यस बैंक में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन का संभावित अधिग्रहण

जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन द्वारा यस बैंक के 51% अधिग्रहण के लिए बातचीत

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र एक बार फिर एक बड़े बदलाव के मुहाने पर खड़ा है। जापान की प्रमुख वित्तीय संस्था सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) और भारत का निजी क्षेत्र का बैंक यस बैंक इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है – SMBC द्वारा यस बैंक में 51% बहुमत हिस्सेदारी खरीदने की योजना। यदि यह अधिग्रहण … Read more

मुद्रा का चक्राकार बहाव | अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा

मुद्रा का चक्राकार बहाव | Circular Flow of Money

हर विकसित और विकासशील राष्ट्र की आर्थिक प्रणाली में एक तत्व ऐसा होता है जो उसे गति प्रदान करता है, उसे जीवंत बनाए रखता है और उसकी स्थिरता को सुनिश्चित करता है — वह है मुद्रा का चक्राकार बहाव (Circular Flow of Money)। यह बहाव आर्थिक जीवन की आधारशिला है, जो उत्पादन, उपभोग, आय, व्यय, … Read more

मुद्रा एवं आर्थिक प्रगति | Money and Economic Progress

मुद्रा एवं आर्थिक प्रगति | Money and Economic Progress

“मुद्रा एवं आर्थिक प्रगति” विषय पर यह लेख एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जिसमें मुद्रा की परिभाषा, उसके विभिन्न कार्य, और उसके माध्यम से राष्ट्र की आर्थिक प्रगति को स्पष्ट किया गया है। लेख यह बताता है कि किस प्रकार मुद्रा केवल एक विनिमय का माध्यम नहीं है, बल्कि आर्थिक संरचना की रीढ़ है। … Read more

मुद्रा तथा आर्थिक जीवन | Money and Economic Life

मुद्रा तथा आर्थिक जीवन | Money and Economic Life

आज का युग आर्थिक गतिविधियों का युग है। मनुष्य की प्रगति, समाज की संरचना, उद्योगों की उन्नति, और राष्ट्र की समृद्धि — इन सभी की नींव एक ही तत्व पर टिकी हुई है और वह है — मुद्रा। यदि हम आधुनिक अर्थव्यवस्था की तुलना एक विशाल मशीन से करें तो मुद्रा उस मशीन को गति … Read more

आधुनिक मुद्रा सिद्धांत (वर्तमान दृष्टिकोण) | Modern Monetary Theory

आधुनिक मुद्रा सिद्धांत (वर्तमान दृष्टिकोण)

आधुनिक अर्थशास्त्र में मुद्रा (Money) को एक केंद्रीय भूमिका प्रदान की गई है। पहले के अर्थशास्त्री प्रायः मुद्रा को एक तटस्थ तत्व के रूप में देखते थे जो केवल विनिमय का माध्यम है, किंतु आधुनिक दृष्टिकोण के अनुसार मुद्रा मात्र माध्यम नहीं है, बल्कि वह समग्र अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला एक सक्रिय तत्व है। … Read more

मुद्रा की तटस्थता की आलोचना | एक समालोचनात्मक अध्ययन

मुद्रा की तटस्थता की आलोचना

यह लेख “मुद्रा की तटस्थता” (Neutrality of Money) जैसे बहुचर्चित आर्थिक सिद्धांत की व्यापक आलोचना प्रस्तुत करता है। लेख में बताया गया है कि यह सिद्धांत मुख्यतः अबन्ध-नीति (Laissez-faire Policy) और परिमाण सिद्धांत पर आधारित है, जो आधुनिक परिवर्तनीय एवं जटिल अर्थव्यवस्थाओं के संदर्भ में अव्यावहारिक प्रतीत होता है। लेख में विस्तार से बताया गया … Read more

मुद्रा की तटस्थता | Neutrality of Money

मुद्रा की तटस्थता

मुद्रा किसी भी आधुनिक अर्थव्यवस्था की धुरी है। यह केवल विनिमय का माध्यम भर नहीं, बल्कि मूल्य मापन, भविष्य की देनदारी का निर्धारण और संपत्ति संचय का एक सशक्त उपकरण भी है। किंतु जब मुद्रा की भूमिका को लेकर उसके प्रभाव और सीमाओं पर विचार किया जाता है, तब “मुद्रा की तटस्थता” (Neutrality of Money) … Read more

मुद्रा भ्रम (Money Illusion) | एक मनोवैज्ञानिक स्थिति का आर्थिक परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण

मुद्रा भ्रम

आधुनिक अर्थव्यवस्था में मुद्रा एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह केवल वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह सामाजिक प्रतिष्ठा, सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक भी बन चुका है। परंतु जब लोग स्वयं मुद्रा को ही ‘धन’ समझने लगते हैं और उसकी क्रय-शक्ति को नजरअंदाज कर देते हैं, तब … Read more

वर्ष 2025 में विश्व की शीर्ष 50 अर्थव्यवस्थाएँ | भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

वर्ष 2025 में विश्व की शीर्ष 50 अर्थव्यवस्थाएँ

वर्ष 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में कई उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिले हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) सहित प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पोर्टलों जैसे Adda247 हिंदी, News18 हिंदी और JagranJosh की नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए जापान को पीछे छोड़कर चौथे स्थान पर अपनी जगह बना ली है। यह … Read more

2025 में विश्व की शीर्ष 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ | एक विस्तृत विश्लेषण

विश्व की शीर्ष 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ

विश्व अर्थव्यवस्था लगातार बदलावों और चुनौतियों के दौर से गुजर रही है। तकनीकी नवाचार, वैश्विक व्यापार में परिवर्तन, जलवायु संकट, और भू-राजनीतिक तनावों के कारण आर्थिक शक्ति का वितरण अब वैसा नहीं रहा जैसा दशक पहले था। ऐसे समय में जब आर्थिक अनिश्चितता और वैश्विक अस्थिरता प्रमुख विषय बन चुके हैं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.