गंग | ब्रजहस्त पंचम | कुवलाल / तलकाड |
पाल | गोपाल | मुंगेर |
सेन | सामंत सेन | लखनौती |
गुर्जर प्रतिहार | नागभट्ट प्रथम | कन्नौज |
गुहड़वाल | चंद्रदेव | कन्नौज |
चौहान | वासुदेव | अजमेर |
परमार | उपेन्द्र | धारानगरी |
चंदेल | नन्नुक | खजुराहो / महोबा |
सोलंकी | मूलराज | अन्हिलवाड़ पाटन |
भोंसले | शिवाजी | रायगढ़ |
दिल्ली सल्तनत
वंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
गुलाम | कुतुबुद्दीन ऐबक | दिल्ली |
खिलजी | जलालुद्दीन | दिल्ली |
तुगलक | ग्यासुद्दीन | दिल्ली |
सैय्यद | खिज्र खाँ | दिल्ली |
लोदी | बहलोल लोदी | दिल्ली |
विजयनगर साम्राज्य
वंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
संगम | हरिहर व बुक्का | विजयनगर |
सालूव | नरसिंह | विजयनगर |
तुलुव | वीर नरसिंह | विजयनगर |
आरविडु | तिरुमल | पेनुकोंडा |
दक्षिण भारत के सुल्तान
वंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
बहमनी | हसन गंगू | गुलबर्गा / बीदर |
आदिलशाही | आदिल शाह | बीजापुर |
निजामशाही | मलिक अहमद | अहमदनगर |
इमादशाही | फतेहउल्ला | बरार |
कुतुबशाही | कुली कुतुबशाह | गोलकुंडा |
बरीदशाही | अमीर अली बरीद | बीदर |
अन्य प्रमुख वंश
वंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
शर्क़ी | मलिक सरवर | जौनपुर |
मुगल | बाबर | दिल्ली / आगरा |
हैदराबाद निज़ाम | निज़ाम-उल-मुल्क | हैदराबाद |
📌 नोट:
यह सारांश विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, PCS, SSC, आदि) के लिए उपयोगी है।
भारत के प्रमुख राजवंश, संस्थापक और राजधानी (विस्तृत सूची)
भारत के प्रमुख राजवंश, संस्थापक और राजधानी की सूची नीचे दी गयी है इस सूची में भारत के सभी प्रमुख राजवंश के नाम उस राजवंश के संस्थापक और राजधानी के साथ दिए गए हैं। यहाँ से इनको आसानी से याद किया जा सकता है।
राजवंश | संस्थापक | राजधानी |
---|---|---|
हर्यक वंश | बिम्बीसार | राजगृह |
शिशुनाग वंश | शिशुनाग | वैशाली |
नन्द वंश | महापद्मनंद | पाटलीपुत्र |
मौर्य वंश | चंद्रगुप्त मौर्य | पाटलीपुत्र |
शुंग वंश | पुष्पमित्र शुंग | पाटलीपुत्र |
कणव वंश | वासुदेव | पाटलीपुत्र |
सातवाहन वंश | सिमुक | प्रतिष्ठान |
कुषाण वंश | कूजल कडफिसेस | पुरुषपुर |
गुप्त वंश | श्रीगुप्त | पाटलीपुत्र |
वाकाटक वंश | विन्ध्यशक्ति | विदर्भ क्षेत्र (संभावित) |
हूण वंश | तोरमाण | स्कायकोट |
वर्धन वंश | पुष्पभूति | थानेश्वर/कन्नौज |
पांडयवंश | नेडियोन | मदुरै |
चोल वंश | विजयालय | तंजौर |
पल्लव वंश | सिंह वर्मन चतुर्थ | कांचीपुरम |
राष्ट्रकूट | दंतीदुर्ग | मान्यखेट |
चालुक्य (कल्याणी) | तैलप-2 | मान्यखेट/कल्याण |
चालुक्य (बादामी) | जयसिंह प्रथम | वातापी |
चालुक्य (बेंगी) | विष्णुवर्धन | बेंगी |
होयसल वंश | विष्णुवर्धन | द्वार समुद्र |
यादव वंश | भिल्लभ | देवगिरि |
कदम्ब वंश | मयूर शर्मन | वनवासी |
काकतीय वंश | बेतराज प्रथम | अंमकोण्ड (हनमकोंडा), व वारंगल |
गंग वंश | ब्रजहस्त पंचम | कुवलाल व तलकाड |
पाल वंश | गोपाल | मुंगेर |
सेन वंश | सामंत सेन | लखनौती |
काकोंट वंश | दुर्लभ वर्धन | – |
उत्पल वंश | अवन्ती वर्मन | – |
लाहोर वंश | संग्राम राज | – |
वर्मनवंश (कामरूप) | पुष्पवर्मन | प्रागज्योतिषपुर |
गुर्जर प्रतिहार | नागभट्ट प्रथम | कन्नौज |
गुहड़वाल वंश | चंद्रदेव | कन्नौज |
चौहान वंश | वासुदेव | अजमेर |
परमार वंश | उपेन्द्र | धारा नगरी |
चंदेल वंश | नन्नुक | खजूराहो/ महोवा |
सोलंकी वंश | मूलराज | अन्हलवाड़ पाटन |
भोंसले वंश | शिवाजी | रायगढ |
कलचुरी वंश | कोकल्ल | त्रिपुरी |
गुलाम वंश | कुटुबुद्दीन ऐबक | दिल्ली |
खिलजी वंश | जलालूद्दीन फिरोज खिलजी | दिल्ली |
तुगलक वंश | ग्यासुद्दीन तुगलक | दिल्ली |
सैय्यद वंश | खिज्र खाँ | दिल्ली |
लोदी वंश | बहलोल लोदी | दिल्ली |
संगम वंश | हरिहर एव बुक्का | विजयनगर |
सालूव वंश | नरसिंह | विजयनगर |
तुलुव वंश | वीर नरसिंह | विजयनगर |
आरविडु वंश | तिरुमल | पेनुकोंडा |
बहमनी वंश | हसन गंगू | गुलबर्गी (बिदर) |
आदिलशाही वंश | आदिलशाह | बीजापुर |
निजामशाही | मलिक अहमद | अहमदनगर |
इमादशाही | फतेहउल्ला इमादशाह | बरार |
कूतूबशाही वंश | कुली कुतुबशाह | गोलकुंडा |
बदिरशाही | अमीर अली बरीद | बिदर |
शर्क़ी वंश | मलिक सरवर | जिनपुर |
मुगल वंश | बाबर | दिल्ली/ आगरा |
हैदराबाद के स्वतंत्र राज्य | निजाम-उल-मुल्क | हैदराबाद |
यह सूची भारत के समृद्ध और विविध इतिहास को दर्शाती है। प्रत्येक राजवंश ने अपने शासनकाल में भारत के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान दिया। इस क्रमबद्ध जानकारी के माध्यम से विद्यार्थियों और इतिहास के जिज्ञासुओं को भारत के प्रमुख राजवंशों को समझने और याद करने में सहायता मिल सकती है।
इन्हें भी देखें –
- काकतीय वंश 1000-1232
- चौहान वंश (7वीं शताब्दी-12वीं शताब्दी)
- परमार वंश (800-1327 ई.)
- बहमनी वंश 1347-1538
- विजयनगर साम्राज्य (1336 – 1485)
- चोल साम्राज्य (300 ई.पू.-1279ई.)
- भारत एवं विश्व में सबसे बड़ा, छोटा, लंबा एव ऊँचा
- भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति | Bharat Ratna Award
- भारत की जनजातियाँ | Tribes of India
- प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.
- द्वितीय विश्व युद्ध | 1939-45 | वैश्विक विनाश और महायुद्ध