भारत के जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र | संरक्षित जैवमंडल क्षेत्र

संरक्षित जैवमंडल या जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserve) ऐसे क्षेत्र हैं, जो भौगोलिक रूप से जीव जंतुओं के प्राकृतिक भू-भाग की रक्षा करते हैं। जीवमंडल अरक्षित क्षेत्र अकसर आर्थिक उपयोगों के लिए स्थापित बफर जोनों के साथ एक या एक से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य को संरक्षित रखने का काम करते हैं।

जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र किसे कहते हैं?

जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र यह वह क्षेत्र होता है, जिसमें जैव विविधता बनाए रखने के लिए पौधों, जीव-जंतुओ एंव सूक्ष्म जीवों को उनके प्राकृतिक परिवेश में संरक्षित करने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ ही इसमें जैव विविधता तथा परिस्थितिकी तंत्र के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने का प्रयास किया जाता है।

जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र न केवल वनस्पतियों और जीवों के लिए दिया जाता है, बल्कि इन क्षेत्रो में रहने वाले मानव समुदायों को भी दिया जाता है।

जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र का विभाजन

जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र को तीन क्षेत्रो में विभाजित किया जाता है, जिनके नाम निम्नलिखित हैं –

  1. कोर ज़ोन
  2. बफर ज़ोन
  3. संक्रमण ज़ोन

(1). कोर जोन

यह जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इसमें पर्यावरण दशाओं के पर्यवेक्षण एवं नियमित मोनिटीरिंग के अलावा किसी भी प्रकार की मानवीय गरीविधियों की स्वतंत्रता नहीं रहती है।

(2). बफर ज़ोन

यह कोर क्षेत्र के चारो और जैव मंडल का ऐसा क्षेत्र है जिसका सीमांकन तो अच्छी तरह से किया जाता है परंतु उपयोग ऐसे कार्यो के लिए किया जाता है जो पूर्णतः नियंत्रित एवं गैर विनाशकारी हो। जैसे – शोध कार्य, पर्यावरण शिक्षा तथा प्रशिक्षण, पर्यटन या प्रबंधन से संबधित कार्य आदि।

(3). संक्रमण जोन

संक्रमण जोन की सीमा सुरक्षित नहीं होती है। इस क्षेत्र का मुख्य कार्य विकासीय होता है। अर्थात संक्रमण जोन की प्रमुख भूमिका विकास कार्य से संबधित होती है। इस क्षेत्र के अंतर्गत बस्तिया, फसल भूमि, प्रबंधित जंगल, गहन मनोरंजन का क्षेत्र और अन्य आर्थिक उपयोग वाले क्षेत्र शामिल है।

जीवमंडल सीमांकित करने के मुख्य उद्देश्य

(1). जैव विविधता एवं सांस्कृतिक विविधता को सरंक्षण प्रदान करना।

(2). पारिस्थितिक तथा पर्यावरण के संबध में शोध कार्य को प्रोत्साहन देना।

(3). शिक्षा ट्रेनिंग तथा शोध कार्य की सुविधायें प्रदान करना।   

भारत के जीवमंडल आरक्षित क्षेत्रों की सूची

क्र. सं.जीवमंडल आरक्षित क्षेत्रवर्षराज्य
1नीलगिरी 1986तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक
2नंदादेवी1988उत्तराखंड
3नोकरेक1988मेघालय
4मानस1989असम
5सुंदरवन1989पश्चिम बंगाल
6मन्नार की खाड़ी1989तमिलनाडु तट
7बड़ा निकोबार1989अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
8सिमलीपाल1994ओड़ीशा
9डिब्रू सेखोवा1997अरुणाचल प्रदेश
10दिहांग दिबांग1998अरुणाचल प्रदेश
11पंचमढी1999मध्य प्रदेश
12कंचनजंगा2000सिक्किम
13अगश्यमलाई2001केरल
14आचानकमार अमरकंटक2005मध्य प्रदेश
15कच्छ2008गुजरात
16शीत मरुस्थल2009लाहुल-स्पीति और लद्दाख
17शेशाचलम2010आंध्र प्रदेश
18पन्ना2011मध्यप्रदेश  

यूनेस्को (UNESCO) के विश्व नेटवर्क में आरक्षित भारत के संरक्षित जैवमंडल क्षेत्र

भारत के 18 में से 12 जीवमंडल संरक्षित प्रदेश ‘वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फियर रिजर्व’ का भाग है जो यूनेस्को के मैन एंड बायोस्फेयर’ योजना पर आधारित है। इन 12 जीवमंडल संरक्षित क्षेत्र के नाम निम्नलिखित है-

क्र. सं.यूनेस्को में शामिल भारत के
जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र | संरक्षित जैवमंडल क्षेत्र
वर्ष
1नीलगिरी2000
2सुंदरवन2001
3मन्नार की खाड़ी2001
4नंदा देवी2004
5पंचमढी2009
6नोकरेक2009
7सिमलीपाल2009
8अचानकमार अमरकंटक2012
9ग्रेट निकोबार2013
10अगस्त्यमलाई2016
11कंचनजंगा2018
12पन्ना2020 

भारत के संरक्षित जैवमंडल क्षेत्र से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • विश्व में जैव आरक्षित क्षेत्र (संरक्षित जैवमंडल क्षेत्र) की शरूआत – 1971 (मानव एवं ज़ेव मंडल कार्यक्रम) यूनेस्को द्वारा
  • भारत में जैव आरक्षित क्षेत्र की शरूआत – राष्ट्रीय जीवमंडल रिजर्व कार्यक्रम (1986) द्वारा
  • भारत में कुल जैव आरक्षित क्षेत्र – 18
  • भारत के युनेस्को जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र – 12
  • भारत का पहला जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र – नीलगिरी (1986)
  • भारत का युनेस्को से संरक्षण प्राप्त पहला जैव जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र – नीलगिरी (2000)
  • भारत का सबसे बड़ा जैव जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र – कच्छ का रण (गुजरात) 12454 वर्ग किलोमीटर
  • भारत का सबसे छोटा जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र – डिब्रू-सेखोवा  

इन्हें भी देखें –

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