श्रीलंका में भारतीय सिनेमा महोत्सव: सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव

श्रीलंका में भारतीय सिनेमा महोत्सव: सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव

भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रिश्ते सदियों पुराने हैं। समुद्र की छोटी-सी दूरी और साझा सभ्यता की जड़ों ने दोनों देशों को हमेशा एक-दूसरे के करीब बनाए रखा है। समय के साथ इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए केवल राजनीतिक और आर्थिक पहल ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक कूटनीति (Cultural … Read more

पुतिन–ट्रंप अलास्का शिखर सम्मेलन : शांति की उम्मीदों के बीच अधूरा समझौता

पुतिन–ट्रंप अलास्का शिखर सम्मेलन

अमेरिका और रूस — दो महाशक्तियों की राजनीति जब आमने-सामने होती है, तो पूरी दुनिया की निगाहें अनायास ही उस पर टिक जाती हैं। अलास्का के एंकोरेज स्थित एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डे पर संपन्न हुआ हालिया पुतिन–ट्रंप शिखर सम्मेलन भी उसी श्रेणी में आता है। तीन घंटे चली इस बहुप्रतीक्षित वार्ता ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को नई … Read more

सी. पी. राधाकृष्णन : एनडीए द्वारा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

सी. पी. राधाकृष्णन : एनडीए द्वारा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

भारतीय राजनीति में उपराष्ट्रपति का पद अत्यंत महत्वपूर्ण संवैधानिक पद माना जाता है। यह न केवल संसद की कार्यवाही का संचालन करने का दायित्व निभाता है, बल्कि आपात परिस्थितियों में राष्ट्रपति की भूमिका भी संभाल सकता है। ऐसे में जब मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक 21 जुलाई 2025 को इस्तीफा दे दिया, तो पूरे … Read more

भारत की ऊर्जा सोर्सिंग रणनीति और रूस से बढ़ता तेल आयात: अगस्त 2025 का परिदृश्य

भारत की ऊर्जा सोर्सिंग रणनीति और रूस से बढ़ता तेल आयात

भारत की ऊर्जा सुरक्षा नीति हमेशा से वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों, आपूर्ति के उतार-चढ़ाव और घरेलू आर्थिक प्राथमिकताओं पर आधारित रही है। अगस्त 2025 में यह नीति और अधिक स्पष्ट रूप से रूस की ओर झुकी हुई दिखती है। आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अगस्त के पहले पखवाड़े में प्रतिदिन लगभग 20 लाख बैरल कच्चा तेल … Read more

अटल बिहारी वाजपेयी : कवि हृदय प्रधानमंत्री की अमर विरासत

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी : कवि हृदय प्रधानमंत्री की अमर विरासत

(7वीं पुण्यतिथि, 16 अगस्त 2025 पर विशेष लेख) भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कुछ ऐसे व्यक्तित्व हुए हैं जिनकी छाप केवल राजनीति तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने राष्ट्र की आत्मा को स्पर्श किया। अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे ही दुर्लभ नेताओं में से एक थे। एक राजनेता, एक कवि, एक वक्ता और एक संवेदनशील इंसान … Read more

उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2025 : धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक संतुलन पर गहन विमर्श

उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2025

भारत एक बहुधार्मिक, बहुसांस्कृतिक और लोकतांत्रिक देश है। यहाँ हर नागरिक को अपनी इच्छा से धर्म चुनने, पालन करने और उसका प्रचार–प्रसार करने की स्वतंत्रता दी गई है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई है। इसके बावजूद, स्वतंत्रता और अनुशासन के बीच संतुलन बनाए रखने का … Read more

सभासार (SabhaSaar): ग्राम पंचायत शासन को सशक्त बनाने वाला एआई टूल

सभासार (SabhaSaar): ग्राम पंचायत शासन को सशक्त बनाने वाला एआई टूल

भारत जैसे लोकतांत्रिक और विविधतापूर्ण देश में पंचायत राज व्यवस्था ग्रामीण स्वशासन की रीढ़ मानी जाती है। संविधान के 73वें संशोधन ने ग्राम पंचायतों को न केवल संवैधानिक दर्जा दिया, बल्कि ग्रामीण नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी का अवसर भी प्रदान किया। ग्राम सभा इन पंचायतों की आत्मा कही जाती है, जहाँ ग्रामीण अपनी … Read more

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी का 12वाँ भाषण: एक ऐतिहासिक समां और सामरिक दृष्टिकोण

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी का 12वाँ भाषण

15 अगस्त 2025 का दिन भारतीय लोकतंत्र और इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से दर्ज हो गया। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और यह उनका लगातार 12वां भाषण था। इस प्रकार उन्होंने न केवल एक नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि … Read more

भारत–फ़िजी कृषि सहयोग: भारत ने फ़िजी को 5 मीट्रिक टन लोबिया बीज भेजे

भारत–फ़िजी कृषि सहयोग: भारत ने फ़िजी को 5 मीट्रिक टन लोबिया बीज भेजे

प्रस्तावना: एक नए अनुकूल काल में भारत–फ़िजी कृषि सहयोगभारत की विदेश नीति में “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” ने हिंद–प्रशांत क्षेत्र के साथ उसकी साझेदारियों को एक नई दिशा दी है। यह नीति सिर्फ औपचारिक दूतावासीय रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानवीय सहायता, विकासात्मक सहयोग, कृषि समन्वय और सामरिक समझौते शामिल हैं। इसी नीति के … Read more

स्वतः संज्ञान | सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग्स मामले से समझें संवैधानिक शक्ति और सामाजिक संतुलन

स्वतः संज्ञान: सुप्रीम कोर्ट का स्ट्रीट डॉग्स मामला

भारत का न्यायपालिका तंत्र केवल विवादों का निपटारा करने वाला संस्थान ही नहीं, बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और मौलिक अधिकारों की रक्षा करने वाला एक सक्रिय प्रहरी भी है। कई बार यह प्रहरी तब भी सक्रिय हो जाता है, जब उसके दरवाजे पर कोई याचिकाकर्ता दस्तक नहीं देता। अदालतें स्वयं पहल करके किसी मामले … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.