भारत विविधताओं का देश है। यहाँ की संस्कृति, परंपराएँ, रीति-रिवाज, खान-पान और वेशभूषा जितनी विविध हैं, उतनी ही विविधतापूर्ण भाषाएँ भी हैं। भाषाएँ किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती हैं, क्योंकि वे लोगों के बीच विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान करने का माध्यम बनती हैं। भारत में सैकड़ों भाषाएँ और हजारों बोलियाँ बोली जाती हैं, जिनमें से कुछ भाषाओं को संविधान में विशेष स्थान मिला है और कुछ भाषाएँ राजकाज की आधिकारिक भाषाएँ हैं।
भारतीय संविधान में भाषाओं को लेकर स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को शामिल किया गया है, जिन्हें “संवैधानिक भाषाएँ” कहा जाता है। इसके अतिरिक्त केंद्र स्तर पर हिंदी और अंग्रेज़ी को राजकाज की आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई है।
इस लेख में हम भारत की भाषाई विविधता, संवैधानिक भाषाएँ, आधिकारिक भाषाएँ, इनके बीच का अंतर तथा इनके ऐतिहासिक विकास पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
भारत की भाषाई विविधता
भारत में बोली जाने वाली भाषाओं की संख्या बहुत अधिक है। भारत सरकार की 2011 की जनगणना और उसके बाद की रिपोर्टों के अनुसार:
- भारत में कुल लगभग 121 भाषाएँ ऐसी हैं, जिन्हें 10,000 या उससे अधिक लोग बोलते हैं।
- यदि कुल भाषाओं और बोलियों की संख्या देखें तो यह 600 से अधिक भाषाएँ हैं।
- भारत में लगभग 19,500 बोलियाँ और उपभाषाएँ प्रचलित हैं।
यह भाषाई विविधता इस बात का प्रमाण है कि भारत का सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचा अत्यंत समृद्ध और बहुरंगी है।
भारतीय संविधान और भाषाएँ
भारतीय संविधान ने भाषाओं के संबंध में विशेष प्रावधान किए हैं। संविधान का भाग 17 (Part XVII) भाषाओं से संबंधित है। इसमें अनुच्छेद 343 से 351 तक भाषाओं का उल्लेख किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- अनुच्छेद 343: हिंदी को देवनागरी लिपि में संघ की राजभाषा घोषित करता है।
- अनुच्छेद 344: राजभाषा आयोग और संसद की राजभाषा संबंधी समितियों के गठन का प्रावधान करता है।
- अनुच्छेद 345: राज्यों को अपनी-अपनी राजभाषा चुनने का अधिकार देता है।
- अनुच्छेद 348: उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में अंग्रेजी भाषा के प्रयोग का प्रावधान करता है।
- अनुच्छेद 351: हिंदी भाषा के प्रसार और विकास पर बल देता है।
संवैधानिक भाषाएँ
परिभाषा
संवैधानिक भाषाएँ वे भाषाएँ हैं जिन्हें भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है।
वर्तमान स्थिति
- संविधान के निर्माण (1950) के समय आठवीं अनुसूची में केवल 14 भाषाएँ शामिल थीं।
- धीरे-धीरे संशोधनों के माध्यम से और भाषाएँ जोड़ी गईं।
- वर्तमान समय में 22 भाषाएँ संवैधानिक भाषाएँ हैं।
22 संवैधानिक भाषाओं की सूची
- असमिया (आसामी)
- बंगाली
- गुजराती
- हिंदी
- कन्नड़
- कश्मीरी
- कोंकणी
- मलयालम
- मराठी
- नेपाली
- उड़िया (ओड़िया)
- पंजाबी
- संस्कृत
- सिंधी
- तमिल
- तेलुगू
- उर्दू
- बोडो
- डोगरी
- मैथिली
- मणिपुरी
- संथाली
संवैधानिक भाषाओं का ऐतिहासिक विकास
- संविधान लागू होने पर (1950) – केवल 14 भाषाएँ शामिल थीं: हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगू और उर्दू।
- 1967 (21वाँ संविधान संशोधन) – सिंधी भाषा जोड़ी गई।
- 1992 (71वाँ संविधान संशोधन) – कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषाएँ जोड़ी गईं।
- 2004 (92वाँ संविधान संशोधन) – मैथिली, डोगरी, संथाली और बोडो भाषाएँ शामिल की गईं।
इस प्रकार अब आठवीं अनुसूची में कुल 22 भाषाएँ हैं।
आधिकारिक भाषा (Official Language)
परिभाषा
आधिकारिक भाषा वह भाषा होती है जिसका प्रयोग सरकारी कामकाज, प्रशासन और न्यायालयों में किया जाता है। इसे राजभाषा या दरबारी भाषा भी कहा जाता है।
भारत की आधिकारिक भाषाएँ
- संघ स्तर पर भारत की दो आधिकारिक भाषाएँ हैं:
- हिंदी (देवनागरी लिपि में)
- अंग्रेज़ी (अतिरिक्त राजभाषा के रूप में)
- हिंदी और अंग्रेजी का प्रयोग संयुक्त रूप से संसद, न्यायपालिका और केंद्र सरकार के कार्यालयों में किया जाता है।
- राज्यों को यह अधिकार है कि वे अपनी सुविधा अनुसार अपनी राज्यभाषा चुनें। उदाहरण के लिए – तमिलनाडु में तमिल, पश्चिम बंगाल में बंगाली, केरल में मलयालम, आदि।
संवैधानिक भाषा और आधिकारिक भाषा में अंतर
आधार | संवैधानिक भाषा | आधिकारिक भाषा |
---|---|---|
परिभाषा | वे भाषाएँ जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। | वे भाषाएँ जिनका प्रयोग राजकाज और प्रशासनिक कार्यों में किया जाता है। |
संख्या | कुल 22 भाषाएँ। | केंद्र स्तर पर 2 (हिंदी और अंग्रेज़ी)। |
स्थिति | केवल सूचीबद्ध, अनिवार्य रूप से प्रशासनिक प्रयोग की गारंटी नहीं। | प्रत्यक्ष रूप से शासन और प्रशासन में प्रयोग। |
उदाहरण | हिंदी, बंगाली, संस्कृत, तमिल, मैथिली आदि। | हिंदी और अंग्रेज़ी। |
भारत की संवैधानिक भाषाएँ : विस्तृत परिचय
भारत की भाषाई विविधता विश्व में अद्वितीय है। यहाँ बोली जाने वाली भाषाएँ न केवल संचार का माध्यम हैं, बल्कि वे संस्कृति, साहित्य, इतिहास और सामाजिक जीवन का प्रतिबिंब भी हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्तमान में 22 भाषाएँ शामिल हैं, जिन्हें संवैधानिक मान्यता प्राप्त है। आइए अब एक-एक भाषा का परिचय विस्तार से देखते हैं।
1. हिंदी (Hindi)
परिचय – हिन्दी भाषा विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। भारत की जनगणना 2011 में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है, जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था। हिंदी भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। यह उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक फैली हुई है और साहित्य, सिनेमा तथा प्रशासन की प्रमुख भाषा है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: देवनागरी
- विशेषता: भारत की राजभाषा, समृद्ध साहित्य, बोलने वालों की संख्या सर्वाधिक।
2. संस्कृत (Sanskrit)
परिचय – संस्कृत भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन हिंद-आर्य भाषा है। संस्कृत को देववाणी कहा जाता है। यह वैदिक ऋचाओं, उपनिषदों, महाकाव्यों और शास्त्रों की भाषा है। इसे भारतीय भाषाओं की जननी भी माना जाता है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिंधी, पंजाबी, नेपाली आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: देवनागरी
- महत्व: वेद, पुराण, दर्शन और शास्त्रों की भाषा।
3. बंगाली (Bengali / Bangla)
परिचय – बांग्ला भाषा भारत और बांग्लादेश की प्रमुख सांस्कृतिक धरोहर है। नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर की रचनाओं ने इसे वैश्विक पहचान दिलाई। बाङ्ला या बंगाली भाषा, बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा तथा असम के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की सदस्य है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: बंगला
- महत्व: विश्व साहित्य में समृद्ध योगदान।
4. असमीया / आसामी (Assamese / Asamiya)
परिचय – असमीया भाषा असम राज्य की पहचान है। इसका साहित्य और लोककला असम की संस्कृति को जीवित रखता है। असम की भाषा को असमी या असमिया कहा जाता है। यह असम की आधिकारिक भाषा है और मुख्यतः वहीं बोली जाती है। इसको बोलने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक है। यह आर्य भाषा परिवार की सदस्य है और बांग्ला, मैथिली, उड़िया तथा नेपाली से निकट संबंध रखती है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: असमी
- बोलने वाले: लगभग 1.5 करोड़।
5. उड़िया (Odia)
परिचय – ओड़िआ भारत के ओड़िशा प्रान्त की राजभाषा है। यह एक आर्य भाषा है और इसका सम्बन्ध नेपाली, बांग्ला, असमिया और मैथिली से है। ओडिशा की राजभाषा उड़िया अपनी मधुर ध्वनि और प्राचीन साहित्य के कारण प्रसिद्ध है। इसे भारत की शास्त्रीय भाषाओं में भी स्थान मिला है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: उड़िया
- महत्व: जगन्नाथ संस्कृति और ओडिसी नृत्य की भाषा।
6. पंजाबी (Punjabi)
परिचय – पंजाबी एक हिंद-आर्यन भाषा है। यह ऐतिहासिक पंजाब क्षेत्र (भारत और पाकिस्तान) के निवासियों तथा प्रवासियों द्वारा बोली जाती है। इसके बोलने वालों में सिख, मुसलमान और हिंदू सभी शामिल हैं। पंजाबी भाषा पंजाब राज्य और प्रवासी भारतीयों की आत्मा है। गुरुमुखी लिपि में लिखी जाने वाली यह भाषा सिख धर्म के पवित्र ग्रंथों की भाषा भी है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: गुरुमुखी
- विशेषता: लोकगीत, भांगड़ा और सूफी कविताएँ।
7. सिन्धी (Sindhi)
परिचय – सिंधी भाषा सिंध क्षेत्र से जुड़ी है, पर विभाजन के बाद यह भारत में भी सिंधी समुदाय की पहचान बनी हुई है। सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से सिन्ध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। यह सिंधी हिन्दू समुदाय की मातृभाषा है। गुजरात के कच्छ जिले में सिन्धी बोली जाती है और वहाँ इस भाषा को ‘कच्छी भाषा’ कहते हैं। इसका सम्बन्ध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: देवनागरी व अरबी दोनों
- महत्व: विभाजन के बाद भी जीवित सांस्कृतिक धरोहर।
8. कश्मीरी (Kashmiri)
परिचय – कश्मीर घाटी की प्रमुख भाषा कश्मीरी है। इसमें संस्कृत और फारसी दोनों का प्रभाव दिखाई देता है। कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य भाषा है जो मुख्यतः कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में बोली जाती है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में इसके बोलने वालों की संख्या लगभग 56 लाख है। पाक-अधिकृत कश्मीर में 1998 की जनगणना के अनुसार लगभग 1 लाख कश्मीरी भाषा बोलने वाले हैं।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: शारदा, देवनागरी व पर्सो-अरबी
- महत्व: सूफी और शैव साहित्य।
9. डोगरी (Dogri)
परिचय – डोगरी जम्मू, हिमाचल और उत्तरी पंजाब के कुछ भागों में बोली जाती है। यह पश्चिमी पहाड़ी बोलियों के परिवार की एक प्रमुख भाषा है। डोगरी भाषा जम्मू और हिमाचल की पहाड़ी संस्कृति की आत्मा है। लोकगीत और वीरगाथाएँ इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: देवनागरी, तखरी
- महत्व: डोगरा संस्कृति और लोकसाहित्य।
10. गुजराती (Gujarati)
परिचय – गुजरात राज्य की राजभाषा गुजराती है। महात्मा गांधी की भाषा होने के कारण इसका ऐतिहासिक महत्व भी बढ़ जाता है। गुजराती गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। यह भारतीय भाषाओं के समृद्ध साहित्य में से एक है। गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: गुजराती
- साहित्य: समृद्ध और विविध साहित्यिक परंपरा।
11. मराठी (Marathi)
परिचय – मराठी महाराष्ट्र की राजभाषा है और यहाँ के अधिकांश लोग इसे बोलते हैं। यह एक आर्य भाषा है तथा महाराष्ट्र और गोवा की आधिकारिक भाषा भी है। महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी संतों और सुधारकों की भाषा रही है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: देवनागरी
- महत्व: संत साहित्य, लोककला और शिवाजी महाराज की विरासत।
12. नेपाली (Nepali)
परिचय – नेपाली नेपाल की राष्ट्रभाषा है। नेपाल की राष्ट्रभाषा होने के साथ यह भारत के सिक्किम, दार्जिलिंग, असम, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में भी बोली जाती है। इसे ‘गोर्खाली’ और ‘खस कुरा’ भी कहा जाता है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: देवनागरी
- महत्व: गोरखा समुदाय और हिमालयी संस्कृति की पहचान।
13. मैथिली (Maithili)
परिचय – मैथिली बिहार, झारखंड और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाती है। यह मागधी शाखा की आर्य भाषा है और संस्कृत से इसका गहरा सम्बन्ध है। बिहार और नेपाल की तराई में बोली जाने वाली मैथिली विद्वान कवि विद्यापति की भाषा रही है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: तिरहुता व देवनागरी
- महत्व: मधुर ध्वनि और समृद्ध काव्य परंपरा।
14. कोंकणी (Konkani)
परिचय – कोंकणी मुख्यतः गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। यह आर्य भाषा परिवार की भाषा है और मराठी से इसका गहरा संबंध है। कोंकणी भाषा गोवा की आत्मा है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: रोमन, देवनागरी, कन्नड़, मलयालम
- महत्व: समुद्री संस्कृति और पर्यटन से जुड़ी भाषा।
15. उर्दू (Urdu)
परिचय – हिंदी और उर्दू भाषाई दृष्टि से समान हैं। यह हिन्द-आर्य भाषा है और भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, जबकि पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा भी है। उर्दू को ग़ज़ल और शायरी की भाषा कहा जाता है। नस्तालीक़ लिपि में लिखी गई हिंदी को उर्दू कहा जाता है। अर्थात यह हिंदी की एक शैली है, जो नस्तालीक लिपि में लिखी जाती है।
- परिवार: हिन्द-आर्य
- लिपि: नस्तालीक (फारसी-अरबी)
- महत्व: अदबी साहित्य, शायरी और सांस्कृतिक समृद्धि।
16. तमिल (Tamil)
परिचय – तमिल तमिऴ नाडु और श्रीलंका में प्रमुख रूप से बोली जाती है। यह द्रविड़ भाषा परिवार की प्राचीनतम भाषा मानी जाती है। तमिलनाडु और पुदुचेरी की यह राजभाषा है तथा श्रीलंका और सिंगापुर में भी आधिकारिक भाषा है। तमिल दुनिया की सबसे प्राचीन जीवित भाषा मानी जाती है। यह केवल भारत ही नहीं, श्रीलंका और सिंगापुर में भी राजभाषा है।
- परिवार: द्रविड़
- लिपि: तमिल
- महत्व: संगम साहित्य और अंतरराष्ट्रीय पहचान।
17. तेलुगु (Telugu)
परिचय – तेलुगु आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजभाषा है। यह द्रविड़ भाषा परिवार की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसे भारत की उन भाषाओं में गिना जाता है जिन्हें एक से अधिक राज्यों में राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजभाषा तेलुगु को उसकी मधुरता के कारण “इटली ऑफ़ द ईस्ट” कहा जाता है।
- परिवार: द्रविड़
- लिपि: तेलुगु
- महत्व: प्राचीन नाट्य और साहित्यिक परंपरा।
18. कन्नड़ (Kannada)
परिचय – कन्नड कर्नाटक की राजभाषा है। यह द्रविड़ भाषा-परिवार की भाषा है, जिसमें संस्कृत के भी अनेक शब्द मिलते हैं। इसका अस्तित्व लगभग 2500 वर्ष पूर्व से है और आज लगभग 4.5 करोड़ लोग इसे बोलते हैं। कर्नाटक की राजभाषा कन्नड़ की साहित्यिक परंपरा 2000 वर्षों से अधिक पुरानी है।
- परिवार: द्रविड़
- लिपि: कन्नड़
- महत्व: वचन साहित्य और सांस्कृतिक धरोहर।
19. मलयालम (Malayalam)
परिचय – मलयालम केरल की प्रमुख भाषा है और यह द्रविड़ भाषा परिवार में आती है। यह तमिलनाडु, कर्नाटक, लक्षद्वीप और विदेशों में बसे मलयालियों द्वारा भी बोली जाती है। केरल की राजभाषा मलयालम साहित्य, कला और आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
- परिवार: द्रविड़
- लिपि: मलयालम
- महत्व: कथकली और मोहिनीअट्टम जैसी नृत्यशैलियाँ।
20. मणिपुरी (Manipuri / Meitei)
परिचय – मणिपुर की प्रमुख भाषा मणिपुरी, जिसे मैतै भी कहा जाता है, अपनी विशिष्ट लिपि और लोककला के लिए प्रसिद्ध है। यह मैतै मायेक और पूर्वी नागरी लिपि में लिखी जाती है।
- परिवार: तिब्बती-बर्मी
- लिपि: मैतै मायेक
- महत्व: रासलीला और मणिपुरी नृत्य।
21. बोडो (Bodo)
परिचय – बोडो भाषा असम और उत्तर-पूर्वी भारत की बोडो जनजाति की पहचान है। बोड़ो एक तिब्बती-बर्मी भाषा है, जो असम की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। नेपाल और बांग्लादेश के बोडो लोग भी इसे बोलते हैं।
- परिवार: तिब्बती-बर्मी
- लिपि: देवनागरी
- महत्व: जनजातीय लोकसाहित्य और परंपराएँ।
22. संताली (Santhali)
परिचय – संताली भाषा झारखंड और ओडिशा की जनजातीय संस्कृति की प्रमुख भाषा है। संताली मुंडा परिवार की भाषा है, जो झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, असम और छत्तीसगढ़ में बोली जाती है। इसकी अपनी ‘ओल चिकी’ लिपि है।
- परिवार: ऑस्ट्रो-एशियाई (मुंडा शाखा)
- लिपि: ओल-चिकी
- महत्व: आदिवासी साहित्य और लोकगीत।
भाषाई परिवारों का वर्गीकरण
भारत की 22 संवैधानिक भाषाएँ चार प्रमुख भाषा परिवारों में आती हैं:
- हिन्द-आर्य – हिंदी, संस्कृत, बंगाली, असमीया, उड़िया, पंजाबी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, गुजराती, मराठी, नेपाली, मैथिली, कोंकणी, उर्दू।
- द्रविड़ – तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम।
- तिब्बती-बर्मी – बोडो, मणिपुरी।
- ऑस्ट्रो-एशियाई – संताली।
भारत की 22 संवैधानिक भाषाओं की सारणी
क्रम | भाषा | भाषा परिवार | मुख्य क्षेत्र | बोलने वालों की संख्या* | प्रमुख विशेषता |
---|---|---|---|---|---|
1 | कश्मीरी | हिंद-आर्य | कश्मीर घाटी, चेनाब घाटी | ~56 लाख (भारत, 2001) | कश्मीर की सांस्कृतिक भाषा |
2 | सिंधी | हिंद-आर्य | गुजरात (कच्छ), भारत के पश्चिमी हिस्से | ~25 लाख (भारत) | सिंधी हिंदू समाज की मातृभाषा |
3 | पंजाबी | हिंद-आर्य | पंजाब (भारत व पाकिस्तान) | ~3 करोड़ (भारत) | गुरुमुखी लिपि, समृद्ध साहित्य |
4 | हिन्दी | हिंद-आर्य | उत्तर, मध्य भारत | ~52 करोड़ (2011) | भारत की प्रमुख राजभाषा |
5 | बंगाली | हिंद-यूरोपीय | पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम, बांग्लादेश | ~9.7 करोड़ (भारत) | टैगोर की भाषा; बांग्लादेश की राष्ट्रभाषा |
6 | असमिया | हिंद-आर्य | असम | ~1.5 करोड़ | असम की राजभाषा |
7 | उड़िया (ओड़िया) | हिंद-आर्य | ओडिशा | ~3.5 करोड़ | शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त |
8 | गुजराती | हिंद-आर्य | गुजरात, दीव, मुंबई | ~5.5 करोड़ | गांधीजी की मातृभाषा |
9 | मराठी | हिंद-आर्य | महाराष्ट्र, गोवा | ~8.3 करोड़ | संत साहित्य की भाषा |
10 | कन्नड़ | द्रविड़ | कर्नाटक | ~4.5 करोड़ | 2500 वर्ष पुराना अस्तित्व |
11 | तेलुगु | द्रविड़ | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना | ~8.1 करोड़ | सर्वाधिक वक्ताओं वाली द्रविड़ भाषा |
12 | तमिल | द्रविड़ | तमिलनाडु, पुदुचेरी, श्रीलंका, सिंगापुर | ~6.9 करोड़ | विश्व की सबसे प्राचीन जीवित भाषा |
13 | मलयालम | द्रविड़ | केरल, लक्षद्वीप, कर्नाटक (दक्षिण) | ~3.4 करोड़ | विशिष्ट लिपि और साहित्य |
14 | उर्दू | हिंद-आर्य | उत्तर भारत, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर | ~5 करोड़ (भारत) | नस्तालीक़ लिपि; पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा |
15 | संस्कृत | हिंद-आर्य | भारत के विभिन्न क्षेत्र | ~24 हजार (2011) | शास्त्रीय भाषा; भारतीय भाषाओं की जननी |
16 | नेपाली | हिंद-आर्य | नेपाल, सिक्किम, दार्जिलिंग, असम, उत्तराखंड | ~30 लाख (भारत) | नेपाल की राष्ट्रभाषा |
17 | मणिपुरी (मैतेई) | तिब्बती-बर्मी | मणिपुर | ~17 लाख | मैतेई मायेक लिपि; मणिपुर की पहचान |
18 | कोंकणी | हिंद-आर्य | गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल | ~22 लाख | गोवा की राजभाषा |
19 | बोडो | तिब्बती-बर्मी | असम | ~14 लाख | असम की आधिकारिक भाषा |
20 | डोगरी | हिंद-आर्य (पश्चिमी पहाड़ी) | जम्मू, हिमाचल, उत्तरी पंजाब | ~26 लाख | डोगरा संस्कृति की भाषा |
21 | मैथिली | हिंद-आर्य | बिहार, झारखंड, नेपाल का तराई क्षेत्र | ~1.35 करोड़ | विद्यापति की भाषा; मधुर उच्चारण |
22 | संताली | ऑस्ट्रो-एशियाई (मुंडा) | झारखंड, बिहार, ओडिशा, बंगाल, असम | ~76 लाख | ओल चिकी लिपि; संथाल जनजाति की भाषा |
📌 *नोट: बोलने वालों की संख्या अलग-अलग जनगणना और स्रोतों पर आधारित है, यहाँ 2001 और 2011 की भारतीय जनगणना व अन्य आकलन का उपयोग किया गया है।
भारत में बोली जाने वाली भाषाओं के परिवार (तालिका)
भाषा-परिवार | मुख्य क्षेत्र | प्रमुख भाषाएँ |
---|---|---|
हिन्द-आर्य भाषाएँ | उत्तर, पश्चिम, मध्य और पूर्व भारत | हिंदी, उर्दू, पंजाबी, राजस्थानी (मारवाड़ी, मेवाड़ी), सिंधी, कश्मीरी, मैथिली, भोजपुरी, नेपाली, मराठी, डोगरी, कुरमाली, नागपुरी, कोंकणी, गुजराती, बंगाली, उड़िया (ओड़िआ), असमिया |
द्रविड़ भाषाएँ | दक्षिण भारत, मध्य भारत के कुछ हिस्से | तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, तुलू, गोंडी, कुड़ुख |
ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ | झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्व भारत | संथाली, हो, मुंडारी, खासी, भूमिज |
तिब्बती-बर्मी भाषाएँ | उत्तर-पूर्व भारत और हिमालयी क्षेत्र | नेपाली, मणिपुरी, खासी, मिज़ो, आओ, म्हार, नागा भाषाएँ |
भारतीय भाषाओं के परिवार: क्षेत्र, जनसंख्या और विशेषताएँ
भाषा-परिवार | प्रमुख क्षेत्र | कुल भाषाएँ (अनुमानित) | बोलने वालों की जनसंख्या (अनुमानित) | प्रमुख भाषाएँ | विशेषताएँ (ध्वनि/लिपि/संरचना) |
---|---|---|---|---|---|
हिन्द-आर्य भाषाएँ | उत्तर भारत, पश्चिम भारत, मध्य भारत, पूर्वी भारत | 200+ | लगभग 78% भारतीय आबादी (100 करोड़+) | हिंदी, उर्दू, पंजाबी, राजस्थानी, सिंधी, कश्मीरी, मैथिली, भोजपुरी, नेपाली, मराठी, डोगरी, कोंकणी, गुजराती, बंगाली, उड़िया, असमिया आदि | संस्कृत से उद्भव, देवनागरी व क्षेत्रीय लिपियों का प्रयोग, ध्वनियों में स्पष्ट स्वर-व्यंजन भेद |
द्रविड़ भाषाएँ | दक्षिण भारत (तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र, केरल), मध्य भारत के कुछ हिस्से | 80+ | लगभग 20% आबादी (25–28 करोड़) | तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, तुलु, गोंडी, कुड़ुख | द्रविड़ लिपियों (तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़) का प्रयोग; ध्वनियों में स्वर और व्यंजनों का संतुलित प्रयोग; प्राचीन साहित्यिक परंपरा (संगम साहित्य) |
ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ | झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्व भारत | 15+ | लगभग 1.5–2 करोड़ | संथाली, मुंडारी, हो, खासी, भूमिज | मुंडा और खासी समूह; संथाली के लिए ओल-चिकी लिपि; अधिकतर मौखिक परंपरा; ध्वनियों में नासिक्य और टोन का प्रयोग |
तिब्बती-बर्मी भाषाएँ | उत्तर-पूर्व भारत (मणिपुर, नागालैंड, मिज़ोरम, अरुणाचल, सिक्किम), हिमालयी क्षेत्र | 100+ | लगभग 3–4 करोड़ | नेपाली, मणिपुरी (मैतेयी), मिज़ो, बोडो, आओ, नागा भाषाएँ, लेपचा | तिब्बती, बांग्ला और रोमन लिपियों का उपयोग; स्वरप्रधान और टोनल भाषाएँ; शब्दावली में तिब्बती-चीनी प्रभाव |
📌 विशेष टिप्पणी:
- भारत की 78% आबादी हिन्द-आर्य भाषाएँ बोलती है।
- 20% आबादी द्रविड़ भाषाएँ बोलती है।
- 2–3% आबादी ऑस्ट्रो-एशियाई और तिब्बती-बर्मी भाषाएँ बोलती है।
- इन सभी भाषा-परिवारों ने भारत की बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक पहचान को आकार दिया है।
भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाएँ
भारत दुनिया के उन देशों में से है जहाँ भाषाई विविधता सबसे अधिक है। यहाँ अनेक भाषाएँ और उनकी उपभाषाएँ प्रचलित हैं, लेकिन इनमें से कुछ भाषाएँ सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हैं। नीचे दी गई सूची में भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं, उनके कुल वक्ताओं और कुल जनसंख्या में उनके प्रतिशत हिस्से को दर्शाया गया है –
भाषा | कुल वक्ता (अनुमानित) | जनसंख्या का प्रतिशत (%) |
---|---|---|
हिंदी | 69.2 करोड़ | 57.10% |
अंग्रेज़ी | 12.9 करोड़ | 10.60% |
बंगाली | 10.7 करोड़ | 8.90% |
मराठी | 9.9 करोड़ | 8.20% |
तेलुगू | 9.5 करोड़ | 7.80% |
तमिल | 7.7 करोड़ | 6.30% |
गुजराती | 6.0 करोड़ | 5.00% |
उर्दू | 6.3 करोड़ | 5.20% |
कन्नड़ | 5.9 करोड़ | 4.94% |
ओड़िया | 4.3 करोड़ | 3.56% |
मलयालम | 3.3 करोड़ | 3.28% |
पंजाबी | 3.6 करोड़ | 3.56% |
संस्कृत | 49 लाख | 0.49% |
👉 इस तालिका से स्पष्ट होता है कि हिंदी भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जबकि अंग्रेज़ी दूसरी सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।
भारत की संवैधानिक भाषाओं की सूची
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को संवैधानिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है। ये भाषाएँ न केवल अपने-अपने राज्यों की पहचान हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को भी दर्शाती हैं। नीचे दी गई सूची में इन भाषाओं को उनके प्रमुख बोली क्षेत्र और वक्ताओं की अनुमानित संख्या सहित प्रस्तुत किया गया है –
क्रम | भाषा | प्रमुख बोली क्षेत्र | एकल वक्ता (अनुमानित) |
---|---|---|---|
1 | असमिया | असम की राजभाषा | 1.3 करोड़ |
2 | बांग्ला | पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, बांग्लादेश | 20 करोड़ |
3 | गुजराती | गुजरात की राजभाषा | 3 करोड़ |
4 | हिन्दी | भारत, मॉरिशस | 33.7 करोड़ |
5 | कन्नड़ | कर्नाटक की राजभाषा | 4.70 करोड़ |
6 | कश्मीरी | कश्मीर | 31 लाख |
7 | कोंकणी | गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल | 15 लाख |
8 | मलयालम | केरल, लक्षद्वीप, तमिलनाडु के कुछ क्षेत्र | 3.6 करोड़ |
9 | मणिपुरी | मणिपुर, असम, मिज़ोरम, त्रिपुरा, बांग्लादेश, म्यांमार | 11.8 लाख |
10 | मराठी | महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, दमन-दीव, दादरा-नगर हवेली | 9 करोड़ |
11 | नेपाली | नेपाल, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्व भारत | 1.6 करोड़ |
12 | उड़िया | ओडिशा की राजभाषा | 3.1 करोड़ |
13 | पंजाबी | पंजाब (भारत), पाकिस्तान | 2.5 करोड़ |
14 | संस्कृत | भारतीय उपमहाद्वीप | 49 लाख |
15 | सिंधी | भारत और पाकिस्तान | 22 लाख |
16 | तमिल | तमिलनाडु, श्रीलंका | 4 करोड़ |
17 | उर्दू | भारत और पाकिस्तान | 2.8 करोड़ |
18 | तेलुगु | आंध्र प्रदेश और तेलंगाना | 7.5 करोड़ |
19 | बोडो | उत्तर-पूर्व भारत, नेपाल, बांग्लादेश | 33 लाख |
20 | डोगरी | जम्मू और कश्मीर | 15 लाख |
21 | मैथिली | बिहार, नेपाल का तराई क्षेत्र | 1.2 करोड़ |
22 | संथाली | झारखंड, असम, बिहार, ओडिशा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल | 63 लाख |
👉 इन 22 भाषाओं को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है और ये भारत की भाषाई पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
भारत की अन्य प्रमुख भाषाएँ
भारत केवल संवैधानिक भाषाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ अनेक अन्य भाषाएँ भी बोली जाती हैं जो विभिन्न क्षेत्रों और जनजातीय समुदायों से जुड़ी हुई हैं। ये भाषाएँ भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को और भी समृद्ध बनाती हैं। नीचे दी गई सूची में भारत की अन्य प्रमुख भाषाओं, उनके बोली क्षेत्र और अनुमानित वक्ताओं की संख्या प्रस्तुत है –
क्रम | भाषा | प्रमुख बोली क्षेत्र | वक्ता (अनुमानित) |
---|---|---|---|
1 | खानदेशी (अहिराणी) | महाराष्ट्र | 9.7 लाख |
2 | हो (मुंडा) | ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम | 9.4 लाख |
3 | खासी | मेघालय, असम | 9.1 लाख |
4 | मुंडारी | पूर्व भारत, बांग्लादेश, नेपाल (मुंडा आदिवासी) | 8.6 लाख |
5 | कोकबराक | त्रिपुरा | 6.9 लाख |
6 | गारो | मेघालय, असम, बांग्लादेश | 6.7 लाख |
7 | कुई | ओडिशा | 6.4 लाख |
8 | मीज़ो | पूर्वोत्तर भारत, म्यांमार (पश्चिम), बांग्लादेश (पूर्व) | 5.3 लाख |
9 | हल्बी | छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश | 5.3 लाख |
10 | कोरकू | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र | 4.6 लाख |
11 | मुंडा | भारत, बांग्लादेश | 4.1 लाख |
12 | मिशिंग | असम (लखीमपुर, सोनितपुर, धेमाजी, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, माजुली, गोलाघाट, तिनसुकिया), अरुणाचल प्रदेश | 3.9 लाख |
13 | कार्बी/मिकिर | असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश | 3.6 लाख |
14 | सावरा | ओडिशा | 2.7 लाख |
15 | कोया | आंध्र प्रदेश | 2.7 लाख |
16 | खड़िया | झारखंड, ओडिशा, असम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, अंडमान-निकोबार, त्रिपुरा | 2.2 लाख |
17 | खोंड | ओडिशा | 2.2 लाख |
18 | अंग्रेज़ी (स्थानीय उपयोग) | भारत एवं विश्व | 1.7 लाख |
19 | निशी | अरुणाचल प्रदेश, असम | 1.7 लाख |
20 | आओ | नागालैंड | 1.7 लाख |
21 | सेमा | नागालैंड | 1.6 लाख |
22 | किसान | भारत, नेपाल | 1.6 लाख |
23 | आदी | अरुणाचल प्रदेश, असम, एशिया | 1.5 लाख |
24 | राभा | असम, पश्चिम बंगाल | 1.3 लाख |
25 | कोनयाक | नागालैंड | 1.3 लाख |
26 | माल्तो | झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल | 1.08 लाख |
27 | थाड़ो | पूर्वोत्तर भारत | 1.07 लाख |
28 | तांगखुल | मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, एशिया | 1.01 लाख |
👉 यह सूची दर्शाती है कि भारत में केवल संवैधानिक भाषाएँ ही नहीं, बल्कि अनेक क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाएँ भी बोली जाती हैं। इन भाषाओं के संरक्षण और विकास से भारत की भाषाई धरोहर और भी सशक्त बनती है।
भारत की राजभाषा पर विवाद और वास्तविक स्थिति
- भारत में हिंदी को “राजभाषा” का दर्जा प्राप्त है, लेकिन इसे “राष्ट्रभाषा” घोषित नहीं किया गया है।
- संविधान में स्पष्ट रूप से किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है।
- इसका कारण यह है कि भारत बहुभाषी देश है और हर क्षेत्र की अपनी भाषाई पहचान है।
- अंग्रेज़ी को 15 वर्ष की अस्थायी अवधि (1950–1965) के लिए मान्यता दी गई थी, लेकिन समय-समय पर इसके प्रयोग की अवधि बढ़ती रही। आज भी अंग्रेजी राजकाज में अनिवार्य रूप से प्रयोग हो रही है।
भारत में भाषाओं का महत्व
- सांस्कृतिक महत्व – भाषाएँ भारत की सांस्कृतिक विविधता और विरासत की पहचान हैं।
- राजनीतिक महत्व – भाषाई आधार पर कई राज्यों का गठन हुआ (जैसे आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र आदि)।
- प्रशासनिक महत्व – राजभाषा और राज्यभाषाएँ सरकारी कामकाज को सुचारु बनाती हैं।
- राष्ट्रीय एकता – विभिन्न भाषाओं के बावजूद संविधान ने भाषाई अधिकार देकर देश की एकता और अखंडता को बनाए रखा है।
- वैश्विक महत्व – अंग्रेजी और हिंदी का प्रयोग भारत को वैश्विक स्तर पर संवाद में सक्षम बनाता है।
निष्कर्ष
भारत की भाषाई विविधता उसकी सबसे बड़ी विशेषता है। संविधान ने इस विविधता को सम्मान दिया है और 22 भाषाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया है। साथ ही हिंदी और अंग्रेज़ी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता देकर प्रशासनिक कार्यों में सुगमता सुनिश्चित की गई है।
यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि भारत में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया गया है, ताकि सभी भाषाई समूहों को समान सम्मान मिल सके।
भाषाएँ केवल संवाद का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे संस्कृति, परंपरा और सभ्यता की वाहक भी हैं। इसलिए भारत में भाषाई विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना राष्ट्रीय कर्तव्य है।
इन्हें भी देखें –
- विश्व की भाषाएँ : विविधता, विकास और वैश्विक प्रभाव
- भाषा : परिभाषा, स्वरूप, विशेषताएँ, शैली और उत्पत्ति
- क्या अमेरिका के H-1B वीज़ा की तरह है चीन का K-वीज़ा? जानिए किसे मिलेगा
- जियो पेमेंट्स बैंक का “सेविंग्स प्रो”: निष्क्रिय पैसों से ज्यादा कमाई का स्मार्ट तरीका
- एनवीडिया–ओपनएआई सौदा: 100 अरब डॉलर का निवेश और एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई परिभाषा
- भारत के प्रमुख बंदरगाह | Ports of India
- भारत के वित्तीय संस्थान | Financial institutions of India
- 250+ पुस्तकें एवं उनके लेखक | Books and their Authors
- भारत के लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्य | Folk dances and Classical dances of India
- विश्व में प्रथम पुरुष, महिला और अन्य
- इसरो : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (1969 – Present)
- कारगिल युद्ध | भारत पाकिस्तान युद्ध 1999