प्रयागराज | तीर्थराज प्रयाग | भारत का प्रमुख तीर्थ और ऐतिहासिक संगम नगर

प्रयागराज | तीर्थराज प्रयाग | भारत का प्रमुख तीर्थ और ऐतिहासिक संगम नगरv

प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख नगर है। यह नगर अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए विश्वभर में विख्यात है। यह नगर न केवल प्रयागराज ज़िले का मुख्यालय है, बल्कि हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक मुख्य तीर्थस्थल भी है। इस शहर … Read more

अखाड़ा | शैव संप्रदाय | वैरागी वैष्णव संप्रदाय | उदासीन संप्रदाय

अखाड़ा | शैव संप्रदाय | वैरागी वैष्णव संप्रदाय | उदासीन संप्रदाय

भारत, जो अपनी विविधता, संस्कृति और धार्मिकता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, विभिन्न धर्मों और परंपराओं का संगम स्थल है। यहां की धार्मिक परंपराएं न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान रखती हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक संस्था है – अखाड़ा। अखाड़े का संबंध मुख्य … Read more

प्रयागराज महाकुंभ मेला 1881 से महाकुंभ मेला 2025 तक का सफ़र

प्रयागराज महाकुंभ मेला

प्रयागराज महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख और ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन है। यह मेला प्रत्येक 12 साल में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित होता है। इस मेले का आयोजन एक विशेष तिथि और समय पर किया जाता है। यह मेला सूर्य के उत्तरायण होने पर लगता है। जब इस मेला का आयोजन बारहवीं बार … Read more

कुंभ मेला | भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर

कुंभ मेला | भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर

कुंभ मेला भारत में आयोजित होने वाला एक अद्वितीय और विशाल धार्मिक उत्सव है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। कुंभ मेला तीर्थयात्रियों का एक व्यापक समागम है, जो पवित्र नदी में स्नान करने और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए एकत्रित होते हैं। यह मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक अद्वितीय सांस्कृतिक … Read more

कुंभ |अर्धकुंभ | पूर्णकुंभ | महाकुंभ | सिंहस्थ कुंभ मेला

कुंभ |अर्धकुंभ | पूर्णकुंभ | महाकुंभ | सिंहस्थ कुंभ मेला

कुंभ मेला भारतीय धर्म, परंपरा और ज्योतिषीय गणना का अद्भुत संगम है। इस मेले का आयोजन हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में एक निर्धारित क्रम और प्रक्रिया के तहत किया जाता है। कुंभ मेला को अलग-अलग समयांतराल पर चार प्रमुख रूपों कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ, और महाकुंभ में आयोजित किया जाता है। यह आयोजन ग्रहों की … Read more

पंच प्रयाग | भारत की पवित्र संगम स्थली

पंच प्रयाग | भारत की पवित्र संगम स्थली

भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित “पंच प्रयाग” हिंदू धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक हैं। इनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहन है। हिमालयी क्षेत्र की नदियां केवल भौगोलिक महत्व ही नहीं रखतीं, बल्कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति का भी अभिन्न हिस्सा हैं। इन नदियों के संगम स्थल, जिन्हें प्रयाग कहा जाता … Read more

विभिन्न दार्शनिक मत और उनके प्रवर्तक

विभिन्न दार्शनिक मत और उनके प्रवर्तक

भारतीय दर्शन की परंपरा में विभिन्न दार्शनिक मत और उनके प्रवर्तक अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, जिन्होंने न केवल धार्मिक चिंतन को परिभाषित किया है, बल्कि समाज और संस्कृति पर भी गहरा प्रभाव डाला है। इन दार्शनिक मतों में अद्वैतवाद, विशिष्टाद्वैतवाद, द्वैतवाद, शुद्धाद्वैतवाद, और भेदाभेदवाद शामिल हैं, जिन्हें शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, और भास्कराचार्य जैसे महान आचार्यों … Read more

निर्गुण और सगुण भक्ति | एक दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

निर्गुण और सगुण भक्ति: एक दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

भारतीय भक्ति आंदोलन के दो प्रमुख ध्रुव—निर्गुण और सगुण भक्ति—धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन की गहरी समझ को उजागर करते हैं। निर्गुण भक्ति, जो ईश्वर को निराकार, निर्गुण, और असीम मानती है, कबीरदास, गुरू नानक, और रैदास जैसे संतों द्वारा प्रसारित की गई। इस विचारधारा में ईश्वर का कोई रूप या आकार नहीं होता, और मूर्तिपूजा … Read more

भक्ति आन्दोलन | उद्भव, विकास, और समाज पर प्रभाव

भक्ति आन्दोलन: उद्भव, विकास, और समाज पर प्रभाव

भारत में भक्ति आन्दोलन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक सुधारवादी आन्दोलन था जिसने भारतीय समाज की संरचना और संस्कृति पर गहरा प्रभाव डाला। हिन्दू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का विचार प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रहा है, और इसके लिए तीन मार्ग बताए गए हैं: कर्म, ज्ञान, और भक्ति। इन तीनों मार्गों में से भक्ति … Read more

सूफी सिलसिले | चिश्ती, सुहरावर्दी, फिरदौसी, कादिरी, नक्शबंदी, और शत्तारी सम्प्रदाय

सूफी सिलसिले

सूफीवाद इस्लाम धर्म का एक रहस्यवादी रूप है, जो प्रेम, भक्ति, और अध्यात्मिकता के माध्यम से ईश्वर की प्राप्ति पर जोर देता है। सूफी संतों ने धार्मिक कट्टरता के विपरीत प्रेम और सहिष्णुता का मार्ग अपनाया और उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एक समान दृष्टि से देखने की प्रेरणा दी। भारतीय उपमहाद्वीप में सूफीवाद … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.