भारत के स्वतंत्रता सेनानी | वीरता और समर्पण
भारत की आजादी के लिए कितने ही क्रांतिवीरों द्वारा समय समय पर कई आंदोलन किये गए। इन्ही स्वतंत्रता सेनानी की बदौलत 15 अगस्त 1947 को हमारा देश भारत आज़ाद हुआ।
भारत की आजादी के लिए कितने ही क्रांतिवीरों द्वारा समय समय पर कई आंदोलन किये गए। इन्ही स्वतंत्रता सेनानी की बदौलत 15 अगस्त 1947 को हमारा देश भारत आज़ाद हुआ।
बहलोल लोदी (1451 ई.-1489 ई.) भारत के पंजाब में सरहिंद के गवर्नर मलिक सुल्तान शाह लोदी के भतीजे और दामाद था, और सैय्यद वंश के शासक मुहम्मद शाह के शासनकाल के दौरान वह गवर्नर के रूप में कार्य करता था। मुहम्मद शाह ने बहलोल लोदी को तारुन-बिन-सुल्तान के पद तक पहुँचाया। अपने मजबूत व्यक्तित्व के … Read more
लोदी वंश की स्थापना दिल्ली की गद्दी पर अधिकार करने वाले बहलोल लोदी ने 1451 ई. में की थी। यह वंश 1526 ई. तक सत्ता में रहा और सफलतापूर्वक शासन करता रहा। बहलोल लोदी सरहिन्द का इक्तादार था और जिसने शीघ्र ही सारे पंजाब पर अपना अधिकार जमा लिया था। बहलोल लोदी की फ़ौज ने कुछ ही समय में समस्त दिल्ली पर भी अपना … Read more
ईस्ट इंडिया कंपनी भारत पर शासन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पद गवर्नर जनरल का था। 1857 की क्रांति के बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त करके भारत पर ब्रिटिश साम्राज्य का औपनिवेशिक शासन चला, जिसका नेतृत्व वायसराय करते थे।
भारतीय इतिहास में पानीपत के मैदान में कुल 3 प्रकंपी लड़ाइयाँ लड़ी गई थीं। ये तीनों ही युद्ध भारतीय इतिहास में इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि इन युद्धों ने काफी हद तक भारतीय इतिहास की दिशा तय की थी। भारतीय इतिहास में पानीपत के मैदान में लड़ी गई तीनों लड़ाइयों में से शुरुआती … Read more
वैसे तो मुगल साम्राज्य के समापन के साथ भारत का आधुनिक इतिहास की शुरुआत मानी जाती हैं, लेकिन मुगल काल का पतन अचानक से नहीं हुआ था, ये कई वर्षों तक चलने वाले राजनैतिक गतिविधियों का परिणाम था जिसके परिणामस्वरूप भारत की सत्ता मुगलों से ब्रिटिशर्स के पास चली गयी। वास्तव में भारत शुरू से सोने की … Read more
औरंगजेब अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवन काल में उसने दक्षिण भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया, पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर था।
चालुक्य वंश की उत्पत्ति एक अत्यंत ही विवादास्पद विषय है। वराहमिहिर की ‘बृहत्संहिता’ में इन्हें ‘शूलिक’ जाति का माना गया है। जबकि पृथ्वीराजरासो में इनकी उत्पति आबू पर्वत पर किये गये यज्ञ के अग्निकुण्ड से बतायी जाती है। ‘विक्रमांकदेवचरित’ में इस वंश की उत्पत्ति भगवान ब्रह्म के चुलुक से बताई जाती है। इतिहासकार ‘विन्सेण्ट ए. स्मिथ’ इन्हें विदेशी मानते हैं। ‘एफ. फ्लीट’ … Read more
जहाँगीर महान मुग़ल बादशाह अकबर का पुत्र था। अकबर के तीन पुत्र थे, जिनका नाम था सलीम (जहाँगीर), मुराद और दानियाल। मुराद और दानियाल की अत्यधिक शराब पीने कि वजह से उनके पिता अकबर के जीवन काल में ही मृत्यु हो चुकी थी। और फिर बाद में अकबर कि मृत्यु होने के बाद, सलीम अकबर की मृत्यु पर ‘नूरुद्दीन मोहम्मद … Read more
मुमताज महल अपने अत्याधिक आर्कषक और सुंदर रुप के लिए मशहूर थी। मुगल शासक शाहजहां की सबसे पसंदीदा और प्रिय बेगम थी। मुमताज महल को उत्तप्रदेश के आगरा में बने दुनिया के सात आश्चयों में से एक ताजमहल के लिए याद किया जाता है। मुमताज के सुंदरता से प्रभावित होकर ही शाहजहां उन पर मोहित … Read more