विभिन्न दार्शनिक मत और उनके प्रवर्तक

विभिन्न दार्शनिक मत और उनके प्रवर्तक

भारतीय दर्शन की परंपरा में विभिन्न दार्शनिक मत और उनके प्रवर्तक अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, जिन्होंने न केवल धार्मिक चिंतन को परिभाषित किया है, बल्कि समाज और संस्कृति पर भी गहरा प्रभाव डाला है। इन दार्शनिक मतों में अद्वैतवाद, विशिष्टाद्वैतवाद, द्वैतवाद, शुद्धाद्वैतवाद, और भेदाभेदवाद शामिल हैं, जिन्हें शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, और भास्कराचार्य जैसे महान आचार्यों … Read more

निर्गुण और सगुण भक्ति: एक दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

निर्गुण और सगुण भक्ति: एक दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

भारतीय भक्ति आंदोलन के दो प्रमुख ध्रुव—निर्गुण और सगुण भक्ति—धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन की गहरी समझ को उजागर करते हैं। निर्गुण भक्ति, जो ईश्वर को निराकार, निर्गुण, और असीम मानती है, कबीरदास, गुरू नानक, और रैदास जैसे संतों द्वारा प्रसारित की गई। इस विचारधारा में ईश्वर का कोई रूप या आकार नहीं होता, और मूर्तिपूजा … Read more

भक्ति आन्दोलन: उद्भव, विकास, और समाज पर प्रभाव

भक्ति आन्दोलन: उद्भव, विकास, और समाज पर प्रभाव

भारत में भक्ति आन्दोलन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक सुधारवादी आन्दोलन था जिसने भारतीय समाज की संरचना और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला। हिन्दू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का विचार प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रहा है, और इसके लिए तीन मार्ग बताए गए हैं: कर्म, ज्ञान, और भक्ति। इन तीनों मार्गों में से भक्ति … Read more

सूफी सिलसिले: चिश्ती, सुहरावर्दी, फिरदौसी, कादिरी, नक्शबंदी, और शत्तारी सम्प्रदाय

सूफी सिलसिले

सूफीवाद इस्लाम धर्म का एक रहस्यवादी रूप है, जो प्रेम, भक्ति, और अध्यात्मिकता के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति पर जोर देता है। सूफी संतों ने धार्मिक कट्टरता के विपरीत प्रेम और सहिष्णुता का मार्ग अपनाया और उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एक समान दृष्टि से देखने की प्रेरणा दी। भारतीय उपमहाद्वीप में सूफीवाद … Read more

सूफी और भक्ति आंदोलन: मध्यकालीन भारतीय समाज में सामाजिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक पुनर्जागरण

सूफी और भक्ति आंदोलन

मध्यकालीन भारत में 13वीं से 17वीं शताब्दी के बीच सूफी और भक्ति आंदोलन का प्रसार हुआ। इन दोनों आंदोलनों ने समाज के धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक ढांचे में व्यापक परिवर्तन लाये। जब समाज में धार्मिक आडंबर, कुरीतियों, और सामाजिक भेदभाव का प्रसार हो गया था, तब सूफी और भक्ति आंदोलनों ने जनता को सहिष्णुता, प्रेम, … Read more

दुनिया के प्रमुख धर्म | Major religions of the world | टॉप 10

धर्म

दुनिया में धर्मों की संख्या यूं तो लगभग 300 से ज्यादा होगी, लेकिन व्यापक रूप से पांच धर्म ही प्रचलित हैं हिन्दू, जैन, बौद्ध, ईसाई, इस्लाम और सिख। इसके अलावा भी कई और धर्म भी अपना अस्तित्व बनाए रखे हुए हैं तो कुछ अपना अस्तित्व खो चुके हैं। धर्म एक व्यक्ति या समुदाय के मूल्यों, मान्यताओं, नैतिकता, और आदर्शों … Read more

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग

जानिए भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के रहस्यमयी अर्थ और महत्व को जो अनंत शक्ति की महिमा को प्रकट करते हैं तथा अनवरत ऊर्जा और आध्यात्मिकता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

ईसाई धर्म (1ई.-Present)

ईसाई धर्म (1ई.-Present)

ईसाई धर्म, विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है जिसके ताबईन ईसाई कहलाते हैं। इस धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) थे, जिनका जन्म रोमन साम्राज्य के गैलिली प्रान्त के नज़रथ नामक स्थान पर 6 ई. पू. में हुआ था। उनके पिता जोजेफ़ एक बढ़ई थे तथा माता मेरी (मरियम) थीं। वे दोनों … Read more

अमर सनातन हिन्दू धर्म: निर्माण की शक्ति का संचार

अमर सनातन हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म भारतीय धार्मिक परंपरा को व्यक्त करने वाला अमूल्य धरोहर है जिसमें सबको सम्मान दिया जाता है और संबलता के साथ संयम की शिक्षा दी जाती है।

इस्लाम का महाशक्तिशाली उदय और सार्वजनिक विस्तार

इस्लाम का महाशक्तिशाली उदय

इस्लाम एक मोनोथेइस्टिक धर्म है जिसके अनुयायी मुस्लिम कहलाते हैं। यह एकता इमान नमाज रोज़ा जकात और हज्ज पर भरोसा करते हैं। मुहम्मद साहब परम प्रेरक माने जाते हैं।

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.