खांगचेंडजोंगा राष्ट्रीय उद्यान: प्राकृतिक वैभव और सांस्कृतिक अध्यात्म का अनूठा संगम

खांगचेंडजोंगा राष्ट्रीय उद्यान: प्राकृतिक वैभव और सांस्कृतिक अध्यात्म का अनूठा संगम

भारत के उत्तर-पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में स्थित सिक्किम का खांगचेंडजोंगा राष्ट्रीय उद्यान न केवल अपनी अद्भुत प्राकृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह क्षेत्र सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक परंपराओं और मानवीय सहभागी संरक्षण के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने अपने Global Review of … Read more

मेघालय की उमंगोट नदी: स्वच्छता की पहचान से प्रदूषण की चिंता तक

मेघालय की उमंगोट नदी: स्वच्छता की पहचान से प्रदूषण की चिंता तक

मेघालय की हरी-भरी पर्वत श्रृंखलाओं, घने वनों और शांत घाटियों के बीच बहने वाली उमंगोट नदी को लंबे समय से भारत की सबसे स्वच्छ नदी के रूप में जाना जाता रहा है। इसकी पारदर्शी जलधारा इतनी निर्मल मानी जाती है कि इसमें चलने वाली नावें मानो हवा में तैरती हुई प्रतीत होती हैं। डॉकी और … Read more

उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones): एक विनाशकारी प्राकृतिक घटना का वैज्ञानिक विश्लेषण

उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones): एक विनाशकारी प्राकृतिक घटना का वैज्ञानिक विश्लेषण

प्राकृतिक आपदाओं में से एक अत्यंत विनाशकारी, जटिल और वैज्ञानिक दृष्टि से रोचक घटना है — उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone)। इसे विश्व के विभिन्न भागों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है — अटलांटिक महासागर में यह “हुरिकेन” (Hurricane) कहलाता है, पश्चिमी प्रशांत महासागर में “टाइफून” (Typhoon) और हिन्द महासागर एवं दक्षिण प्रशांत महासागर में … Read more

माउंट फूजी (Mount Fuji): जापान का पवित्र ज्वालामुखी और आधुनिक आपदा तैयारी

माउंट फूजी (Mount Fuji): जापान का पवित्र ज्वालामुखी और आधुनिक आपदा तैयारी

जापान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, तकनीकी प्रगति और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस देश की पहचान को और अधिक विशेष बनाता है — माउंट फूजी (Mount Fuji)। यह पर्वत न केवल जापान का सबसे ऊँचा शिखर है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। माउंट फूजी एक … Read more

किलाउएआ ज्वालामुखी: दुनिया का सबसे सक्रिय शील्ड वोल्कैनो और उसका वैश्विक महत्व

किलाउएआ ज्वालामुखी: दुनिया का सबसे सक्रिय शील्ड वोल्कैनो और उसका वैश्विक महत्व

पृथ्वी की सतह निरंतर गतिशील है। इस गतिशीलता का सबसे प्रत्यक्ष और शक्तिशाली प्रमाण ज्वालामुखी विस्फोट होते हैं। जब पृथ्वी की गहराइयों में दबा हुआ मैग्मा सतह तक पहुँचकर लावा, गैस और राख के रूप में बाहर निकलता है, तो वह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाता है। विश्व में अनेक ज्वालामुखी हैं, … Read more

शिपकी ला दर्रा: भारत-चीन व्यापार और सामरिक महत्व का द्वार

शिपकी ला दर्रा: भारत-चीन व्यापार और सामरिक महत्व का द्वार

भारत और चीन के बीच हिमालयी सीमा सदियों से सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र रही है। प्राचीन काल से ही तिब्बत और भारत के बीच ऊँचे पर्वतीय दर्रों से होकर वस्त्र, ऊन, नमक, मसाले, अनाज और धार्मिक वस्तुओं का आदान–प्रदान होता आया है। इन्हीं दर्रों में से एक है शिपकी ला दर्रा (Shipki … Read more

डायनासोर : प्रागैतिहासिक काल के रहस्यमयी दिग्गज

डायनासोर : प्रागैतिहासिक काल के रहस्यमयी दिग्गज

राजस्थान के जैसलमेर जिले में हाल ही में तालाब की खुदाई के दौरान मिले जीवाश्मकृत अवशेषों ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की जिज्ञासा को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये संरचनाएँ संभवतः प्रागैतिहासिक डायनासोर युग से जुड़ी हो सकती हैं। डायनासोर, जो लगभग 245 मिलियन वर्ष पूर्व प्रकट हुए और करीब 66 मिलियन … Read more

खारे पानी के मगरमच्छ | Saltwater Crocodiles

खारे पानी के मगरमच्छ (Saltwater Crocodiles)

हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट “Population Assessment and Habitat Ecology Study of Saltwater Crocodiles in Sundarbans 2025” ने सुर्खियाँ बटोरी हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि सुंदरबन बायोस्फियर रिजर्व (SBR) में खारे पानी के मगरमच्छों (Crocodylus Porosus) की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है। यह न केवल संरक्षण प्रयासों की सफलता को … Read more

मन्नार की खाड़ी में प्रवालों का पुनरुद्धार : समुद्री जैव-विविधता का पुनर्जीवन

मन्नार की खाड़ी में प्रवालों का पुनरुद्धार (Coral restoration in Gulf of Mannar)

पृथ्वी के महासागर जीवन और जैव-विविधता की अनुपम धरोहर हैं। इनमें से प्रवाल भित्तियाँ (Coral Reefs) विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें अक्सर “समुद्र के वर्षावन” (Rainforests of the Sea) कहा जाता है। इन भित्तियों का निर्माण प्रवाल नामक सूक्ष्म अकशेरुकी जीवों द्वारा किया जाता है, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में खाद्य शृंखला, तटीय सुरक्षा … Read more

हिमनद अपरदन: पृथ्वी की सतह को गढ़ने वाली अदृश्य शक्ति

हिमनद अपरदन (Glacial Erosion)

पृथ्वी की सतह लगातार परिवर्तित होती रहती है। यह परिवर्तन कभी धीमे, तो कभी तेज़ रूप में घटित होता है। भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, बाढ़ या तूफान जैसे तात्कालिक प्राकृतिक आपदाएँ कुछ घंटों या दिनों में भूमि के स्वरूप को बदल सकती हैं, लेकिन कुछ प्रक्रियाएँ बेहद धीमी गति से कार्य करती हैं और लाखों वर्षों … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.