21वीं सदी में वैश्विक शक्ति संतुलन में सैन्य क्षमताओं, विशेषकर सामरिक और रणनीतिक मिसाइल प्रणालियों, की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। भारत, जो कि एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है, अपनी प्रतिरोधक रणनीति और सुरक्षा नीतियों को लगातार उन्नत कर रहा है। इस दिशा में भारत की दो स्वदेशी मिसाइल प्रणालियाँ — शौर्य मिसाइल और अग्नि-V मिसाइल — उसकी सैन्य ताकत और रणनीतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं।
यह लेख इन दोनों मिसाइल प्रणालियों की तकनीकी, सामरिक और रणनीतिक विशेषताओं की तुलना के साथ-साथ उनके राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान को भी स्पष्ट करता है।
भारत की परमाणु नीति और मिसाइल विकास की पृष्ठभूमि
भारत की परमाणु नीति “नो फर्स्ट यूज” (No First Use) और “न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता” (Minimum Credible Deterrence) पर आधारित है। इस नीति के अंतर्गत भारत ने तीन-स्तरीय परमाणु त्रिकोण (Nuclear Triad) विकसित किया है, जिसमें थल, जल और वायु से परमाणु हमले की क्षमता शामिल है।
भारत का मिसाइल विकास कार्यक्रम मुख्यतः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा संचालित है। इसके अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों की मिसाइलों का निर्माण हुआ है, जिनमें अग्नि श्रृंखला की बैलिस्टिक मिसाइलें और शौर्य जैसी सामरिक मिसाइलें शामिल हैं।
शौर्य मिसाइल: सामरिक तीव्रता और गति का प्रतीक
सामान्य परिचय
- प्रकार: सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल (Tactical Missile)
- मारक दूरी: 700 से 1,900 किलोमीटर
- गति: हाइपरसोनिक (Mach 7.5)
- प्रणोदन प्रणाली: दो-चरणीय ठोस ईंधन
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: कैनिस्टरयुक्त, भूमि आधारित
- पेलोड क्षमता: 1 टन तक (परमाणु या पारंपरिक)
- सटीकता: CEP (Circular Error Probable) लगभग 20–30 मीटर
प्रमुख विशेषताएँ
- हाइपरसोनिक गति: शौर्य की गति Mach 7.5 तक पहुंचती है, जो रडार से बचने में मदद करती है और दुश्मन के रक्षा तंत्र को चकमा देती है।
- कैनिस्टर से प्रक्षेपण: कैनिस्टरयुक्त डिज़ाइन इसे त्वरित रूप से लॉन्च करने योग्य बनाता है, जिससे यह युद्ध की स्थितियों में शीघ्र प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।
- कम रडार दृश्यता: यह मिसाइल सुपरसोनिक ग्लाइड वाहन के रूप में कार्य कर सकती है, जिससे इसका ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
रणनीतिक भूमिका
शौर्य मिसाइल को विशेष रूप से द्वितीय प्रतिआक्रमण (Second-Strike Capability) के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यह परमाणु त्रिकोण की भूमि आधारित शाखा को मजबूती देती है। इसकी तेज़ तैनाती क्षमता और गुप्त लॉन्चिंग इसको सामरिक युद्ध की स्थितियों में अत्यधिक प्रभावशाली बनाती है।
अग्नि-V: भारत की रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता का स्तंभ
सामान्य परिचय
- प्रकार: अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)
- मारक दूरी: 5,000 किलोमीटर से अधिक (कुछ स्रोतों के अनुसार 8,000+ किमी)
- गति: पुनः प्रवेश पर Mach 24
- प्रणोदन प्रणाली: तीन-चरणीय ठोस ईंधन
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: कैनिस्टरयुक्त, मोबाइल लांचर
- पेलोड क्षमता: 1.5 टन तक (केवल परमाणु हथियार)
- सटीकता: उच्च रणनीतिक सटीकता
प्रमुख विशेषताएँ
- अंतरमहाद्वीपीय मारक क्षमता: अग्नि-V भारत को चीन सहित एशिया के अधिकांश हिस्सों और यूरोप के कुछ क्षेत्रों को टारगेट करने की सामर्थ्य प्रदान करता है।
- मॉड्यूलर डिज़ाइन: यह मिसाइल सड़कों के माध्यम से कहीं भी तैनात की जा सकती है, जिससे इसकी लोकेशन को ट्रैक करना अत्यंत कठिन हो जाता है।
- बूस्ट ग्लाइड तकनीक और MIRV संभावनाएँ: भविष्य में अग्नि-V को Multiple Independently targetable Reentry Vehicle (MIRV) से सुसज्जित किया जा सकता है, जिससे यह एक साथ कई टारगेट्स पर हमला कर सकेगा।
रणनीतिक भूमिका
अग्नि-V भारत की रणनीतिक परमाणु प्रतिरोधक नीति का केंद्रबिंदु है। इसकी लंबी दूरी और भारी पेलोड क्षमता इसे प्रथम हमले की स्थिति में प्रभावी द्वितीय आक्रमण की गारंटी देती है। यह भारत को क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है।
तुलनात्मक विश्लेषण: शौर्य बनाम अग्नि-V
विशेषता | शौर्य मिसाइल | अग्नि-V मिसाइल |
---|---|---|
भूमिका | सामरिक हमला (Tactical Strike) | रणनीतिक प्रतिरोधक (Strategic Deterrence) |
मारक दूरी | 700-1900 किमी (मध्यम दूरी) | 5000+ किमी (अंतरमहाद्वीपीय) |
गति | Mach 7.5 | Mach 24 (पुनः प्रवेश पर) |
पेलोड क्षमता | 1 टन (परमाणु या पारंपरिक) | 1.5 टन (केवल परमाणु) |
प्रणोदन प्रणाली | दो-चरणीय ठोस ईंधन | तीन-चरणीय ठोस ईंधन |
लॉन्च प्लेटफॉर्म | भूमि आधारित कैनिस्टर | मोबाइल कैनिस्टर लांचर |
सटीकता | अत्यधिक (20–30 मीटर CEP) | रणनीतिक सटीकता (दुश्मन कमांड सेंटर हेतु उपयुक्त) |
तैनाती क्षेत्र | क्षेत्रीय युद्धक्षेत्र | अंतरमहाद्वीपीय रणनीतिक टारगेट |
रणनीतिक उपयोगिता | त्वरित जवाबी कार्रवाई, क्षेत्रीय सुरक्षा | द्वितीय प्रतिआक्रमण, दीर्घकालिक प्रतिरोधक |
शौर्य बनाम अग्नि-V: एक तकनीकी विश्लेषण
1. प्रणोदन प्रणाली (Propulsion System)
शौर्य मिसाइल:
- दो-चरणीय ठोस प्रणोदन प्रणाली से युक्त शौर्य मिसाइल में दोनों चरणों में ठोस ईंधन रॉकेट मोटर का उपयोग किया गया है।
- इसका डिज़ाइन थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल (TVC) और फिन नियंत्रण का उपयोग करता है, जिससे यह अपनी उड़ान को अत्यंत कुशलता से नियंत्रित कर सकता है।
- मिसाइल का प्रक्षेपण कैनिस्टर से होता है, जिसमें गैस जनरेटर (Gas Generator) पहले चरण को ऊर्ध्वगामी धकेलता है, उसके बाद इंजन प्रज्वलित होता है।
अग्नि-V मिसाइल:
- यह तीन-चरणीय ठोस ईंधन प्रणाली से लैस है, जिसमें प्रत्येक चरण पृथक और स्वतंत्र थ्रस्ट प्रदान करता है।
- इसके पहले और दूसरे चरण में ग्रेफाइट एपॉक्सी मोटर केसिंग का उपयोग होता है, जो हल्का और उच्च थ्रस्ट प्रदान करने में सक्षम है।
- तीसरा चरण अत्यंत नियंत्रित गति और दिशा में कार्य करता है, जिससे पुनःप्रवेश मॉड्यूल को सटीक निशाना साधने में मदद मिलती है।
2. उड़ान प्रोफ़ाइल और वायुगतिकी (Flight Profile & Aerodynamics)
शौर्य मिसाइल:
- शौर्य एक स्लेज लॉन्च सिस्टम के साथ उड़ान भरती है और सुपरसोनिक से हाइपरसोनिक गति (Mach 7.5) पर लगभग क्षैतिज उड़ान भरती है।
- यह सुपरसोनिक ग्लाइडिंग व्हीकल (SSGV) की तरह व्यवहार करती है — जो न केवल तीव्र गति से उड़ती है, बल्कि दिशा भी बदल सकती है, जिससे यह टर्मिनल फेज में दुश्मन की मिसाइल डिफेंस को चकमा दे सकती है।
अग्नि-V मिसाइल:
- इसका उड़ान मार्ग एक पारंपरिक बैलिस्टिक ट्रैजेक्टरी पर आधारित होता है, जिसमें तीनों चरण वायुमंडल से बाहर जाकर पुनः प्रवेश करते हैं।
- रीएंट्री व्हीकल (RV) वायुगतिकीय हीट शील्डिंग से सुरक्षित रहता है, जो Mach 24 की गति पर पुनः प्रवेश के दौरान अत्यधिक ताप को सहन करता है।
3. मार्गदर्शन प्रणाली (Guidance System)
शौर्य मिसाइल:
- यह मिसाइल Ring Laser Gyroscope (RLG)-based Inertial Navigation System (INS) और Micro Inertial Navigation System (MINS) से लैस है।
- अंत में टर्मिनल चरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित मार्गदर्शन एल्गोरिद्म दुश्मन की रडार अथवा रक्षात्मक प्रणालियों को चकमा देने में मदद करता है।
- CEP (Circular Error Probable) लगभग 20 मीटर है — जो इसे अत्यधिक सटीक सामरिक हथियार बनाता है।
अग्नि-V मिसाइल:
- इसमें भी RLG आधारित INS प्रणाली है, परंतु उच्च रेंज के कारण इसमें GPS/GLONASS आधारित सुधार (Satellite-Aided Guidance) की संभावनाएं भी जोड़ी जा सकती हैं।
- इसकी CEP लगभग 100-150 मीटर मानी जाती है, जो रणनीतिक हथियार के लिए पर्याप्त है।
4. रडार से बचाव और छलावरण (Radar Avoidance & Stealth)
शौर्य मिसाइल:
- शौर्य की गति, ऊँचाई और ग्लाइड प्रोफ़ाइल इसे पारंपरिक रडार ट्रैकिंग के लिए बहुत कठिन लक्ष्य बनाती है।
- कम अवकाश वाली उड़ान (Low Trajectory) और हाइपरसोनिक गति इसे दुश्मन की इंटरसेप्शन रेंज से बाहर रखती है।
अग्नि-V मिसाइल:
- यद्यपि यह एक ICBM है और उच्च ट्रैजेक्टरी पर उड़ता है, अग्नि-V की MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicles) क्षमता इसे एक से अधिक लक्ष्य को भेदने और रडार को भ्रमित करने में सक्षम बनाती है।
- इसका कैनिस्टरयुक्त डिज़ाइन इसे छलावरण में मदद करता है — यह अचानक और कहीं से भी प्रक्षेपित हो सकती है।
5. युद्ध-सिद्ध उपयोगिता (Operational Use-Case)
शौर्य मिसाइल:
- उपयोग मुख्यतः सामरिक है: यह सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित दुश्मन के कमांड पोस्ट, संचार केंद्र, और सैन्य जमावड़े को सटीकता से नष्ट कर सकती है।
- इसका उपयोग तेज़ प्रतिउत्तर और “Second Strike” की रणनीति में किया जा सकता है, विशेषतः तब जब सतही तैनात हथियार पहले से ही खतरे में हों।
अग्नि-V मिसाइल:
- यह पूर्णतः रणनीतिक भूमिका निभाती है — शांति काल में भी यह भारत की निवारक क्षमता (Deterrence Capability) को दर्शाती है।
- इसका उद्देश्य भारत की दूसरी स्ट्राइक क्षमता (Second Strike Capability) को सुनिश्चित करना है — विशेष रूप से चीन और संभावित अन्य दूरस्थ विरोधियों के खिलाफ।
6. तकनीकी उन्नयन और भविष्य की संभावनाएं
शौर्य में संभावित सुधार:
- भविष्य में इसे भी MIRV तकनीक या उच्च यथार्थता के टर्मिनल सेंसर से युक्त किया जा सकता है।
- हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल आधारित शौर्य वेरिएंट पर भी काम चल रहा है, जो लक्ष्य तक पहुँचने के रास्ते में दिशा और गति बदल सकता है।
अग्नि-V के लिए संभावित विस्तार:
- DRDO पहले ही Agni-VI पर कार्य कर रहा है, जिसकी अनुमानित रेंज 10,000+ किमी हो सकती है।
- MIRV तकनीक के माध्यम से यह एक साथ 4 से 6 परमाणु वॉरहेड को अलग-अलग लक्ष्यों पर निर्देशित कर सकेगा।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित मार्गदर्शन, स्वचालित लक्ष्य अद्यतन, और स्पेस आधारित चेतावनी तंत्र की संभावना भी इसमें जोड़ी जा रही है।
तकनीकी दृष्टि से रणनीतिक आत्मनिर्भरता
शौर्य और अग्नि-V, दोनों मिसाइलें भारत के रक्षा अनुसन्धान और नवाचार की प्रतीक हैं। जहां शौर्य एक अग्निशक्ति सम्पन्न, बहुउद्देशीय सामरिक मिसाइल है, वहीं अग्नि-V भारत की अंतरमहाद्वीपीय सामरिक शक्ति का चेहरा है।
दोनों मिसाइलों की तकनीकी दक्षता — उच्च गति, सटीकता, लॉन्च लचीलापन और गाइडेंस प्रणाली — भारत को वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था में एक सक्षम और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में स्थापित करती हैं। इन प्रणालियों का सतत विकास भारत की सुरक्षा नीतियों के लिए न केवल प्रभावशाली है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि देश सामरिक रूप से किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है।
शौर्य मिसाइल: तकनीकी विनिर्देश तालिका
विशेषता | विवरण |
---|---|
प्रकार | कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल |
उत्पत्ति का स्थान | भारत |
सेवा इतिहास | |
– द्वारा उपयोग किया गया | सामरिक बल कमान (Strategic Forces Command) |
उत्पादन इतिहास | |
– डिजाइनर | अनुसंधान केंद्र इमारत (DRDO) |
– उत्पादक | भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) |
– प्रस्तुत | 2011 – वर्तमान |
भौतिक आयाम | |
– द्रव्यमान (वजन) | 6.2 टन (6.8 शॉर्ट टन) |
– लंबाई | 10 मीटर (33 फीट) |
– व्यास | 0.74 मीटर (2.4 फीट) |
वारहेड | पारंपरिक और सामरिक परमाणु हथियार |
– वारहेड का वजन | 200–1,000 किलोग्राम (440–2,200 पाउंड) |
इंजन | दो-चरणीय ठोस रॉकेट मोटर |
– ईंधन प्रकार | ठोस ईंधन |
परिचालन सीमा | 700 से 1,900 किलोमीटर (430 से 1,180 मील) |
उड़ान की ऊंचाई | 50 किलोमीटर (31 मील) |
अधिकतम गति | मैक 7.5 (9,190 किमी/घंटा; 5,710 मील/घंटा; 2.55 किमी/सेकंड) |
मार्गदर्शन प्रणाली | रिंग लेजर जायरो (RLG) आधारित जड़त्वीय नेविगेशन और एक्सेलेरोमीटर |
शुद्धता (CEP) | 20 से 30 मीटर |
प्रक्षेपण मंच | कैनिस्टराइज्ड ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर या भूमिगत साइलो |
अग्नि-V मिसाइल: तकनीकी विनिर्देश तालिका
विशेषता | विवरण |
---|---|
प्रकार | अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) |
उत्पत्ति का स्थान | भारत |
सेवा इतिहास | |
– सेवा में | सक्रिय (Operational) |
द्वारा उपयोग किया गया | सामरिक बल कमान (Strategic Forces Command) |
उत्पादन इतिहास | |
– डिजाइनर | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) |
– उत्पादक | भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) |
– इकाई लागत | ₹50 करोड़ (लगभग US$6 मिलियन) |
भौतिक आयाम | |
– द्रव्यमान (वजन) | 50,000–56,000 किलोग्राम |
– लंबाई | 17.5 मीटर |
– व्यास | 2 मीटर (6 फीट 7 इंच) |
वारहेड क्षमता | |
– प्रकार | परमाणु MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicles) |
– संख्या | 3–6 (परीक्षणित), 10–12 (संभावित) |
– वारहेड का वजन | 3,000–4,000 किलोग्राम (6,600–8,800 पाउंड) |
इंजन | तीन-चरणीय ठोस रॉकेट मोटर |
– ईंधन प्रकार | ठोस ईंधन |
परिचालन सीमा | 7,000–8,000 किलोमीटर (4,300–5,000 मील) |
अधिकतम गति | टर्मिनल चरण में मैक 24 (29,400 किमी/घंटा; 8.17 किमी/सेकेंड) |
मार्गदर्शन प्रणाली | रिंग लेजर जाइरोस्कोप (RLG) आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली, वैकल्पिक रूप से GPS/NavIC द्वारा संवर्धित |
शुद्धता (CEP) | <10 मीटर |
प्रक्षेपण मंच | 8×8 टाट्रा TEL (Transporter Erector Launcher), रेल मोबाइल लॉन्चर, कैनिस्टराइज्ड मिसाइल पैकेज |
परिवहन माध्यम | सड़क और रेल दोनों द्वारा मोबाइल |
भारत की सामरिक मजबूती में योगदान
दोनों मिसाइल प्रणालियाँ भारत को उसकी रक्षा रणनीति में आत्मनिर्भर बनाती हैं। शौर्य की लचीलापन और गति भारत को तेजी से बदलती युद्ध परिस्थितियों में सामरिक बढ़त देती है, जबकि अग्नि-V भारत के परमाणु त्रिकोण की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है, जो उसे दीर्घकालिक रणनीतिक सुरक्षा प्रदान करता है।
शौर्य और अग्नि-V, दोनों मिसाइलें भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम की तकनीकी परिपक्वता, रणनीतिक सोच और आत्मनिर्भरता का उदाहरण हैं। जहां शौर्य सीमित सीमा वाले संघर्षों और तेज़ प्रतिक्रिया के लिए उपयुक्त है, वहीं अग्नि-V भारत की रणनीतिक गहराई और परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को वैश्विक स्तर पर स्थापित करता है।
इन दोनों प्रणालियों के सम्मिलन से भारत की रणनीतिक स्वायत्तता, द्वितीय प्रतिआक्रमण की क्षमता, और सामरिक संतुलन सुरक्षित रहता है। आने वाले वर्षों में, इन प्रणालियों में संभावित सुधारों और उन्नयन के साथ भारत की रक्षा तैयारियाँ और भी मजबूत होती जाएँगी।
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