अनेकार्थी शब्द |500 +उदाहरण
अनेकार्थी शब्द वह शब्द है जिसके एक से अधिक अर्थ होते हैं। जो विभिन्न प्रस्थितियों में विभिन्न अर्थों में प्रयुक्त होते है। यह यह भाषा की समृद्धता को दर्शाता है।
अनेकार्थी शब्द वह शब्द है जिसके एक से अधिक अर्थ होते हैं। जो विभिन्न प्रस्थितियों में विभिन्न अर्थों में प्रयुक्त होते है। यह यह भाषा की समृद्धता को दर्शाता है।
विलोम शब्द भाषा की एक महत्वपूर्ण शैली है जिसमें एक शब्द का विपरीत अर्थ व्यक्त किया जाता है। यह शैली भाषा के रंगीनता और व्याकरण को समझने में मदद करती है।
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी वाक्य का दूसरे शब्द से संबंध ज्ञात हो, उसे कारक कहते हैं। कारक संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से सीधा संबंध रखने वाला रूप है। किसी कार्य को करने वाला कारक कहलाता है। अर्थात् वह प्रत्येक वस्तु जो क्रिया के सम्पादन में प्रमुख भूमिका निभाती है, कारक … Read more
सामान अर्थ रखने वाले शब्दों को समानार्थी अथवा पर्यायवाची शब्द synonyms कहते है। यह भाषा के सामर्थ्य को आकर्षक बनाते हैं।
जब कोई शब्द वाक्य में प्रयोग किया जाता है तो उस शब्द को शब्द न कहकर पद कहा जाता है। किसी वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना ही पद परिचय कहलाता है।
छंद उस पघ रचना को कहते हैं जो वर्णों अथवा मात्राओं की गणना यति गति क्रम एवं तुक के विशेष नियमों से बँधी हो। दोहा चौपाई रोला सोरठा आदि इसके उदाहरण है।
संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। विशेषण वस्तु का अप्रत्यक्ष नाम होता है और इसलिए यह संज्ञा की एक विशेष श्रेणी होती है।
वे शब्दांश, जो किसी शब्द के पूर्व में जुड़कर उसके अर्थ को परिवर्तित कर देते हैं अथवा उसके अर्थ में विशेषता ला देते है, उन्हें उपसर्ग कहते हैं।
प्रत्यय शब्द वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द या धातु के अंत में जुड़कर उसके अर्थ को प्रभावित कर देते हैं। इन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है।
क्रिया के जिस रूप में किसी कार्य होने के समय का ज्ञान होता है, उसे काल कहते है। काल एक मापन है जिससे दिखाया जा सकता है कि घटनाएं कितने समय तक हुई हैं।