भारत और वे देश जो 15 अगस्त को मनाते हैं अपना राष्ट्रीय/स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त — यह तिथि भारतीय नागरिकों के लिए गर्व, उत्साह और भावनों का ऐसा पर्व है जो प्रत्येक भारतीय की धड़कन से गहरा जुड़ा हुआ है। 15 अगस्त 1947 को, भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और तब से हर वर्ष इस दिन को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है—ध्वजारोहण, परेड, भाषण, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, और राष्ट्रभक्ति की महिमा का उत्सव सब कुछ इस दिन से जुड़ा हुआ है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत अकेला ऐसा देश नहीं है जो 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता या राष्ट्रीय दिन के रूप में मनाता है? दुनिया के कुछ अन्य राष्ट्रों के लिए भी यह दिन उतना ही महत्वपूर्ण है, किन्तु प्रत्येक का उत्सव, ऐतिहासिक संदर्भ और सांस्कृतिक अर्थ अलग-अलग है।

इस विस्तृत लेख में हम उन देशों का विवेचन करेंगे जो भारत के साथ 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस या अन्य राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं—उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सांस्कृतिक विशेषताएं, उत्सव की परंपराएँ, और इस दिन की खासियतें विस्तारपूर्वक जानेंगे।

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भारत: स्वतंत्रता का उत्सव

ऐतिहासिक संदर्भ

भारत ने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, जो वर्ष 1498 में वास्को द गामा के आगमन से लेकर 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना तक फैले लंबी आज़ादी की लड़ाई की परिणति थी। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सरोजिनी नायडू एवं अनेक स्वतंत्रता सेनानियों के अथक संघर्ष और बलिदान ने भारत को आज़ादी दिलाई।

पारंपरिक आयोजन

हर वर्ष 15 अगस्त को नई दिल्ली के भारत गेट के पास लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। इसके साथ ही उनका भाषण ‘आजादी का जश्न’ का संदेश पूरे देश को प्रेरणा देता है। राज्यों एवं स्थानीय स्तर पर अलग-अलग योजनाओं के तहत परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्कूलों में बच्चों की प्रस्तुतियाँ और शाम को झंडारोहण एवं आतिशबाजी भी होती है। इस दिन देशभर में “वंदे मातरम्”, “जन-गण-मन” जैसे राष्ट्रभक्ति गीत गाए जाते हैं।

दक्षिण कोरिया: “ग्वांगबोकजोल” (광복절) – स्वतंत्रता की लौ वापसी

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

दक्षिण कोरिया (और इसी तरह उत्तर कोरिया) 35 वर्षों तक जापानी उपनिवेश में रहा। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में, जापान ने 15 अगस्त 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया था—जिसका अर्थ था कोरियाई प्रायद्वीप को जापानी शासन से स्वतंत्रता मिलना। इस ऐतिहासिक घटना की याद में 15 अगस्त को दक्षिण कोरिया में “ग्वांगबोकजोल” यानी ‘प्रकाश की बहाली का दिन’ के रूप में मनाया जाता है।

उत्सव की झलक

इस दिन दक्षिण कोरियाई लोग राष्ट्रीय ध्वज (ताइगेकगी) फहराते हैं, देशभक्ति गीत गाते हैं, स्कूलों में विशेष कार्यक्रम होते हैं, और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं। यह दिन न केवल एक राजनीतिक घटना की मान्यता है, बल्कि कोरियाई पहचान और गर्व का प्रतीक भी है—रौशनी का पुनरुत्थान। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पूरे देश में इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

उत्तर कोरिया: “चोगुक हेबांगुई नाल” – मुक्ति दिवस

ऐतिहासिक संदर्भ

उत्तर कोरिया—दक्षिण कोरिया की भांति—अपने लिए भी इसी 15 अगस्त को “चोगुक हेबांगुई नाल” यानी ‘देश की मुक्ति का दिन’ मानता है, जो जापानी शासन के टूटने की वर्षगांठ करता है। यह दिन राजनीतिक व राष्ट्रीय भावनाओं को जोड़ता है, हालांकि उत्तर और दक्षिण कोरिया दोनों के मनाने के तरीके और माहौल में महत्वपूर्ण अंतर हैं।

सांस्कृतिक पहलू

उत्तर कोरिया में यह दिन संभवतः परेड, सरकारी कार्यक्रम, और राष्ट्राध्यक्ष के भाषण के माध्यम से मनाया जाता है। इसके अलावा इस दिन को ज़ाहिर करने वाले दर्शन या दृश्य मीडिया के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किए जाते होंगे। हालांकि वहां की गुप्ततापूर्ण व्यवस्था के कारण बाहर की तुलना में इस उत्सव की जानकारी सीमित है, लेकिन यह निश्चित है कि 15 अगस्त उनकी राष्ट्रीय पहचान के महत्वपूर्ण अंग के रूप में मनाया जाता है।

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कांगो): स्वतंत्रता दिवस

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अफ्रीका में स्थित यह देश (जिसे कभी ‘कांगो-ब्राज़ाविल’ कहा जाता था) 15 अगस्त 1960 को फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्र हुआ। यह आज़ादी एक बड़े बदलाव का आरम्भ थी — राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मामलों में— और अंत में अपने स्वयं के स्वायत्त राष्ट्र के निर्माण की दिशा।

उत्सव के तरीके

इस दिन कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में परेड आयोजित होती हैं, सार्वजनिक सभाएं होती हैं, और राष्ट्रीय ध्वजो और गीतों के साथ ही राष्ट्रीय एकात्मता का उत्सव मनाया जाता है। स्कूल, सरकारी कार्यालय एवं सड़कों पर विशेष रूप से झंडा फहराया जाता है और देशभर में राष्ट्रीय गर्व का माहौल होता है।

बहरीन: स्वतंत्रता की राह और राष्ट्रीय दिवस का अंतर

ऐतिहासिक विवरण

बहरीन ने 15 अगस्त 1971 को ब्रिटेन से औपचारिक स्वतंत्रता प्राप्त की। हालांकि यह स्वतंत्रता की तिथि कानूनी तौर पर महत्वपूर्ण है, लेकिन राष्ट्र का राष्ट्रीय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है—जो राजा की गद्दी की स्थापना दिवस के रूप में महत्त्वपूर्ण है।

विविधता में उत्सव

  • 15 अगस्त: एक कानूनी और ऐतिहासिक तिथि, जो ब्रिटिश शासन से वास्तविक स्वतंत्रता का प्रतीक है।
  • 16 दिसंबर: राष्ट्रीय गर्व और राजशाही का उत्सव, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, आतिशबाज़ी, परेड, और सार्वजनिक समारोह शामिल हैं।

इस प्रकार, बहरीन में 15 अगस्त अपने महत्व में अद्वितीय है—एक प्रकार से ‘गूँजता हुआ इतिहास’—लेकिन वास्तविक उत्सव 16 दिसंबर को फोकस में होता है।

लिकटेंस्टीन: “नेशनल डे” — राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक उत्सव

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

लिकटेंस्टीन एक छोटा यूरोपीय देश है, जिसे स्वतंत्रता प्राप्त करने की कोई विशिष्ट तारीख नहीं है। फिर भी 15 अगस्त को यह अपनी “राष्ट्रीय दिवस” (National Day) के रूप में मनाता है—क्योंकि यह दो महत्वपूर्ण अवसरों का संगम है:

  • प्रेक्षण पर्व (Assumption Day): एक ख्रिश्चन धार्मिक उत्सव, जो संत मरियम (अंतःस्थ) के स्वर्गारोहण के रूप में मनाया जाता है।
  • पूर्व प्रिंस फ्रांज जोसेफ द्वितीय का जन्मदिन: जो लिकटेंस्टीन की राजशाही का प्रतीक रहा।

उत्सव की झलक

लिकटेंस्टीन में इस दिन नागरिक भाषण सुनते हैं, राजपरिवार की ओर से सार्वजनिक संबोधन दिए जाते हैं, संगीत, आतिशबाज़ी, लोकगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ होती हैं। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता से अधिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता का जश्न है—जहां धर्म, परंपरा, और आधुनिकता का सुंदर मेल दिखाई देता है।

अंतर्राष्ट्रीय तुलना और विश्लेषण

नीचे एक सारणी है जो इन देशों की तुलना करती है:

देशदिवस का नाम / अवसरस्वतंत्रता किससे / स्रोततिथिप्रमुख उत्सव / विशेषता
भारतस्वतंत्रता दिवसब्रिटेन15 अगस्त 1947ध्वजारोहण, परेड, भाषण, सांस्कृतिक कार्यक्रम
दक्षिण कोरिया광복절 (ग्वांगबोकजोल)जापान15 अगस्त 1945राष्ट्रीय ध्वज, देशभक्ति गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम
उत्तर कोरिया조국해방의 날 (चोगुक हेबांगुई नाल)जापान15 अगस्त 1945सरकारी कार्यक्रम, राष्ट्राध्यक्ष का भाषण, जश्न
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्यस्वतंत्रता दिवसफ्रांस15 अगस्त 1960परेड, सार्वजनिक सभाएं, ध्वजारोहण
बहरीनस्वतंत्रता (औपचारिक)ब्रिटेन15 अगस्त 1971कानूनी महत्व, लेकिन राष्ट्रीय दिवस 16 दिसंबर को
लिकटेंस्टीनराष्ट्रीय दिवस— (धार्मिक + जन्मदिन)15 अगस्त (अक्सर 1940 से)भाषण, संगीत, आतिशबाज़ी, राजघराने की उपस्थिति

सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक समानताएं—

  1. स्वतंत्रता का उत्सव: भारत, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य ने विदेशी शासन से आज़ादी 15 अगस्त को प्राप्त की—यह साझा आधार भावनात्मक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है।
  2. राष्ट्र-गौरव और एकता: इन सभी देशों में 15 अगस्त को राष्ट्रीय एकता और गौरव का जश्न मनाया जाता है—राजनीतिक या सांस्कृतिक रूप में।
  3. पारंपरिक परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण: भारत और कांगो में परेड, भाषण और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होती हैं; दक्षिण कोरिया में ध्वज, गीत, और स्कूल कार्यक्रम; लिकटेंस्टीन में धार्मिक और राजपरिवार की भागीदारी; एवं बहरीन में कानूनी और राजनैतिक महत्व का अंतर स्पष्ट है।

अंतर और विशिष्टताएँ—

  • राजनैतिक स्वरूप: भारत तथा कांगो में यह दिन पूर्णतया स्वतंत्रता की याद में मनाया जाता है, जबकि दक्षिण/उत्तर कोरिया में यह जापान से मुक्ति का प्रतीक है।
  • धार्मिक व सांस्कृतिक स्वरूप: लिकटेंस्टीन एक अनूठा मामला है, जहाँ स्वतंत्रता नहीं, बल्कि धार्मिक उत्सव और राजपरिवार से जुड़ी परंपरा का जश्न मनाया जाता है।
  • तिथियों का विभेदन: बहरीन में स्वतंत्रता 15 अगस्त को मिली पर मुख्य उत्सव 16 दिसंबर को होता है—यह व्याकरणात्मक और सांस्कृतिक रूप से महत्त्वपूर्ण अंतर प्रस्तुत करता है।

भावनात्मक और प्रतीकात्मक दृष्टिकोण

15 अगस्त सिर्फ एक तारीख नहीं—यह उन देशों के लिए एक प्रतीक है, जहाँ यह दिन स्वतंत्रता, पुनरुत्थान, राष्ट्रीय पहचान, या सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुका है। आइए, हर देश के दृष्टिकोण से इसकी महत्ता को संक्षेप में समझते हैं:

  • भारत: यह देश की आत्मा का जश्न है—आजादी का दिवस नहीं, आत्मसम्मान का दिन है। लड़ाई, बलिदान और आशा की याद दिलाता है।
  • दक्षिण/उत्तर कोरिया: जापानी शासन से मुक्ति—पूजा, शिक्षा, और सांप्रदायिक भावना का मेल—यह दिन उनके नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
  • कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य: औपनिवेशिक अतीत से बाहर निकलकर स्वायत्त राष्ट्र की ओर पहला कदम—सशक्त बनने का सुवर्ण अवसर।
  • बहरीन: मुक्तिधारी तिथि सत्यपरक है, लेकिन राष्ट्रीय गौरव का मुख्य जश्न बाद में आता है—एक तरह से आधुनिक राजशाही का प्रतिबिंब।
  • लिकटेंस्टीन: धार्मिक भावना और राजसी परंपरा—यह दिन राष्ट्रीय पहचान के धार्मिक और सांस्कृतिक आधार को दर्शाता है।

निष्कर्ष: 15 अगस्त का वैश्विक दृष्टिकोण

15 अगस्त एक ऐसा दिन है जो न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के कई अन्य राष्ट्रों के लिए महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय प्रतीक का दिन है। इन देशों ने विभिन्न कालों में—अलग-अलग कारणों से—उसी तारीख को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में अपनाया और मनाया। यह हमें यह संदेश देता है कि स्वतंत्रता, गर्व, और पहचान जैसी भावनाएँ सार्वभौमिक हैं; चाहे वे पश्चिमोत्तर एशिया में हो, अफ्रीका में, यूरोप या खाड़ी देशों में—अंततः, प्रत्येक राष्ट्र अपनी कहानी, संघर्ष और संस्कृति के साथ इस दिन को महत्वपूर्ण बनाता है।

हमने देखा:

  • भारत: 15 अगस्त 1947—ब्रिटिश शासन से मुक्ति
  • दक्षिण/उत्तर कोरिया: 15 अगस्त 1945—जापान से आजादी
  • कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य: 15 अगस्त 1960—फ्रांसीसी शासन से स्वतंत्रता
  • बहरीन: 15 अगस्त 1971—ब्रिटेन से औपचारिक आज़ादी (उत्सव 16 दिसंबर)
  • लिकटेंस्टीन: 15 अगस्त—धार्मिक व राजपरिवार संबंधी राष्ट्रीय दिवस

हर देश का तरीका, कारण, और विधि अलग-अलग है—किन्तु सभी की भावना एक है: एक बेहतर भविष्य की ओर एक जुटता, गर्व, और सामूहिक खुशी।

अंत में: संदेश

15 अगस्त—भारत की तरह, और कई अन्य देशों की तरह—एक ऐसा दिन है जो हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता, राष्ट्रीय गौरव, संस्कृति और एकता—ये सब सिर्फ शब्द नहीं, वे भावनाएँ हैं; वे जीवन-भर की लड़ाई, बलिदान और परिवर्तन का इतिहास हैं। चाहे वह भारत हो, दक्षिण कोरिया हो, कांगो हो, बहरीन हो या लिकटेंस्टीन—हर देश की कहानी, परंपरा और उत्सव की भावना हमें इस बात का एहसास कराती है कि 15 अगस्त सिर्फ एक तारीख नहीं, एक साझा अस्तित्व का प्रतीक है।


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