मगध महाजनपद | Magadha Mahajanpadas | 544-322 ई. पू.

मगध महाजनपद

मगध महाजनपद दक्षिण बिहार के वर्तमान  पटना व गया जिले में  स्थित था। मगध महाजनपद सभी 16 महाजनपदों में सबसे शक्तिशाली जनपद के रूप में उभरा। मगध धीरे धीरे अन्य सभी राज्यों को स्वंय में समाहित कर भारत का प्रथम साम्राज्य बना। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है । इससे पता चलता है … Read more

जनपद एवं महाजनपद | Janpadas and Mahajanapadas | 600-325 ई. पू.

जनपद और महाजनपद

जनपद एवं महाजनपद की शुरुआत वैदिक सभ्यता के पश्चात छठी शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग हो चुकी थी। वैदिक सभ्यता के पश्चात छठी शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग लोग छोटे-छोटे समूहों में नदियों के किनारे बसने लगे थे, इन स्थानों को ‘जनपद’ कहा जाता था। ये लोग ‘आर्य’ कहलाते थे। आर्य का शाब्दिक अर्थ ‘श्रेष्ठ’ होता है। आर्य जातियों के परस्पर … Read more

धार्मिक आन्दोलन | Religious Movements | 600 ईसा पूर्व

धार्मिक आन्दोलन Religious Movements

धार्मिक आन्दोलन (Religious Movements) के छठी शताब्दी ईसा पूर्व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक आंदोलनों का गवाह बना। इओनिया द्वीप में हेराक्लिटस, फारस में जोरोस्टर और चीन में कन्फ्यूशियस ने नए सिद्धांतों का प्रचार किया। भारत में भी, नए विचारों का उथल पुथल हुआ, जिससे नए दार्शनिक सिद्धांतों और धार्मिक संप्रदायों का उदय हुआ।

उत्तर वैदिक काल | 1000-500 | ई.पू. The Post Vedic Age

उत्तर वैदिक काल (1000-500) ई.पू. Post Vedic Age

उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 600 ई. पू. तक माना जाता हैं। कही-कही उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 500 ई. पू. तक माना गया हैं।

पूर्व वैदिक अथवा ऋग्वेदिक काल | The Early Vedic Age |1500-1000 ई.पू.

पूर्व वैदिक अथवा ऋग्वेदिक काल | The Early Vedic Age |1500-1000 ई.पू.

पूर्व वैदिक काल वैदिक काल के शुरुआत के समय को कहते है। वैदिक संस्कृति का एकमात्र स्रोत वैदिक साहित्य है। इनमें चार वेद (संहिता भी कहे जाते हैं), ऋग्वेद, साम-वेद, यजुर-वेद और अथर्व-वेद हैं; ब्राह्मण, अरण्यक और उपनिषद। ऋग्वेद सबसे प्राचीनतम वेद होने के कारण इस समय को ऋग्वेद काल भी कहते हैं। ऋग्वेद भजन … Read more

पाषाण काल STONE AGE | 2,500,000 ई.पू.- 1,000 ईसा पूर्व

पाषाण काल

पाषाण काल के रूप में उस काल को परिभाषित किया गया है, जब प्रागैतिहासिक मनुष्य अपने जीवन यापन के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे । मनुष्य के जन्म के बाद से हुए विकास को अलग अलग कालो में बांटा गया है।

कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी | 1316-1320 ई.

कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी | 1316-1320 ई.

दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का शासक कुतुबुद्दीन मुुुबारक खिलजी ने सन 1316 ई. से 1320 ई. तक दिल्ली में शासन किया। कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी के विश्वास-पात्र वजीर और समलैंगिक साथी खुसरो खां ने 9 जुलाई,1320 ई. को सुल्तान कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी की हत्या करके सिंहासन पर अपना अधिकार कर लिया। कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी का संक्षिप्त … Read more

अलाउद्दीन खिलजी | ALAUDDIN KHILJI |1296-1316

अलाउद्दीन खिलजी

अलाउद्दीन खिलजी को “सुल्तान-ए-आजम” कहा जाता था, जो उनके अद्वितीय शासन और शक्ति को दर्शाता है। अलाउद्दीन खिलजी ने 1296 से 1316 तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया और अपने समय में सबसे प्रभावशाली सुल्तानों में से एक के रूप में जाना जाता था। उनकी सैन्य शक्ति, प्रशासनिक सुधार और आर्थिक नीतियाँ उनकी प्रमुखता को … Read more

जलालुद्दीन फिरोज खिलजी | JALALUDDIN FIROJ KHILJI |1290-1296 ई.

जलालुद्दीन फिरोज खिलजी

जलालुद्दीन फिरोज खिलजी, खिलजी वंश का संस्थापक था, जिसने 1290 ई. से 1296 ई. तक छह वर्षों तक दिल्ली सल्तनत के अंतर्गत खिलजी वंश के पहले सुल्तान के रूप में शासन किया। जलालुद्दीन फिरोज खिलजी प्रारंभ में गुलाम वंश के सुल्तान कैकुबाद का सेनापति था। कैकुबाद के लकवाग्रस्त हो जाने के बाद शासन कर पाने … Read more

कैकुबाद अथवा कैकोबाद (1287-1290 ई.) और शमसुद्दीन क्युमर्स

कैकुबाद अथवा कैकोबाद (1287-1290 ई.) और शमसुद्दीन क्युमर्स

कैकुबाद सुल्तान बलबन का पौत्र और उसके पुत्र बुगरा खां का लड़का था। कैकुबाद को कैकोबाद नाम से भी जाना जाता है। कैकुबाद 17-18 वर्ष की अवस्था में दिल्ली की गद्दी पर बैठा था। बलबन ने अपनी मृत्यु के पूर्व कैख़ुसरो को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। परन्तु दिल्ली के कोतवाल फ़ख़रुद्दीन मुहम्मद ने बलबन की मृत्यु के … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.