भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (विश्व विरासत सूची) भारतीय सभ्यता, ऐतिहासिक विरासत, और प्राकृतिक सौंदर्य के अमूल्य खजाने को उजागर करती है। यहाँ स्थित इन स्थलों का संरक्षण और संवर्धन उनकी महत्वपूर्णता को साकार करता है, जो भारतीय इतिहास, संस्कृति, और स्थानीय जीवनशैली का अभिन्न अंग है। यह सूची देश के विभिन्न क्षेत्रों में बिखरे हुए महान धरोहर का संग्रह करती है, जिसमें मंदिर, किले, गुफाएं, वाणिज्यिक नगर, और प्राकृतिक संरचनाएं शामिल हैं। इन स्थलों की सूची भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के विशाल और विविध भंडार को दर्शाती है, जो विश्व भर में उत्कृष्टता की अनुभूति कराते हैं।
यूनेस्को (UNESCO) यानी “संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन”। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो 1945 में स्थापित किया गया था। इसका मुख्य कार्य क्षेत्र शैक्षिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में सहयोग करना है।
यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है। इसका मुख्य ध्येय है विश्वभर में शिक्षा की सुगमता, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक समृद्धि, मानवाधिकारों का संरक्षण, विश्व समझौते और सांस्कृतिक सम्मेलन को बढ़ावा देना है।
यूनेस्को के कार्यक्षेत्र में शैक्षिक कार्यक्रमों की विकास, वैज्ञानिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण, सांस्कृतिक विविधता का समर्थन, गुणवत्ता शिक्षा, जलसंरक्षण, साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर काम किया जाता है। यूनेस्को द्वारा दुनिया के विभिन्न राष्ट्रों के साथ साझा ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान भी किया जाता है।
यूनेस्को का पूरा नाम : United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization
यूनेस्को का स्थापना वर्ष : 16 नवम्बर, 1945
यूनेस्को का मुख्यालय : पेरिस (फ्रांस)
भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर (विरासत) स्थल | UNESCO World Heritage Sites in India
वर्तमान भारत में कुल 42 विश्व विरासत स्थल है। जिनमे 34 सांस्कृतिक विश्व विरासत स्थल, 7 प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल और 1 मिश्रित श्रेणी का विश्व विरासत स्थल है।
- भारतीय सांस्कृतिक विश्व विरासत स्थल (धरोहर)
- भारत के प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल (धरोहर)
- भारत के मिश्रित विश्व विरासत स्थल (धरोहर)
1. भारतीय सांस्कृतिक विश्व विरासत स्थल (Cultural Heritage)
सांस्कृतिक विरासत स्थलों (धरोहर) में ऐतिहासिक इमारत, शहर स्थल, महत्त्वपूर्ण पुरातात्त्विक स्थल, स्मारकीय मूर्तिकला और पेंटिंग कार्य शामिल किये जाते हैं।
क्र. सं. | सांस्कृतिक विश्व विरासत (धरोहर) स्थल का नाम | स्थान | वर्ष |
---|---|---|---|
1 | ताज महल | आगरा (UP) | 1983 |
2 | आगरा का किला | आगरा (UP) | 1983 |
3 | अजंता की गुफाएँ | औरंगाबाद (महाराष्ट्र) | 1983 |
4 | एलोरा की गुफाएँ | औरंगाबाद (महाराष्ट्र) | 1983 |
5 | कोणार्क का सूर्य मंदिर | पूरी (ओड़ीशा) | 1984 |
6 | महाबलीपुरम ले स्मारक समूह | तमिलनाडु | 1984 |
7 | गोवा के चर्च एवं कॉन्वेंट | गोवा | 1986 |
8 | हम्पी के स्मारक समूह | बेल्लारी (कर्नाटक) | 1986 |
9 | खजुराहो के स्मारक समूह | छतरपुर (MP) | 1986 |
10 | फतेहपुर सिकरी का किला | आगरा (UP) | 1986 |
11 | ग्रेट लिविंग चोल टेम्पल्स (बृहदेश्वर मंदिर) | तमिलनाडु | 1987/2004 |
12 | पट्ट्ड़कल के स्मारक समूह | कर्नाटक | 1987 |
13 | ऐलीफेंटा की गुफाएँ | महाराष्ट्र | 1987 |
14 | साँची का स्तूप | MP | 1989 |
15 | कुतुबमीनार | दिल्ली | 1993 |
16 | हुमायु का मकबरा | दिल्ली | 1993 |
17 | भारत के पर्वतीय रेलवे 1. दार्जीलिंग रेलवे 2. नीलगिरि 3. कालका शिमला | 1. पश्चिम बंगाल 2. तमिलनाडु 3. हिमाचल प्रदेश | 1. 1999 2. 2005 3. 2008 |
18 | महाबोधि मंदिर परिसर | बोध गया (बिहार) | 2002 |
19 | भीमबेटका गुफाएँ | MP | 2003 |
20 | चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्त्व पार्क | गुजरात | 2004 |
21 | छत्रपति शिवाजि टर्मिनस | मुंबई (महाराष्ट्र) | 2004 |
22 | लाल किला | दिल्ली | 2007 |
23 | जंतर-मंतर | जयपुर (राजस्थान) | 2010 |
24 | राजस्थान के पर्वतीय किले (कुंभलगढ़, रणथंभोर, चितोड़गढ़, गागरोन, जैसलमेर, आमेर) | राजस्थान | 2013 |
25 | रानी की वाव | पाटन (गुजरात) | 2014 |
26 | नालंदा महा विहार | बिहार | 2016 |
27 | ली कार्बुजियर के महत्वपूर्ण स्थापत्य कार्य | चंडीगढ़ | 2016 |
28 | अहमदावाद का ऐतिहासिक शहर | गुजरात | 2017 |
29 | विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एनसेम्बल | मुंबई | 2018 |
30 | जयपुर शहर | राजस्थान | 2019 |
31 | काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर | तेलंगाना | 2021 |
32 | धौलाविरा (एक हड़प्पाई शहर) | गुजरात | 2021 |
33 | शांतिनिकेतन | पश्चिम बंगाल | 2023 |
34 | होयसल के पवित्र मंदिर समूह | कर्नाटक | 2023 |
2. भारत के प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल (Natural Heritage)
प्राकृतिक विरासत स्थलों (धरोहर) में उत्कृष्ट पारिस्थितिक और विकासवादी प्रक्रियाएँ, अद्वितीय प्राकृतिक घटनाएँ, दुर्लभ या लुप्तप्राय प्रजातियों के आवास स्थल आदि शामिल किये जाते हैं।
क्र. सं. | प्राकृतिक विश्व विरासत (धरोहर) स्थल के नाम | स्थान | वर्ष |
---|---|---|---|
1 | काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क | असम | 1985 |
2 | केवला देवी राष्ट्रीय पार्क | राजस्थान | 1985 |
3 | मानस वन्यजीव अभयारण्य | असम | 1985 |
4 | सुंदरवन राष्ट्रीय पार्क | पश्चिम बंगाल | |
5 | नंदा देवी एवं फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान | उत्तराखंड | 1988/2005 |
6 | पश्चिमी घाट | महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु | 2012 |
7 | ग्रेट हिमालय राष्ट्रीय पार्क | हिमाचल प्रदेश | 2014 |
3. भारत के मिश्रित विश्व विरासत (धरोहर) स्थल (Mixed Heritage)
मिश्रित विरासत स्थलों (धरोहर) में प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार के महत्त्वपूर्ण तत्त्व शामिल होते हैं।
क्र. सं. | मिश्रित विश्व विरासत स्थल | स्थान | वर्ष |
---|---|---|---|
1 | कंचनजंघा राष्ट्रीय पार्क | सिक्किम | 2016 |
भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों का संक्षिप्त परिचय
1. आगरा का किला
- यह 16वीं शताब्दी का मुगल स्मारक है जिसे आगरा का लाल किला कहा जाता है।
- जहाँगीर महल और शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया खास महल आगरा किले का हिस्सा हैं।
- दिल्ली से पहले आगरा का किला मुगल साम्राज्य के सम्राटों के लिए मुख्य निवास स्थान था।
- इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया था।
- यह फारसी और अरबी वास्तुकला को प्रभावित करता है।
2. अजंता की गुफाएँ
- महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित अजंता की गुफाएं भारतीय कला का एक शानदार नमूना है।
- यह भारत के सबसे प्रचीन ऐतिहासक स्थलों में से एक है।
- घोड़े की नाल के आकार में निर्मित अजंता गुफाओं में कुल 30 गुफा शामिल है, जिनमें मुख्य रूप से बौद्ध धर्म की कला कृतियाँ देखने को मिलती है।
- ऐसी मान्यता है कि इस स्थान में बौद्ध भिक्षु रहते थे और अध्ययन एवं प्रार्थना करते थे।
- 76 मी. तक की ऊंचाई वाले इन गुफाओं की खोज अंग्रेज इतिहासकार जॉन स्मिथ द्वारा की गई थी।
- वर्ष 1983 में यूनेस्को ने ‘विश्व विरासत स्थल’ की सूची में इसे शामिल कर लिया था।
- ये चट्टानों को काटकर बनायी गयी गुफाएँ हैं।
3. नालन्दा स्थित नालन्दा महाविहार पुरातत्व स्थल
- नालन्दा भारत का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है।
- तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 13वीं शताब्दी ईस्वी तक के एक मठवासी और शैक्षिक संस्थान के पुरातात्विक अवशेष यहां पाए जाते हैं।
4. साँची में बौद्ध स्मारक
- अखंड स्तंभ, महल, मंदिर और मठ इसका हिस्सा हैं।
- इसे अस्तित्व में सबसे पुराना बौद्ध अभयारण्य माना जाता है।
5. चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क
- उत्खनन से प्राप्त पुरातात्विक, ऐतिहासिक और जीवित सांस्कृतिक विरासत संपत्तियाँ इसका एक हिस्सा हैं।
- 8वीं और 14वीं शताब्दी के बीच निर्मित संरचनाएं जैसे किलेबंदी, महल, धार्मिक इमारतें, आवासीय परिसर, कृषि संरचनाएं और जल प्रतिष्ठान यहाँ पाए जाते हैं।
6. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
- छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सी. एस. टी.) का पूर्व नाम विक्टोरिया टर्मिनस था।
- यह भारत में विक्टोरियन गोथिक पुनरुद्धार वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करता है।
- ब्रिटिश वास्तुकार एफ. डब्ल्यू. स्टीवंस ने इसे बनाया और डिज़ाइन किया था।
7. गोवा के चर्च और कॉन्वेंट
- पुर्तगाली राजधानी रह चुके इस शहर के चर्च एशिया में धर्म प्रचार का प्रतीक हैं।
8. एलिफेंटा गुफाएँ
- घारापुरी गुफाएं एलीफेंटा गुफाओं का स्थानीय नाम है।
- यहाँ सात गुफाएँ हैं।
9. एलोरा की गुफाएँ
- एलोरा की गुफाओं में 34 मठ और मंदिर हैं।
10. फ़तेहपुर सीकरी
- मुगल सम्राट अकबर ने इसे बनवाया था।
- यह 10 वर्षों तक मुगल राजधानी रही थी।
- जामा मस्जिद फतेहपुर सीकरी का एक हिस्सा है।
11. महान जीवंत चोल मंदिर
- इसमें तंजावुर में बृहदेश्वर मंदिर, गंगाईकोंडाचोलिसवरम में बृहदेश्वर मंदिर और दारासुरम में ऐरावतेश्वर मंदिर जैसे मंदिर शामिल हैं।
12. हम्पी में स्मारकों का समूह
- हम्पी ने विजयनगर साम्राज्य की अंतिम राजधानी के रूप में कार्य किया है।
13. महाबलीपुरम में स्मारकों का समूह
- यह समूह रथों, मंडपों, विशाल खुली हवा वाली राहतों आदि के लिए जाना जाता है।
14. पत्तदकल में स्मारकों का समूह
- ये स्मारक चालुक्य कला का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- हिंदू मंदिर और जैन अभयारण्य इसका हिस्सा हैं।
15. राजस्थान के पहाड़ी किले
- चित्तौड़गढ़ किला, कुंभलगढ़ किला, सवाई माधोपुर किला, झालावाड़ किला, जयपुर किला और जैसलमेर किला इन पहाड़ी किलों का हिस्सा हैं।
16. अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर
- 15वीं शताब्दी में सुल्तान अहमद शाह ने चारदीवारी वाले शहर की स्थापना की थी।
17. हुमायूँ का मकबरा
- इसका निर्माण 1570 में हुआ था।
- यह भारतीय उपमहाद्वीप का पहला उद्यान-मकबरा है।
18. जयपुर शहर
- सवाई जय सिंह-द्वितीय ने 1727 ई. में जयपुर शहर की स्थापना की थी।
19. खजुराहो स्मारक समूह
- इसमें चंदेली राजवंश द्वारा निर्मित मंदिर शामिल हैं।
- हिंदू धर्म और जैन धर्म दो ऐसे धर्म हैं जिनके लिए मंदिर समर्पित हैं।
20. महाबोधि मंदिर परिसर
- यह बुद्ध के जीवन से संबंधित चार पवित्र स्थलों में से एक है।
21. भारत की पर्वतीय रेलवे
- दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे और कालका शिमला रेलवे इस साइट में शामिल तीन रेलवे हैं।
22. कुतुब मीनार और उसके स्मारक
- कुतुब मीनार का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था।
- यह भारत का सबसे ऊंचा टावर है।
23. रानी-की-वाव (रानी की बावड़ी)
- यह सरस्वती नदी के तट पर स्थित है।
- इसे मारू-गुर्जरा स्थापत्य शैली में बनाया गया है।
24. लाल किला परिसर
- इसे शाहजहाँ की राजधानी शाहजहाँबाद के महल किले के रूप में बनाया गया था।
- सलीमगढ़ किला इसी परिसर का एक हिस्सा है।
25. भीमबेटका शैलाश्रय
- डॉ. वी. एस. वाकणकर ने 1958 में भीमबेटका गुफाओं की खोज की थी।
26. सूर्य मंदिर
- राजा नरसिम्हदेव प्रथम ने इसे 13वीं शताब्दी में बनवाया था।
- यह कलिंग वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करता है।
27. ताज महल
- मुग़ल बादशाह ने ताज महल बनवाया।
- यह यमुना नदी के तट पर स्थित है।
28. ली कोर्बुज़िए के वास्तुशिल्प
- ले कोर्बुज़िए का वास्तुशिल्प कार्य, आधुनिक आंदोलन में एक उत्कृष्ट योगदान देता है।
- तीन महाद्वीपों पर 17 स्थल हैं।
- भारत के चंडीगढ़ में कॉम्प्लेक्स डु कैपिटोल इसका एक हिस्सा है।
29. जंतर मंतर
- राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित जंतर-मंतर भारत के खूबसूरत ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है
- जंतर मंतर का निर्माण राजपूत राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1724 से 1734 के बीच किया गया था।
- सवाई जयसिंह एक खगोलीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने इस विशाल वेधशाला का निर्माण अंतरिक्ष और समय के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और उसका अध्यन करने के लिए किया गया था।
- महाराजा जयसिंह II ने भारत में कुल 5 जंतर मंतर का निर्माण करवाया है, जिनमें से सबसे बड़ा जयपुर में है।
- जयपुर के अलावा उज्जैन, मथुरा, दिल्ली और वाराणसी में भी जंतर मंतर मौजूद है।
30. मुंबई का विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको पहनावा
- मुंबई में विक्टोरियन नियो-गॉथिक सार्वजनिक इमारतें और आर्ट डेको इमारतें इस संग्रह का हिस्सा हैं।
- ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क-संरक्षण क्षेत्र
31. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क-संरक्षण क्षेत्र
- हिमाचल प्रदेश के इस संरक्षण क्षेत्र में ऊंची अल्पाइन चोटियाँ, अल्पाइन घास के मैदान और नदी के जंगल आदि आते हैं।
32. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- यह पूर्वोत्तर भारत में असम के कार्बी आंगलोंग जिले में गोलाघाट और नागांव में स्थित है।
33. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
- इस राष्ट्रीय उद्यान का पूर्व नाम भरतपुर पक्षी अभयारण्य था।
- साइबेरियाई क्रेन उन जलीय पक्षियों में से एक है जो इस पार्क को शीतकालीन क्षेत्र बनाते हैं।
34. मानस वन्यजीव अभयारण्य
- यह 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघ रिजर्व के नेटवर्क में शामिल पहला रिजर्व है।
- यह एक बायोस्फीयर रिज़र्व भी है।
35. नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- नंदा देवी पश्चिम भारत का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है।
36. सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान
- यह गंगा डेल्टा का हिस्सा है।
37. पश्चिमी घाट
- ये जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक हैं।
38. कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान
- माउंट कंचनजंगा दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है।
39. काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, वारंगल तेलंगाना
- वारंगल तेलंगाना में स्थित यह मंदिर काकतीय वंश के राजा प्रताप रुद्रदेव ने बनवाया था।
- इसके वास्तुकार रामप्पा थे।
- 25 जुलाई, 2021 को तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले के पालमपेट गांव में अवस्थित इस मंदिर को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की घोषणा की गई।
- यह भगवान शिव + विष्णु + सूर्य का मंदिर है।
- 13वीं शताब्दी ईस्वी में निर्मित, यह मंदिर बलुआ पत्थर से बना काकतीय चमत्कार है।
- संरचना में हल्के झरझरा ईंटों, तथाकथित ‘फ्लोटिंग ईंटों’ से बने एक विशिष्ट और पिरामिडनुमा विमान के साथ नक्काशीदार ग्रेनाइट और डोलराइट के बीम और स्तंभों को सजाया गया है, जिससे छत संरचनाओं का वजन कम हो गया।
40. धोलावीरा
- 1968 में पुरातत्वविद् जगत पति जोशी द्वारा खोजे गए, धोलावीरा का नाम गुजरात के कच्छ जिले के एक गाँव के नाम पर रखा गया है।
- प्राचीन भारत में, यह 1500 ईसा पूर्व तक इसके पतन तक लगभग 1,500 वर्षों तक एक वाणिज्यिक और विनिर्माण केंद्र बना रहा।
- मोहन-जो-दारो, गनवेरीवाला, हड़प्पा और राखीगढ़ी के बाद यह सिंधु घाटी सभ्यता का पांचवां सबसे बड़ा महानगर था।
41. शांति निकेतन
- पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित, शांतिनिकेतन, जिसका अर्थ है “शांति का निवास”, का विकास 1901 में शुरू हुआ और यहीं पर रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय की नींव रखी।
- इसकी स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी।
- शांतिनिकेतन का मानवीय मूल्यों, वास्तुशिल्प और तकनीकी विकास, स्मारकीय कला, नगर नियोजन और परिदृश्य डिजाइन में अत्यधिक महत्व है।
- शांतिनिकेतन को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध करने के प्रयास 2010 से चले आ रहे हैं, नवीनतम नामांकन प्रस्ताव 2020-21 वित्तीय वर्ष में शुरू किया गया है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) हाल के वर्षों में शांतिनिकेतन में विभिन्न संरचनाओं को बहाल करने में शामिल रहा है।
42. होयसलों की पवित्र मण्डली
- ये मंदिर कर्नाटक के हसन और मैसूरु जिलों में बेलूर, हलेबिदु और सोमनाथपुरा में स्थित हैं।
- इसमें दो स्मारक (बेलूर और हलेबीडु), सोमनाथपुरा का केशव मंदिर शामिल हैं।
- ये 11वीं से 14वीं सदी के मध्य होयसल साम्राज्य में हुआ।
- होयसाल वास्तु-शैली में द्रविड़ स्थापत्य शैली और उत्तर भारतीय शैलियों का मिश्रित रूप है।
- मंदिरों, जिन्हें अक्सर ‘पत्थर में उकेरी गई कविता’ के रूप में वर्णित किया जाता है, को 2022-23 में भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई थी।
- इस समूह में निम्नलिखित मंदिर शामिल हैं –
- चन्नकेशव मंदिर, बेलूर, हसन जिला (राजा विष्णुवर्धन द्वारा निर्मित, भगवान विष्णु को समर्पित)।
- होयसलेश्वर मंदिर, हलेबिडु, हसन जिला (राजा विष्णुवर्धन द्वारा निर्मित, भगवान शिव को समर्पित)।
- केसव मंदिर, सोमनाथपुरा, मैसूर जिला (होयसला राजा नरसिम्हा तृतीय के सेनापति सोमनाथ दंडनायक द्वारा पवित्र, भगवान विष्णु को समर्पित)।
भारत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स इन इंडिया (UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi) में सबसे पहले 1983 में अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को शामिल किया गया था।
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान आसाम में स्थित है।
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान गैंडा के लिए प्रसिद्ध है।
- केवलादेवी धना पक्षी विहार भरतपुर (राजस्थान) में अवस्थित है।
- नन्दादेवी जीवमण्डल उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
- मानस पशु विहार आसाम राज्य में स्थित है।
- उत्तराखंड राज्य में राष्ट्रीय उद्यान “वैली ऑफ फ्लावर्स’ स्थित है।
- ओड़ीशा राज्य के कोणार्क में हिन्दू वास्तुकला के अधभूत नमूनों वाला प्रसिद्ध ‘सूर्य देवता का मंदिर’ है।
- कोणार्क का काला पिगौड़ा सूर्य देवता देवता को समर्पित है।
- महाबलीपुरम के रथ मंदिरो का निर्माण पल्लवों द्वारा कराया गया था।
- एलोरा में प्रसिद्ध ‘शिव मंदिर’ का निर्माण राष्ट्रकूट शासक कृष्ण -1 ने करवाया था।
- एलोरा के पहाड़ी मंदिरो को राष्ट्रकूटो ने बनवाया था।
- एकोरा के कैलाश मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के शासक ने पत्थरों की कटाई कराकर बनाया।
- बोधगया स्थित प्रसिद्ध महा बोधि मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक ने कराया था।
- साँची का महान स्तूप मध्यप्रदेश में है।
- राष्ट्रकुटों द्वारा एलोरा पहाड़ियो में निर्मित गुफा मंदिर औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में स्थित है।
- ढाई दिन का झोपड़ा मस्जिद का नाम है।
- ‘सांची स्तूप’ का निर्माण करने वाले मौर्य राजा सम्राट अशोक थे।
- भारत में नालंदा विश्व विद्यालय बिहार राज्य में स्थित है।
- कुतुबमीनार का निर्माण फिरोजशाह तुगलक शासक ने पूरा कराया था।
- दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक गुलाम वंश के कुतुबुद्धीन ऐबक ने 1200 ई. में कुतुबमीनार का निर्माण कार्य शुरु कराया किन्तु वे केवल इसका आधार ही पूरा कर पाए थे। इनके उत्तराधिकारी अल्तमश / इल्तुतमिश ने इसकी तीन मंजिलें बनाई और 1368 ई. में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई थी।