सारनाथ: यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास

सारनाथ: अंतरराष्ट्रीय महत्व और यूनेस्को नामांकन

भारत की बहुरंगी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत विश्व पटल पर अपनी विशेष पहचान रखती है। इसी धरोहर को और समृद्ध करने की दिशा में भारत सरकार ने वर्ष 2025–26 के चक्र में “प्राचीन बौद्ध स्थल, सारनाथ” नामक एक डॉसियर यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र को प्रस्तुत किया है। यह नामांकन न केवल भारत की सांस्कृतिक और … Read more

धम्मचक्कप्पवत्तन दिवस: बौद्ध धम्म के प्रथम प्रवर्तन की वैश्विक स्मृति

धम्मचक्कप्पवत्तन दिवस

प्रत्येक वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा का दिन न केवल भारत, बल्कि समस्त बौद्ध विश्व के लिए एक गहन आध्यात्मिक महत्व का दिन होता है। यह दिन भगवान बुद्ध के उस प्रथम उपदेश की स्मृति में मनाया जाता है, जिसे उन्होंने ज्ञान प्राप्ति के पश्चात सारनाथ में अपने पाँच तपस्वी साथियों को दिया था। यही उपदेश ‘धम्मचक्कप्पवत्तन … Read more

सावन 2025 : आरंभ तिथि, पूजा विधि, व्रत नियम, मंत्र और धार्मिक महत्त्व

सावन 2025 | आरंभ तिथि, पूजा विधि, व्रत नियम, मंत्र और धार्मिक महत्त्व

सावन का महीना हिंदू धर्म में एक अत्यंत पावन और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण समय माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है और समूचे भारत में इस दौरान शिवभक्ति की लहर देखने को मिलती है। यह श्रावण मास धार्मिक उत्साह, उपवास, जप-तप और पुण्य अर्जन का अवसर होता है। … Read more

महाबोधि मंदिर: बौद्ध धर्म की पवित्र धरोहर और प्रशासनिक विवाद

महाबोधि मंदिर (Mahabodhi temple)

महाबोधि मंदिर, जो बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, बिहार के बोधगया में स्थित वह पवित्र स्थल है जहाँ भगवान गौतम बुद्ध ने बोधिवृक्ष के नीचे आत्मज्ञान प्राप्त किया था। यह मंदिर न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और स्थापत्य धरोहर का भी अनुपम … Read more

बोनालु उत्सव | तेलंगाना की सांस्कृतिक आत्मा और देवी महाकाली की भक्ति का पर्व

बोनालु उत्सव

भारत विविध संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं का देश है। यहां के प्रत्येक राज्य की अपनी एक विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान होती है, जिसे वहां के उत्सवों और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से जाना जा सकता है। तेलंगाना राज्य की ऐसी ही एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहचान है – बोनालु उत्सव। यह पर्व न केवल भक्ति और श्रद्धा … Read more

अनंतपद्मनाभ मंदिर में मिली 15वीं शताब्दी की दीपक मूर्ति

अनंतपद्मनाभ मंदिर

भारत की सांस्कृतिक विरासत केवल उसकी प्राचीन इमारतों या शिलालेखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मूर्तिकला, स्थापत्य, धर्म और लोक परंपराओं के अद्वितीय समन्वय में समाहित है। ऐसा ही एक अपूर्व उदाहरण हाल ही में कर्नाटक के उडुपी ज़िले में स्थित अनंतपद्मनाभ मंदिर में सामने आया है। यहां खुदाई के दौरान 15वीं शताब्दी का … Read more

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 | पांच वर्षों बाद फिर से आरंभ

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025

हिमालय की गोद में बसा माउंट कैलाश और मानसरोवर झील प्राचीन काल से ही आध्यात्मिकता, विश्वास और मोक्ष का प्रतीक रहे हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा (KMY) केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि एक अद्वितीय सांस्कृतिक, धार्मिक और कूटनीतिक यात्रा है, जो भारत और चीन के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों की भी परिचायक रही है। COVID-19 महामारी … Read more

प्रयागराज | तीर्थराज प्रयाग | भारत का प्रमुख तीर्थ और ऐतिहासिक संगम नगर

प्रयागराज | तीर्थराज प्रयाग | भारत का प्रमुख तीर्थ और ऐतिहासिक संगम नगरv

प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख नगर है। यह नगर अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए विश्वभर में विख्यात है। यह नगर न केवल प्रयागराज ज़िले का मुख्यालय है, बल्कि हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक मुख्य तीर्थस्थल भी है। इस शहर … Read more

अखाड़ा | शैव संप्रदाय | वैरागी वैष्णव संप्रदाय | उदासीन संप्रदाय

अखाड़ा | शैव संप्रदाय | वैरागी वैष्णव संप्रदाय | उदासीन संप्रदाय

भारत, जो अपनी विविधता, संस्कृति और धार्मिकता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, विभिन्न धर्मों और परंपराओं का संगम स्थल है। यहां की धार्मिक परंपराएं न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान रखती हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक संस्था है – अखाड़ा। अखाड़े का संबंध मुख्य … Read more

प्रयागराज महाकुंभ मेला 1881 से महाकुंभ मेला 2025 तक का सफ़र

प्रयागराज महाकुंभ मेला

प्रयागराज महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख और ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन है। यह मेला प्रत्येक 12 साल में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित होता है। इस मेले का आयोजन एक विशेष तिथि और समय पर किया जाता है। यह मेला सूर्य के उत्तरायण होने पर लगता है। जब इस मेला का आयोजन बारहवीं बार … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.