2025 में तेल और गैस भंडार के आधार पर विश्व के शीर्ष 10 देश

वर्ष 2025 में वैश्विक ऊर्जा भू-दृश्य निरंतर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। एक ओर नवीकरणीय ऊर्जा की ओर विश्व का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जीवाश्म ईंधन – विशेषकर कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस – आज भी वैश्विक अर्थव्यवस्था की धुरी बने हुए हैं। ऊर्जा सुरक्षा, भू-राजनीतिक ताकत और वैश्विक व्यापारिक हितों के लिए जिन संसाधनों का महत्व सबसे अधिक है, वे हैं – तेल और प्राकृतिक गैस के सिद्ध भंडार।

तेल और गैस भंडार पर नियंत्रण रखने वाले देश न केवल ऊर्जा व्यापार में आगे रहते हैं, बल्कि उनकी कूटनीतिक हैसियत भी वैश्विक मंच पर सुदृढ़ होती है। इस लेख में हम 2025 में तेल और गैस के सबसे बड़े सिद्ध भंडार रखने वाले शीर्ष 10 देशों का विश्लेषण करेंगे, और यह समझने की कोशिश करेंगे कि इन संसाधनों के माध्यम से वे वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और ऊर्जा आपूर्ति शृंखला में किस प्रकार प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं।

2025 में तेल और गैस भंडार के आधार पर शीर्ष 10 देश के नाम

2025 में तेल और गैस भंडार के आधार पर शीर्ष 10 देश के नाम और उनका संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है –

1. वेनेजुएला: समृद्ध भंडार, सीमित उपयोग

तेल भंडार: 300 अरब बैरल से अधिक
प्राकृतिक गैस: 200 ट्रिलियन क्यूबिक फीट से अधिक

वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़े सिद्ध कच्चे तेल भंडार हैं, विशेषकर ओरिनोको बेल्ट में स्थित भारी कच्चे तेल के विशाल भंडार। लेकिन राजनीतिक अस्थिरता, अमेरिकी प्रतिबंध, निवेश की कमी और तकनीकी अवसंरचना के अभाव के कारण इसका वास्तविक उत्पादन बहुत सीमित है।

गैस क्षेत्र में भी इसकी संभावनाएं काफी हैं, लेकिन प्रगति धीमी है। मौजूदा नेतृत्व विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के प्रयास कर रहा है ताकि देश के ऊर्जा संसाधनों का समुचित दोहन हो सके।

2. सऊदी अरब: पारंपरिक ऊर्जा का राजा

तेल भंडार: 267 अरब बैरल से अधिक
प्राकृतिक गैस: 300 ट्रिलियन क्यूबिक फीट से अधिक

सऊदी अरब ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों में अब भी विश्व की सबसे बड़ी शक्तियों में शामिल है। OPEC की नीतियों में इसकी भूमिका केंद्रीय है। अरामको के नेतृत्व में देश न केवल तेल, बल्कि गैस उत्पादन और निर्यात में भी अग्रणी है।

सऊदी विज़न 2030 के तहत यह देश अपनी ऊर्जा अवसंरचना में विविधता लाने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में भी निवेश कर रहा है।

3. ईरान: अवरुद्ध संभावनाओं का गढ़

तेल भंडार: 155 अरब बैरल से अधिक
प्राकृतिक गैस: 1,200 ट्रिलियन क्यूबिक फीट से अधिक

ईरान के पास प्राकृतिक गैस के भंडार के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े भंडारों में एक है। यह कतर के साथ साझा किए गए साउथ पार्स/नॉर्थ डोम गैस क्षेत्र में भी साझेदार है।

हालांकि, अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण इसके संसाधनों का व्यापारिक उपयोग बाधित है। फिर भी, ईरान घरेलू स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार कर रहा है और चीन तथा रूस जैसे देशों के साथ ऊर्जा सहयोग बढ़ा रहा है।

4. रूस: गैस का सम्राट

तेल भंडार: 107 अरब बैरल
प्राकृतिक गैस: 1,300 ट्रिलियन क्यूबिक फीट से अधिक

रूस प्राकृतिक गैस के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा भंडार रखता है और यूरोप और एशिया दोनों में प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। 2025 में पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप रूस ने एशियाई बाजारों की ओर रुख किया है, विशेषकर चीन के साथ गैस आपूर्ति समझौते बढ़ाए हैं।

‘पावर ऑफ साइबेरिया’ पाइपलाइन जैसी परियोजनाएं रूस की वैश्विक ऊर्जा रणनीति में प्रमुख हैं।

5. अमेरिका: तकनीकी नवाचार के बल पर ऊर्जा महाशक्ति

तेल भंडार: 70 अरब बैरल के आसपास
प्राकृतिक गैस: 450 ट्रिलियन क्यूबिक फीट के आसपास

हालांकि अमेरिका के पारंपरिक भंडार सीमित हैं, लेकिन शेल ऑयल और गैस क्षेत्र में तकनीकी क्रांति ने इसे ऊर्जा आत्मनिर्भर बना दिया है। हाइड्रॉलिक फ्रैक्चरिंग और हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग ने दुर्गम क्षेत्रों से संसाधनों का दोहन संभव बनाया है।

LNG (तरल प्राकृतिक गैस) के निर्यात में अमेरिका अग्रणी बन गया है और यूरोप तथा एशिया को ऊर्जा आपूर्ति में उसकी भूमिका लगातार बढ़ रही है।

6. इराक: अस्थिरता के बीच संभावनाएं

तेल भंडार: 145 अरब बैरल से अधिक
प्राकृतिक गैस: 130 ट्रिलियन क्यूबिक फीट से अधिक

इराक के पास विशाल तेल क्षेत्र हैं जैसे – रुमैला और वेस्ट कुर्ना, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा चिंताओं के चलते इसका पूर्ण दोहन संभव नहीं हो पाया है।

गैस भंडारों का अधिकांश हिस्सा अभी अविकसित है। फिर भी, चीन और रूस जैसी विदेशी कंपनियां यहां निवेश में रुचि दिखा रही हैं।

7. कतर: प्राकृतिक गैस का वैश्विक खिलाड़ी

तेल भंडार: 25 अरब बैरल
प्राकृतिक गैस: 850 ट्रिलियन क्यूबिक फीट से अधिक

कतर प्राकृतिक गैस के निर्यात में एक बड़ी शक्ति है। इसकी अर्थव्यवस्था नॉर्थ डोम क्षेत्र पर आधारित है और यह एलएनजी के क्षेत्र में तकनीकी और अवसंरचनात्मक रूप से अत्याधुनिक देश है।

कतर एशियाई देशों – विशेषकर भारत, जापान और चीन – को बड़ी मात्रा में गैस निर्यात करता है और अपनी “गैस डिप्लोमेसी” के बल पर वैश्विक कूटनीति में प्रभावशाली बना हुआ है।

8. संयुक्त अरब अमीरात: ऊर्जा और नवाचार का संगम

तेल भंडार: 111 अरब बैरल
प्राकृतिक गैस: 200 ट्रिलियन क्यूबिक फीट

यूएई न केवल पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों में निवेश कर रहा है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं पर भी ध्यान दे रहा है। अबू धाबी की ADNOC कंपनी उन्नत तकनीकों का प्रयोग कर रही है।

देश की ऊर्जा रणनीति 2050 में कार्बन न्यूट्रल बनने की योजना शामिल है, जिससे यह भविष्य की टिकाऊ ऊर्जा अर्थव्यवस्था के लिए तैयार हो रहा है।

9. कनाडा: संसाधनों में समृद्ध, पर्यावरण में सतर्क

तेल भंडार: 170 अरब बैरल से अधिक
प्राकृतिक गैस: 75 ट्रिलियन क्यूबिक फीट से अधिक

कनाडा के ऑयल सैंड्स वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण हैं, लेकिन पर्यावरणीय प्रतिबंध और पाइपलाइन बुनियादी ढांचे की कमी इसके उत्पादन को सीमित करती है।

ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा में स्थित प्राकृतिक गैस संसाधनों को एशियाई बाजारों तक पहुंचाने के लिए एलएनजी टर्मिनलों का तेजी से विकास हो रहा है।

10. ब्राज़ील: अपतटीय संसाधनों का दोहन

तेल भंडार: 15 अरब बैरल
प्राकृतिक गैस: 16 ट्रिलियन क्यूबिक फीट के आसपास

ब्राज़ील का तेल उत्पादन अपतटीय प्री-साल्ट क्षेत्रों पर आधारित है, जहाँ से उन्नत तकनीकों के माध्यम से गहरे समुद्र में स्थित तेल निकाला जा रहा है।

प्राकृतिक गैस की दृष्टि से ब्राज़ील अन्य देशों की तुलना में पीछे है, लेकिन इसका उत्पादन बढ़ रहा है। पेट्रोब्रास कंपनी वैश्विक ऊर्जा उद्योग में अपनी भूमिका बढ़ाने के प्रयास में लगी है।

2025 में तेल और गैस भंडार के आधार पर शीर्ष 10 देश (सारणी)

क्रमदेशसिद्ध तेल भंडार (अरब बैरल)प्राकृतिक गैस भंडार (TCF)*प्रमुख विशेषताएँ
1वेनेजुएला300+200+भारी तेल भंडार; राजनीतिक व आर्थिक अस्थिरता
2सऊदी अरब267+300+OPEC में प्रमुख; अरामको के तहत वैश्विक ऊर्जा नियंत्रण
3ईरान155+1,200+पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद अपार गैस क्षमता
4रूस107+1,300+यूरोप व एशिया में गैस आपूर्ति में अग्रणी; पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद एशिया की ओर झुकाव
5अमेरिका~70~450शेल क्रांति के कारण ऊर्जा आत्मनिर्भरता; LNG निर्यात में अग्रणी
6इराक145+130+विशाल तेल भंडार; विदेशी निवेश और सुरक्षा चिंता
7कतर25+850+LNG निर्यात में विश्व नेता; नॉर्थ डोम गैस क्षेत्र का स्वामी
8यूएई111+200+पारंपरिक और स्वच्छ ऊर्जा दोनों में संतुलन
9कनाडा170+~75ऑयल सैंड्स में समृद्ध; पर्यावरणीय बाधाएँ
10ब्राज़ील15+~16अपतटीय (Offshore) प्री-साल्ट क्षेत्रों पर आधारित उत्पादन

टिप्पणी:

  • *TCF = Trillion Cubic Feet (1 ट्रिलियन घन फीट)
  • संख्याएँ अनुमानित हैं और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसियों की 2025 की रिपोर्टों पर आधारित हैं।

ऊर्जा संसाधन और भू-राजनीतिक शक्ति

2025 में वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य यह दर्शाता है कि तेल और गैस अब भी ऊर्जा सुरक्षा, वैश्विक व्यापार, और भू-राजनीतिक शक्ति के केंद्र में हैं। हालाँकि दुनिया नवीकरणीय ऊर्जा की ओर अग्रसर है, फिर भी आने वाले दशकों में जीवाश्म ईंधन की भूमिका समाप्त नहीं होगी।

ऊर्जा संसाधनों का रणनीतिक उपयोग, स्वच्छ ऊर्जा में निवेश, और भूराजनीतिक संतुलन – यही कारक भविष्य की ऊर्जा दुनिया को परिभाषित करेंगे।

Geography – KnowledgeSthali
Current Affairs – KnowledgeSthali


इन्हें भी देखें –

Leave a Comment

Contents
सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.