औरंगजेब | 1606 ई. – 1707 ई.

औरंगजेब | 1606 ई. - 1707 ई.

औरंगजेब अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवन काल में उसने दक्षिण भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया, पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर था।

चालुक्य वंश | 6वीं शताब्दी – 12हवीं शताब्दी

चालुक्य वंश | 6वीं शताब्दी - 12हवीं शताब्दी

चालुक्य वंश की उत्पत्ति एक अत्यंत ही विवादास्पद विषय है। वराहमिहिर की ‘बृहत्संहिता’ में इन्हें ‘शूलिक’ जाति का माना गया है। जबकि पृथ्वीराजरासो में इनकी उत्पति आबू पर्वत पर किये गये यज्ञ के अग्निकुण्ड से बतायी जाती है। ‘विक्रमांकदेवचरित’ में इस वंश की उत्पत्ति भगवान ब्रह्म के चुलुक से बताई जाती है। इतिहासकार ‘विन्सेण्ट ए. स्मिथ’ इन्हें विदेशी मानते हैं। ‘एफ. फ्लीट’ … Read more

जहाँगीर | 1569 ई.-1627 ई.

जहाँगीर

जहाँगीर महान मुग़ल बादशाह अकबर का पुत्र था। अकबर के तीन पुत्र थे, जिनका नाम था सलीम (जहाँगीर), मुराद और दानियाल। मुराद और दानियाल की अत्यधिक शराब पीने कि वजह से उनके पिता अकबर के जीवन काल में ही मृत्यु हो चुकी थी। और फिर बाद में अकबर कि मृत्यु होने के बाद, सलीम अकबर की मृत्यु पर ‘नूरुद्दीन मोहम्मद … Read more

मुमताज महल | 1593 ई. – 1631 ई.

मुमताज महल (1593-1631)

मुमताज महल अपने अत्याधिक आर्कषक और सुंदर रुप के लिए मशहूर थी। मुगल शासक शाहजहां की सबसे पसंदीदा और प्रिय बेगम थी। मुमताज महल को उत्तप्रदेश के आगरा में बने दुनिया के सात आश्चयों में से एक ताजमहल के लिए याद किया जाता है। मुमताज के सुंदरता से प्रभावित होकर ही शाहजहां उन पर मोहित … Read more

इसरो | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन | 1969 – Present

इसरो | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन | 1969 - Present

भारतीय विज्ञान की सबसे बड़ी जीत इसरो, जिसका संक्षिप्त रूप में अर्थ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है। इसरो भारत की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी है जो राष्ट्रीय अंतरिक्ष संसाधनों की देखरेख और उनके रखरखाव का ध्यान रखती हैं, साथ ही नई-नई और बड़ी खोज से भारत का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में … Read more

शाहजहाँ |1592 ई. – 1666 ई.

शाहजहाँ |1592 ई. - 1666 ई.

मुगल वंश के पांचवें और लोकप्रिय शहंशाह शाहजहाँ को दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक ताजमहल के निर्माण के लिए आज भी याद किया जाता हैं। ताजमहल शाहजहां और उनकी प्रिय बेगम मुमताज महल की प्यार की निशानी है। मुगल बादशाह शाहजहां कला एवं वास्तुकला के गूढ़ प्रेमी थे। उन्होंने अपने शासन काल में … Read more

काकतीय वंश |1000 ई.-1326 ई.

काकतीय वंश

हैदराबाद का पूर्वी भाग तेलंगाना, काकतीय वंश के राजाओं के शासनकाल का महत्वपूर्ण केंद्र (राजधानी) रहा है। उस समय इस भाग को वारंगल नाम से जाना जाता था। कल्याण के चालुक्य वंश के शासकों के उत्कर्ष के समय काकतीय राजा अपने राज्य का प्रशासन चालुक्यों के सामंत के रूप में किया करते थे। काकतीय वंश … Read more

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम | 1857 की क्रांति | 1857-1858

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम | 1857 की क्रांति | 1857-1858

भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम दुनिया द्वारा आदर्श स्वतंत्रता संग्राम के रूप में देखा जाता है। भारतीयों द्वारा औपनिवेशिक शासन से मुक्ति पाने के लिए सर्वप्रथम वर्ष 1857 ई. में वृहद् स्तर पर क्रांति की गयी थी, इस क्रांति को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजों के अत्याचारी शासन … Read more

विजयनगर साम्राज्य | 1336 ई. – 1485 ई.

विजयनगर साम्राज्य | 1336 ई. - 1485 ई.

विजयनगर, जिसका का शाब्दिक अर्थ है- ‘जीत का शहर’। प्रायः इस नगर को मध्ययुग का प्रथम हिन्दू साम्राज्य माना जाता है। चौदहवी शताब्दी में उत्पन्न विजयनगर साम्राज्य को मध्ययुग और आधुनिक औपनिवेशिक काल के बीच का संक्रान्ति-काल कहा जाता है। इस साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में दक्षिण भारत में तुग़लक़ सत्ता के विरुद्ध होने वाले राजनीतिक तथा सांस्कृतिक आन्दोलन के … Read more

सम्राट हर्षवर्धन | 590-647 ई.

सम्राट हर्षवर्धन | 590-647 ई.

हर्षवर्धन (590-647 ई.) प्राचीन भारत में एक राजा थे, जिन्होंने उत्तरी भारत में 606 ई. से 647 ई. तक शासन किया। वह वर्धन राजवंश के शासक प्रभाकरवर्धन के पुत्र थे। इनके पिता प्रभाकरवर्धन ने हूणों को पराजित किया था। हर्षवर्धन का छोटा भाई राज्यवर्धन और एक बहन थी, जिसका नाम राजश्री था। हर्षवर्धन बैस वंश के थे। ईसा की छठी शताब्दी में उत्तर भारत में एक शक्तिशाली … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.