अमेरिका की खोज | 1492 ई.
अमेरिका की खोज का श्रेय विश्वविद्यालय शिक्षा, खोजों और खुदरा व्यापार की मांग, और भूमि की खोज और आकलन करने वाले महान प्रयासों को जाता है।
अमेरिका की खोज का श्रेय विश्वविद्यालय शिक्षा, खोजों और खुदरा व्यापार की मांग, और भूमि की खोज और आकलन करने वाले महान प्रयासों को जाता है।
लौह युग (Iron Age) भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण कालांतर है। यह उन समयों को दर्शाता है जब लौह (आयरन) का उपयोग समाज में प्रमुख हो गया था।
कांस्य युग एक प्राकृतिक इतिहास का काल है जो प्रथम धातुओं का उपयोग करके उत्पन्न हुआ। कांस्य युग का आरंभ सामरिक और प्रौद्योगिकी विकास के साथ जुड़ा हुआ है।
कर्नाटक युद्ध भारत में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच अट्ठारहवी शताब्दी के मध्य में अपने आप को ज्यादा ताकतवर राष्ट्र बताने की एक होड़ लग गई। दोनों राष्ट्रों के बीच अपना वर्चस्व साबित करने की इस होड़ ने एक युद्ध का रूप ले लिया। इस युद्ध को कर्नाटक का युद्ध के नाम से जाना गया। इस युद्ध … Read more
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी अधिनियम के माध्यम से, ब्रिटिश सरकार की संसद ने कई महत्वपूर्ण, आर्थिक और प्रशासनिक सुधार स्थापित किए। इस अधिनियम ने ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से ब्रिटिश क्राउन के शासन को औपचारिक रूप से भारत को लाया। इसने भारत में केंद्रीय प्रशासन की नींव रखी। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिनियम … Read more
भारत के इतिहास में तीन बार आंग्ल-मराठा युद्ध हुए हैं। ये तीनों युद्ध 1775 ई. से 1818 ई. तक चले। ये युद्ध ब्रिटिश सेनाओं और ‘मराठा महासंघ’ के बीच हुए थे। इन युद्धों का परिणाम यह हुआ कि मराठा महासंघ का पूरी तरह से विनाश हो गया। मराठों में पहले से ही आपस में काफ़ी भेदभाव थे, … Read more
शेरशाह सूरी सूर राजवंश की नींव रखने वाले एक ऐसे शासक थे, जिनकी बहादुरी औऱ साहस के किस्से भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गए हैं। अपनी वीरता के बल पर शेर शाह सूरी दिल्ली के गद्दी पर बैठा और दिल्ली को उसने अपनी राजधानी बनाया। साल 1540 में शेरशाह ने मुगल साम्राज्य पर शासन किया … Read more
महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में हमेशा उनकी वीरता और दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए लिया जाता रहेगा। महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह अत्यंत पराक्रमी और एक शूरवीर योद्धा थे, जिन्होंने आखिरी दम तक मुगलों के साथ संघर्ष किया और कभी भी हार नहीं मानी। वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर ‘मेवाड़-मुकुट मणि’ राणा … Read more
तैमूर लंग अथवा तैमूर (1336 ई. – 1405 ई.) चौदहवीं शताब्दी का एक शासक था, जिसने महान् तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। ‘तैमूर’ का शुद्ध शब्द ‘तिमुर’ है, जिसका अरबी भाषा में अर्थ है लोहा। तैमूर 1369 ई. में समरकंद के शासक के रूप में अपने पिता के सिंहासन पर बैठा और इसके बाद ही विश्व-विजय के लिए निकल पड़ा मेसोपोटामिया, फ़ारस और अफ़ग़ानिस्तान को … Read more
खिज्र खां सैयद वंश का संस्थापक था। ख़िज़्र ख़ाँ ने 1414 ई. में दिल्ली की राजगद्दी पर अधिकार कर लिया। ख़िज़्र ख़ाँ ने सुल्तान की उपाधि न धारण कर अपने को ‘रैयत-ए-आला’ की उपाधि से ही खुश रखा। खिज्र खान का संक्षिप्त परिचय दिल्ली के 25वें सुल्तान – खिज्र खान शासन 28 मई 1414 – 20 मई 1421 राज्याभिषेक 28 … Read more