हिंदी साहित्य के प्रमुख रेखाचित्रकार और उनकी अमर रचनाएँ (रेखाचित्र)

हिंदी साहित्य के प्रमुख रेखाचित्रकार और उनकी अमर रचनाएँ (रेखाचित्र)

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र एक विशिष्ट और सजीव गद्य-विधा है, जिसमें लेखक किसी व्यक्ति, स्थान, घटना या अनुभव का चित्रण शब्दों के माध्यम से इस तरह करता है कि पाठक के सामने वह दृश्य या चरित्र जीवंत हो उठे। इसमें संक्षिप्तता, प्रभावशीलता और संवेदनाओं का संयोजन होता है। रेखाचित्र न केवल साहित्यिक आनंद प्रदान करते … Read more

पद्म सिंह शर्मा कृत ‘पद्म-पराग’ : रेखाचित्र अथवा संस्मरण?

पद्म सिंह शर्मा कृत ‘पद्म-पराग’ : रेखाचित्र अथवा संस्मरण?

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र और संस्मरण — दोनों ही अपेक्षाकृत आधुनिक गद्य विधाएँ हैं, जिनका स्वरूप बीसवीं शताब्दी के आरंभिक दशकों में स्पष्ट रूप से सामने आया। इन दोनों विधाओं में अनेक समानताएँ होने के कारण कभी-कभी किसी रचना की विधागत पहचान को लेकर विवाद उत्पन्न हो जाता है। पद्म सिंह शर्मा कृत ‘पद्म-पराग’ (1929) … Read more

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र : साहित्य में शब्दों से बनी तस्वीरें

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र : साहित्य में शब्दों से बनी तस्वीरें

साहित्यिक सृजन केवल कथाओं और कविताओं तक सीमित नहीं है। गद्य में भी अनेक ऐसी विधाएँ हैं, जो अपनी विशिष्टता और प्रभावशीलता के कारण पाठकों के हृदय को स्पर्श करती हैं। इन्हीं में से एक है रेखाचित्र — साहित्य का वह रूप, जिसमें लेखक शब्दों के माध्यम से किसी व्यक्ति, स्थान, घटना या वस्तु का … Read more

रेखाचित्र – अर्थ, तत्व, विकास, प्रमुख रेखाचित्रकार और उदाहरण

रेखाचित्र – अर्थ, तत्व, विकास, प्रमुख रेखाचित्रकार और उदाहरण

हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं में रेखाचित्र एक ऐसी साहित्यिक विधा है जो अपने संक्षिप्त, मार्मिक और चित्रात्मक वर्णन के कारण पाठक के मन में स्थायी छाप छोड़ती है। यह केवल शब्दों का प्रयोग भर नहीं है, बल्कि शब्दों के माध्यम से दृश्य, व्यक्ति, घटना या वस्तु का सजीव अंकन है।रेखाचित्र को हिन्दी में कई … Read more

संस्मरण और संस्मरणकार : प्रमुख लेखक और रचनाएँ

प्रमुख हिंदी संस्मरण और उनके संस्मरणकार (लेखक)

हिंदी साहित्य का संसार विविध विधाओं से भरा हुआ है — कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, जीवनी, रेखाचित्र, रिपोर्ताज आदि। इन सबके बीच संस्मरण एक ऐसी विधा है जो लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों, स्मृतियों और भावनाओं का दस्तावेज होती है। संस्मरण न केवल लेखक की निजी स्मृति को स्वर देता है, बल्कि उस समय, समाज और … Read more

संस्मरण – अर्थ, परिभाषा, विकास, विशेषताएँ एवं हिंदी साहित्य में योगदान

संस्मरण: अर्थ, परिभाषा, विकास, विशेषताएँ एवं हिंदी साहित्य में योगदान

हिंदी साहित्य में संस्मरण एक ऐसी विधा है, जिसमें लेखक अपने जीवन के किसी अनुभव, व्यक्ति, घटना या स्थान का आत्मीय स्मरण भावनात्मक और चित्रात्मक शैली में करता है। यह केवल तथ्यों की प्रस्तुति भर नहीं है, बल्कि इसमें लेखक की संवेदनशीलता, दृष्टिकोण और अनुभवजन्य सत्य निहित होते हैं। आधुनिक हिंदी साहित्य में संस्मरण का … Read more

हिन्दी की जीवनी और जीवनीकार : जीवनी लेखक और रचनाएँ

हिन्दी की जीवनी और जीवनीकार

“हिन्दी की जीवनी और जीवनीकार : जीवनी लेखक और रचनाएँ” लेख हिंदी साहित्य में जीवनी लेखन की दीर्घ, समृद्ध और निरंतर विकसित होती परंपरा का व्यवस्थित और शोधपरक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इसमें 16वीं शताब्दी से लेकर 21वीं सदी तक के प्रमुख जीवनीकारों और उनकी कृतियों की कालक्रमानुसार सूची दी गई है, जिसमें न केवल … Read more

जीवनी – परिभाषा, स्वरूप, भेद, साहित्यिक महत्व और उदाहरण

जीवनी – परिभाषा, स्वरूप, भेद, साहित्यिक महत्व और उदाहरण

साहित्य में मनुष्य के जीवन और उसकी घटनाओं का वर्णन एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। मानव इतिहास में अनेक महापुरुषों, साहित्यकारों, वैज्ञानिकों, योद्धाओं, समाजसेवकों और कलाकारों ने समाज को प्रेरित किया है। उनके जीवन के संघर्ष, उपलब्धियाँ, विचार और आदर्श नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनते हैं। इन्हीं जीवन प्रसंगों का कलात्मक, तथ्यपरक और सजीव … Read more

हिंदी की आत्मकथा और आत्मकथाकार : लेखक और रचनाएँ

हिंदी की आत्मकथा और आत्मकथाकार

हिंदी साहित्य की विविध विधाओं में आत्मकथा एक अपेक्षाकृत नवीन किन्तु अत्यंत महत्वपूर्ण विधा है। इसमें लेखक स्वयं अपने जीवन की घटनाओं, अनुभवों, संघर्षों, उपलब्धियों और विफलताओं को ईमानदारी और आत्मविश्लेषण के साथ पाठकों के सामने रखता है। आत्मकथा केवल आत्मवृत्त नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति के समय, समाज, संस्कृति और मनोवैज्ञानिक स्थिति का भी … Read more

आत्मकथा – अर्थ, विशेषताएँ, भेद, अंतर और उदाहरण

आत्मकथा – अर्थ, विशेषताएँ, भेद, अंतर और उदाहरण

मानव जीवन विविध अनुभवों, घटनाओं और भावनाओं से परिपूर्ण होता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ घटनाएँ और प्रसंग ऐसे होते हैं जो उसके व्यक्तित्व, विचारों और जीवन-दृष्टि को गहराई से प्रभावित करते हैं। जब कोई लेखक अपने इन्हीं व्यक्तिगत अनुभवों और जीवन की घटनाओं को साहित्यिक रूप में, अपनी ही दृष्टि से, पाठकों … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.