भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल ने आधिकारिक रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने मनोज कुमार सिंह का स्थान लिया है, जो उसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। गोयल की यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासनिक ढांचे में निरंतरता बनाए रखने और राज्य के तीव्र विकास लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस पद के लिए एक ऐसे अनुभवी और रणनीतिक सोच वाले अधिकारी का चयन किया है, जो उत्तर प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दे सकें।
शशि प्रकाश गोयल: प्रशासनिक अनुभव और कुशल नेतृत्व
शशि प्रकाश गोयल का प्रशासनिक करियर अत्यंत विविधतापूर्ण और समृद्ध रहा है। पदभार ग्रहण करने से पूर्व वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे। इस दौरान उन्होंने नागरिक उड्डयन, आवास एवं प्रोटोकॉल जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभाई। इन विभागों में उनके नेतृत्व में कई नई योजनाओं और नीतियों का सफल कार्यान्वयन हुआ, जिससे प्रदेश में आधारभूत संरचना के विकास को गति मिली।
इसके अतिरिक्त, गोयल उत्तर प्रदेश के अपर निवासी आयुक्त के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इस भूमिका में उन्होंने राज्य के बाहर निवेश आकर्षित करने, नीति-निर्माण में भागीदारी और राज्य सरकार की योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके पास नीति-निर्माण से लेकर जमीनी कार्यान्वयन तक का गहन अनुभव है, जो उन्हें प्रदेश के शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए उपयुक्त बनाता है।
पूर्ववर्ती मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की भूमिका
शशि प्रकाश गोयल के पूर्ववर्ती मनोज कुमार सिंह, 1988 बैच के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने 30 जून 2024 से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया। उन्होंने प्रशासनिक सुगमता, डिजिटलीकरण, ग्रामीण विकास और औद्योगिक निवेश को प्राथमिकता दी। सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास, शहरीकरण की दिशा में नई पहल और निवेशकों के लिए सहज व्यापार माहौल तैयार करने में उल्लेखनीय प्रगति की।
कार्यकाल के दौरान मनोज कुमार सिंह ने प्रशासन, मीडिया और स्टाफ के साथ मिलकर काम करते हुए कई बड़ी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के विकास मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर एक उदाहरण बनाने का प्रयास किया। सेवानिवृत्त होते समय उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि राज्य सरकार की विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने में सभी का योगदान सराहनीय रहा है।
मुख्य सचिव के रूप में शशि प्रकाश गोयल की प्राथमिकताएँ
पदभार ग्रहण करते समय शशि प्रकाश गोयल ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य के लिए तय किए गए विकास लक्ष्यों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने अपने भाषण में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर बल दिया:
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति: गोयल ने कहा कि प्रदेश में पारदर्शी और उत्तरदायी शासन व्यवस्था को स्थापित करने के लिए भ्रष्टाचार के प्रति सख्त रुख अपनाया जाएगा। प्रशासनिक प्रक्रियाओं में डिजिटल मॉनिटरिंग और रियल-टाइम ट्रैकिंग को प्राथमिकता दी जाएगी।
- औद्योगिक विकास और आर्थिक वृद्धि: उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए औद्योगिक निवेश, स्टार्टअप्स को बढ़ावा, MSME सेक्टर को सशक्त करने तथा Ease of Doing Business रैंकिंग में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- आधारभूत संरचना का सशक्तीकरण: गोयल ने कहा कि सड़कों, एक्सप्रेसवे, औद्योगिक गलियारों, बिजली आपूर्ति और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को उच्च गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूर्ण करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता रहेगी।
- विकास परियोजनाओं का समयबद्ध निष्पादन: सभी चल रही विकास परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जाएगी और प्रत्येक योजना की प्रगति को ट्रैक करने के लिए डिजिटल डैशबोर्ड की स्थापना की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुणवत्ता और समयसीमा में किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
पदभार ग्रहण समारोह: गरिमामय उपस्थिति
लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश सचिवालय में शशि प्रकाश गोयल के पदभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति रही। समारोह में प्रमुख रूप से उपस्थित अधिकारियों में शामिल थे:
- संजय प्रसाद (प्रमुख सचिव, गृह एवं सूचना): जिन्होंने गोयल के नेतृत्व में प्रशासनिक सुधारों में सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई।
- एम. देवराज (प्रमुख सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक): जिन्होंने राज्य के मानव संसाधन विकास और प्रशासनिक कुशलता पर गोयल के दृष्टिकोण की सराहना की।
- मुकेश कुमार मेश्राम (प्रमुख सचिव, पर्यटन): उन्होंने कहा कि पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार बनाने के लिए गोयल के नेतृत्व में नई रणनीतियाँ बनाई जाएंगी।
- आलोक कुमार (प्रमुख सचिव, योजना): उन्होंने उत्तर प्रदेश की योजना निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता लाने पर बल दिया।
- विशाख जी (जिलाधिकारी, लखनऊ): जिन्होंने राज्य की राजधानी में चल रहे विकास कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और गोयल के नेतृत्व में प्रशासनिक दिशा को सुदृढ़ करने का आश्वासन दिया।
शशि प्रकाश गोयल की नियुक्ति के निहितार्थ
शशि प्रकाश गोयल की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार की भविष्य की विकास रणनीतियों को गति देने की दृष्टि से एक ठोस निर्णय है। उनकी प्रशासनिक दक्षता, नीति निर्माण में अनुभव और मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्य करने के दौरान अर्जित समन्वय कौशल उन्हें प्रदेश के विकास पथ पर निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम बनाते हैं।
गोयल की कार्यशैली में जमीनी हकीकतों की गहरी समझ, तकनीक के उपयोग के प्रति जागरूकता और टीम वर्क को प्राथमिकता दी जाती है। उनके नेतृत्व में प्रदेश में ‘डिजिटल गवर्नेंस’, ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन’ और ‘स्मार्ट सिटी’ जैसी योजनाओं को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में शशि प्रकाश गोयल की नियुक्ति प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में नए युग की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। उनके अनुभव और दृष्टिकोण से राज्य सरकार की विकास योजनाओं को नया आयाम मिलेगा। उनकी प्राथमिकताओं में पारदर्शी प्रशासन, आधारभूत संरचना का तीव्र विकास, औद्योगिक निवेश में वृद्धि और समयबद्ध परियोजना निष्पादन शामिल हैं। गोयल का कार्यकाल उत्तर प्रदेश को ‘न्यू इंडिया’ के विकास मॉडल में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक साबित हो सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे राज्य के प्रशासनिक ढांचे में किस प्रकार नवाचार और सुधार लाकर उत्तर प्रदेश को उसकी विकास आकांक्षाओं तक पहुँचाते हैं।
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