ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी | 1600 ई. – 1858 ई.

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी (1600 - 1858)

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी, भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण चरण का हिस्सा थी। इस कम्पनी का उद्देश्य था भारतीय व्यापार की धारा पर नियंत्रण स्थापित करना, और इसके पास भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के आदिकाल से अंतिमकाल तक शासन और धन का अधिकार रहा। इसका असर भारतीय समाज, राजनीति, और व्यापार पर हुआ, जिसका इतिहास … Read more

भारत का विभाजन | 1947

भारत का विभाजन (1947)

भारत का विभाजन माउण्टबेटन योजना के आधार पर निर्मित भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के आधार पर किया गया। इस अधिनियम में कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को भारत व पाकिस्तान अधिराज्य नामक दो स्वायत्त्योपनिवेश बना दिए जायेंगें। एवं इसके बाद ब्रिटिश सरकार सत्ता सौंप देगी। स्वतंत्रता के साथ ही 14 अगस्त को पाकिस्तान अधिराज्य (बाद में जम्हूरिया ए पाकिस्तान) और 15 अगस्त को संघ (बाद में भारत गणराज्य) की संस्थापना की … Read more

वास्कोडिगामा |1469ई.-1524ई.

वास्कोडिगामा - एक समुद्री यात्री

वास्कोडिगामा का जन्म 1469 ई. में पुर्तगाल के साइनस शहर में हुआ था। हलाकि इसके जन्म के बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिल पाता है। कई इतिहासकारों के मध्य इसके जन्म के समय को लेकर मतभेद है। बहुत से इतिहासकार वास्कोडिगामा का जन्म 1460 से 1469 ई. के मध्य मानते है । उसके पिता … Read more

महाराजा विक्रमादित्य | एक महान सम्राट का गौरवमयी इतिहास | 101ई.पू.-19ईस्वी

महाराजा विक्रमादित्य

भविष्यत् पुराण की मान्यताओं के आधार पर भगवान शिव ने विक्रमादित्य को पृथ्वी पर भेजा था। तथा देवी पार्वती ने बेताल को उनकी रक्षा करने और सलाहकार के रूप में भेजा।

महान सम्राट समुद्रगुप्त | 335 ईस्वी-380 ईस्वी

महान सम्राट समुद्रगुप्त | 335 ईस्वी-380 ईस्वी

सदियों से हिंदुस्तान की पवित्र मिट्टी पर कई राजवंशों ने शासन किया है। कभी बाहर से आए राजवंशों ने भारत में अपना अधिपत्य जमाया, तो कई यहां के मूल राजवंशों ने अपना राज्य विस्तार करके समय-समय पर कई परिवर्तन लाए। सबसे मजबूत राजवंशों में से एक गुप्त वंश के सबसे तेजस्वी राजा समुद्रगुप्त ने हिंदुस्तान में स्वर्ण … Read more

चन्द्रगुप्त प्रथम: एक प्रशस्त शासक | 320-335 ईस्वी

चन्द्रगुप्त प्रथम: एक प्रशस्त शासक | 320-350 ई.

चन्द्रगुप्त प्रथम गुप्त साम्राज्य के तीसरे राजा थे। इनको महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है। इन्होने गुप्त साम्राज्य की शुरुआत 319 से 320 ई. के आसपास की थी।

गुप्त साम्राज्य Gupta Empire | 240 ईस्वी – 550 ईस्वी

गुप्त साम्राज्य

गुप्त साम्राज्य ने तीसरी शताब्दी के मध्य से 550 ई. तक उत्तर-पूर्वी भारत में मगध राज्य पर शासन किया। 5वीं शताब्दी के संस्कृत कवि कालिदास ने गुप्तों को भारत के बाहर और अंदर परासिक, हूण, कम्बोज और अन्य सहित लगभग 21 राज्यों पर विजय प्राप्त करने का श्रेय दिया। मौर्य वंश के पतन के बाद … Read more

सातवाहन वंश | SATVAHAN DYNASTY | 60 ईसा पूर्व – 240 ईस्वी

सातवाहन वंश

सातवाहन वंश 60 ई.पू. से 240 ई. तक केन्द्रीय दक्षिण भारत पर शासन करने वाला एक प्राचीन राजवंश था। भारतीय इतिहास में यह राजवंश आन्ध्र वंश के नाम से भी विख्यात है।

कण्व वंश | Kanva Vansh | 73-28 ईसा पूर्व

कण्व वंश (साम्राज्य)

कण्व वंश भारत के अतिप्राचीन राजवंशों में शामिल हैं। इस वंश ने मगध पर राज्य किया था। कण्व वंश की स्थापना वासुदेव ने की थी, वासुदेव को ही कण्व वंश का संस्थापक माना जाता हैं। शुंग वंश की समाप्ति के बाद कण्व वंश का उदय हुआ। शुंग वंश के अन्तिम शासक देवभूति के मन्त्रि वासुदेव ने उसकी हत्या कर सत्ता … Read more

शुंग वंश | ब्राह्मण राजवंश | Sunga Dynasty | 185-73 ई.पू.

शुंग वंश

शुंग वंश की स्थापना पुष्यमित्र ने किया था इस वंश को ब्राह्मण वंश के नाम से भी जाना जाता है।

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.