उपनिवेशवाद | Colonialism | 15वीं – 20वीं शताब्दी ई.

उपनिवेशवाद Colonialism

उपनिवेशवाद (सुप्राण) एक दार्शनिक सिद्धान्त है जो मानव जीवन को एक आध्यात्मिक और भौतिक मानवीय वास्तविकता के संघटकों के रूप में समझता है।

क्रिस्टोफर कोलंबस | Christopher Columbus | 1451-1506

Columbus

क्रिस्टोफर कोलंबस इटली का समुद्री यात्री, खोजकर्ता, और अनुसंधानकर्ता थे, जिन्होंने 15वीं सदी में नवभारतीय सागर के पार जाकर नए महाद्वीप, अमेरिका की खोज की।

अमेरिका की खोज | 1492 ई.

अमेरिका की खोज | 1492 ई.

अमेरिका की खोज का श्रेय विश्वविद्यालय शिक्षा, खोजों और खुदरा व्यापार की मांग, और भूमि की खोज और आकलन करने वाले महान प्रयासों को जाता है।

लौह युग | Iron Age | 1200 ईसा पूर्व-600 ईसा पूर्व

लौह युग

लौह युग (Iron Age) भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण कालांतर है। यह उन समयों को दर्शाता है जब लौह (आयरन) का उपयोग समाज में प्रमुख हो गया था।

कांस्य युग | Bronze Age | 3300 ई.पू.-500 ई.पू.

कांस्य युग (Bronze Age)

कांस्य युग एक प्राकृतिक इतिहास का काल है जो प्रथम धातुओं का उपयोग करके उत्पन्न हुआ। कांस्य युग का आरंभ सामरिक और प्रौद्योगिकी विकास के साथ जुड़ा हुआ है।

कर्नाटक युद्ध | 1744 ई.–1763 ई.

कर्नाटक का युद्ध

कर्नाटक युद्ध भारत में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच अट्ठारहवी शताब्दी के मध्य में अपने आप को ज्यादा ताकतवर राष्ट्र बताने की एक होड़ लग गई। दोनों राष्ट्रों के बीच अपना वर्चस्व साबित करने की इस होड़ ने एक युद्ध का रूप ले लिया। इस युद्ध को कर्नाटक का युद्ध के नाम से जाना गया। इस युद्ध … Read more

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिनियम | 1773-1945

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिनियम

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी अधिनियम के माध्यम से, ब्रिटिश सरकार की संसद ने कई महत्वपूर्ण, आर्थिक और प्रशासनिक सुधार स्थापित किए। इस अधिनियम ने ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश क्राउन के शासन को औपचारिक रूप से भारत को लाया। इसने भारत में केंद्रीय प्रशासन की नींव रखी। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिनियम … Read more

आंग्ल-मराठा युद्ध | 1775 ई. -1818 ई.

आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-1818ई.)

भारत के इतिहास में तीन बार आंग्ल-मराठा युद्ध हुए हैं। ये तीनों युद्ध 1775 ई. से 1818 ई. तक चले। ये युद्ध ब्रिटिश सेनाओं और ‘मराठा महासंघ’ के बीच हुए थे। इन युद्धों का परिणाम यह हुआ कि मराठा महासंघ का पूरी तरह से विनाश हो गया। मराठों में पहले से ही आपस में काफ़ी भेदभाव थे, … Read more

शेरशाह सूरी | 1485 ई.- 1545 ई.

शेरशाह सूरी

शेरशाह सूरी सूर राजवंश की नींव रखने वाले एक ऐसे शासक थे, जिनकी बहादुरी औऱ साहस के किस्से भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गए हैं। अपनी वीरता के बल पर शेर शाह सूरी दिल्ली के गद्दी पर बैठा और दिल्ली को उसने अपनी राजधानी बनाया। साल 1540 में शेरशाह ने मुगल साम्राज्य पर शासन किया … Read more

महाराणा प्रताप | 1540 ई.-1597 ई.

Maharana Pratap

महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में हमेशा उनकी वीरता और दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए लिया जाता रहेगा। महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह अत्यंत पराक्रमी और एक शूरवीर योद्धा थे, जिन्होंने आखिरी दम तक मुगलों के साथ संघर्ष किया और कभी भी हार नहीं मानी। वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर ‘मेवाड़-मुकुट मणि’ राणा … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.