विशेषण एक वर्णनात्मक भाषा यंत्र है जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण, स्थिति, प्रयोग और विशेषताओं को बयान करने के लिए प्रयुक्त होता है। यह शब्दों और वाक्यांशों को विवरण देने का काम करता है और उन्हें बढ़ावा देता है। विशेषण वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के साथ संयुक्त होता है और उनके गुण, अवस्था, विशेषताएँ आदि को बताता है। इसका प्रयोग वाक्य के तात्पर्य को स्पष्ट करने और वाक्य के अर्थ को समझाने में मदद करता है।
उदाहरण के रूप में, विशेषण वाक्य के अनुसार
- “उस लड़के ने सुंदर फूल खरीदे” – यहां, “सुंदर” शब्द विशेषण है जो “लड़के” संज्ञा की गुणवत्ता को दर्शाता है।
- “मेरी नई किताब सफेद है” – यहां, “नई” और “सफेद” शब्द विशेषण हैं जो “किताब” संज्ञा के गुणवत्ताओं को बयान करते हैं।
विशेषण भाषा के महत्वपूर्ण अंग हैं जो भाषा को समृद्ध, संगठित और व्यावहारिक बनाते हैं।
विशेषण (Adjective) की परिभाषा
संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। विशेषण वस्तु का अप्रत्यक्ष नाम होता है और इसलिए यह संज्ञा की एक विशेष श्रेणी होती है। उदाहरण के रूप में, “नीला आकाश”, “लम्बी लड़की”, “छोटा लड़का”, “मोटा आदमी”, “सफ़ेद गाय” और “सुंदर महिला” में “नीला”, “लंबी”, “छोटा”, “मोटा”, “सफ़ेद” और “सुंदर” विशेषण शब्द हैं, जो “आकाश”, “लड़की”, “लड़का”, “आदमी”, “गाय” और “महिला” जैसे संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं।
विशेषण (Adjective) के उदाहरण
विशेषण को निम्न उदाहरणों से समझा जा सकता है-
- शंकर बहुत मेहनती कार्यकर्ता है।
- महेश बुरा लड़का है।
- जयपुर स्वच्छ शहर है।
- उसके पास बीस पुस्तकें हैं।
- सविता बहुत सुंदर लड़की है।
उपरोक्त उदाहरणों में स्वच्छ, मेहनती एवं सुंदर संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं, अतः ये विशेषण है।
विशेषण (Adjective) शब्द को कैसे पहचानें?
विशेषण शब्दों को पहचानने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं-
- अर्थ की पहचान: विशेषण शब्द वाक्य के अर्थ को समृद्ध बनाने का काम करते हैं। विशेषण शब्द उस विषय या पदार्थ के गुण, अवस्था, रंग, आकार, स्थान, समय आदि को वर्णित करते हैं जिसके बारे में बात हो रही होती है। इसलिए, एक शब्द यदि इन संकेतों को व्यक्त कर रहा हो, तो वह शब्द विशेषण हो सकता है।
- संख्यावाचक शब्द: कई विशेषण शब्द संख्यावाचक शब्दों के रूप में उपयोग होते हैं, जैसे “एक,” “दो,” “बहुत,” “कुछ,” “अनेक” आदि। इन शब्दों का उपयोग विषय की संख्या को दर्शाने के लिए किया जाता है और ये विशेषण के रूप में काम करते हैं।
- वाक्य संरचना: विशेषण शब्दों का उपयोग वाक्य की संरचना में भी होता है। विशेषण शब्द अक्सर संज्ञा के पहले आते हैं और उस संज्ञा के गुण, स्थिति, प्रयोग आदि को बताने के लिए प्रयुक्त होते हैं। इसलिए, वाक्य में संज्ञा के पहले आने वाले शब्द विशेषण हो सकते हैं।
- विशेषण के प्रकार: विशेषण शब्दों के कई प्रकार होते हैं जैसे गुणवाचक Visheshan (सुंदर, ऊँचा), संख्यावाचक विशेषण (एक, दो), सर्वनामी विशेषण (यह, वह), संबंधवाची Visheshan (जिसका, जिसकी), क्रियावाची विशेषण (भाग्यशाली, सम्पूर्ण) आदि। इन प्रकार के विशेषण शब्दों को पहचानकर उन्हें Visheshan के रूप में निश्चित कर सकते हैं।
इन तरीकों का उपयोग करके Visheshan शब्दों को पहचान सकते हैं, लेकिन यदि किसी वाक्यांश या शब्द के बारे में संदेह हो तो एक शब्दकोश या भाषा संदर्भ पुस्तक की मदद से उनका अर्थ और प्रयोग जान सकते हैं।
विशेष्य किसे कहते हैं?
विशेषण शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। अतः संज्ञा या सर्वनाम शब्द ही विशेष्य कहलाता है।
विशेष्य के साथ विशेषण का प्रयोग दो तरह से होता है।
- संज्ञा के साथ – संज्ञा के साथ प्रयुक्त होने पर इसे विशेष्य विशेषण कहते हैं तथा इनका प्रयोग विशेष्य से पहले किया जाता है।
- क्रिया के साथ – क्रिया के साथ प्रयुक्त होने पर इसे विधेय Visheshan कहते हैं तथा इनका प्रयोग क्रिया से पहले किया जाता है. विधेय विशेषण समानाधिकरण होता है।
विशेष्य के उदाहरण (Examples)
- विजय बहादुर लड़का है।
- विनोद भोला-भाला आदमी है।
- सविता सबसे लम्बी लड़की है।
- शंकरन पढ़ा लिखा इंसान है।
दिए गए उदाहरणों में विजय, विनोद, सविता एवं शंकरन इत्यादि विशेष्य हैं। अतः यही शब्द संज्ञा शब्द भी होंगे।
प्रविशेषण किसे कहते हैं?
विशेषण शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द को प्रविशेषण कहते हैं। जैसे-
बहुत मोटा आदमी, बिल्कुल दुबली औरत आदि में बहुत एवं बिल्कुल प्रविशेषण शब्द हैं, क्योंकि ये शब्द मोटा एवं दुबली शब्दों की विशेषता बता रहे हैं।
प्रविशेषण के उदाहरण
- राम बहुत अच्छा लड़का है।
- भोजन बहुत स्वादिष्ट है।
- मेरे पास कविताओं की लगभग दो दर्जन पुस्तकें हैं।
विशेषण, विशेष्य एवं प्रविशेषण
अब विशेषण, विशेष्य एवं प्रविशेषण को उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं।
चाय बहुत मीठी है। इस वाक्य में ‘चाय’ शब्द संज्ञा एवं विशेष्य है। चाय की विशेषता बताने वाला शब्द ‘मीठी’ है। अतः इस वाक्य में ‘मीठी’ Visheshan शब्द है। वाक्य में Visheshan शब्द (मीठी) की विशेषता बताने वाला शब्द ‘बहुत’ है। अतः इस वाक्य में ‘बहुत’ प्रविशेषण शब्द है।
विशेषण (Adjective) के भेद
विशेषण (Adjective) के विभिन्न भेदों को निम्नलिखित रूपों में वर्गीकृत किया जा सकता है:-
- गुणवाचक विशेषण (Descriptive Adjectives): ये Visheshan व्यक्ति, वस्त्र, स्थान, जीव, चीज आदि की गुणवत्ताओं को बयान करते हैं। उदाहरण के लिए: सुंदर (beautiful), लम्बा (tall), गर्म (hot)।
- संख्यावाचक विशेषण (Numeral Adjectives): ये Visheshan संख्या या क्रम को बयान करते हैं। उदाहरण के लिए: एक (one), दो (two), पहला (first)।
- परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative Adjectives): वे विशेषण हैं जो वस्तुओं या परिस्थितियों के मात्रात्मक पहलुओं को बयान करते हैं।
- सर्वनामी विशेषण (Pronominal Adjectives): ये Visheshan शब्दों की भूमिका निभाते हैं और संज्ञाओं के स्थान पर उपयोग होते हैं। उदाहरण के लिए: यह (this), वह (that), कुछ (some)।
- संबंधवाची विशेषण (Possessive Adjectives): ये Visheshan यह दर्शाते हैं कि किसी के पास क्या है या किसकी संपत्ति है। उदाहरण के लिए: मेरा (my), तुम्हारा (your), उसका (his/her)।
- क्रियावाची विशेषण (Qualitative Adjectives): ये Visheshan किसी क्रिया की गुणवत्ता को बताते हैं। उदाहरण के लिए: धीरे (slowly), सुन्दरतापूर्वक (beautifully), सुखपूर्वक (happily)।
- प्रशंसावाची विशेषण (Emphasizing Adjectives): ये Visheshan किसी शब्द या वाक्य को प्रशंसा करने या संकेत करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। उदाहरण के लिए: अत्युत्तम (excellent), अद्वितीय (unique), प्रशंसनीय (commendable)।
परन्तु मुख्य रूप से देखा जाये तो विशेषण के चार भेद होते हैं:-
- गुणवाचक विशेषण,
- संख्यावाचक विशेषण,
- परिमाणवाचक विशेषण,
- सार्वनामिक विशेषण।
गुणवाचक विशेषण
गुणवाचक विशेषण (Descriptive Adjectives) उन Visheshan को कहते हैं जो व्यक्ति, वस्त्र, स्थान, जीव, चीज आदि की गुणवत्ताओं को बयान करते हैं। ये विशेषण उन विशेषताओं को व्यक्त करते हैं जो किसी वस्तु की आकृति, रंग, स्वाद, स्थिति, सामरिकता, आकार, आयाम, संगठन, और अन्य विशेषताओं से संबंधित होती हैं।
किसी वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम के रूप, आकार, स्वभाव, गुण, दोष, रंग, समय, स्थान या दशा आदि का बोध करवाने वाले शब्दों को गुणवाचक Visheshan कहते हैं। गुणवाचक Visheshan का शाब्दिक अर्थ गुण बताने वाला होता है। गुणवाचक विशेषणों की संख्या निश्चित नहीं है।
जैसे:- बुरे लोग, साफ बस्ती, कठोर शरीर, नए कपड़े, बड़ा मकान, सफ़ेद घोडा, लालची आदमी इत्यादि।
हीनता के अर्थ का बोध करवाने के लिए गुणवाचक Visheshan के साथ ‘सा’ प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है. जैसे:- छोटी सी दीवार।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण
यहां कुछ उदाहरण गुणवाचक विशेषणों के हैं:
- सुंदर (beautiful)
- उच्च (high)
- मोटा (fat)
- गर्म (hot)
- ख़राब (bad)
- स्वच्छ (clean)
- ठंडा (cold)
- लम्बा (tall)
- खुश (happy)
- स्वादिष्ट (delicious)
- राधा मेधावी छात्रा है।
- हमारे घर के बाहर बड़ा सा पेड़ है।
- रमेश एक बलवान युवक है।
- मेरा सिर कुछ भारी सा हो रहा है।
- हमनें नया घर बनवा लिया है।
- कुत्ता पालतू जानवर है।
ये विशेषण वाक्य में संज्ञा के साथ उपयोग होते हैं और उनके माध्यम से हम वस्तुओं या व्यक्तियों की गुणवत्ताओं को बयान करते हैं।
संख्यावाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण (Numeral Adjectives) वे Visheshan होते हैं जो संख्या या क्रम को बयान करते हैं। ये Visheshan वस्तुओं की संख्या, किसी क्रिया के आदान-प्रदान, क्रमानुसार, मापानुसार, और अनुक्रम को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होते हैं।
किसी वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध करवाने वाले शब्दों को संख्यावाचक Visheshan कहते हैं। संख्यावाचक Visheshan का अर्थ संख्या का बोध करवाने वाला होता है।
संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
यहां कुछ उदाहरण संख्यावाचक विशेषणों के हैं:
- एक (one)
- दो (two)
- तीन (three)
- चार (four)
- पंच (five)
- सात (seven)
- आठ (eight)
- नौ (nine)
- दस (ten)
- सौ (hundred)
- हज़ार (thousand)
- लाख (hundred thousand)
- करोड़ (ten million)
ये विशेषण संख्या को बताने के लिए प्रयुक्त होते हैं और वाक्य में संज्ञा के पहले या क्रिया के साथ उपयोग किए जाते हैं। इन्हें वाक्य में उपयोग करके हम वस्तुओं की संख्या, क्रम, मात्रा आदि को व्यक्त कर सकते हैं। जैसे-
- हमें प्रतिदिन एक सेब खाना चाहिए।
- मेरे परिवार में चार सदस्य हैं।
- राधा ने मुझे कुछ रुपए दिए थे।
- शंकर के पास चार ऊंट हैं।
- सड़क पर बहुत से लोग जमा हैं।
- बाज़ार से मुझे कुछ कपड़े खरीदने हैं।
संख्यावाचक विशेषण के भेद
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
किसी वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध करवाने वाले शब्दों को निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
वह संख्यावाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध करवाता है, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे: तीन कुर्सी, दो आम, सौ छात्र, दूसरा व्यक्ति, तीनों लड़किया आदि।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भेद
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के छः भेद होते हैं:-
- पूर्णांकबोधक निश्चित संख्यावाचक Visheshan
- अपूर्णांकबोधक निश्चित संख्यावाचक Visheshan
- क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक Visheshan
- आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक Visheshan
- समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक Visheshan
- प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक Visheshan
पूर्णांकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित पूर्ण संख्या का बोध करवाने वाले शब्दों को पूर्णांक बोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- तीन, सात, बीस, दो किलो, पाँच सौ ग्राम इत्यादि।
अपूर्णांकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित अपूर्णांक संख्या का बोध करवाने वाले शब्दों को अपूर्णांक बोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- पाव, सवा, पौन, आधा इत्यादि।
क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित संख्या की क्रमानुसार गणना का बोध करवाने वाले शब्दों को क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- तीसरा, दूसरा, सातवाँ, चतुर्थ इत्यादि।
आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित संख्या की आवृत्ति का बोध करवाने वाले शब्दों को आवृत्तिवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। आवृत्तिवाचक विशेषण उसे यह पता चलता है कि विशेष्य का वाच्य पदार्थ का कितना गुना है। जैसे:- चौगुना, बीस गुना, सौगुना इत्यादि।
समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित संख्या के समुदाय या समूह का बोध करवाने वाले शब्दों को समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- चारों पाँव, दोनों हाथ, चालीसों आदमी इत्यादि।
प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण
किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की कई वस्तुओं में से प्रत्येक (हर) का बोध करवाने वाले शब्दों को प्रत्येक बोधक निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- हर एक आदमी, प्रत्येक छात्र, हर तीसरे दिन इत्यादि।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
वह संख्यावाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध नहीं करवाता है, उसे अनिश्चित संख्यावाचक Visheshan कहते हैं। जैसे- कई आदमी, कुछ छात्र, बहुत लोग, सब जानवर आदि।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
- बहुत से लोग इसके बारे में जानते हैं।
- सब का मालिक एक है।
- मैं सब जानता हूँ।
- मेरे पास अनेक रंग है।
- हमारे पास सब प्रकार की गाड़ियां हैं।
- बहुत कुछ महिलाएं आई थी।
परिमाणवाचक विशेषण
क्षेत्रीय अवधारणाओं के आधार पर, “परिमाणवाचक विशेषण” (Quantitative Adjectives) वे विशेषण हैं जो वस्तुओं या परिस्थितियों के मात्रात्मक पहलुओं को बयान करते हैं। ये Visheshan संख्याओं, मात्राओं, अनुमानों, विचारों और प्रमाणों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। इन विशेषणों का प्रयोग करके हम एक वस्तु की मात्रा, परिमाण, प्रमाण, योग्यता आदि को व्यक्त कर सकते हैं।
किसी वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की मात्रा, परिमाण, नाप या तौल का बोध करवाने वाले शब्दों को परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- सब अनाज, सारा दूध, थोड़ा घी, बहुतेरा काम इत्यादि।
- यदि परिमाण बोधक शब्दों का प्रयोग एकवचन संज्ञा के साथ हुआ हो तो ये परिमाणवाचक विशेषण होते हैं। जैसे:- बहुत पानी, सारा देश आदि।
- यदि परिमाण बोधक शब्दों का प्रयोग बहुवचन संज्ञा के साथ हुआ हो तो यह अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण होते हैं। जैसे:- बहुत लोग, सारे देश आदि।
- किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम का निश्चित परिमाण सूचित करने के लिए संख्यावाचक विशेषण के साथ परिमाणबोधक संख्याओं का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- दो सेर तेल, तीन गज कपड़ा, बीस हाथ ज़मीन इत्यादि।
- किसी वस्तु का ‘एक’ परिमाण बताने हेतु परिमाणबोधक संज्ञा के साथ ‘भर’ प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- गज भर कपड़ा, हाथ भर ज़मीन आदि।
परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
यहां कुछ उदाहरण परिमाणवाचक विशेषणों के हैं:
- बहुत (many)
- कुछ (some)
- अधिक (more)
- कम (few/less)
- पूरा (whole)
- अवशिष्ट (remaining)
- आधा (half)
- अद्यांत (current)
- नया (new)
- पुराना (old)
- महत्त्वपूर्ण (important)
- छोटा (small)
- बड़ा (big)
- अमित ज़रा सी बात पर बिगड़ गया।
- मुझे बहुततेरे काम है।
- तुम्हारे पास तो हाथ भर ज़मीन भी नहीं है।
- यह कपड़ा थोड़ा छोटा है।
- राधा ने कविता को बहुत समझाया।
ये विशेषण वाक्य में संज्ञा के पहले या क्रिया के साथ उपयोग होते हैं और उनके माध्यम से हम एक वस्तु के परिमाण, मात्रा, अनुमान, व्याप्ति आदि को व्यक्त कर सकते हैं।
परिमाणवाचक विशेषण के भेद
पदार्थ की निश्चित एवं अनिश्चित मात्रा के आधार पर परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते हैं।
- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
वह परिमाणवाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित मात्रा, परिमाण, नाप, तोल आदि का बोध करवाता है, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे: तीन किलो अनाज, दो लीटर तेल, चार मीटर कपड़ा आदि।
निश्चित परिमाणवाचक के उदाहरण
- मेरे पास तीन लीटर दूध है।
- हमें प्रतिदिन तीन लीटर पानी पीना चाहिए।
- सात लीटर तेल देना।
- तीन किलो पनीर देना।
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
वह परिमाणवाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित मात्रा, परिमाण, नाप, तोल आदि का बोध नहीं करवाता है, उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- थोड़ा अनाज, कुछ फल आदि।
अनिश्चित परिमाणवाचक के उदाहरण
- थोड़ा सा दूध देना।
- मुझे कुछ सामान चाहिए।
- मुझे कुछ फल खरीदने हैं।
- मेरे पास बहुत कपड़े हैं।
- हमारे पास बहुत सी कपास है।
- इस धंधे में बहुत थोड़ा लाभ है।
- ओलावृष्टि से हज़ारों टन अनाज नष्ट हो गया।
- शंकर की भैंस बहुत दूध देती है।
सर्वनामी विशेषण
क्षेत्रीय अवधारणाओं के आधार पर, “सर्वनामी Visheshan ” (Pronominal Adjectives) वे Visheshan हैं जो सर्वनामों की भूमिका निभाते हैं। सर्वनामी विशेषण सर्वनाम की विशेषता, संख्या, प्रकार, स्वरूप आदि को बयान करते हैं। ये Visheshan संज्ञा की जगह पर प्रयुक्त होते हैं और संज्ञा के बदले उसकी जगह लेते हैं।
किसी वाक्य में संज्ञा शब्दों की विशेषता बताने वाले सर्वनाम शब्दों को सार्वनामिक Visheshan कहते हैं। सार्वनामिक Visheshan वास्तव में सर्वनाम शब्द ही होते हैं। सार्वनामिक Visheshan को संकेतवाचक Visheshan भी कहते हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम के अलावा शेष सभी सर्वनाम शब्दों का प्रयोग Visheshan के रूप में होता है। जब इन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी संज्ञा शब्द के साथ किया जाता है तब ये Visheshan की तरह काम करते हैं और जब संज्ञा के बिना इन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है तब ये सर्वनाम ही होते हैं।
किसी आदमी को भेजो। इस वाक्य में ‘आदमी’ संज्ञा के साथ ‘किसी’ सर्वनाम का प्रयोग हुआ है अतः इस वाक्य में ‘किसी’ सर्वनाम न होकर Sarvanamik Visheshan होगा।
सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
यहां कुछ उदाहरण सर्वनामी विशेषणों के हैं:
- मेरा (my)
- तेरा (your)
- हमारा (our)
- उसका (his/her)
- उनका (their)
- इसका (this)
- उसकी (that)
- कुछ (some)
- कोई (any)
- हर (every)
- अन्य (other)
- आपस (each other)
- इस पानी को गन्दा मत करो।
- वह लड़का नहीं आया।
- इस पुस्तक को वहां रख दो।
- वह गाय दूधारू है।
- वह पेड़ मेरे दादाजी ने लगाया था।
- किसी नौकर को भेजकर खाना मंगवा लेना।
- कुछ काम हो तो बताना।
- इस घर में बहुत सुकून है।
ये विशेषण सर्वनाम के साथ उपयोग होते हैं और उनके माध्यम से हम संज्ञा की जगह परिवर्तित करते हैं या विशेष बोध करते हैं। सर्वनामी विशेषण संज्ञा के बदले भाषा में विशेषण की भूमिका निभाते हैं।
सार्वनामिक विशेषण के भेद
सार्वनामिक विशेषण के छः भेद होते हैं-
- मूल सार्वनामिक Visheshan
- यौगिक सार्वनामिक Visheshan
- निश्चयवाचक सार्वनामिक Visheshan
- अनिश्चयवाचक सार्वनामिक Visheshan
- प्रश्नवाचक सार्वनामिक Visheshan
- संबंधवाचक सार्वनामिक Visheshan
मूल सार्वनामिक विशेषण
वे सर्वनाम शब्द जो बिना अपना रूप बदले संज्ञा के साथ जुड़कर उनकी विशेषता बताते हैं उन्हें मूल सार्वनामिक विशेषण कहते हैं. जैसे:- वह पत्थर, कोई व्यक्ति, कुछ फल आदि.
यौगिक सार्वनामिक विशेषण
यदि मूल सर्वनाम शब्दों में प्रत्यय लगाकर बनाए गए सर्वनाम शब्द किसी संज्ञा के साथ जुड़कर उसकी विशेषता बताते हैं तो उन्हें यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं. जैसे:- ऐसा पेड़, कैसा आदमी, उतना धन आदि.
निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
यदि किसी वाक्य में संज्ञा से पहले ‘यह’ अथवा ‘वह’ सर्वनाम जुड़कर उसकी विशेषता बताए तो उन्हें निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-
- यह किताब मेरी है।
- वह गाड़ी मुझे पसंद है।
अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
जब किसी वाक्य में संज्ञा से पहले ‘कोई’ अथवा ‘कुछ’ सर्वनाम जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताए तो उसे अनिश्चयवाचक सार्वनामिक Visheshan कहते हैं। अथवा अगर किसी वाक्य में संज्ञा से पहले अनिश्चयवाचक सर्वनाम जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताता हो तो उसे अनिश्चयवाचक सार्वनामिक Visheshan कहते हैं। जैसे-
- मुझे कुछ मज़दूरों की जरुरत है।
- मंदिर में कोई पुजारी रहता है।
प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण
जब किसी वाक्य में संज्ञा से पहले ‘कौन’, ‘क्या’, ‘कब’ अथवा ‘कैसे’ सर्वनाम जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताए तो उसे प्रश्नवाचक सार्वनामिक Visheshan कहते हैं। अथवा अगर किसी वाक्य में संज्ञा से पहले प्रश्नवाचक सर्वनाम शब्द जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताता हो तो उसे प्रश्नवाचक सार्वनामिक Visheshan कहते हैं। जैसे-
- क्या रवि जयपुर जाएगा?
- तुम कब घर आओगे?
संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण
यदि किसी वाक्य में संज्ञा से पहले संबंधवाचक सर्वनाम शब्द जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताता हो तो उसे संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे-
- जैसी बात आप कहते हैं, वैसी कोई नहीं कहता।
- जितना जितना नाम बढ़ता है, उतना उतना मान बढ़ता है।
- जैसा देश वैसा भेष
संबंधवाची विशेषण किसे कहते है?
क्षेत्रीय अवधारणाओं के आधार पर, “संबंधवाची विशेषण” (Possessive Adjectives) वे Visheshan हैं जो संबंध को बयान करते हैं और संज्ञाओं की स्वामित्व या संबंध की प्रतिष्ठा को दर्शाते हैं। ये Visheshan संज्ञाओं के पहले प्रयुक्त होते हैं और व्यक्ति के संबंध में व्यक्ति के स्वामित्व या संबंध की जानकारी प्रदान करते हैं।
संबंधवाची Visheshan व्यक्ति के संबंध को जाहिर करने के लिए प्रयुक्त होते हैं। ये Visheshan व्यक्ति के स्वामित्व, संबंध या जाति को दर्शाने के लिए होते हैं। सामान्यतः, संबंधवाची Visheshan पुरुष, स्त्री और नपुंसक लिंग के समूहों के लिए भी उपयोग होते हैं।
संबंधवाची Visheshan कुछ उदाहरणों में शामिल होते हैं:
- मेरा (my)
- तेरा (your)
- उसका (his/her)
- हमारा (our)
- आपका (your)
- उनका (their)
ये विशेषण संज्ञाओं के साथ उपयोग होते हैं और उनके माध्यम से हम व्यक्ति के संबंध को व्यक्त करते हैं, जैसे संबंधित वस्तुओं का स्वामित्व या संबंध किसी व्यक्ति के पास है।
वाक्य में प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद
वाक्य में प्रयोग के आधार पर विशेषण के दो भेद होते हैं।-
- उद्देश्य विशेषण
- विधेय विशेषण
उद्देश्य विशेषण किसे कहते हैं?
किसी वाक्य में उद्देश्य की विशेषता बताने वाले शब्द को उद्देश्य विशेषण कहते हैं। वाक्य में कर्ता का विस्तारक ही उद्देश्य Visheshan होता है। इसको वाक्य में हमेशा कर्ता से पहले लिखा जाता है। किसी वाक्य में उद्देश्य Visheshan पहचानने के लिए यह एक आसन सा तरीका है कि उद्देश्य Visheshan हमेशा कर्ता से पहले ही होगा।
उद्देश्य विशेषण के उदाहरण
- मैं हरि सब्जी अधिक खाता हूँ।
- चालाक बालक भाग गया।
- कमज़ोर बालक हार गया।
- मुझे स्वादिष्ट भोजन पसंद है।
- वहाँ एक पतला लड़का बैठा था।
विधेय विशेषण किसे कहते हैं?
किसी वाक्य में विधेय (कर्म एवं क्रिया) की विशेषता बताने वाले शब्द को विधेय Visheshan कहते हैं। वाक्य में कर्म या क्रिया का विस्तारक ही विधेय Visheshan होता है। यह वाक्य में सदैव कर्ता के बाद होता है।
विधेय विशेषण के उदाहरण
- शंकर होशियार है।
- रोहन पतला है।
- भोजन बड़ा स्वादिष्ट था।
- वह लड़का मोटा था।
विशेषण की कितनी अवस्थाएँ होती हैं?
विशेषण की तुलनात्मक स्थिति को अवस्था कहते हैं। Visheshan की तीन अवस्थाएँ होती हैं।
- मूलावस्था (Positive Degree)
- उत्तरावस्था (Comparative Degree)
- उत्तमावस्था (Superlative Degree)
विशेषण की मूलावस्था (Positive Degree) किसे कहते हैं?
जब कोई Visheshan शब्द किसी पदार्थ की विशेषता प्रकट करने के लिए अपने मूल स्वरूप में ही प्रयुक्त होता है तो ऐसी अवस्था को उस Visheshan की मूलावस्था कहते हैं। मूलावस्था में संज्ञा या सर्वनाम की स्थिति सामान्य रहती है।
विशेषण की मूलावस्था के उदाहरण
- राम एक अच्छा लड़का है.
- श्याम बुरा व्यक्ति है.
- गंगा एक पवित्र नदी है.
- कविता एक पटु बालिका है.
विशेषण की उत्तरावस्था (Comparative Degree) किसे कहते हैं?
जब कोई विशेषण दो पदार्थों या व्यक्तियों की परस्पर तुलना करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है तो वहाँ उस Visheshan की अवस्था को उत्तरावस्था कहते हैं। उत्तरावस्था में दो संज्ञा शब्दों या सर्वनाम शब्दों के मध्य तुलना का बोध होता है। Visheshan की मूलावस्था से उत्तरावस्था बनाने के लिए या तो मूल Visheshan शब्द में तर या ईयस् प्रत्यय जोड़ा जाता है या फिर मूल Visheshan शब्द से पहले से का प्रयोग किया जाता है।
विशेषण की उत्तरावस्था के उदाहरण
- रमेश सुरेश से अच्छा है।
- गंगा कावेरी से पवित्र नदी है।
- रमा सीता से सुन्दर बालिका है।
विशेषण की उत्तमावस्था (Superlative Degree) किसे कहते हैं?
जब कोई विशेषण शब्द दो या अधिक संज्ञा या सर्वनाम शब्दों में से किसी एक संज्ञा या सर्वनाम शब्द की श्रेष्ठता या हीनता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है तो वहाँ उस विशेषण की अवस्था को उत्तमावस्था कहते हैं। Visheshan की उत्तमावस्था बनाने के लिए या तो मूल विशेषण में तम/इष्ठ/तरीन में से किसी एक प्रत्यय को जोड़ा जाता है या फिर मूल Visheshan से पहले सबसे शब्द का प्रयोग किया जाता है।
विशेषण की उत्तमावस्था के उदाहरण
- राम सबसे अच्छा लड़का है।
- गंगा सबसे पवित्र नदी है।
- गीता गाँव की वरिष्ठ महिला है।
- अजय विद्यालय का श्रेष्ठ विद्यार्थी है।
विशेषण का अवस्था परिवर्तन (Transformation of Adjective)
विशेषण की मूलावस्था से उत्तरावस्था या उत्तमावस्था में परिवर्तन को अवस्था परिवर्तन कहते हैं। Visheshan की अवस्था के रूप परिवर्तन को दो प्रकारों से किया जा सकता है :-
- अधिक या सबसे अधिक का प्रयोग करके
- संस्कृत के तत्सम शब्दों के साथ ‘तर या ‘तम’ प्रत्यय लगाकर
अधिक या सबसे अधिक का प्रयोग करके
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
तेज़ | अधिक तेज़ | सबसे अधिक तेज़ |
अच्छा | अधिक अच्छा | सबसे अधिक अच्छा |
वीर | अधिक वीर | सबसे अधिक वीर |
विद्वान | अधिक विद्वान | सबसे अधिक विद्वान |
सुंदर | अधिक सुंदर | सबसे अधिक सुंदर |
साहसी | अधिक साहसी | सबसे अधिक साहसी |
चतुर | अधिक चतुर | सबसे अधिक चतुर |
कमज़ोर | अधिक कमज़ोर | सबसे अधिक कमज़ोर |
तीव्र | अधिक तीव्र | सबसे अधिक तीव्र |
लम्बा | अधिक लम्बा | सबसे अधिक लम्बा |
‘तर या ‘तम’ प्रत्यय का प्रयोग करके
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
दीर्घ | दीर्घतर | दीर्घतम |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
प्राचीन | प्राचीनतर | प्राचीनतम |
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
महान | महानतर | महानतम |
कोमल | कोमलतर | कोमलतम |
कटु | कटुतर | कटुतम |
लघु | लघुतर | लघुतम |
मधुर | मधुरतर | मधुरतम |
गुरु | गुरुतर | गुरुतम |
उत्कृष्ट | उत्कृष्टतर | उत्कृष्टतम |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठतर | श्रेष्ठतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
कठोर | कठोरतर | कठोरतम |
विशाल | विशालतर | विशालतम |
घनिष्ठ | घनिष्ठतर | घनिष्ठतम |
बलिष्ठ | बलिष्ठतर | बलिष्ठतम |
निकट | निकटतर | निकटतम |
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