लेखक: परिभाषा, प्रकार और प्रमुख साहित्यकार

मानव सभ्यता के विकास के साथ ही लेखन कला का भी उत्थान हुआ। लेखन ने न केवल ज्ञान के संरक्षण और प्रसार का कार्य किया, बल्कि समाज की सांस्कृतिक, सामाजिक और नैतिक संरचना को भी गढ़ा। लेखन को विचारों, भावनाओं और अनुभवों को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त साधन माना जाता है। यही कारण है कि लेखक (Writer) को समाज का पथ-प्रदर्शक और विचारों का संवाहक समझा जाता है।

लेखक की परिभाषा

लेखक वह व्यक्ति है जो विचारोत्तेजक विषयों पर लिखता है या जो कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध और पटकथा जैसी रचनाओं का सृजन करता है। लेखक केवल भाषा का प्रयोग करने वाला व्यक्ति नहीं होता, बल्कि वह समाज की संवेदनाओं, जीवन-दर्शन और भविष्य की दिशा को भी शब्दों में ढालता है।

लेखक की विशेषताएँ

  1. विचारों की स्पष्टता – एक लेखक जटिल से जटिल विचारों को भी सरल और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है।
  2. रचनात्मकता – लेखक अपनी कल्पनाशक्ति के आधार पर काल्पनिक और यथार्थपरक संसार रच सकता है।
  3. सामाजिक भूमिका – लेखक समाज की समस्याओं, आस्थाओं और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों को शब्दों में दर्ज करता है।
  4. माध्यमों का प्रयोग – आधुनिक समय में लेखक अपने विचारों को प्रेषित करने के लिए केवल शब्दों तक सीमित नहीं है। वह चित्र, ग्राफिक्स, फोटो और मल्टीमीडिया का भी सहारा ले सकता है।
  5. संगीत और भाषा – लेखक संगीत और शब्दों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अधिक प्रभावशाली ढंग से संप्रेषित करता है।

लेखक का पेशेवर स्वरूप

कई लेखक पेशेवर रूप से लेखन कार्य करते हैं। उन्हें उनकी रचनाओं के प्रकाशन के बाद पारिश्रमिक या मानदेय दिया जाता है। लेखन का यह व्यवसायिक स्वरूप साहित्य को केवल अभिव्यक्ति का साधन नहीं रहने देता, बल्कि यह जीविकोपार्जन का एक साधन भी बन जाता है।

लेखक के प्रकार

लेखकों को सामान्यतः दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है –

1. गद्य लेखक

गद्य वह साहित्यिक विधा है जिसमें छंद का बंधन नहीं होता। बोलचाल और सामान्य व्यवहार की भाषा ही गद्य कहलाती है। गद्य के अंतर्गत निबंध, कहानी, उपन्यास, नाटक, आत्मकथा और पटकथा सम्मिलित हैं।

  • गद्य लेखक की विशेषता यह होती है कि वह जीवन की जटिलताओं, यथार्थ और समाज की वास्तविक परिस्थितियों को बिना अलंकारिकता के सीधे ढंग से व्यक्त करता है।

2. पद्य लेखक

पद्य या कविता साहित्य की वह विधा है जिसमें भावनाओं और विचारों को छंद और लय के माध्यम से कलात्मक रूप दिया जाता है। इसमें शब्द केवल संप्रेषण का साधन नहीं होते, बल्कि वे संगीतात्मकता और सौंदर्य का भी सृजन करते हैं।

  • पद्य लेखक को सामान्यतः कवि कहा जाता है।
  • कवि समाज की संवेदनाओं को काव्यात्मक रूप में ढालकर पाठकों के हृदय तक पहुँचाता है।

हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि एवं उनकी रचनाएँ

भारतीय साहित्य की परंपरा अत्यंत समृद्ध है। विभिन्न युगों में अनेक कवि और लेखक हुए जिन्होंने समाज की चेतना को नई दिशा प्रदान की। हिंदी साहित्य के इतिहास को मुख्यतः चार कालखंडों – आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक काल की अपनी distinct विशेषताएँ, प्रवृत्तियाँ और प्रमुख रचनाकार हैं। यह तालिका विभिन्न कालखंडों के प्रमुख हिंदी साहित्यकारों, उनके संक्षिप्त परिचय और उनकी प्रसिद्ध रचनाओं का एक संगठित विवरण प्रस्तुत करती है।

क्रमकालखंडलेखकसामान्य परिचय (संक्षिप्त)प्रमुख रचनाएँ
1आदिकालचंदबरदाईपृथ्वीराज चौहान के मित्र और दरबारी कवि।पृथ्वीराज रासो
2दलपति विजयखुमान रासो के रचयिता।खुमानरासो
3नरपति नाल्हपश्चिमी राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि।बीसलदेव रासो
4जगनिकपरमाल रासो (लोकगाथा ‘आल्हा’) के रचयिता।परमालरासो (आल्हाखण्ड)
5सारंगधरहम्मीर रासो नामक रचना के लिए जाने जाते हैं।हम्मीर रासो
6भक्तिकालकबीरदास15वीं सदी के निर्गुण निराकार भक्ति धारा के संत कवि, निर्गुण भक्ति के प्रमुख प्रवर्तक।रमैनी, सबद, साखी
7सूरदासभक्तिकाल की सगुण (कृष्ण भक्ति) धारा के प्रमुख कवि, ब्रजभाषा के श्रेष्ठ कवि।सूरसागर, सूर सारावली, साहित्य लहरी
8तुलसीदासभक्तिकाल के सगुण (राम भक्ति) धारा के सर्वश्रेष्ठ कवि, अवधी और ब्रजभाषा के महान लेखक।रामचरितमानस, विनय पत्रिका, कवितावली, दोहावली
9मलिक मुहम्मद जायसीनिर्गुण प्रेमाश्रयी (सूफी) धारा के प्रमुख कवि, अवधी भाषा के कवि।पद्मावत, आखिरी कलाम
10मीराबाईकृष्ण भक्ति में लीन राजस्थान की संत कवयित्री।राग गोविन्द, नरसीजी का मेहरा
11रहीम (अब्दुलरहीम खानखाना)मुगल बादशाह अकबर के दरबारी नवरत्नों में से एक, ज्ञान और नीति के कवि।रहीम सतसई, रत्नावली
12रीतिकालबिहारीरीतिकाल के प्रथम और नीति/शृंगार के श्रेष्ठ कवि, दोहों के लिए प्रसिद्ध।बिहारी सतसई
13केशवदासरीतिकाल के प्रवर्तक आचार्य, संस्कृत काव्यशास्त्र को हिंदी में स्थापित करने वाले।रामचंद्रिका, कविप्रिया, रसिकप्रिया
14भूषणवीर रस के अद्वितीय कवि, शिवाजी और छत्रपति के गुणगान के लिए प्रसिद्ध।शिवा बावनी, शिवराज भूषण, छत्रशाल दशक
15घनानंदरीतिमुक्त काव्यधारा के प्रमुख कवि, प्रेम और विरह के कवि।सुजान सागर, इश्कलता
16देवशृंगार रस के कवि, अलंकार और भावुकता के लिए जाने जाते हैं।भावविलास, रसविलास
17मतिरामशृंगार रस के प्रसिद्ध कवि, अलंकार योजना में निपुण।ललितललाम, रसराज
18पद्माकररीतिकाल के अंतिम चरण के प्रमुख कवि, शृंगार और ऐतिहासिक वर्णन के लिए जाने जाते हैं।पद्माभरण, जगद्विनोद
19चिंतामणि त्रिपाठीरीतिकालीन कवि, अलंकार और रस सिद्धांत के ज्ञाता।कविकुल कल्पतरु, काव्यविवेक
20आधुनिक कालभारतेन्दु हरिश्चंद्रआधुनिक हिंदी साहित्य के जनक, खड़ी बोली को साहित्यिक रूप देने का श्रेय।प्रेमफुलवारी, अंधेर नगरी
21मैथिलीशरण गुप्तखड़ी बोली के प्रथम महत्वपूर्ण कवि, ‘राष्ट्रकवि’ के नाम से प्रसिद्ध।साकेत, भारत-भारती, यशोधरा
22जयशंकर प्रसादछायावाद के चार स्तंभों में से एक, कवि, नाटककार और कहानीकार।कामायनी, झरना, आँसू, स्कंदगुप्त
23सुमित्रानंदन पंतछायावाद के चार स्तंभों में से एक, प्रकृति के सुकुमार कवि।ग्रंथि, पल्लव, चिदंबरा
24सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’छायावाद के चार स्तंभों में से एक, क्रांतिकारी विचारधारा और मुक्तछंद के प्रवर्तक।राम की शक्ति पूजा, सरोज स्मृति, अनामिका
25महादेवी वर्माछायावाद के चार स्तंभों में से एक, ‘आधुनिक मीरा’ के नाम से प्रसिद्ध, गद्य और पद्य दोनों में प्रसिद्ध।यामा, नीहार, रश्मि, स्मृति की रेखाएँ (गद्य)
26सुभद्रा कुमारी चौहानराष्ट्रीय चेतना की ओजस्वी कवयित्री, खड़ी बोली की सरल अभिव्यक्ति के लिए जानी जाती हैं।झाँसी की रानी, मुकुल, त्रिधारा
27हरिवंश राय बच्चनहालावाद के प्रवर्तक, ‘मधुशाला’ के रचयिता के रूप में अमर।मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण
28रामधारी सिंह ‘दिनकर’वीर रस और राष्ट्रीय ओज के स्वाभाविक कवि, ‘राष्ट्रकवि’ के रूप में प्रतिष्ठित।उर्वशी, रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र, हुँकार
29सोहनलाल द्विवेदीओज और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण रचनाओं के कवि।मुक्तिगंधा, कुणाल, युगधारा
30माखनलाल चतुर्वेदीओजपूर्ण राष्ट्रभक्ति की कविताओं और ‘पुष्प की अभिलाषा’ जैसी कोमल कविता के लिए प्रसिद्ध।हिमतरंगिनी, हिमकिरीटिनी, पुष्प की अभिलाषा
31अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’खड़ी बोली के प्रथम महाकाव्य के रचयिता।प्रियप्रवास, वैदेही वनवास
32रामनरेश त्रिपाठीपूर्व छायावाद युग के कवि, ग्राम्य जीवन के चितेरे।पथिक, मिलन, ग्राम्य गीत
33श्रीधर पाठकप्राकृतिक सौंदर्य और स्वदेश प्रेम के कवि।कश्मीर सुषमा, भारत गीत
34भवानीप्रसाद मिश्रगांधीवादी विचारधारा के सहज और मानवीय कवि, ‘दूसरा सप्तक’ के कवि।गीत-फरोश, खुशबू के शिलालेख
35बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’राष्ट्रीय चेतना और ओजस्वी भावनाओं के कवि।उर्मिला, अपलक, क्वासी
36सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’प्रयोगवाद और नई कविता के प्रमुख कवि-सिद्धांतकार, ‘तार सप्तक’ के संपादक।आंगन के पार द्वार, हरी घास पर क्षण भर, कितनी नावों में कितनी बार
37रामकुमार वर्माहिंदी एकांकी के जनक, रहस्यवादी और छायावादी कवि।चितौड़ की चिता, एकलव्य, दीपदान
38धर्मवीर भारतीप्रगतिवाद और नई कविता के बीच के कवि, प्रसिद्ध उपन्यासकार और नाटककार।अंधा युग, कनुप्रिया, गुनाहों का देवता
39गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’प्रगतिवादी और प्रयोगशील कवि, जटिल बिम्बों और intellectual content के लिए प्रसिद्ध।चाँद का मुँह टेढ़ा है, अंधेरे में
40सर्वेश्वर दयाल सक्सेनानई कविता और बाल साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर, सामाजिक यथार्थ के कवि।काठ की घंटियाँ, बांस का पुल, एक सूनी नाव
41केदारनाथ सिंहनई कविता के प्रमुख कवि, सहज और गहन बिम्बों के लिए प्रसिद्ध, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।अकाल में सारस, जमीन पक रही है, बाघ
42कुंवर नारायणनई कविता के intellect और गहन चिंतन के कवि, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।आत्मजयी, कोई दूसरा नहीं, अपने सामने
43उदय प्रकाशसमकालीन हिंदी के प्रमुख कथाकार और कवि, यथार्थ और फैंटेसी के मिश्रण के लिए जाने जाते हैं।दरियाई घोड़ा, तिरिछ, एक भाषा हुआ करती है, मोहन दास

(उपरोक्त सूची केवल संक्षेप में है; इनके अतिरिक्त भी अनेक कवि और लेखक हैं जिन्होंने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। आगे 100 लेखकों की सूची उनके संक्षिप्त परिचय के साथ दी गयी है।)

लेखक और समाज

  • लेखक केवल मनोरंजन का साधन नहीं होते, बल्कि वे समाज को दिशा देने वाले विचारक भी होते हैं।
  • साहित्य में प्रकट विचार समाज की समस्याओं को उजागर करते हैं और उनके समाधान का मार्ग भी सुझाते हैं।
  • भक्ति आंदोलन के कवियों ने जहाँ सामाजिक बुराइयों पर चोट की, वहीं आधुनिक कवियों ने स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक चेतना को जागृत किया।

साहित्य और सांस्कृतिक विकास

लेखक समाज के सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी रचनाएँ सामाजिक परंपराओं, धार्मिक आस्थाओं और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण करती हैं।

हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि–लेखक : परिचय व रचनाएँ

क्रमांकलेखक/कविसंक्षिप्त परिचयप्रमुख रचनाएँ
1सूरदासभक्तिकाल के महान कृष्णभक्त कवि; ब्रजभाषा के अमर गायकसूरसागर, साहित्य लहरी
2तुलसीदासरामभक्ति धारा के सर्वोच्च कवि; अवधी भाषा में रचनारामचरितमानस, विनय पत्रिका
3कबीरदासनिर्गुण भक्ति आंदोलन के प्रवर्तक संत कविसाखी, सबद, रमैनी
4मलिक मुहम्मद जायसीसूफी कवि; प्रेम व त्याग की गाथा के गायकपद्मावत
5मीरा बाईकृष्णभक्ति की अनन्य भक्त; लोकभाषा में रचनाएँमीरा पदावली
6रहीम (अब्दुर रहीम ख़ानख़ाना)अकबर दरबार के नवरत्न; नीति और श्रृंगार कविरहीम सतसई
7बिहारीलालरीतिकालीन कवि; श्रृंगार रस के प्रवर्तकबिहारी सतसई
8घनानंदरीतिकालीन कवि; वियोग व प्रेम के गीतप्रेमपत्रिका
9भूषणवीर रस के प्रख्यात कवि; शिवाजी की प्रशंसाशिवराजभूषण
10घनानंदरीतिकाल के प्रसिद्ध कवि, जिन्हें उनकी विरहपूर्ण और श्रृंगारिक रचनाओं के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।सुजान रसखान, पदावली
11भारतेंदु हरिश्चंद्रआधुनिक हिंदी साहित्य के जनक; नवजागरण के प्रवर्तकवैदिकी हिंसा हिंसा न भवति, अंधेर नगरी
12आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदीद्विवेदी युग के निर्माता; खड़ी बोली हिंदी को प्रतिष्ठाकाव्य मंजरी, साहित्यिक आलोचना
13मैथिलीशरण गुप्तराष्ट्रकवि; खड़ी बोली के प्रथम महाकविभारत-भारती, साकेत
14जयशंकर प्रसादछायावाद के स्तंभ; कवि, नाटककार, उपन्यासकारकामायनी, आँसू
15सुमित्रानंदन पंतप्रकृति–प्रेमी छायावादी कविगुंजन, ग्राम्या
16महादेवी वर्माछायावाद की चौथी स्तंभ; आधुनिक मीरायामा, नीरजा
17सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’छायावाद के क्रांतिकारी कवि; गद्य व पद्य दोनों में दक्षअनामिका, सरोज स्मृति
18रामधारी सिंह ‘दिनकर’राष्ट्रकवि; वीर रस व ओजपूर्ण काव्यरश्मिरथी, उर्वशी
19हरिवंश राय बच्चनप्रगतिवादी कवि; काव्य में जीवन दर्शनमधुशाला
20माखनलाल चतुर्वेदीकवि, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानीपुष्प की अभिलाषा
21सुभद्राकुमारी चौहानराष्ट्रीय चेतना की कवयित्रीझाँसी की रानी
22सोहनलाल द्विवेदीराष्ट्रकवि; गांधी से प्रेरितकुणाल, मुक्तिगंधा
23हरिऔध (अयोध्या सिंह उपाध्याय)खड़ी बोली के कवि; गेय काव्य रचनाएँप्रियप्रवास
24बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’राष्ट्रकवि; ओजस्वी कविताएँउन्मुक्त, तारों के गीत
25शिवमंगल सिंह ‘सुमन’प्रगतिवादी कवि; राष्ट्रीय चेतना के गायकपर्वत प्रदेश में पावस
26रघुवीर सहायनई कविता आंदोलन से जुड़े; व्यंग्यात्मक कविताएँलोग भूल गए हैं
27शमशेर बहादुर सिंहप्रयोगवाद व प्रगतिवाद के कविकुछ कविताएँ
28दुष्यंत कुमारहिंदी ग़ज़ल को नया आयामसाये में धूप
29गोपालदास ‘नीरज’कवि और गीतकार; सरल व गेय काव्यकारवां गुजर गया
30भवानीप्रसाद मिश्रसरल भाषा में संवेदनशील कविताएँअंधेरी कविताएँ
31भवानी भाईजनकवि; लोककाव्य परंपरा से जुड़ेसतपुड़ा के घने जंगल
32बालकवि बैरागीजनकवि व गीतकारझंडा ऊँचा रहे हमारा
33प्रेमचंदउपन्यास सम्राट; यथार्थवादी कथा साहित्यगोदान, गबन
34जैनेंद्र कुमारमनोवैज्ञानिक उपन्यासकारसुनीता, त्यागपत्र
35यशपालक्रांतिकारी लेखक; यथार्थवादी उपन्यासझूठा सच
36धर्मवीर भारतीकवि व उपन्यासकारअंधा युग, गुनाहों का देवता
37अज्ञेयप्रयोगवाद व नई कविता के प्रवर्तकशेखर एक जीवनी
38गजानन माधव मुक्तिबोधप्रगतिशील व नई कविता के कवि, विचारधारा आधारित कविचाँद का मुँह टेढ़ा है, अंधेरे में, ब्रह्मराक्षस
39रघुवीर चौधरीआलोचक व साहित्यकारअमृतपात्र
40मन्नू भंडारीनारी चेतना की लेखिकाआपका बंटी
41राजेंद्र यादवआलोचक व कथाकार; स्त्री विमर्श के प्रवर्तकउस पार
42मोहन राकेशआधुनिक हिंदी नाटककारआषाढ़ का एक दिन
43भीष्म साहनीयथार्थवादी कथाकारतमस
44निर्मल वर्मानई कहानी के प्रमुख लेखकरात का रिपोर्टर
45उदय प्रकाशसमकालीन कथाकारतिरिछ
46कमलेश्वरलोकप्रिय कथाकारकाली आँधी
47कृष्णा सोबतीमहिला कथाकार; बोलचाल की भाषा का प्रयोगज़िंदगीनामा
48सुधा अरोड़ानारी लेखन की प्रमुख लेखिकायही सच है
49महाश्वेता देवीसामाजिक चेतना की लेखिका (बांग्ला व हिंदी में)हज़ार चौरासी की माँ
50अमृता प्रीतमपंजाबी व हिंदी की प्रख्यात कवयित्रीपिंजर
51गुलज़ारगीतकार, कवि और पटकथा लेखक; सरल संवेदनशील शैलीरावी पार, दिल का रिश्ता
52फिराक गोरखपुरीआधुनिक ग़ज़ल और कविता के महान शायरगुल-ए-नगमा
53रामवृक्ष बेनीपुरीस्वतंत्रता सेनानी और निबंधकारगंगा मइया, अछूत
54आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदीआलोचक व उपन्यासकार; हिंदी साहित्य इतिहासकारपुनर्नवा, बनभट्ट की आत्मकथा
55रामविलास शर्माआलोचक और चिंतक; साहित्य और समाज पर गहन लेखनतुलसीदास और उनका युग
56नामवर सिंहप्रमुख आलोचक; हिंदी आलोचना को नया आयामछायावाद, आलोचना की परंपरा
57विद्यानिवास मिश्रआलोचक, निबंधकार और भाषा-शास्त्रीहिंदी साहित्य और संस्कृति पर रचनाएँ
58इलाचंद्र जोशीमनोवैज्ञानिक उपन्यासकारसच की राह, ज़ंजीरें और दीवारें
59राही मासूम रज़ाउपन्यासकार और कवि; धर्मनिरपेक्ष चेतनाआधा गाँव, टोपी शुक्ला
60सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’प्रयोगवाद के प्रवर्तकअरसे-यायावर, बावरा अहेरी
61धूमिल (सुधीनंदन पंत धूमिल)तीखे व्यंग्य और आक्रोशपूर्ण कविताएँसुदामा पांडे का प्रजातंत्र
62राजकमल चौधरीनई कहानी और प्रगतिशील साहित्यकारमुक्तिप्रसंग
63शिवपूजन सहायउपन्यासकार और निबंधकार; ग्रामीण जीवन चित्रणदेहाती दुनिया
64नागार्जुन (बाबा नागार्जुन)जनकवि; सहज भाषा में कविताएँबदबू, धरती
65शमशेर बहादुर सिंहनई कविता के शिल्पकारअज्ञातवास
66ध्यानेश्वर प्रसाद ‘ध्यानेश्वर’लोकधर्मी कविगंध
67राजेश जोशीसमकालीन कविदूसरा सप्तक
68कुमार विश्वाससमकालीन कवि; मंच पर लोकप्रियकोई दीवाना कहता है
69नरेश मेहताज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता कविअरण्य, प्राची
70कृष्णा सोबतीनारी विमर्श की प्रमुख लेखिकामित्रो मरजानी, ज़िंदगीनामा
71कमलेश्वरकथाकार और पटकथा लेखककाली आँधी
72भीष्म साहनीयथार्थवादी लेखकतमस, बसंती
73मन्नू भंडारीनारी मनोविज्ञान की लेखिकाआपका बंटी
74अमृतलाल नागरसामाजिक और ऐतिहासिक उपन्यासकारबूंद और समुद्र
75हजारीप्रसाद द्विवेदीसाहित्यकार और चिंतकचारुचंद्रलेख
76डॉ. धर्मवीर भारतीकवि और उपन्यासकारगुनाहों का देवता
77नरेन्द्र कोहलीपुराणों को आधुनिक कथा में ढालने वालेअभ्युदय, महाकाल
78श्यामनंदन सहायआलोचक और निबंधकारसाहित्यिक लेख
79विजयदेव नारायण साहीप्रगतिशील कवि और चिंतकदृष्टि और सृष्टि
80केदारनाथ सिंहआधुनिक कवि; ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेतायहाँ से देखो, बाघ
81अशोक वाजपेयीआधुनिक कवि और आलोचकशहर अब भी संभावना है
82नरोत्तमदासभक्ति काल के प्रसिद्ध कविसुदामा चरित
83डॉ. भीमराव आंबेडकरसमाज सुधारक और लेखकजाति का विनाश
84महात्मा गांधीराष्ट्रपिता; आत्मकथाहिंद स्वराज, सत्य के प्रयोग
85जवाहरलाल नेहरूप्रथम प्रधानमंत्री; गद्य लेखकभारत की खोज, मेरी आत्मकथा
86सुभाष चंद्र बोसस्वतंत्रता सेनानी और लेखकआज़ाद हिंद, भारत की पुकार
87रामचंद्र शुक्लहिंदी साहित्य के महान इतिहासकारहिंदी साहित्य का इतिहास
88आचार्य शुक्ल (रामचंद्र शुक्ल)आलोचना के जनकचिंतामणि
89कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशीगुजराती और हिंदी साहित्यकारभारत की कथा
90श्यामनारायण पांडेयकाव्य में ऐतिहासिक कथाओं के कविहल्दीघाटी
91जगदीश गुप्तनई कविता के कविहंस बलाका
92रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’ग्राम्य कविग्राम गीत
93वीरेन्द्र मिश्रगीतकार और कविअंचल गीत
94सोहनलाल द्विवेदीगांधीवादी कविमुक्तिगंधा
95हरिशंकर परसाईव्यंग्यकार और निबंधकाररानी नागफनी की कहानी
96श्यामनारायण पांडेयवीर रस और ऐतिहासिक कविहल्दीघाटी
97राजेश जोशीसमकालीन कविशोक का सुख
98ज्ञानेंद्रपतिसमकालीन कविसंज्ञा-निर्माण
99कुंवर नारायणआधुनिक हिंदी कविता के महत्त्वपूर्ण कविआत्मजयी
100केशवदाससंस्कृत व हिंदी के विद्वान; रीति काल के आचार्य कवि, जिन्हें ब्रजभाषा का प्रमुख अलंकारिक कवि माना जाता है।रसिकप्रिया, कविप्रिया, रामचंद्रिका

निष्कर्ष

लेखक समाज के दर्पण के समान होते हैं। वे अपने लेखन के माध्यम से जीवन की सच्चाइयों, भावनाओं और आदर्शों को उजागर करते हैं। चाहे गद्य हो या पद्य, दोनों ही साहित्यिक विधाओं के लेखक समाज की चेतना को जागृत करते रहे हैं। सूर, तुलसी, कबीर से लेकर अज्ञेय, मुक्तिबोध और उदय प्रकाश तक, प्रत्येक लेखक ने अपने समय की परिस्थितियों को अपनी रचनाओं में उतारा।

इस प्रकार, लेखक केवल शब्दों का शिल्पी नहीं होता, बल्कि वह समाज का मार्गदर्शक, विचारक और संस्कृति का संरक्षक होता है।


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