जीवनी और जीवन-परिचय : स्वरूप, समानताएँ एवं अंतर का समेकित अध्ययन
हिंदी साहित्य, शैक्षणिक लेखन तथा व्यावहारिक जीवन में जीवनी और जीवन-परिचय—दोनों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। दोनों ही किसी व्यक्ति के जीवन से संबंधित होते हैं, किंतु इनके उद्देश्य, विस्तार, शैली, भाषा और उपयोगिता में मौलिक अंतर पाया जाता है।अक्सर विद्यार्थियों और सामान्य पाठकों में यह भ्रांति रहती है कि जीवनी और जीवन-परिचय एक ही … Read more