भारतीय संसद | लोक सभा और राज्य सभा | संरचना और कार्य प्रणाली

भारतीय संसद | लोक सभा और राज्य सभा

भारतीय संसद, जो राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा से मिलकर बनती है, भारतीय लोकतंत्र की धुरी है। यह संविधान के अनुच्छेद 79 के तहत स्थापित है। लोकसभा और राज्यसभा, जनता और राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए, कानून निर्माण, बजट स्वीकृति और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। लोकसभा अस्थायी सदन है जिसका कार्यकाल 5 वर्ष … Read more

भारत के महान्यायवादी, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक | भूमिका, नियुक्ति और कर्तव्य

भारत के महान्यायवादी, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक: भूमिका, नियुक्ति और कर्तव्य

भारत के महान्यायवादी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) संविधान के तहत महत्वपूर्ण पद हैं, जिनका मुख्य कर्तव्य देश की विधिक और वित्तीय प्रणाली का निरीक्षण और समीक्षा करना है। महान्यायवादी, राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और विधिक सलाह देने के अलावा न्यायालयों में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, वह संसद की … Read more

भारत का मंत्रीपरिषद और मंत्रिमंडल | संरचना और कार्यप्रणाली

भारत का मंत्रीपरिषद और मंत्रिमंडल: संरचना और कार्यप्रणाली

भारत का मंत्रीपरिषद और प्रधानमंत्री पद संविधान के महत्वपूर्ण अंग हैं। अनुच्छेद 74 और 75 के अंतर्गत मंत्रीपरिषद की संरचना और प्रधानमंत्री की नियुक्ति का विवरण दिया गया है। विभिन्न प्रधानमंत्रियों ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जो भारतीय राजनीति और विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। भारत के मंत्रीमंडल की संरचना … Read more

भारत के उपराष्ट्रपति: पद, योग्यता, शक्तियाँ और कर्तव्य

भारत के उपराष्ट्रपति: पद, योग्यता, शक्तियाँ और कर्तव्य

भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति के पद और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन विभिन्न अनुच्छेदों के माध्यम से किया गया है। उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति के बाद दूसरा उच्चतम संवैधानिक पद है। इस आर्टिकल में उपराष्ट्रपति के पद, उसकी योग्यता, शक्तियों और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। अनुच्छेद 63: उपराष्ट्रपति का … Read more

भारतीय संविधान में राष्ट्रपति का प्रावधान और उसके कर्त्तव्य

भारतीय संविधान में राष्ट्रपति का प्रावधान और उसके कर्त्तव्य

इस आर्टिकल में भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के अंतर्गत राष्ट्रपति का पद, उनकी शक्तियों और अधिकारों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें अनुच्छेद 52 से लेकर 360 तक की जानकारी दी गई है, जिसमें राष्ट्रपति की कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्यायिक और आपातकालीन शक्तियों का उल्लेख है। राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया, योग्यता, कार्यकाल, पुनर्निर्वाचन … Read more

नीति निर्देशक तत्व और मौलिक कर्तव्य | अनुच्छेद 36 से 51

नीति निर्देशक तत्व और मौलिक कर्तव्य

भारतीय संविधान में नीति निर्देशक तत्व (अनुच्छेद 36 से 51) और मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51 क) का विशेष महत्व है। नीति निर्देशक तत्व राज्य को सामाजिक और आर्थिक कल्याण की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, जिसमें ग्राम पंचायतों को शक्तियाँ प्रदान करना, समान नागरिक संहिता लागू करना, और कृषि व पर्यावरण का संवर्धन शामिल … Read more

भाग – 3 मौलिक अधिकार | अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35

भाग - 3 मौलिक अधिकार

भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार व्यक्ति के सर्वांगीण विकास और उनकी स्वतंत्रता, समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। यह अधिकार राज्य या समाज द्वारा प्रदान किए जाते हैं और उनके संरक्षण की व्यवस्था की जाती है। मौलिक अधिकारों में समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18), स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22), शोषण के विरुद्ध … Read more

संघ और उसके क्षेत्र एवं नागरिकता | अनुच्छेद 1 से 11

संघ और उसके क्षेत्र एवं नागरिकता | अनुच्छेद 1 से 11

संघ और उसके क्षेत्र एवं नागरिकता में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 से 11 तक के प्रावधानों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। यह प्रावधान भारत की संघीय संरचना, संसद के अधिकार, और नागरिकता से संबंधित मुद्दों को स्पष्ट और विस्तृत रूप से परिभाषित करते हैं। लेख में भारतीय संघ की स्थापना, राज्यों की … Read more

भारतीय संविधान की प्रस्तावना | स्त्रोत, विकास और महत्व

भारतीय संविधान की प्रस्तावना

भारतीय संविधान की प्रस्तावना को “संविधान की आत्मा” कहा गया है। यह विचार प्रसिद्ध न्यायविद ठाकुर दास भार्गव ने प्रस्तुत किया था, जो भारतीय संविधान सभा के सदस्य थे। भारतीय संविधान की प्रस्तावना न केवल संविधान का दर्शन प्रस्तुत करती है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय उद्देश्यों और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी है। भारतीय संविधान की … Read more

भारतीय संविधान के स्त्रोत और उनके विविध प्रावधान

भारतीय संविधान के स्त्रोत और उनके विविध प्रावधान

भारतीय संविधान, जिसे संविधान सभा द्वारा निर्मित और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया, दुनिया के सबसे विस्तृत और सुव्यवस्थित संविधानों में से एक है। भारतीय संविधान की संरचना और इसमें शामिल प्रावधान विभिन्न देशों के संविधानों और कानूनी प्रणालियों से प्रेरित हैं। संविधान सभा ने संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग, 8 अनुसूचीयां … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.