प्रत्यय | परिभाषा, भेद एवं 100+ उदाहरण
प्रत्यय शब्द वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द या धातु के अंत में जुड़कर उसके अर्थ को प्रभावित कर देते हैं। इन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है।
प्रत्यय शब्द वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द या धातु के अंत में जुड़कर उसके अर्थ को प्रभावित कर देते हैं। इन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है।
क्रिया के जिस रूप में किसी कार्य होने के समय का ज्ञान होता है, उसे काल कहते है। काल एक मापन है जिससे दिखाया जा सकता है कि घटनाएं कितने समय तक हुई हैं।
संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग (Gender) कहते हैं।
‘क्रिया’ का अर्थ होता है- करना। जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है उसे क्रिया कहते है। जैसे- पढ़ना, खाना, पीना, जाना इत्यादि।
संज्ञा के स्थान पर आने वाले शब्दों (व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम) को सर्वनाम (Pronoun) कहते हैं। जैसे- तुम, हम, आप, उसका, आदि I
संज्ञा शब्द विशेष रूप से एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ नाम होता है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का नाम संज्ञा होता है।
क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के अनुसार होंगे या कर्म के अनुसार अथवा स्वयं भाव के अनुसार, इसका बोध वाच्य’ है।
शब्दों का वह सार्थक समूह जिससे एक विचार की स्पष्ट एवं पूर्ण अभिव्यक्ति होती हो उसे वाक्य कहते हैं। भाषा व व्याकरण का सबसे बड़ा अंग वाक्य होता है।
अंग्रेज़ी में मुहावरा को Idiom कहते हैं और लोकोक्ति को Proverb कहा जाता है। मुहावरे और लोकोक्तियों का प्रयोग करना और उनका ठीक-ठीक अर्थ समझना बड़ा कठिन है, जो कि अभ्यास से ही सीखा जा सकता है। मुहावरा मुहावरों एवं लोकोक्तियों का प्रयोग भाषा की सुंदर रचना हेतु आवश्यक माना जाता है। ये ऐसे शब्द अथवा शब्दों का समूह … Read more
रस का शाब्दिक अर्थ है – ‘आनंद’। किसी काव्य को पढ़ने अथवा सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। रस को काव्य की आत्मा भी कहते है। काव्य पढ़ते अथवा सुनते समय आने वाला ‘आनन्द’ अर्थात ‘रस’ लौकिक न होकर अलौकिक होता है। संस्कृत में कहा गया है कि … Read more