बायोचार (Biochar): कार्बन न्यूनीकरण और सतत कृषि का भविष्य

बायोचार (Biochar)

दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन की चुनौती लगातार गंभीर होती जा रही है। बढ़ते औद्योगीकरण, शहरीकरण और ऊर्जा उपभोग के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और अन्य ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे वैश्विक तापमान में वृद्धि और पर्यावरणीय असंतुलन जैसी समस्याएँ पैदा हो रही हैं।भारत सरकार 2026 से कार्बन … Read more

किलीमंजारो पर्वत और अरुणाचल के कबाक यानो की ऐतिहासिक उपलब्धि

किलीमंजारो पर्वत (Mount Kilimanjaro)

किलीमंजारो पर्वत (Mount Kilimanjaro) अफ्रीका का सबसे ऊँचा शिखर है, जिसकी ऊँचाई लगभग 5,895 मीटर है और यह तंज़ानिया के पूर्वी अफ्रीका में स्थित है। इसे विश्व का सबसे बड़ा फ्री-स्टैंडिंग पर्वत भी कहा जाता है, क्योंकि यह किसी पर्वत श्रृंखला का हिस्सा नहीं है। यह स्ट्रेटोवोल्केनो तीन ज्वालामुखीय शिखरों—किबो (सुप्त), मावेंज़ी और शीरा (विलुप्त)—से … Read more

अमेज़न वर्षावन: धरती के फेफड़ों का संकट और संरक्षण की राह

अमेज़न वर्षावन

धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिए जो चीज़ें सबसे आवश्यक हैं, उनमें से एक है शुद्ध वायु। इस शुद्ध वायु को बनाए रखने में वनों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। और जब वनों की बात होती है, तो विश्व का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वर्षावन — अमेज़न वर्षावन (Amazon Rainforest) — अपनी विशालता और जैव … Read more

आयुष्मान भारत 2025: 70+ वरिष्ठ नागरिकों को ₹5 लाख मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) 2025

महात्मा गांधी की साबरमती आश्रम की उस भावना से प्रेरित, कि “स्वस्थ व्यक्ति ही वास्तव में स्वतंत्र होता है”, भारत सरकार ने 23 सितंबर 2018 को झारखंड के राँची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM‑JAY) की शुरुआत की। इस योजना के तहत अब 70 वर्ष और उससे अधिक … Read more

विश्व मैंग्रोव दिवस: प्रकृति के तटीय संरक्षकों का संरक्षण और भविष्य की दिशा

विश्व मैंग्रोव दिवस: प्रकृति के तटीय संरक्षकों का संरक्षण और भविष्य की दिशा

हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व मैंग्रोव दिवस न केवल एक पर्यावरणीय आयोजन है, बल्कि यह एक वैश्विक आह्वान भी है—एक ऐसा आह्वान जो हमें याद दिलाता है कि प्रकृति के यह मौन रक्षक, मैंग्रोव, आज खतरे में हैं। यह दिन 2015 में यूनेस्को द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त हुआ था … Read more

बम्बुसा टुल्डा: भारत का हरित भविष्य और बहुपयोगी बाँस

बम्बुसा टुल्डा: भारत का हरित भविष्य और बहुपयोगी बाँस

पर्यावरणीय संकट और टिकाऊ विकास की दिशा में दुनिया जब तेजी से वैकल्पिक समाधान खोज रही है, ऐसे समय में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं का एक नवीन शोध भारत की जैविक विविधता और परंपरागत संसाधनों की शक्ति को पुनः रेखांकित करता है। उन्होंने बम्बुसा टुल्डा (Bambusa tulda) नामक एक तेजी से बढ़ने … Read more

चोल गंगम झील: इतिहास से भविष्य तक की यात्रा

चोल गंगम झील: इतिहास से भविष्य तक की यात्रा

भारत की ऐतिहासिक धरोहरें न केवल उसकी गौरवशाली संस्कृति की पहचान हैं, बल्कि वे प्राचीन विज्ञान, वास्तुकला और प्रबंधन प्रणाली की मिसाल भी पेश करती हैं। दक्षिण भारत के इतिहास में चोल वंश का योगदान अत्यंत गौरवशाली रहा है, जिन्होंने न केवल राजनीतिक दृष्टि से साम्राज्य विस्तार किया, बल्कि जल संसाधनों, मंदिरों और नगर नियोजन … Read more

हाटी जनजाति: परंपरा, पहचान और कानूनी विमर्श का समावेशी विश्लेषण

हाटी जनजाति: परंपरा, पहचान और कानूनी विमर्श का समावेशी विश्लेषण

भारतीय उपमहाद्वीप की जनजातीय विविधता में हिमालयी क्षेत्र एक अद्भुत सामाजिक-सांस्कृतिक प्रयोगशाला के रूप में जाना जाता है। इसी सांस्कृतिक परिदृश्य में “हाटी जनजाति” (Haati Tribe) का नाम विशेष महत्व रखता है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के ट्रांस-गिरी क्षेत्र से सामने आई एक बहुपति विवाह (Polyandrous Marriage) की घटना ने इस जनजाति की पारंपरिक … Read more

सोकोट्रा द्वीप (Socotra Island): एक अद्भुत प्राकृतिक धरोहर

सोकोट्रा द्वीप (Socotra Island): एक अद्भुत प्राकृतिक धरोहर

हिंद महासागर में स्थित सोकोट्रा द्वीप एक ऐसा द्वीपसमूह है, जो अपनी अनूठी पारिस्थितिकी, जैव विविधता और भौगोलिक विशेषताओं के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह द्वीपसमूह हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की फील्ड टीमों द्वारा किए गए स्वास्थ्य मूल्यांकन के कारण भी चर्चा में है। यमन के … Read more

पृथ्वी का घूर्णन (Spinning of Earth): एक वैज्ञानिक विश्लेष

पृथ्वी का घूर्णन (Spinning of Earth): एक वैज्ञानिक विश्लेष

पृथ्वी का घूर्णन (Rotation of Earth) एक अत्यंत जटिल, लेकिन हमारे दैनिक जीवन का स्वाभाविक हिस्सा बन चुकी खगोलीय प्रक्रिया है। पृथ्वी निरंतर एक काल्पनिक अक्ष (Axis) पर घूमती रहती है, जो उत्तरी ध्रुव, पृथ्वी के केंद्र और दक्षिणी ध्रुव से होकर गुजरती है। इसी घूर्णन के कारण पृथ्वी पर दिन और रात का चक्र … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.