भारत में रामसर स्थल | Ramsar Sites in India | 2024

रामसर स्थल रामसर कन्वेंशन के तहत एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमि है, जिसे आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है। यह रामसर स्थलों के संरक्षण और सतत उपयोग पर एक अंतरराष्ट्रीय यूनेस्को संधि है। यह 1975 से संचालित हो रहा है। रामसर कन्वेंशन का नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहां यह 1971 में हुआ था। रामसर साइट पदनाम आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन और उनके संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देता है।

रामसर स्थल क्या होते है? | What is Ramsar Site?

रामसर आर्द्रभूमि या नम भूमि रामसर कन्वेंशन के तहत “अंतर्राष्ट्रीय महत्व” के रूप में नामित आर्द्रभूमि हैं। अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों पर रामसर कन्वेंशन आर्द्रभूमियों के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के लिए, विशेष रूप से जलपक्षी के आवास के रूप में एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसे वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है। इसका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहां 1971 में सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए गए थे।

रामसर अभिसमय क्या है? 

रामसर अभिसमय (रामसर वेटलैंड्स कन्वेंशन) एक अंतर-सरकारी संधि है, जिसको 2 फरवरी, 1971 को कैस्पियन सागर के दक्षिणी तट पर स्थित ईरानी शहर रामसर में अपनाया गया था। भारत में यह 1 फरवरी, 1982 को लागू किया गया, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल के रूप में घोषित किया गया।

आर्द्रभूमि किसे कहते हैं?

आर्द्रभूमि स्थलीय और जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच संक्रमण वाले क्षेत्र हैं जहां जल स्तर सतह पर या उसके निकट होता है या जहां भूमि उथले पानी से ढकी होती है।

विश्व आर्द्रभूमि दिवस (WWD) | World Wet Day

विश्व आर्द्रभूमि दिवस (WWD) 2 फरवरी, 1971 को आर्द्रभूमि पर इस अंतर्राष्ट्रीय समझौते को अपनाने के उपलक्ष्य में विश्व भर में मनाया जाता है। इसका विषय ‘वेटलैंड्स एंड ह्यूमन वेलबीइंग’ है। यह हमारे मानव जीवन को बेहतर बनाने में आर्द्र्भूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। तथा इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे आर्द्रभूमियाँ बाढ़ सुरक्षा, स्वच्छ जल एवं जैवविविधता मानव जाति के स्वास्थ्य तथा समृद्धि के लिये आवश्यक हैं।

भारत में रामसर स्थल की सूची

विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 की पूर्व संध्या पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने घोषणा किया गया कि, भारत ने पाँच आर्द्र्भूमि को रामसर साइट्स  के रूप में नामित किया है। जिससे इनकी संख्या मौजूदा 75 से बढ़ाकर 80 हो गयी है। इनमें से तीन रामसर स्थल अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिज़र्व, अघनाशिनी मुहाना और मगादी केरे संरक्षण रिज़र्व कर्नाटक में स्थित हैं, जबकि दो, कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य तथा लॉन्गवुड शोला रिज़र्व वन तमिलनाडु में हैं। सबसे अधिक रामसर साइट्स (16 साइटें) तमिलनाडु में हैं, उसके बाद उत्तर प्रदेश (10 साइट्स ) में हैं।

क्र. सं.रामसर नामित आर्द्रभूमि स्थलराज्य
1रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्यकर्नाटक
2अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्वकर्नाटक
3अघानाशिनी एस्चुएरीकर्नाटक
4मगदी केरे संरक्षण रिजर्वकर्नाटक
5भिंडावास वन्यजीव अभयारण्यहरियाणा
6सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यानहरियाणा
7थोल झीलगुजरात
8वाधवाना आर्द्रभूमिगुजरात
9खिजड़िया पक्षी अभयारण्यगुजरात
10नलसरोवर पक्षी अभयारण्यगुजरात
11‘स्तार्तासापुक त्सो'(Startsapuk Tso) और ‘त्सो कर'(Tso Kar) झीललद्दाख
12ठाणे क्रीकमहाराष्‍ट्र
13लोनर झीलमहाराष्ट्र
14नंदुर मदमहेश्वरमहाराष्ट्र
15कबर ताल(कांवर झील)बिहार
16आसन कंज़र्वेशन रिज़र्वउत्तराखंड(उत्तराखंड का पहला)
17केशोपुर-मिआनीपंजाब
18ब्यास कंजर्वेशन रिजर्वपंजाब
19नंगलपंजाब
20नवाबगंजउत्तर प्रदेश
21पार्वती आगराउत्तर प्रदेश
22समनउत्तर प्रदेश
23समसपुरउत्तर प्रदेश
24साण्डीउत्तर प्रदेश
25सरसईनवारउत्तर प्रदेश
26बखिरा वन्यजीव अभयारण्यउत्तर प्रदेश
27सूर सरोवर (कीथम झील)उत्तर प्रदेश
28हैदरपुर वेटलैंडउत्तर प्रदेश
29ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरोरा तक)उत्तर प्रदेश
30अष्टमुडी आर्द्रभूमिकेरल
31सस्थमकोट्टा झीलकेरल
32वेम्बनाड-कोल आर्द्रभूमिकेरल
33तंपारा झीलओडिशा
34हीराकुंड जलाशयओडिशा
35अंशुपा झीलओडिशा
36सतकोसिया गॉर्जओडिशा
37भितरकनिका मैंग्रोवओडिशा
38चिलिका झीलओडिशा
39सिरपुर वेटलैंडमध्य प्रदेश
40यशवंत सागरमध्‍य प्रदेश
41भोज आर्द्रभूमिमध्य प्रदेश
42साख्य सागरमध्य प्रदेश
43चंद्र तालहिमाचल प्रदेश
44पोंग बांध झीलहिमाचल प्रदेश
45रेणुका आर्द्रभूमिहिमाचल प्रदेश
46दीपोर बीलअसम
47पूर्वी कोलकाता की आर्द्रभूमिपश्चिम बंगाल
48सुंदरबनपश्चिम बंगाल
49हरिकेक आर्द्रभूमिपंजाब
50कंजली आर्द्रभूमिपंजाब
51रोपड़पंजाब
52हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्वजम्‍मू और कश्‍मीर
53शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्वजम्‍मू और कश्‍मीर
54होकेरा आर्द्रभूमिजम्मू और कश्मीर
55सुरिंसर-मंसार झीलजम्मू और कश्मीर
56त्सोमोरिरीजम्मू और कश्मीर
57वूलर झीलजम्मू और कश्मीर
58कोल्लेरू झीलआंध्र प्रदेश
59लोकतक झीलमणिपुर
60नंदा झीलगोवा
61कुनथनकुलम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
62चित्रांगुडी पक्षी अभ्यारण्यतमिलनाडु
63सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्सतमिलनाडु
64वडुवूर पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
65कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
66मन्नार की खाड़ी बायोस्फीयर रिजर्व (GoMBR)तमिलनाडु
67वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्सतमिलनाडु
68वेलोड पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
69वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
70उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
71कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
72लॉन्गवुड शोला रिजर्व वनतमिलनाडु
73पॉइंट कैलीमेयर वन्यजीव और पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
74करीकिली पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु
75पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्टतमिलनाडु
76पिचवरम मैंग्रोवतमिलनाडु
77पाला आर्द्रभूमिमिजोरम
78रुद्र सागर झीलत्रिपुरा
79सांभर झीलराजस्थान
80केवलादेव राष्ट्रीय पार्कराजस्थान

भारत में सबसे बड़ा, सबसे छोटा और सबसे पुराना रामसर स्थल

नीचे दी गई सारणी में भारत में सबसे बड़ी, सबसे छोटी और सबसे पुरानी रामसर साइट के बारे दिया गया है।

क्र.संभारत में रामसर साइटेंराज्यक्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर)
1सुंदरवन आर्द्रभूमि ( सबसे बड़ा )पश्चिम बंगाल4230
2रेणुका आर्द्रभूमि ( सबसे छोटा )हिमाचल प्रदेश0.2
3चिल्का झील ( सबसे पुरानी )ओडिशा1165

इन्हें भी देखें –

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