राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 : भारतीय विज्ञान, नवाचार और अनुसंधान को राष्ट्रीय सम्मान

भारत ने स्वतंत्रता के बाद से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की है। अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर परमाणु ऊर्जा, कृषि अनुसंधान से लेकर जैव प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक—भारतीय वैज्ञानिकों ने वैश्विक मंच पर देश की प्रतिष्ठा को मजबूत किया है। इन्हीं असाधारण योगदानों को औपचारिक, पारदर्शी और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (Rashtriya Vigyan Puraskar – RVP) की स्थापना की।

23 दिसंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के ‘गणतंत्र मंडप’ में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 प्रदान किए। यह इन पुरस्कारों का दूसरा संस्करण था, जिसमें कुल 24 वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक टीमों को चार प्रमुख श्रेणियों में सम्मानित किया गया।

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राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (RVP) क्या हैं?

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है। यह पुरस्कार उन वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को प्रदान किया जाता है, जिनका कार्य—

  • वैज्ञानिक ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाता हो
  • समाज और राष्ट्र के विकास में प्रत्यक्ष योगदान देता हो
  • भारत को वैश्विक वैज्ञानिक मानचित्र पर सशक्त करता हो

स्थापना की पृष्ठभूमि

वर्ष 2023 में भारत सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों—जैसे शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, विज्ञान पुरस्कार, और अन्य विभागीय सम्मानों—को एकीकृत करते हुए राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की स्थापना की।

इसका उद्देश्य था—

  • पुरस्कार प्रणाली को सरल, एकरूप और पारदर्शी बनाना
  • वैज्ञानिक उत्कृष्टता को राष्ट्रीय पहचान प्रदान करना
  • युवा और वरिष्ठ वैज्ञानिकों को समान मंच देना

इन पुरस्कारों की पहली घोषणा 2024 में की गई थी, जबकि 2025 में इसका दूसरा संस्करण आयोजित हुआ।

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार का आयोजन और स्वरूप

  • आयोजक मंत्रालय: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार
  • सम्मान स्वरूप:
    • एक विशेष पदक (Medal)
    • प्रमाण पत्र (Certificate)
  • नकद पुरस्कार नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और प्रतिष्ठा को प्राथमिकता

यह पुरस्कार यह स्पष्ट करता है कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का आधार है।

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की चार प्रमुख श्रेणियाँ

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार चार अलग-अलग श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं, ताकि हर आयु वर्ग और योगदान स्तर के वैज्ञानिकों को समुचित सम्मान मिल सके।

1. विज्ञान रत्न (Vigyan Ratna)

  • उद्देश्य:
    विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में आजीवन उपलब्धि और असाधारण योगदान के लिए।
  • यह भारत का सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान है।
  • सामान्यतः यह पुरस्कार एक व्यक्ति को दिया जाता है।

2. विज्ञान श्री (Vigyan Shri)

  • उद्देश्य:
    विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट और प्रभावशाली योगदान के लिए।
  • वे वैज्ञानिक जिनके कार्यों का समाज, उद्योग या नीति निर्माण पर गहरा प्रभाव पड़ा हो।
  • यह श्रेणी मध्यम से वरिष्ठ स्तर के वैज्ञानिकों को समर्पित है।

3. विज्ञान युवा – शांति स्वरूप भटनागर (Vigyan Yuva–SSB)

  • आयु सीमा: 45 वर्ष तक
  • उद्देश्य:
    युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना, जिन्होंने कम आयु में असाधारण शोध उपलब्धियाँ हासिल की हों।
  • यह श्रेणी पूर्व में दिए जाने वाले शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की विरासत को आगे बढ़ाती है।

4. विज्ञान टीम (Vigyan Team)

  • उद्देश्य:
    तीन या अधिक वैज्ञानिकों की उस टीम को सम्मानित करना, जिन्होंने सामूहिक रूप से किसी अनुसंधान या नवाचार में अभूतपूर्व कार्य किया हो।
  • यह आधुनिक विज्ञान की बहु-विषयक और सहयोगात्मक प्रकृति को मान्यता देता है।

प्रमुख क्षेत्र (Fields) जिनमें पुरस्कार दिए जाते हैं

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार कुल 13 प्रमुख क्षेत्रों में प्रदान किए जाते हैं:

  1. भौतिकी (Physics)
  2. रसायन विज्ञान (Chemistry)
  3. जैविक विज्ञान (Biological Sciences)
  4. गणित और कंप्यूटर विज्ञान
  5. पृथ्वी विज्ञान
  6. चिकित्सा (Medicine)
  7. इंजीनियरिंग विज्ञान
  8. कृषि विज्ञान
  9. पर्यावरण विज्ञान
  10. प्रौद्योगिकी एवं नवाचार
  11. परमाणु ऊर्जा
  12. अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  13. अन्य (Others)

यह विविधता दर्शाती है कि भारतीय विज्ञान केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि अनुप्रयुक्त और समाधान-आधारित भी है।

नामांकन और चयन प्रक्रिया

नामांकन प्रक्रिया

  • नामांकन awards.gov.in (गृह मंत्रालय का पुरस्कार पोर्टल) के माध्यम से आमंत्रित किए जाते हैं।
  • स्वयं आवेदन और नामांकन—दोनों की सुविधा उपलब्ध है।

चयन समिति

  • चयन राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति (RVPC) द्वारा किया जाता है।
  • समिति की अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) करते हैं।
  • समिति में शामिल होते हैं—
    • विभिन्न वैज्ञानिक विभागों के सचिव
    • राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों के सदस्य
    • वरिष्ठ वैज्ञानिक और नीति विशेषज्ञ

पात्रता

  • भारतीय नागरिक
  • PIO/OCI वैज्ञानिक भी पात्र, यदि उनका योगदान भारत के वैज्ञानिक विकास से जुड़ा हो।

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 : विजेताओं की विस्तृत सूची

1. विज्ञान रत्न (Vigyan Ratna)

  • क्षेत्र: भौतिकी
  • सम्मानित वैज्ञानिक: प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर (मरणोपरांत)

प्रो. नार्लीकर भारतीय खगोल भौतिकी के स्तंभ माने जाते हैं। उनका योगदान ब्रह्मांड विज्ञान, विज्ञान लोकप्रियकरण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार में अमूल्य रहा है।

2. विज्ञान श्री (Vigyan Shri)

क्षेत्रविजेता
कृषि विज्ञानडॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह
परमाणु ऊर्जाडॉ. यूसुफ मोहम्मद शेख
जैविक विज्ञानडॉ. के. थंगराज
रसायन विज्ञानप्रो. प्रदीप थलप्पिल
इंजीनियरिंग विज्ञानप्रो. अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित
पर्यावरण विज्ञानडॉ. एस. वेंकट मोहन
गणित व कंप्यूटर विज्ञानप्रो. महान एम.जे.
अंतरिक्ष विज्ञान व प्रौद्योगिकीश्री जयन एन.

3. विज्ञान युवा – शांति स्वरूप भटनागर (Vigyan Yuva–SSB)

क्षेत्रविजेता
भौतिकीप्रो. अमित कुमार अग्रवाल, प्रो. सुरहुद श्रीकांत मोरे
कृषि विज्ञानडॉ. जगदीस गुप्ता कपुगंती, डॉ. सतेन्द्र कुमार मंगरौठिया
जैविक विज्ञानश्री देबार्का सेनगुप्ता, डॉ. दीपा अगाशे
रसायन विज्ञानडॉ. दिब्येंदु दास
पृथ्वी विज्ञानडॉ. वलीउर रहमान
इंजीनियरिंग विज्ञानप्रो. अर्कप्रवा बसु
गणित व कंप्यूटर विज्ञानप्रो. सब्यसाची मुखर्जी, प्रो. श्वेता प्रेम अग्रवाल
चिकित्साडॉ. सुरेश कुमार
अंतरिक्ष विज्ञानश्री अंकुर गर्ग
प्रौद्योगिकी एवं नवाचारप्रो. मोहanasankar शिवप्रकाशम

4. विज्ञान टीम (Vigyan Team)

  • क्षेत्र: कृषि विज्ञान
  • टीम: CSIR अरोमा मिशन टीम

इस टीम ने सुगंधित फसलों और आवश्यक तेलों के क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में उल्लेखनीय योगदान दिया।

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों का महत्व

  • वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय पहचान और प्रेरणा
  • भारत में अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा
  • युवा वैज्ञानिकों के लिए रोल मॉडल
  • विज्ञान को समाज और नीति से जोड़ने का माध्यम

निष्कर्ष

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 यह स्पष्ट करते हैं कि भारत न केवल विज्ञान का उपभोक्ता है, बल्कि वैश्विक ज्ञान सृजन में अग्रणी भागीदार भी है। इन पुरस्कारों के माध्यम से सरकार ने यह संदेश दिया है कि वैज्ञानिक अनुसंधान राष्ट्र की आत्मनिर्भरता, सुरक्षा और समृद्धि का आधार है।

आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार भारतीय वैज्ञानिकों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने और भारत को विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर अग्रसर करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।


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