हिन्दी के यात्रा-वृत्त और यात्रा-वृत्तान्तकार – लेखक और रचनाएँ
मानव स्वभावतः जिज्ञासु है। अज्ञात को जानने, देखने और अनुभव करने की उसकी इच्छा उसे स्थान-स्थान की यात्राओं के लिए प्रेरित करती है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना ही यात्रा कहलाता है, और जब यात्री अपने अनुभवों, दृश्यावलियों, लोगों, संस्कृति, भूगोल, रीति-रिवाज और भावनाओं का विवरण लिखित रूप में प्रस्तुत करता है, तो … Read more