यात्रा-वृत्त : परिभाषा, इतिहास, विशेषताएँ और विकास

यात्रा-वृत्त : परिभाषा, इतिहास, विशेषताएँ और विकास

मनुष्य स्वभाव से जिज्ञासु और अन्वेषणप्रिय है। वह अपने आस-पास की दुनिया को देखने, समझने और अनुभव करने के लिए निरंतर यात्रा करता है। यात्रा केवल भौगोलिक स्थानांतरण नहीं है, बल्कि यह अनुभवों, भावनाओं और दृष्टिकोणों का भी विस्तार है। जब किसी व्यक्ति के यात्रा अनुभव को साहित्यिक रूप में लिखा जाता है, तो उसे … Read more

हिंदी डायरी साहित्य और लेखक

हिंदी डायरी साहित्य और लेखक

साहित्य की विभिन्न विधाओं में डायरी लेखन एक अत्यंत व्यक्तिगत और आत्ममंथन-प्रधान विधा मानी जाती है। यह लेखक के मन, अनुभव, संवेदना और दैनिक जीवन की घटनाओं का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब प्रस्तुत करती है। डायरी केवल तिथिवार घटनाओं का लेखा-जोखा भर नहीं होती, बल्कि यह जीवन के सूक्ष्म क्षणों, भावनात्मक उतार-चढ़ाव और विचारों की अंतर्यात्रा को … Read more

डायरी – परिभाषा, महत्व, लेखन विधि, अंतर और साहित्यिक उदाहरण

डायरी: परिभाषा, महत्व, लेखन विधि, अंतर और साहित्यिक उदाहरण

मानव सभ्यता के इतिहास में अपनी भावनाओं, विचारों, अनुभवों और घटनाओं को सुरक्षित रखने की प्रवृत्ति प्राचीन काल से ही रही है। कभी यह शिलालेखों में अंकित हुई, कभी पत्रों में, तो कभी निजी पुस्तिकाओं में। इन निजी लेखनों में “डायरी” का विशेष स्थान है। डायरी केवल दैनिक घटनाओं का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि लेखक के … Read more

रेखाचित्र लेखन: संवेदना, समाज और मनोवैज्ञानिक गहराई का साहित्यिक आयाम

रेखाचित्र लेखन: संवेदना, समाज और मनोवैज्ञानिक गहराई का साहित्यिक आयाम

हिन्दी साहित्य में रेखाचित्र लेखन एक विशिष्ट और सूक्ष्म साहित्यिक विधा है, जो शब्दों के माध्यम से व्यक्ति, समाज, समय और संस्कृति का सजीव चित्र खींचने की कला है। नाम से भले ही यह किसी दृश्य के स्केच की तरह लगे, किंतु रेखाचित्र केवल बाहरी रूप-रेखा का वर्णन भर नहीं है। यह व्यक्ति के अंतर्मन, … Read more

हिंदी साहित्य के प्रमुख रेखाचित्रकार और उनकी अमर रचनाएँ (रेखाचित्र)

हिंदी साहित्य के प्रमुख रेखाचित्रकार और उनकी अमर रचनाएँ (रेखाचित्र)

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र एक विशिष्ट और सजीव गद्य-विधा है, जिसमें लेखक किसी व्यक्ति, स्थान, घटना या अनुभव का चित्रण शब्दों के माध्यम से इस तरह करता है कि पाठक के सामने वह दृश्य या चरित्र जीवंत हो उठे। इसमें संक्षिप्तता, प्रभावशीलता और संवेदनाओं का संयोजन होता है। रेखाचित्र न केवल साहित्यिक आनंद प्रदान करते … Read more

पद्म सिंह शर्मा कृत ‘पद्म-पराग’ : रेखाचित्र अथवा संस्मरण?

पद्म सिंह शर्मा कृत ‘पद्म-पराग’ : रेखाचित्र अथवा संस्मरण?

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र और संस्मरण — दोनों ही अपेक्षाकृत आधुनिक गद्य विधाएँ हैं, जिनका स्वरूप बीसवीं शताब्दी के आरंभिक दशकों में स्पष्ट रूप से सामने आया। इन दोनों विधाओं में अनेक समानताएँ होने के कारण कभी-कभी किसी रचना की विधागत पहचान को लेकर विवाद उत्पन्न हो जाता है। पद्म सिंह शर्मा कृत ‘पद्म-पराग’ (1929) … Read more

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र : साहित्य में शब्दों से बनी तस्वीरें

हिंदी साहित्य में रेखाचित्र : साहित्य में शब्दों से बनी तस्वीरें

साहित्यिक सृजन केवल कथाओं और कविताओं तक सीमित नहीं है। गद्य में भी अनेक ऐसी विधाएँ हैं, जो अपनी विशिष्टता और प्रभावशीलता के कारण पाठकों के हृदय को स्पर्श करती हैं। इन्हीं में से एक है रेखाचित्र — साहित्य का वह रूप, जिसमें लेखक शब्दों के माध्यम से किसी व्यक्ति, स्थान, घटना या वस्तु का … Read more

रेखाचित्र – अर्थ, तत्व, विकास, प्रमुख रेखाचित्रकार और उदाहरण

रेखाचित्र – अर्थ, तत्व, विकास, प्रमुख रेखाचित्रकार और उदाहरण

हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं में रेखाचित्र एक ऐसी साहित्यिक विधा है जो अपने संक्षिप्त, मार्मिक और चित्रात्मक वर्णन के कारण पाठक के मन में स्थायी छाप छोड़ती है। यह केवल शब्दों का प्रयोग भर नहीं है, बल्कि शब्दों के माध्यम से दृश्य, व्यक्ति, घटना या वस्तु का सजीव अंकन है।रेखाचित्र को हिन्दी में कई … Read more

संस्मरण और संस्मरणकार : प्रमुख लेखक और रचनाएँ

प्रमुख हिंदी संस्मरण और उनके संस्मरणकार (लेखक)

हिंदी साहित्य का संसार विविध विधाओं से भरा हुआ है — कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, जीवनी, रेखाचित्र, रिपोर्ताज आदि। इन सबके बीच संस्मरण एक ऐसी विधा है जो लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों, स्मृतियों और भावनाओं का दस्तावेज होती है। संस्मरण न केवल लेखक की निजी स्मृति को स्वर देता है, बल्कि उस समय, समाज और … Read more

संस्मरण – अर्थ, परिभाषा, विकास, विशेषताएँ एवं हिंदी साहित्य में योगदान

संस्मरण: अर्थ, परिभाषा, विकास, विशेषताएँ एवं हिंदी साहित्य में योगदान

हिंदी साहित्य में संस्मरण एक ऐसी विधा है, जिसमें लेखक अपने जीवन के किसी अनुभव, व्यक्ति, घटना या स्थान का आत्मीय स्मरण भावनात्मक और चित्रात्मक शैली में करता है। यह केवल तथ्यों की प्रस्तुति भर नहीं है, बल्कि इसमें लेखक की संवेदनशीलता, दृष्टिकोण और अनुभवजन्य सत्य निहित होते हैं। आधुनिक हिंदी साहित्य में संस्मरण का … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.