हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि (पद्य लेखक) और उनकी काव्य रचनाएँ

यह लेख हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों और उनकी महत्वपूर्ण काव्य रचनाओं का एक सुव्यवस्थित, शोधपरक संकलन है, जिसे विशेष रूप से विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों, साहित्य प्रेमियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए तैयार किया गया है। इसमें भक्ति काल से लेकर आधुनिक और समकालीन साहित्य तक की विविध काव्य परंपराओं का समावेश है। सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई, कबीर, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, निराला, दिनकर, अज्ञेय, धर्मवीर भारती, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण और उदय प्रकाश जैसे प्रसिद्ध कवियों की रचनाओं का व्यवस्थित परिचय दिया गया है।

प्रत्येक कवि के समस्त प्रमुख काव्यग्रंथों को एक साथ सूचीबद्ध किया गया है ताकि उपयोगकर्ता को अध्ययन के लिए समग्र सामग्री एक स्थान पर मिल सके। यह लेख हिंदी कविता की शैली, भावधारा, धार्मिक और सामाजिक संदर्भों तथा भाषा की विविधता को समझने में मदद करता है। प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, एसएससी, राज्य सेवा, विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाओं तथा शोध कार्यों के लिए यह एक विश्वसनीय और व्यवस्थित संदर्भ सामग्री है। साथ ही हिंदी साहित्य के अध्यापक इसे कक्षा शिक्षण में उपयोग कर सकते हैं और साहित्य प्रेमी इसकी मदद से हिंदी कविता की समृद्ध परंपरा से परिचित हो सकते हैं। यह सामग्री ज्ञानवर्धन, साहित्यिक विश्लेषण और शोध की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है।

प्रमुख हिंदी कवि (पद्य लेखक) और उनकी रचनाएँ

हिंदी साहित्य का इतिहास विविध काव्य परंपराओं से समृद्ध है। समय-समय पर अनेक कवि और लेखक ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जीवन, समाज, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की भावनाओं को शब्दों में ढाला। भक्ति, रीतिकाल, आधुनिक काल तथा समकालीन साहित्य की काव्यधारा में अनेक महत्त्वपूर्ण कवियों ने कविता को नये आयाम प्रदान किए। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख कवियों का नाम तथा उनकी महत्वपूर्ण काव्य रचनाएँ दी गई हैं, जिससे हिंदी साहित्य की विविधता, परंपरा और विकास को समझा जा सकता है।

प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ – पद्य लेखक

क्रमकवि/लेखकप्रमुख रचनाएँ
1सूरदाससूरसागर, सूर सारावली, साहित्य लहरी, सूर पचीसी
2तुलसीदासरामचरितमानस, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, दोहावली, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, हनुमा बाहुक
3मलिक मुहम्मद जायसीपद्मावत, कन्हावत, आखिरी सलाम, अखरावट, आखिरी कलाम
4मैथिलीशरण गुप्तसाकेत, जयद्रथवध, भारत भारती, यशोधरा, सिद्धराज, द्वापर, पंचवटी
5हरिवंश राय बच्चननिशा निमंत्रण, मधुशाला, मधुबाला, क्या भूलूँ क्या याद करूँ, मधु कलश, बुद्ध का नाचघर, बंगाल का काल
6रामधारी सिंह ‘दिनकर’उर्वशी, रश्मिरथी, हुँकार, कुरुक्षेत्र, रेणुका, बापू, रसवंती
7महादेवी वर्मायामा, नीहार, नीरजा, रश्मि, दीपशिखा, पथ से साथी
8सुमित्रानंदन पन्तग्राम्या, चिदम्बरा, गुंजन, कला और बूढ़ा चाँद, पल्लव, लोकायतन, उत्तरा
9सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’अलका, अनामिका, तुलसीदास, राग-विराग, परिमल, कुकुरमुत्ता, अणिमा, बेला
10जयशंकर प्रसादकामायनी, आँसू, लहर, झरना, कामना, कल्याणी, स्कंदगुप्त, विशाख, आकाशदीप
11सुभद्राकुमारी चौहानत्रिधारा, मुकुल, झाँसी की रानी, विकिरे मोती, सीधे सादे चित्र, मिलन, स्वप्न, जयंत
12सोहनलाल द्विवेदीमुक्तिगंधा, कुणाल, युगधारा, दूध बतासा, भैरवी, पूजा गीत, प्रभाती, चेतना, विषपान, पूजा के स्वर
13माखनलाल चतुर्वेदीबन्दी और कोकिला, पुष्प की अभिलाषा, हिमतरंगिणी, हिमकिरीटिनी, माता, युगचरण, समर्पण
14दलपति विजयखुमानरासो
15नरपति नाल्हवीसलदेव रासो
16जगनिकपरमालरासो
17सारंगधरहम्मीर रासो
18चंदबरदाईप्रथ्वीराज रासो
19कबीरदासरमैनी, सबद, साखी
20बिहारीबिहारी सतसई
21देवअष्टयाम, भाव विलास, रस विलास
22पद्माकरपद्मभारण, हितोपदेश, राम रसायन, जगत विनोद
23मतिरामललितललाम, चंद्र्सार, रसराज, साहित्यकार
24चिंतामणिकविकुल, कल्पतरु, काव्य विवेक
25भूषणशिवावावनी, शिवराजभूषण, छत्रशाल दशक
26केशवदासरामचंद्रिका, कविप्रिया, रसिकप्रिया, विज्ञानगीता
27रहीमरहीम सतसई, रहीम रत्नावली, श्रृंगार सतसई, रास पंचाध्यायी, बरवे नायिका
28मीराबाईरागगोविन्द, गीतगोविन्द, नरसीजी का मेहरा, राग सोरठ के पद
29घनानंदसुजान सागर, प्रेम पत्रिका, प्रेम सरोवर, वियोग बोलि, इश्कता
30भारतेन्दु हरिश्चंदप्रेमफुलवारी, प्रेम प्रलाप, श्रृंगार लहरी
31रामनरेश त्रिपाठीपथिक, मिलन, स्वप्न, मानसी, ग्राम्य गीत
32श्रीधर पाठककश्मीर सुषमा, भारत गीत, हेमंत, मनोविनोद, स्वर्गीय, वीणा
33अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’प्रियप्रवास, वैदेही वनवास, चोखे चौपदे, रस कलश
34भवानीप्रसाद मिश्रगीत परोश, खुशबु के शिलालेख
35बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’उर्मिला, महाप्राण, अपलक, रश्मि रेखा, कवासी
36अज्ञेयआगन के पार द्वार, हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, त्रिशंकु, अरे यायावर रहेगा याद, एक बूँद सहसा उछली, चिंता, पूर्वा
37रामकुमार वर्मासंकेत, एकलव्य, उत्तरायण, निशीथ, आकाश गंगा, चित्तौड़ की चिता
38धर्मवीर भारतीअँधा युग, कनुप्रिया, गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, ठंडा लोहा
39गजानन माधव मुक्तिबोधचाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरीभूरी खाक धूल, नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र, विपात्र, एक साहित्यिक की डायरी, काठ का सपना
40सर्वेश्वर दयाल सक्सेनाकाठ की घंटियाँ, बांस का पुल, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, कुआनो नदी, जंगल का दर्द, खूंटियों पर टंगे लोग, क्या कह कर पुकारूं, पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल
41केदारनाथ सिंहअभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहाँ से देखो, बाघ, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ, तालस्ताय और साइकिल, सृष्टि पर पहरा
42कुँवर नारायणचक्रव्यूह, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, आत्मजयी, इन दिनों
43उदय प्रकाशसुनो कारीगर, अबूतर कबूतर, रात में हारमोनियम, एक भाषा हुआ करती है, कवि ने कहा, दरियायी घोड़ा, तिरिछ, दत्तात्रेय के दुख, पॉलगोमरा का स्कूटर, अरेबा परेबा

भक्ति काल के प्रमुख कवि

क्रमकवि/लेखकप्रमुख रचनाएँ
1सूरदाससूरसागर, सूर सारावली, साहित्य लहरी, सूर पचीसी
2तुलसीदासरामचरितमानस, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, दोहावली, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, हनुमा बाहुक
3मलिक मुहम्मद जायसीपद्मावत, कन्हावत, आखिरी सलाम
4कबीरदासरमैनी, सबद, साखी
5मीराबाईराग गोविंद, गीत गोविंद, नरसीजी का मेहरा, राग सोरठ के पद

रीतिकाल के कवि

क्रमकवि/लेखकप्रमुख रचनाएँ
1बिहारीबिहारी सतसई
2देवअष्टयाम, भाव विलास, रस विलास
3पद्माकरपद्मभारण, हितोपदेश, राम रसायन, जगत विनोद
4मतिरामललितललाम, चंद्र्सार, रसराज, साहित्यकार
5चिंतामणिकविकुल, कल्पतरु, काव्य विवेक
6भूषणशिवावावनी, शिवराजभूषण, छत्रशाल दशक
7केशवदासरामचंद्रिका, कविप्रिया, रसिकप्रिया, विज्ञानगीता
8रहीमरहीम सतसई, रहीम रत्नावली, श्रृंगार सतसई, रास पंचाध्यायी, बरवे नायिका

आधुनिक काल के कवि

क्रमकवि/लेखकप्रमुख रचनाएँ
1मैथिलीशरण गुप्तसाकेत, जयद्रथवध, भारत-भारती, यशोधरा, सिद्धराज, द्वापर, पंचवटी
2जयशंकर प्रसादकामायनी, आँसू, लहर, झरना, कामना, कल्याणी, स्कंदगुप्त, विशाख, आकाशदीप
3सुमित्रानंदन पंतग्राम्या, चिदम्बरा, गुंजन, कला और बूढ़ा चाँद, पल्लव, लोकायतन, उत्तरा
4महादेवी वर्मायामा, नीहार, नीरजा, रश्मि, दीपशिखा, पथ से साथी
5सूर्यकान्त त्रिपाठी निरालाअलका, अनामिका, तुलसीदास, राग-विराग, परिमल, कुकुरमुत्ता, अणिमा, बेला
6रामधारी सिंह ‘दिनकर’उर्वशी, रश्मिरथी, हुँकार, कुरुक्षेत्र, रेणुका, बापू, रसवंती
7हरिवंशराय बच्चननिशा निमंत्रण, मधुशाला, मधुबाला, क्या भूलूँ क्या याद करूँ, मधु कलश, बुद्ध का नाचघर, बंगाल का काल
8माखनलाल चतुर्वेदीबन्दी और कोकिला, पुष्प की अभिलाषा, हिमतरंगिणी, हिमकिरीटिनी, माता, युगचरण, समर्पण
9श्रीधर पाठककश्मीर सुषमा, भारत गीत, हेमंत, मनोविनोद, स्वर्गीय, वीणा
10अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’प्रियप्रवास, वैदेही वनवास, चोखे चौपदे, रस कलश
11भवानीप्रसाद मिश्रगीत परोश, खुशबू के शिलालेख
12बालकृष्ण शर्मा नवीनउर्मिला, महाप्राण, अपलक, रश्मि रेखा, कवासी
13सोहनलाल द्विवेदीमुक्तिगंधा, कुणाल, युगधारा, दूध बतासा, भैरवी, पूजा गीत, प्रभाती, चेतना, विषपान, पूजा के स्वर
14अज्ञेयआगन के पार द्वार, हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, त्रिशंकु, अरे यायावर रहेगा याद, एक बूँद सहसा उछली, चिंता, पूर्वा
15रामकुमार वर्मासंकेत, एकलव्य, उत्तरायण, निशीथ, आकाश गंगा, चित्तौड़ की चिता
16धर्मवीर भारतीअँधा युग, कनुप्रिया, गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, ठंडा लोहा
17गजानन माधव मुक्तिबोधचाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी-भूरी खाक धूल, नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र, विपात्र, एक साहित्यिक की डायरी, काठ का सपना
18सर्वेश्वर दयाल सक्सेनाकाठ की घंटियाँ, बांस का पुल, एक सूनी नाव, गर्म हवाएँ, कुआनो नदी, जंगल का दर्द, खूंटियों पर टंगे लोग, क्या कह कर पुकारूँ, पागल कुत्तों का मसीहा, सोया हुआ जल
19केदारनाथ सिंहअभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहाँ से देखो, बाघ, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ, तालस्ताय और साइकिल, सृष्टि पर पहरा
20कुँवर नारायणचक्रव्यूह, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, आत्मजयी, इन दिनों
21उदय प्रकाशसुनो कारीगर, अबूतर कबूतर, रात में हारमोनियम, एक भाषा हुआ करती है, कवि ने कहा, दरियायी घोड़ा, तिरिछ, दत्तात्रेय के दुख, पॉलगोमरा का स्कूटर, अरेबा परेबा

यह तालिका हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों का एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। इसमें भक्ति काल से लेकर आधुनिक और समकालीन काव्य तक की विविधता, शैली, विचार और रचनात्मकता को समझने का प्रयास किया गया है। इससे विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को साहित्य की परंपरा, कवियों का योगदान तथा उनकी रचनाओं का व्यापक स्वरूप एक ही स्थान पर देखने का अवसर मिलता है।

कविता का समाज पर प्रभाव

कविता समाज की चेतना का दर्पण है। जब समाज में परिवर्तन होता है तो कविता उस परिवर्तन की आवाज बनती है। भक्ति काल में कविता ने धार्मिक चेतना जगाई। रीतिकाल में दरबारी संस्कृति का प्रभाव दिखा। आधुनिक युग में कविता ने राष्ट्रवादी आंदोलनों, स्वतंत्रता संग्राम, औद्योगिक विकास, युद्ध और शोषण जैसे विषयों को उठाया। आज की कविता पर्यावरण, तकनीक, मानसिक तनाव, वैश्विक संस्कृति और व्यक्तिगत पहचान जैसे नए मुद्दों पर विचार कर रही है।

कविता समाज में नैतिकता, सहानुभूति और आध्यात्मिकता का विकास करती है। यह व्यक्ति को आत्म-चिंतन की दिशा देती है और सामूहिक रूप से सामाजिक संवाद का आधार बनती है।

निष्कर्ष

कविता या पद्य केवल शब्दों का खेल नहीं है, यह मानव जीवन की गहराइयों, उसकी पीड़ा, आशाओं, प्रेम, संघर्ष और आदर्शों का चित्रण है। भारत की काव्य परंपरा वेदों से लेकर आधुनिक युग तक सतत विकसित होती रही है। भक्ति काल की सरल भाषा से लेकर आधुनिक युग की प्रयोगधर्मी रचनाओं तक कविता ने अपनी लय, शैली और भाव की विविधता बनाए रखी है। प्रमुख कवियों ने समाज को दिशा दी, संस्कृति को समृद्ध किया और भाषा को नया आयाम प्रदान किया।

आज भी कविता मनुष्य की संवेदनाओं का आधार है। यह आत्मा की आवाज है जो न केवल साहित्य को समृद्ध करती है बल्कि समाज को विचारशील, सहानुभूतिपूर्ण और प्रगतिशील बनाती है। कविता का अध्ययन केवल परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि जीवन को समझने के लिए आवश्यक है। यही कविता का सच्चा उद्देश्य है – जीवन को शब्दों में बुनकर उसे अर्थ, सौंदर्य और संवेदना से भर देना।


इन्हें भी देखें –

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