वॉरेन बफेट ने 2025 में 6 अरब डॉलर (₹50,000 करोड़) 5 संस्थानों को दान किए

बिलियनेयर निवेशक वॉरेन बफेट द्वारा 2025 में किया गया 6 अरब डॉलर(₹50,000 करोड़) का ऐतिहासिक दान न केवल वैश्विक परोपकार की दिशा में एक बड़ी छलांग है, बल्कि यह समाज में संपत्ति के पुनर्वितरण, सामाजिक जिम्मेदारी और उत्तराधिकार से जुड़े गहन मुद्दों को भी उजागर करता है। यह परोपकारी कार्य न केवल बफेट की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एक व्यक्ति किस प्रकार अपने जीवन की संपत्ति का अधिकांश भाग समाज को लौटा सकता है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस दान की क्या विशेषताएं हैं, इससे कौन-कौन से संस्थान लाभान्वित होंगे, इसका उद्देश्य क्या है, और किस प्रकार यह बफेट की जीवनदृष्टि एवं परोपकार के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करता है।

वॉरेन बफेट: एक परिचय

वॉरेन एडवर्ड बफेट, जिन्हें “ओरेकल ऑफ ओमाहा” के नाम से भी जाना जाता है, बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ हैं। वे विश्व के सबसे सफल निवेशकों में गिने जाते हैं। अपनी निवेश रणनीति, विनम्र जीवनशैली और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए वे पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।

बफेट का मानना है कि संपत्ति का सबसे सार्थक उपयोग वही है जो समाज को लाभ पहुंचाए। इसी सोच के तहत उन्होंने 2006 में अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा दान करने की घोषणा की थी और तब से वे लगातार परोपकारी कार्यों के लिए योगदान करते आ रहे हैं।

2025 का ऐतिहासिक दान: मुख्य तथ्य

घोषणा की तारीख: 27 जून 2025
दान का स्वरूप: बर्कशायर हैथवे के क्लास B शेयर
कुल शेयर: 12.4 मिलियन (1.24 करोड़)
प्रति शेयर मूल्य: $485.68
दान की कुल राशि: लगभग $6 अरब (₹50,000 करोड़ से अधिक)
शेयर ट्रांसफर की तिथि: 30 जून 2025

जिन संस्थानों को दान मिला

फाउंडेशन का नामप्राप्त शेयरों की संख्या
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ट्रस्ट94 लाख शेयर
सुसान थॉम्पसन बफेट फाउंडेशन9.43 लाख शेयर
शेरवुड फाउंडेशन6.60 लाख शेयर
हॉवर्ड जी. बफेट फाउंडेशन6.60 लाख शेयर
नोवो फाउंडेशन6.60 लाख शेयर

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को इस दान में सर्वाधिक हिस्सा प्राप्त हुआ है। यह संस्था वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर कार्यरत है। अन्य फाउंडेशन भी विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में गहन कार्य कर रहे हैं, जैसे महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, शिक्षा और मानवाधिकार।

दान के उद्देश्य और प्राथमिकताएँ

बफेट का यह दान केवल एक वित्तीय लेनदेन नहीं है; यह उनके जीवन दर्शन और परोपकारी दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है। इसका उद्देश्य है:

  • वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार
  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सबकी पहुँच
  • गरीबी और भूखमरी का उन्मूलन
  • महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना
  • ग्रामीण विकास और सतत जीवनशैली को बढ़ावा देना
  • संपत्ति का पुनर्वितरण और सामाजिक समानता की स्थापना

वॉरेन बफेट की परोपकारी यात्रा: एक संक्षिप्त इतिहास

बफेट ने 2006 में घोषणा की थी कि वे अपनी 99.5% संपत्ति समाज को दान में देंगे। इस उद्देश्य के तहत उन्होंने प्रतिवर्ष अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा पांच प्रमुख संस्थाओं को दान में देना शुरू किया।

गौरतलब है कि 2021 में उन्होंने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन दान देना जारी रखा। अब तक, 2025 तक उनके द्वारा किया गया कुल दान $60 अरब से अधिक हो चुका है, जो उन्हें इतिहास के सबसे बड़े दानकर्ताओं में से एक बनाता है।

दान की संरचना और दार्शनिक पृष्ठभूमि

बफेट का परोपकार केवल भावुकता पर आधारित नहीं है, बल्कि यह उनकी “सरल निर्णय, दीर्घकालिक निवेश और चक्रवृद्धि प्रभाव” की विचारधारा से प्रेरित है।

वे मानते हैं कि एक अच्छे निवेशक की तरह ही एक परोपकारी कार्यकर्ता को भी दीर्घकालिक सोच अपनानी चाहिए। उनके द्वारा किया गया हर दान एक रणनीतिक दृष्टिकोण का हिस्सा होता है, जो समाज पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सके।

पारिवारिक भूमिका और उत्तराधिकार दर्शन

वॉरेन बफेट अपने बच्चों — हॉवर्ड, सुसान और पीटर — को भी परोपकारी कार्यों में शामिल करते रहे हैं। हॉवर्ड जी. बफेट फाउंडेशन और नोवो फाउंडेशन जैसी संस्थाएँ उनके परिवार के सदस्य चला रहे हैं।

बफेट ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी शेष संपत्ति अपने बच्चों को “समाज के हित में उपयोग करने की जिम्मेदारी” के साथ सौंपेंगे। वे मानते हैं कि उत्तराधिकार केवल संपत्ति स्थानांतरण नहीं है, बल्कि यह जिम्मेदारी का हस्तांतरण है।

द गिविंग प्लेज: अरबपतियों के लिए परोपकार का आह्वान

2010 में वॉरेन बफेट और बिल गेट्स ने मिलकर “The Giving Pledge” की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य अरबपतियों को अपनी अधिकांश संपत्ति दान करने के लिए प्रेरित करना था।

आज, इस पहल से दुनिया भर के सैकड़ों अरबपति जुड़ चुके हैं, जिनमें एलन मस्क, मार्क जुकरबर्ग, मैकेंजी स्कॉट, और अन्य शामिल हैं। बफेट का यह दान इस प्रतिज्ञा को और अधिक मजबूती प्रदान करता है।

सामाजिक और वैश्विक प्रभाव

वॉरेन बफेट का यह योगदान केवल एक बड़ी वित्तीय खबर नहीं है, बल्कि यह वैश्विक परोपकार के नैरेटिव को पुनर्परिभाषित करता है:

  • यह दिखाता है कि व्यक्तिगत संपत्ति को सामाजिक परिवर्तन के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • यह अरबपतियों की सामाजिक जिम्मेदारी पर एक नई बहस शुरू करता है।
  • यह सरकारों, गैर-लाभकारी संस्थाओं और जनसामान्य को प्रेरणा देता है कि संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग कैसे किया जाए।

निष्कर्ष: एक प्रेरक मिसाल

वॉरेन बफेट का 2025 का दान न केवल वित्तीय दृष्टि से बड़ा है, बल्कि नैतिक, दार्शनिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत प्रभावशाली है। यह इस बात का प्रमाण है कि एक व्यक्ति, चाहे वह कितना भी संपन्न क्यों न हो, जब अपनी संपत्ति को समाज के हित में लगाने का निर्णय लेता है, तो वह दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकता है।

यह दान केवल बफेट के नाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करता है जिसमें संपत्ति के साथ जिम्मेदारी और विरासत के साथ मूल्य जुड़े होते हैं।

उनकी यह पहल आने वाले समय में न केवल अरबपतियों को, बल्कि हर उस व्यक्ति को प्रेरणा देगी जो अपने संसाधनों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहता है।

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