IRCTC और IRFC | भारतीय रेलवे की दो कंपनियों को नवरत्न का दर्जा

भारत सरकार ने भारतीय रेलवे की दो महत्वपूर्ण कंपनियों – इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) को नवरत्न का प्रतिष्ठित दर्जा प्रदान किया है। यह निर्णय इन कंपनियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन, वित्तीय स्थिरता और भारतीय रेलवे के विकास में उनके योगदान को देखते हुए लिया गया है।

नवरत्न का दर्जा क्या है?

परिभाषा

नवरत्न का दर्जा भारत सरकार द्वारा उन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (Central Public Sector Enterprises – CPSEs) को दिया जाता है जो उच्च प्रदर्शन करने वाली कंपनियां होती हैं। इस दर्जे से कंपनियों को वित्तीय, प्रबंधन और परिचालन संबंधी अधिक स्वायत्तता मिलती है, जिससे वे बाजार प्रतिस्पर्धा में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर पाती हैं।

नवरत्न दर्जा कौन प्रदान करता है?

नवरत्न का दर्जा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises – DPE) द्वारा प्रदान किया जाता है। यह दर्जा उन कंपनियों को दिया जाता है जो सरकारी स्वामित्व में रहते हुए भी आत्मनिर्भरता और व्यावसायिक उत्कृष्टता में उच्च मानकों को प्राप्त करती हैं।

नवरत्न दर्जा प्राप्त करने की पात्रता

नवरत्न का दर्जा प्राप्त करने के लिए कंपनियों को कुछ निश्चित मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है। ये मानदंड निम्नलिखित हैं:

  1. मिनीरत्न-I (Miniratna-I) का दर्जा होना चाहिए।
  2. सकारात्मक नेट वर्थ (Positive Net Worth) होनी चाहिए।
  3. पिछले पाँच वर्षों में से कम से कम तीन वर्षों तक “उत्कृष्ट” (Excellent) या “बहुत अच्छा” (Very Good) MoU रेटिंग प्राप्त की हो।
  4. मुख्य वित्तीय संकेतकों (Key Financial Indicators) के आधार पर कम से कम 60 अंक प्राप्त करने चाहिए।
  5. कम से कम चार स्वतंत्र निदेशक (Independent Directors) बोर्ड में होने चाहिए।

IRCTC | भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम

परिचय

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (IRCTC) भारतीय रेलवे के तहत संचालित एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपक्रम है। यह भारतीय रेलवे के लिए खानपान (Catering), पर्यटन (Tourism) और ऑनलाइन टिकट बुकिंग (Online Ticketing) जैसी सेवाएँ प्रदान करता है।

स्थापना और कार्यक्षेत्र

  • स्थापना: 27 सितंबर 1999
  • निगमित मंत्रालय: रेल मंत्रालय, भारत सरकार
  • सेवाएँ:
    • ऑनलाइन टिकट बुकिंग
    • खानपान सेवाएँ
    • पर्यटन पैकेज और विशेष ट्रेनों का संचालन
    • ई-कॉमर्स और हॉस्पिटैलिटी सेवाएँ

नवरत्न दर्जा मिलने के लाभ

  • स्वतंत्रता और वित्तीय स्वायत्तता: कंपनी ₹1,000 करोड़ या कुल निवल मूल्य के 15% तक का निवेश बिना सरकारी मंजूरी के कर सकती है।
  • बाजार प्रतिस्पर्धा में मजबूती: IRCTC को अब रणनीतिक निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकेगा।
  • नई योजनाओं के लिए बेहतर निवेश अवसर: इस दर्जे से कंपनी को निवेशकों और वित्तीय संस्थानों से अधिक समर्थन मिलेगा।

IRFC | भारतीय रेलवे वित्त निगम

परिचय

इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) भारतीय रेलवे की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गठित एक विशेष इकाई है। यह कंपनी भारतीय रेलवे के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

स्थापना और कार्यक्षेत्र

  • स्थापना: 12 दिसंबर 1986
  • दायित्व: घरेलू और विदेशी पूंजी बाजारों से वित्तीय संसाधन जुटाना।
  • स्थिति: नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम, रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में।

नवरत्न दर्जा मिलने के लाभ

  • वित्तीय निर्णयों में स्वायत्तता: IRFC अब निवेश और वित्तीय संसाधन जुटाने में अधिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है।
  • रणनीतिक गठजोड़ और निवेश: यह कंपनी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर संयुक्त उद्यम (Joint Ventures) और साझेदारी (Collaborations) कर सकती है।
  • भारतीय रेलवे को मजबूत वित्तीय सहायता: यह रेलवे की नई परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अधिक प्रभावी रूप से पूंजी जुटा सकेगा।

नवरत्न दर्जा मिलने के अन्य लाभ

  1. वित्तीय स्वायत्तता:
    • सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना ₹1,000 करोड़ तक के निवेश की अनुमति।
    • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पूंजी जुटाने की स्वतंत्रता।
  2. संचालन में लचीलापन:
    • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त उपक्रम (Joint Ventures) स्थापित कर सकते हैं।
    • नई सहायक कंपनियाँ (Subsidiaries) बनाने की स्वतंत्रता।
  3. प्रतिष्ठा और बाजार में विश्वसनीयता:
    • नवरत्न का दर्जा मिलने से कंपनी की प्रतिष्ठा और ब्रांड वैल्यू में वृद्धि होगी।
    • इससे निवेशकों और साझेदारों का विश्वास बढ़ेगा।
  4. रणनीतिक निर्णय लेने की क्षमता:
    • विलय और अधिग्रहण (Mergers & Acquisitions) में अधिक अधिकार।
    • मानव संसाधन प्रबंधन (HR Management) में अधिक स्वायत्तता।

IRCTC और IRFC को नवरत्न का दर्जा मिलने से भारतीय रेलवे के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे इन कंपनियों को वित्तीय स्वायत्तता, परिचालन लचीलापन और रणनीतिक निर्णय लेने की अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। भारतीय रेलवे की सेवाओं को और अधिक कुशल बनाने और निवेश आकर्षित करने के लिए यह एक बड़ा कदम साबित होगा। यह दर्जा भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय अवसंरचना और सेवाएँ प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।

सरकार द्वारा यह कदम भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक प्रयास है।

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