उत्तर वैदिक काल | 1000-500 | ई.पू. The Post Vedic Age
उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 600 ई. पू. तक माना जाता हैं। कही-कही उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 500 ई. पू. तक माना गया हैं।
उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 600 ई. पू. तक माना जाता हैं। कही-कही उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 500 ई. पू. तक माना गया हैं।
पूर्व वैदिक काल वैदिक काल के शुरुआत के समय को कहते है। वैदिक संस्कृति का एकमात्र स्रोत वैदिक साहित्य है। इनमें चार वेद (संहिता भी कहे जाते हैं), ऋग्वेद, साम-वेद, यजुर-वेद और अथर्व-वेद हैं; ब्राह्मण, अरण्यक और उपनिषद। ऋग्वेद सबसे प्राचीनतम वेद होने के कारण इस समय को ऋग्वेद काल भी कहते हैं। ऋग्वेद भजन … Read more
पाषाण काल के रूप में उस काल को परिभाषित किया गया है, जब प्रागैतिहासिक मनुष्य अपने जीवन यापन के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे । मनुष्य के जन्म के बाद से हुए विकास को अलग अलग कालो में बांटा गया है।
दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का शासक कुतुबुद्दीन मुुुबारक खिलजी ने सन 1316 ई. से 1320 ई. तक दिल्ली में शासन किया। कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी के विश्वास-पात्र वजीर और समलैंगिक साथी खुसरो खां ने 9 जुलाई,1320 ई. को सुल्तान कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी की हत्या करके सिंहासन पर अपना अधिकार कर लिया। कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी का संक्षिप्त … Read more
अलाउद्दीन खिलजी को “सुल्तान-ए-आजम” कहा जाता था, जो उनके अद्वितीय शासन और शक्ति को दर्शाता है। अलाउद्दीन खिलजी ने 1296 से 1316 तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया और अपने समय में सबसे प्रभावशाली सुल्तानों में से एक के रूप में जाना जाता था। उनकी सैन्य शक्ति, प्रशासनिक सुधार और आर्थिक नीतियाँ उनकी प्रमुखता को … Read more
जलालुद्दीन फिरोज खिलजी, खिलजी वंश का संस्थापक था, जिसने 1290 ई. से 1296 ई. तक छह वर्षों तक दिल्ली सल्तनत के अंतर्गत खिलजी वंश के पहले सुल्तान के रूप में शासन किया। जलालुद्दीन फिरोज खिलजी प्रारंभ में गुलाम वंश के सुल्तान कैकुबाद का सेनापति था। कैकुबाद के लकवाग्रस्त हो जाने के बाद शासन कर पाने … Read more
कैकुबाद सुल्तान बलबन का पौत्र और उसके पुत्र बुगरा खां का लड़का था। कैकुबाद को कैकोबाद नाम से भी जाना जाता है। कैकुबाद 17-18 वर्ष की अवस्था में दिल्ली की गद्दी पर बैठा था। बलबन ने अपनी मृत्यु के पूर्व कैख़ुसरो को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। परन्तु दिल्ली के कोतवाल फ़ख़रुद्दीन मुहम्मद ने बलबन की मृत्यु के … Read more
गयासुद्दीन बलबन का वास्तविक नाम बहाउद्दीन था, जो मध्य एशिया के एक सम्पन्न इलाबरी जन जाति के तुर्क परिवार से था। इसके पिता इलबारी जनजाति के कबीले के तुर्क सरदार थे। गयासुद्दीन बलबन गुलाम वंश का नौवां सुल्तान था। गयासुद्दीन बलबन ने गुलाम वंश के अंतर्गत एक नए राजवंश, “बलबनी राजवंश” की स्थापना की। बलबन मूलतः … Read more
अलाउद्दीन मसूदशाह इल्तुतमिश का पौत्र और मुइज़ुद्दीन बहरामशाह का पुत्र था, जो दिल्ली सल्तनत का सातवां सुल्तान बना। यह भी गुलाम वंश से था। इसने 1242-1246 ई. तक दिल्ली सल्तनत में राज्य किया। इसके समय में शासन पर तुर्कान -ए-चहलगानी का नियंत्रण था। वर्षों से चली आ रही अव्यवस्था के बाद 1242 ई. में सेना द्वारा उसके पिता सुल्तान … Read more
मुईज़ुद्दीन बहराम शाह एक मुस्लिम तुर्की शासक था, जो दिल्ली सल्तनत का छठा सुल्तान बना। वह गुलाम वंश से था। मुईजुद्दीन बहराम शाह इल्तुतमिश का पुत्र एवं रज़िया सुल्तान का भाई था। इसका शासन काल मई 1240 – 15 मई 1242 तक रहा। अपने छोटे से शासन काल के दौरान मुईजुद्दीन बहराम शाह संघर्ष ही करता रहा। अपने पिता इल्तुतमिश द्वारा बनाये … Read more